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घरेलू हिंसा और महिलाएं

9 अगस्त 2022

27 बार देखा गया 27

ब्याह के किसी की लख़्ते जिगर को
वह कमीना इस क़दर पीट रहा है।

🙇 बूढ़े हैं मां-बाप सह न पायेंगे
सोचकर मासूम ने सब्र किया है

🙇रुकते नहीं आंसू देख  ये नजा़रा
क्यों दुनिया को चाहिए दहेज का पिटारा

🙇कुचल दूं जाकर फन उसका उसी वक्त
खा़तून दिल है कि बस जल रहा है।

घरेलू हिंसा की वारदातें आजकलबढती जा रही है एक आदमी ने अपनी पत्नी को दूसरी बेटी को जन्म देने पर मार डाला,,, एक सास ने अपनी बहू को छोटी सी बात पर घर में जलाकर मार दिया,,, दहेज कम लाने पर ससुराल वालों ने बहू को मार-मार कर अधमरा कर दिया आए दिन इस तरह की खबरें न्यूज़ चैनल पर जोर शोर के साथ सुनाई जाती है,,, सुनकर मन विचलित हो जाता है

आए दिन हमारी समाज की महिलाएं किसी ना किसी रूप में घरेलू हिंसा की शिकार होती रहती है,,,,,बड़े ही दुख के साथ लिखना पड़ता है,,,,, यह समस्या अनपढ़ और गांवर लोगों की नहीं है ,,,,,आज सभ्य समाज में भी यह समस्या अपनी जड़े जमा चुकी है,,,,, कभी बेटियों की मां के रूप में,,,,,, कभी पत्नी के रूप में,,,,, तो कभी बहन और बेटी के रूप में उसे घरेलू हिंसा का शिकार बनाया जाता है,,,,।

कुछ परिवारों की स्थिति इतनी ख़राब है किसी भी तरहां से जब उन्हें पता चलता है कि उनके घर बेटी होने वाली है तो उनका बस नहीं चलता कि वह किसी न किसी रूप में बहू को ही मार डाले,,,,,

कभी पति हाथ उठाता है पत्नी पर ,,,,, तो कभी भाई उसको जीने नहीं देता,,,,, कभी बाप बन कर कोई बेटी को सताता है,,,, तो कभी रिश्तेदार बनकर,,, कभी औरत इसका विरोध कर देती है,,,,, कभी कानून का सहारा लेती है ,,,,,, और कभी परिस्थितियों वश चुपचाप घरेलू हिंसा को बर्दाश्त करती रहती है,,,,,।

पर किसी ना किसी रूप में घरेलू हिंसा महिलाओं को जीने नहीं देती,,,, आज़ादी की तो बहुत बड़ी-बड़ी बातें होती हैं औरतों के लिए क्या औरत सचमुच में आज़ाद है,,,, यह सवाल मैं आज आपसे पूछती हूं,,, आज़ादी तो बहुत दूर की बात है वह अपने ही घर में चैन की सांस तक नहीं ले पातीं,,, तिल तिल मरती रहती है,,, और सहती रहती है,, घरेलू हिंसा,,,

कुछ प्रतिशत महिलाओं को छोड़कर अधिकतर महिलाएं हिंसा की शिकार होती हैं,,, कभी चुप हो जाती हैं तो  कभी विरोध कर लेती हैं,,,,, ।

जब तक वह कानून से मदद लेती है उनकी हिम्मत,,,, उनका हौसला,,,,, मदद मांगते- मांगते दम तोड़ देता है,,,,,।

आखिउर उनकी सुनता ही कौन है,,, दबंगों की दबंगई ही चलती है सब तरफ,,,।

मैं अपील करती हूं उन सभी महिलाओं से जो घरेलू हिंसा की शिकार हैं,,मत सहन करो हिंसा,,, आवाज़ उठाओ  विरोध करो,,, इस तरहां तिल-तिल  मरने से अच्छा है हिंसक का विरोध करो,,,, एक दिन आपकी आवाज रंग लाएगी,,,

किसी की लिखी हुई यह पंक्तियां हैं,,,

जिंदा रहकर न यूं  रोज़-रोज़ मरो ,

मौत की तो दवा नहीं है मुमकिन

पर जिंदगी का तो कुछ इलाज करो

सहना अब बंद भी करो,,,वरना कितने कानून बना लिए जाएं,,, सब बेकार है,,,, उसका लाभ कुछ ही लोग उठा पाते हैं कमज़ोर की आवाज हमेशा दबा दी जाती है,,,।

