2004 में मुझे pg1 ईयर के लिए ऐसाइंटमेन्ट बनाकर जमा कराना था। इसके लिये मुझे कई किताबें पढ़नी पड़ी। पुस्तकालय में कई दिन जाना पड़ा। कुछ लोगों से मिलकर भी उनकी मदद लेनी पड़ी। पूरा प्रोजेक्ट बनाने में मुझे एक सप्ताह लग गया था।
अगली साल 2005 में मुझे pg2 ईयर के लिए ऐसाइंटमेन्ट बनाना था। तब मेरे एक नये दोस्त ने बताया कि गूगल की मदद ले। गूगल तब नया-नया आया था। सन 2000 में मैंने कम्प्यूटर का बेसिक कोर्स किया था तब इंटरनेट पर गूगल या कोई अन्य सर्च इंजन नहीं होता था। किताबों या पत्रिकाओं से ही वेबसाइट के पते नोट करके नेट चलाया (वेब सर्फिंग) करते थे।
उसने गूगल पर ऐसाइंटमेन्ट का नाम डाला। उसके बाद बहुत सारी जानकारी इंटरनेट पर आ गई। वहाँ से हमने अपने काम की चीजें कॉपी पेस्ट करके एम एस वर्ड में एक फाइल बना ली और उस फाइल का प्रिंट आउट ले लिया। इस तरह पूरा प्रोजेक्ट एक घण्टे से भी कम समय में पूरा हो गया। पर पहली साल की तरह मुझे यह नहीं पता कि मैंने क्या ऐसाइंटमेन्ट पूरा किया था। पहली साल का प्रोजेक्ट मुझे आज तक याद है।