🌻दया करो ,दया करो,
दया करो भगवान,
आखिर हम भी हैं
आपकी संतान ।
आपकी संतान,,,,।
आपकी संतान,,,।
🌻भूखे है हम हमें खाना चाहिए
पेट तो सभी का भरना चाहिए
चुल्हा तो सभी का जलना चाहिए
किसी को है पूरी
किसी को पकवान
आखिर हम भी हैं
आप की संतान दया ---------।
🌻बड़े बड़े महल खाली पड़े हैं,
हम हैं कि अभी भी,
सड़क पर पड़े हैं,
छोटा सा एक घर
हमें भी दो भगवा,न,
आखिर हम भी हैं
आप की संतान ,दया --------।
🌻बारिश की हो बात,
तो किधर जाएँ हम।
सर्दी की हो रात तो,
ठिठुर रहे हम,
गोदी से माँ की
चिपके रहते हैं ।
🌻चाय नहीं, काफी नहीं ,आंसू पीते हैं,
एक एक रजाई तो
सभी पर होनी चाहिए ।
आखिर हम भी हैं
आप की संतान ,दया --------।
🌻पढ़ते नहीं ,लिखते नहीं,
हम मज़दूरी करते हैं ,
पढ़ने का हमको
एक अवसर चाहिए,
कलम चाहिए,
किताब चाहिए,
आखिर हम भी हैं
आप की संतान,दया करो---------
🌻अवसर मिला तो मोदी बनेंगे
नेहरु बनेंगे कलाम बनेंगे,
विद्या का हमें दे दो
तुम वरदान
आखिर हम भी हैं
आप की संतान दया-----------।
🌻आपकी हमको मदद चाहिए,
भिक्षा नहीं, हमको शिक्षा चाहिए ,
पढ़ लिखकर बदल दें,
विधि का विधान,
आखिर हम भी हैं,
आप की संतान, दया करो-------।
🌻 मौलिक रचना सय्यदा-----✒
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