कभी परिस्थितियां ऐसी हो जाती है कि वह हिंसा को सह जाती है,,,,उन लोगों की खा़तिर जो उसके लिए ही जिंदा है,, और हिंसक समझते हैं उसके सहने को उसकी कमजोरी,,,

तेरे ज़ुल्मो सितम सह जाती हूं ये सोच कर

घर में कमजोशर अकेली एक मां है बेचारी री

मर जाए ना कहीं वह तकलीफ मेरी सुन कर

नादान है तू समझता है सहना कमजोरी है मेरी

घरेलू हिंसा रोकने के लिए नियमों की नहीं जागरूकता की आवश्यकता है,,, आख़िर कब होंगे हम जागरूक और कब रुकेगी यह घरेलू हिंसा,,,,

सय्यदा खा़तून ✍️

---------------🌹🌹🌹-------

Kafil Ur Rehman

Kafil Ur Rehman

Very nice 👌🏻 👍

12 अगस्त 2022

Dr. Pradeep Tripathi

Dr. Pradeep Tripathi

बहुत ही सटीक लेख।

10 अगस्त 2022

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

10 अगस्त 2022

बहुत बहुत धन्यवाद प्रदीप जी 😊

भारती

भारती

बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने 👌🏻👌🏻

10 अगस्त 2022

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

10 अगस्त 2022

बहुत बहुत धन्यवाद भारती जी 😊

Sanju Nishad

Sanju Nishad

आपने बिल्कुल सही कहा मैम हम सब को जागरूक होने की जरूरत है । ❤️❤️❤️❤️

9 अगस्त 2022

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

10 अगस्त 2022

बहुत बहुत धन्यवाद संजू जी 😊

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रचनाएँ
🌹 आरज़ू 🌹
4.9
मेरी किताब आरज़ू मेरे दिल में उठते हुए रंग बिरंगे जज़्बातों का आईना है अपने जज़्बात को मैंने कभी कविता तो कभी लेख के रूप में पिरोया है और कोशिश की है कि मैं अपनी रचनाओं द्वारा पाठकों का हौसला बढ़ा सकूं...... उनका मार्गदर्शन कर सकूं,,,, उदास हो तो उनके लबों पर मुस्कान आ जाए,,। बस यही प्रयास इस पुस्तक द्वारा किया गया है....🌹🌹🌹🌹 ख़ुद ही को कर बुलंद इतना कि हर तदबीर से पहले ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रजा़ क्या है -------🌹-------
1

खुला आसमान ( प्रसिद्धि की महत्वाकांक्षा)

19 अक्टूबर 2021
31
14
21

<p>कौन कहता है कि आसमान में<br> सुराग़ नहीं हो सकता

2

हसरत है मेरी

20 अक्टूबर 2021
14
10
8

<p>🌹तुम्हारी आँखों से<br> मैं देखूं दुनिया<br> ये ज़रूरी तो नहीं,<br> तुम से आग

3

यादों की बारात

21 अक्टूबर 2021
14
9
10

<p>🙇🙇 बहुत दिनों बाद फुर्सत के चंद लम्हे किस्मत से मिले थे मुझे ! या यूं समझो आज छुट्टी का द

4

🌹मेरी महत्वाकांक्षा 🌹

21 अक्टूबर 2021
9
6
9

<p>🌹 लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती।<br> कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती<br> (सोहनलाल द्वि

5

पंछी बनूं उड़ती फिरूं

22 अक्टूबर 2021
9
8
9

<p>पंछी बनूं उड़ती फिरूं मस्त गगन में,<br> आज मैं आज़ाद हूं दुनिया के चमन में<br> <br> जब मैं आज से

6

मायके से ससुराल तक का सफर

23 अक्टूबर 2021
7
6
6

<p>डोली चढ़ के दुल्हन<br> ससुराल चली डोली चढ़कर <br> आगे एक नई जिंदगी है<br> तो पीछे गुज़रा हुआ एक <

7

महिला शक्ति

24 अक्टूबर 2021
10
8
9

<p> </p> <p>🌹फूल की पत्ती से काट सकती हूँ <br> मैं हीरे का जिगर।पहाड़ की चोटी से<b

