shabd-logo

मेले में परीक्षा

21 अक्टूबर 2021

23 बार देखा गया 23
बात मार्च 1998 की है, हरिद्वार में आज कुंभ का शाही स्नान था। इसलिए पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी वाहन या गाड़ी के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। शिक्षा विभाग की समझदारी देखिये इसी दिन इण्टर के भौतिक विज्ञान का पेपर 2 बजे से रखा गया था। मेरा यानि भल्ला कालेज का सेंटर शहर से 30 किलोमीटर दूर रोहलकी बहादराबाद में रखा गया था। यहाँ साईकिल से जाने की सोच भी नहीं सकते थे। वहाँ जाने का साधन बस या प्राइवेट वाहन ही हो सकता था। पापा ने एक टेम्पू वाले से बात कर ली थी पर शाही स्नान होने के कारण उसने जाने से मना कर दिया कि पुलिस वाले परेशान करेंगे।
मैं ऋषिकुल पर खड़े होकर किसी टेम्पू का इंतजार करने लगा। मेले के कारण बसों का शहर में आना पहले ही बंद था। मुझे गुरुकुल कांगड़ी पर जाकर रुड़की की बस पकड़नी थी पर एक घंटा इंतजार करने पर भी कोई वाहन जाने को तैयार न हुआ।
निराश होकर मैं बोर्ड के पेपर छोड़कर घर की तरफ चल दिया। रास्ते में मुझे मेरे दोस्त आनन्द और जोगेन्दर स्कूटर पर आते दिखाई दिये। और उन्होंने मुझे भी अपने संग स्कूटर पर बिठा लिया। क्योंकि अपर रोड़ व सभी मुख्य मार्गो पर पुलिस की चेकिंग चल रही थी। इसलिये हम जंगल से होते हुए BHEL वाले रास्ते से बहादराबाद की ओर चल दिये। रास्ते मे सेक्टर पांच तक यहाँ भी एक दो जगह पुलिस की चेकिंग चल रही थी। एक तो स्कूटर पर तीन लोग ऊपर से 18 साल से कम, हम चेकिंग देखकर घबरा गए थे। ऐसा लग रहा था जैसे कोई चोरी करके आये हो या जेल तोड़कर भाग रहे हो। आनन्द ने मुझे और जोगिन्दर को स्कूटर से उतरकर चौराहा पार करने को कहा। क्योंकि पेपर शुरू होने में ज्यादा समय नहीं बचा था इसलिये वो चार-पाँच मिनट पैदल चलना भी बहुत लंबा लग रहा था। मन में चल रहा था कि किसी तरह चेकिंग से पीछा छूटे। हमें दो या तीन जगह चेकिंग मिली। इसके बाद हम सेक्टर पांच को छोड़कर हरिद्वार से बाहर आ चुके थे। हम तीनों को बड़ी खुशी हो रही थी। हम तीनों खुशी के मारे चिल्ला उठे, चलो शहर से बाहर तो आये। पर हमारी खुशी ज्यादा देर नहीं चली। रास्ते में हमारे स्कूटर का टायर पंचर हो गया। अब हम तीनों स्कूटर को धक्का मारकर ले जा रहे थे। और मेरे मन में चल रहा था कि आज हम भौतिक विज्ञान का पहला पेपर नहीं दे पायेगे। रास्ते में जोगेन्दर एक पंचर वाले की दुकान जानता था। हम तीनों उसके पास स्कूटर को छोड़ आये। अब हमें फिर से मुख्य सड़क पर आना था। हमने दुकान से भागना चालू किया और मेन रोड़ पर आकर ही रुके। अब हमें कोई रुड़की या बहादराबाद जाने वाली बस पकड़नी थी। हम सड़क पर भाग रहे थे और बसों को रोकने के लिए ईशारा कर रहे थे। हमारे सामने से दो बसे निकल गयी और दोनों बसें नहीं रुकी। फिर एक तीसरी बस आती हुई दिखी। हम तीनों सड़क के बीचों-बीच रास्ता रोककर खड़े हो गए। बस मन में यही चल रहा था चाहे ये बस रोके या हमें रौंदकर निकल जाए। बस कैसे भी हमें सेन्टर तक पहुंचना था। बस वाले ने बस रोकी और हम तीनों बस में चढ़ गए। उसके बाद हम बहादराबाद पर उतरे। वहां से हमारा सेन्टर पांच किलोमीटर अंदर रोहलकी में पडा था। सेंटर हम पहले ही साइकिल से देख आये थे। इसलिए हमें मालूम था कि इतने कम समय में 2 बजे तक वहाँ तक पहुँचना असम्भव है। बस से उतरते ही हमने भागना शुरू कर दिया। थोड़ी देर भागने के बाद हमारी सांस फूलने लगी थी। और भगना मुश्किल पड़ रहा था पर हमें भगना ही था। अब मेरे लिए और ज्यादा देर भागना बस का नहीं था। मैं सोच रहा था आज का पेपर छोड़ देता हूँ। तभी वहाँ रास्ते में स्कूटर पर सामने से आते दो आदमियों ने हमें रोका। और पूछा भाग क्यों रहे हो ? हमने बताया कि दो बजे तक हमें सेन्टर पर पहुँचना है। दोनों स्कूटर वाले हम तीनों को अपने स्कूटर पर बैठाकर सेन्टर की ओर ले गये।
उस समय ऐसा लग रहा था जैसे भगवान ने किन्हीं फरिश्तों को हमारी मदद के लिए भेजा हो। जब सेन्टर पर पहुंचे तो ढाई बज गया था। हमें अन्दर आने से मनाकर दिया गया कि पेपर तो आधा घंटा पहले ही शुरू हो गया है। फिर उन दोनों आदमियों ने हमारी मदद की और सेन्टर के शिक्षकों से बात करके हमें परीक्षा देने के लिए तैयार कर लिया। थकान के कारण मुझे कमरे में बैठकर कुछ देर तक पेपर देना मुश्किल पड़ा। फिर पूरा पेपर देकर शाम को किसी तरह दोस्तों से लिफ्ट लेकर घर पहुंचे।
परीक्षा का परिणाम आया। आनन्द फिजिक्स के पहले पेपर में फेल हो गया था। ये है हमारी सरकार की कार्य प्रणाली, जिस पर आज तक न किसी मुख्यमंत्री को शर्म आयी न ही किसी प्रधानमंत्री ने दुख प्रकट किया।
1

