🌹शोहरत उसके नाम की
बज़्म में हो रही है बहुत
बस अपने ही शहर में वो
गुमनाम रह गया।
🌹दीप तले अंधेरा होता है
हर तरफ यक़ीन आज मुझे
फिर से हो गया
स्वरचित रचना सय्यदा----✒️
--------🌹🌹-----------
30 अक्टूबर 2021
🌹शोहरत उसके नाम की
बज़्म में हो रही है बहुत
बस अपने ही शहर में वो
गुमनाम रह गया।
🌹दीप तले अंधेरा होता है
हर तरफ यक़ीन आज मुझे
फिर से हो गया
स्वरचित रचना सय्यदा----✒️
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हृदय अंकुरित भावों का शब्द रूप है काव्य, लेखक होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य.........जी हां मुझे गर्व का अनुभव होता है जब मैं कोशिश करती हूं एक लेखक और कवि बनने की.... मेरे प्रयास की झलक आपको मेरे धारावाहिक लेख और कविताओं में देखने को मिलेगी,,,, मेरे द्वारा लिखी रेसिपी में एक गृहिणी और मेरे आर्टिकल में आप एक अध्यापिका के रूप में मुझे समझ पाएंगे। आप लोगों का प्रोत्साहन मेरे लेखन को निखारने में मदद करेगा और निरंतर प्रयास करते रहने के लिए आपकी समीक्षाएं मुझे प्रोत्साहित करती रहेंगी । 🌹🌹🌹 D
वाह क्या कहा है👌
9 दिसम्बर 2021
9 दिसम्बर 2021
6 दिसम्बर 2021
उम्दा बहन
2 नवम्बर 2021
🙏🙏🙏😊
30 अक्टूबर 2021
Very good poem 👌🏻 👏
30 अक्टूबर 2021