🌹नन्हे मुन्ने प्यारे प्यारे ,
खेल रहे हैं साथ हमारे,
🌹 कोई मांगे पूरी कचोरी,
तो उसे चाहिए पास्ता मैगी,
🌹कोई मचा रहा उधम ,
तो कोई गेम में मगन ,
🌹कोई छुड़ाकर हाथ अपना
लटक हुआ है मेरी गोद में ,
🌹 तोकोई ठहाका लगा रहा,
पापा संग घुस के रजाई में ,
🌹मैं कभी तो इसको पकड़ूं ,
और कभी भाग उसको खींचूं ,
😂देखो दस के दस बच्चे मेंरे
उतरे हैं आज मैदान में।
🌹क्या कहूं सेना पूरी वानर की,
रहती है अब मेरे साथ में ,
🌹 बच्चे भैया दो ही अच्छे ,
अब कहते हैं सब परिवार में।
🌹समझ में मेरी कुछ न आवे
मन खुशी से यही गावे सदा,
🌹किलकारियां गूंजती रहें
मेरे मकान में।😃😃😃😃
( स्वरचित रचना)
सय्यदा----✒️🌹 🌹
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