कम्प्यूर से सामना

20 अक्टूबर 2021
1
0
0

1997 में (11वी क्लास में) मैंने पहली बार इलेक्ट्रॉनिक टाइप राइडर देखी थी। हमारे घर पर सादा टाइप राइड

2

वायरस

20 अक्टूबर 2021
0
0
0

सन 2000 में मैंने एक फ़िल्म देखी थी-स्टूअर्ट लिटिल टू , जिसमें सफेद चूहा था। मैं कई साल तक इसे असली स

3

प्ले स्टेशन

20 अक्टूबर 2021
0
0
0

जून 1999 तक मैने 2डी वीडियो गेम खेले थे। जिसमें मारियो, कॉनट्रा आदि चलते थे। स्ट्रीट फाइटर, फाइनल फा

4

सायरन फोन

20 अक्टूबर 2021
1
0
0

<div>मेरा छोटा भाई (कजन) एक खिलौना लेकर आया था। इसमे एक या दो गानों के बोल (मुखड़े) बजते थे। मेरे पास

5

कविता शायरी और sms

20 अक्टूबर 2021
0
0
0

अप्रैल 2004 में रिलायन्स ने 500 रुपये का फोन निकाला था। इसके बाद रिक्शेवालों के पास भी मोबाइल फोन मि

6

कॉलेज प्रोजेक्ट

20 अक्टूबर 2021
1
0
0

2004 में मुझे pg1 ईयर के लिए ऐसाइंटमेन्ट बनाकर जमा कराना था। इसके लिये मुझे कई किताबें पढ़नी पड़ी। पुस

7

मेरा पहला कैमरा

20 अक्टूबर 2021
0
0
0

1998 के आप-पास कोडेक ने 850 रुपये का कैमरा निकाला था। इसके बाद लोगों ने घरों में फोटो खींचने शुरू क

8

नये धारावाहिक

20 अक्टूबर 2021
0
0
0

साल 1994-95 में दूरदर्शन ने दो नये धारावाहिक की शुरुआत की थी। एक था शान्ति, जो पहले आने वाले पारिवार

9

मुलाकात

20 अक्टूबर 2021
1
0
0

अक्टूबर 1997 की बात है मेरा एक सहपाठी मुझे लेकर अपने किसी मित्र से मिलने गया था। उसके घर पर केवल टीव

10

अलग दुनियाँ

20 अक्टूबर 2021
0
0
0

जुलाई 1997 में पाप की ड्यूटी कुंभ मेले में लगने के कारण हम लोग हरिद्वार आ गये थे। पापा का हरिद्वार म

11

गिफ्ट टेंशन

20 अक्टूबर 2021
0
0
0

अपने भतीजे के खिलौने देखकर लगा कि 2008 तक यह बाजार कितना बदल गया है। 1997 तक कोई इन खिलोनो के बारे म

12

दिवाली कम्पटीशन

20 अक्टूबर 2021
0
0
0

1997 में मैं दिवाली बनाने मौसी के आया था। तब सभी घरों में दिवाली की लगभग एक जैसी सजावट थी। सभी के घर

13

मैक डोनल्ड

20 अक्टूबर 2021
0
0
0

<div>फ़रवरी 2020, आज उसी मैक डोनल्ड में जाने का मौका मिला। यहाँ आकर 15 साल पुरानी याद ताजा हो गई। सन

14

दूसरी चाभी

20 अक्टूबर 2021
2
0
0

हरिद्वार में हमने एक छोटा ताला खरीदा था। लगभग डेढ़ साल बाद उसकी चाभी हरिद्वार में कहीं खो गई। फिर वो