8

दोस्त- ऐ -मुख़लिस (मन का मीत)

25 अक्टूबर 2021
8
5
6

<p>🌹<br> जो न खेले कभी मेरे एहसासो<br> जज़बात से बिन कहे वाकि़फ रहे <br> मेरे हालात से ,<br>

9

बारिश की बूंदे

29 अक्टूबर 2021
10
6
9

<p>🌹बारिश की बूंदे होती है क्या <br> पूछो किसी गरीब से।<br> बारिश की बूंदे........!<br> <br> 🌹 छप

10

माथे की बिंदिया (मन का मीत)

29 अक्टूबर 2021
12
9
10

<p>🌸जो कुछ कहना चाहती है तू<br> वो सब आयां है मुझ पर,<br> <br> 🌸उदास होक

11

चिराग तले अंधेरा

30 अक्टूबर 2021
7
6
7

<p>🌹शोहरत उसके नाम की <br> बज़्म में हो रही है बहुत<br> बस अपने ही शहर में वो <br> गुमनाम रह गया।<b

12

मेरी बीवी

30 अक्टूबर 2021
18
12
6

<p>🌸बारूद का ढ़ेर है मेरी बीवी <br> गज़ल का शेर है मेरी बीवी ।<br>

13

आरज़ू

31 अक्टूबर 2021
6
6
5

<p> 🌹परवर दिगारे आलम<br> सुनले मे

14

दस्तूर ए वफ़ा

31 अक्टूबर 2021
7
7
9

<p>🌹एक बार तो परदेस से तुम

15

दिवाली का नज़ारा

1 नवम्बर 2021
6
4
6

<p>ख़त्म करो अब भयानक रातों की कहानी<br> दिल चाहता है हो अब खु़शियों की रवानी।<br> <br> न छेड़ो बार

16

शिकारी

2 नवम्बर 2021
7
8
10

<p>क़दम क़दम पर जाल बिछाए बैठे हैं शिकारी<br> क़ुवते परवाज़ को उसकी कुचलने के लिए<br> &

17

जब दादी हो प्रिंसिपल स्कूल की

5 नवम्बर 2021
8
6
6

<p>🌹आप लोग तो पढ़ें होंगे,<br> सब के सब नर्सरी स्कूल में,<br> मेरा स्कूल था घर ही मेरा ,<br> मिलती

18

मेरी रेल यात्रा

6 नवम्बर 2021
8
5
6

<p>🌹याद है आज भी मुझे<br> रेल का वह सफर <br> जब हम पहली बार ग

19

यादगार ईद

10 नवम्बर 2021
15
9
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<p>🙇🙇 साथियों सभी को छठ की ढेरों शुभकामनाएं</p> <p>आज मैं आपके सामने अपने बचपन की एक बहुत ही छोटी-

20

निल बटे सन्नाटा

11 नवम्बर 2021
6
6
6

<p>🌹पहले तो मां-बाप बच्चे<br> और उनका परिवार रहते हैं <br> मिलजुल कर सभी। <br> <br> 🌹यहां तक कि उ

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यह है मेरी ज़मीं मेरा आसमां

13 नवम्बर 2021
12
11
12

<p><br> <br> 🍀ज़मी से जुड़े है जो अपनी यहाँ, <br> मिटा पाएगा न कोई उनका जहाँ।<br> <br> 🍀रेज़ा रे

22

मुझे आक्रोश है उन्हीं पर

14 नवम्बर 2021
10
8
10

<p>🌹आक्रोश की जगह जो ,<br> आक्रोश दिखाते नहीं है,<br> मूक दर्शक होते हैं बस ,<br> और कुछ करते नहीं

23

हर उम्र एक ग़ज़ल है

15 नवम्बर 2021
8
7
10

<p>कभी मौजों की रवानी ज़िंदगी<br> तो कभी ग़ल्तियों की पशेमानी,<br> <br> कभी ग़मो का सैलाब है ज़िंदग

24

बच्चे मन के सच्चे

16 नवम्बर 2021
21
13
11

<p>बच्चे मन के सच्चे सारे जग की आंख के तारे <br> ये वह नन्हे फूल हैं जो भगवान को लगते प्यारे।<br> बच

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ख़ुशनुमा ज़िन्दगी

17 नवम्बर 2021
8
7
7

<p>🌹रास्ते कितने भी अंधेरे क्यों नहों<br> अच्छा हम सफर हो साथ तो,<br> मंजिल मिल ही जाती है।<br> <b

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लगती हो मुझको हसीन

18 नवम्बर 2021
10
9
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<p>⚘जब भी देखती हूँ मैं आइने में कभी <br> लगती हूँ मैं उसको और भी हसीन,<br> <br> ⚘बारह

27

फानूस के पर्दे में क़ैद होकर क्षमा

19 नवम्बर 2021
9
7
10

<p>फानूस के पर्दे में क़ैद रहके क्षमा<br> कहती है परवाने से कुछ कर रिहाई <br> के लिए ख़ुद को फ

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ग़रूर

20 नवम्बर 2021
8
8
10

<p><br> ⚘ग़रूर तोड़ा था मैंने जिसका कभी <br> सोचता था वो शहनश

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🤔🤔 काश.....

28 नवम्बर 2021
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8
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<p>🙇🙇आदाब व सुप्रभात !<br> मुस्कुराऊं भी अगर तो भीग जाती है नज़र..........!<br> बहुत दिल दुखता है

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जोरु का ग़ुलाम चाहिए 😁🙈🙈

30 नवम्बर 2021
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5
9

<p>🙈🙈😂😂</p> <p>🌹कल अपनी खिड़की से,</p> <p>मैंने देखा उनके रसोई की</p> <p>खिड़की में झांक कर....

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खुशबू तेरी

30 नवम्बर 2021
7
6
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<p>🌹ऐ ख़ुदा मैंने तुझे कभी देखा तो नहीं<br> पर हर रंगो बू में है शामिल ख़ुशबू तेरी।<br>

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हर एहसास में बसा है तू

30 नवम्बर 2021
7
6
7

<p>🌹 हर एहसास में बसा है तू, 🌹<br> जिस्म में रूह की तरहं,<br> तेरे

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दादी की थपकी

2 दिसम्बर 2021
7
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<p>🌹यादें हैं कुछ बचपन की पुरानी<br> अपनी गोदी में सर रखकर<br> सुनाती थी वह मुझको <br> यह कहा

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दहेज का पिटारा

3 दिसम्बर 2021
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7

<p>🙇ब्याह के किसी की लख़्ते जिगर को <br> वह कमीना इस क़दर पीट रहा है।<br> <br> 🙇 बूढ़े हैं मां-बा

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अंधेरे रास्ते

3 दिसम्बर 2021
8
8
11

<p>🌷रास्ते कितने भी अंधेरे क्यों नहों<br> अच्छा हम सफर हो साथ तो,<br> मंजिल मिल ही जाती है।<br> <b

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मन बांवरा हो गया है

3 दिसम्बर 2021
9
7
11

<p>🌹मन बावरा हो गया है<br> सपना दिखा रहा है...😃😃<br> <br> 🌹पायलट बन गई हूं प्लेन उड़ा रही हूं,<

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कितना अविश्वसनीय है

3 दिसम्बर 2021
7
7
8

<p>कितना अविश्वसनीय है <br> आंधी,बारिश, और<br> धूप का खिलना....।<br> <br> कितना अविश्वस

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ओ पापी तुझे धिक्कार

9 दिसम्बर 2021
4
3
5

<p>🙄ओ निर्मम,निर्दयी अत्याचारी<br> ओ ख़ूनी ,क़ातिल, बलात्कारी<br> <br> 😔धिक्कार तुझे धिक्कार<br>

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बेनाम रिश्ता

10 दिसम्बर 2021
3
3
3

<p>🌹कुछ रिश्ते जिंदगी में होते हैं<br> बेनाम भी अजनबी<br> होते हैं।मगर<br> <br> 🌹होते हैं एकदम ख़

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इतराती बलखाती हुई

10 दिसम्बर 2021
3
4
3

<p>समुद्र की लहरों से न खेल ए मेरे हमदम <br> यह इतराती, इठलाती, बलखाती हुई<br> इत

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😃😃 ऐ चांद मेरे

11 दिसम्बर 2021
2
2
2

<p>🌹 ऐ चांद तूने झंगोले की फरमाइश तो<br> की बहुत, क्या चप्पल की ज़रूरत तुझको <br> पड़ी नहीं

