2000 से 2004 तक लोगों के यहाँ कम्प्यूटर आने लगे थे। बच्चे आपस में कम्प्यूटर की बात करते थे। उस समय कम्प्यूटर वायरस की बात भी चलती थी। पर लोगों को असली वायरस के बारे में ही ज्यादा जानकारी थी। लोग अपने कम्प्यूटर पर धूल नहीं जमने देते थे। वो दूसरों को अपना कम्प्यूटर , फ्लॉपी आदि छूने नहीं देते थे। कि कहीं उनमें वायरस न आ जाये। आज 2012 में बच्चों को कम्प्यूटर वायरस की जानकारी तो बहुत हैं पर उन्हें असली वायरस के बारे में कुछ नहीं पता।