15

कबाड़ का प्रयोग

20 अक्टूबर 2021
2
1
1

1990 में दूरदर्शन पर दोपहर में क्राफ्ट बनाने का कार्यक्रम आता था। इसकी लोकप्रियता का पता इसी से चलता

16

चूरन वाली लॉटरी

21 अक्टूबर 2021
1
1
0

बचपन में हमारे पास खेलने के मुख्यतः तीन विकल्प थे चाभी वाले खिलौने, जन्माष्टमी के खिलौने और चूरन की

17

फ्री गिफ्ट

21 अक्टूबर 2021
0
0
0

आजकल क्रेक्स के साथ फ्री गिफ्ट मिलते हैं। पहले साल में एक या दो चीजें ही बाजार में आती थी जिनके साथ

18

मेले में परीक्षा

21 अक्टूबर 2021
0
1
0

बात मार्च 1998 की है, हरिद्वार में आज कुंभ का शाही स्नान था। इसलिए पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी वाह

19

दौड़

21 अक्टूबर 2021
1
0
0

दौड़....मैं अपनी जिंदगी में दो बार दौड़ा हूँ। जिन्हें भूलना थोड़ा मुश्किल है। एक बार 1998 में जब हमें द

20

फोन पीसीओ

16 अप्रैल 2022
2
0
0

Bsnl को छोड़कर सभी फोन कम्पनियों ने अपने रेट बढ़ा दिये। इसी पर चर्चा करते-करते मुझे फोन की पुरानी बातें याद आ गई। 1997 की बात है हमारे घर के पास एक pco खुला। इससे पहले हमें फोन करने के लिए थोड़ी दूर जाना

21

सोशल मीडिया

22 अप्रैल 2022
1
0
0

2011 की बात है मेरे एक दोस्त ने मुझे फोन करके साइबर कैफे पर बुलाया। वो काफी टेंशन में था। मेरे पूछने पर उसने बताया कि 3 दिन से उसके फेसबुक पर कोई कमेंट व लाईक नहीं आया है। 2004 में pg में एसाइनमेंट के

22

मुस्काजंलि

25 अप्रैल 2022
1
1
1

मैं कम्प्यूटर पर काम कर रहा था बगल की खिड़की में मेरी किताबें चुनी रहती थीं। उन क़िताबों के बीच में एक छोटी सी चुहिया झाँक रही थी, वो मुझे ही देख रही थी। मैंने हाथ से उसे भगाया तो वह किताबों के बीच में

23

मुफ्त का खाना

29 अप्रैल 2022
0
0
0

मामा जी की जान पहचान में किसी की शादी थी। मेरा मामा जी का लड़का मुझे जबरदस्ती उस शादी में ले गया। हम दोनों बाईक से वहाँ पहुँचे। वहाँ पहुंच कर थोड़ी देर बाद हम दोनों उस शादी में खाने के मजे लूट रहे थे। म

24

प्रिंसीपल और नकल

3 मई 2022
2
1
2

मेरी बीएड की प्रवेश परीक्षा थी। मेरा सेंटर जी आई सी में पड़ा था। वहाँ में पेपर देने के लिए एक बड़े से हॉल में बैठा था। मेरी बेंच पर दूसरी साईड एक लड़की बैठी थी। पेपर देने के बाद उससे मेरी बात हुई थी। उसन

25

रिमोट वाले टीवी

5 जून 2022
1
1
1

मैंने जब होश संभाला तब हमारे घर में ब्लैक एंड व्हाइट टीवी था। उस समय कई लोगों पर लकड़ी के शटर वाले टीवी थे। कई लोग टीवी पर प्लास्टिक की रंगीन स्क्रीन लगाकर उसे रंगीन टीवी बना लेते थे। ये स्क्रीन पारदर

26

संगीत का शौक

13 अक्टूबर 2022
1
1
0

90s में हमारे पास गानों के लिए दो ही विकल्प थे, गाने देखने हो तो चित्रहार और गाने सुनने के लिए कैसेट। चित्रहार के अलावा गाने देखने के लिए कुछ लोग अपने घर में किराए पर vcr या vcp लाया करते थे। इसके बाद

27

3D एनिमेशन का सफर

24 अक्टूबर 2022
0
0
0

2019 की बात है, मेरा भतीजा मुझे गेम खेलने के लिए दुकान पर ले गया। मैं कई सालों बाद वीडियो गेम पार्लर पर गया था। इससे पहले मैं अपने मामा जी के बच्चों के साथ जाता था जो वहाँ 'टेकन3' खेलते थे। इस दुकान प

28

4डी फिल्म

20 फरवरी 2023
0
0
0

2012 के आसपास की बात है, मेरे ममेरे भाई ने मुझसे कहा कि फिल्म देखने चलेंगे। नुमाइश में 4डी थियेटर आया हुआ है। 1998 में एक फिल्म आई थी छोटा जादूगर। तब स्कूल में बच्चे 3डी फिल्म की बात करते थे। वो बताते

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए