🌹आ रहा है जीतकर
जंग मेरा लाल,
🌹मिलने को है दिल भी
मेरा बहुत बेकरार ,
🌹बाहों में भर के उसको
सदका़ उतार दूं ,
🌹देख लूं उसको भरकर जी,
नज़र उतार दूं ,
🌹छुड़ा के छक्के दुश्मनों के
अब आ रहा है वह,
🌹सीने से लगाके उसको
पूछूंगी उसका हाल,
🌹आंखों में आंखें डाल के
कहेगा मुझसे वह,
🌹पोंछ लें आंसू अब अपने
आ गया हूं मैं
🌹 जल्दी से लड्डू खिला दे मां
तू अपने हाथ के।
स्वरचित रचना
🌹सय्यदा----✒️