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डॉक्टर साहिबा वो हिंदी की

11 दिसम्बर 2021
3
2
2

<p>🌺डाॅक्टर साहिबा वो हिंदी की <br> <br> अंग्रेजी में करती हैं बात ,<br> अंग्रेजी बीच हिंदी ऐसे बो

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जंग जीतकर

11 दिसम्बर 2021
3
3
3

<p>🌹आ रहा है जीतकर<br> जंग मेरा लाल, <br> <br> 🌹मिलने को है दिल भी<br> मेरा बहुत बेकरार ,<br> <b

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पापा हमारे देश के...

11 दिसम्बर 2021
4
4
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<p>🌷पापा हमारे प्रहरी हैं देश<br> &nbs

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अपने गांव में

12 दिसम्बर 2021
6
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5

<p>🌹अकेले ही चले गए<br> तुम अपने गांव में,<br> <br> 🌹ले जाते साथ तुम<br> हमको भी साथ में,<br> <b

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मेरा तुम्हें सलाम

13 दिसम्बर 2021
5
4
3

<p>मज़दूर नहीं तुम बंधु हो<br> मित्र हो सगे संबंधी हो<br> करते सारे कठिन &nb

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🇮🇳 सर ज़मीनें हिंद 🇮🇳

13 दिसम्बर 2021
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3

<p>ऐ सर ज़मीनें हिन्द <br> मुझे तुझसे प्यार है <br> दिल क्या चीज़ है <br> जान भी तुझ पर<br> निसार है

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क्या पता था एक दिन 😃😃

13 दिसम्बर 2021
3
3
3

<p>🌹क्या पता था कि एक दिन<br> ऐसा भी आएगा.....!<br> <br> 🌹मिलने मुझसे,वह <br> इनबॉक्स में आएगा,<b

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नहीं रहना है मुझे गांव में

14 दिसम्बर 2021
1
1
1

<p>कोई उनको जाकर दे आए यह ख़बर<br> आज आ जाएं मिलने वो हमसे शाम में<br> <br> याद करते हैं उनको अब दि

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हम भी हैं आपकी संतान

14 दिसम्बर 2021
2
2
2

<p>🌻दया करो ,दया करो,<br> दया करो भगवान,<br> आखिर हम भी हैं <br> आपकी संतान ।<br> आपकी

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बचपन हो बुढ़ापा या जवानी

14 दिसम्बर 2021
1
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1

<p>🌹बचपन हो बुढ़ापा हो या हो जवानी<br> दिल हर रंग में गढ़ता है बस एक <br> नई ही कहानी ।<br> <br> �

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दिल-ए-नादान

14 दिसम्बर 2021
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2
1

<p>🌷दिल-ए-नादान तू <br> समझता ही नहीं,<br> <br> 🌷 क्या हासिल होगा ,<br> तुझे जाने से वहां ।<br> <b

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मेरे पुरखों की हवेली

14 दिसम्बर 2021
2
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2

<p>🌹वहां कोई नहीं रहता<br> मैं रहती थी जहां,<br> <br> 🌹मेरे पुरखों की हवेली, <br> मेरे बाप दादा का

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मासूम जान

14 दिसम्बर 2021
2
2
2

<p>🌹एक मासूम जान फंसी है भवर में <br> दरिंदे हैं हजार हमदर्द नहीं कोई<br> <br>

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वानर सेना

14 दिसम्बर 2021
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2

<p>🌹नन्हे मुन्ने प्यारे प्यारे ,<br> खेल रहे हैं साथ हमारे,<br> <br> 🌹 कोई मांगे पूरी कचोरी, <br>

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जिस रंग में चाहो,,,,,,,,

14 दिसम्बर 2021
2
2
2

<p>🌹 बचपन हो बुढ़ापा हो,<br> या हो जवानी ,<br> तु

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मुझे मालूम ना था,,,

14 दिसम्बर 2021
4
3
2

<p>🌷 तुम ही मुझको रुलाओगे<br> ऐ दोस्त मुझे मालूम न था<br> <br> तुम्हें अपना बनाया था <br> मन मंदिर

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दहेज एक लानत

18 फरवरी 2022
1
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1

🙇💐💐 दहेज लेंगे ना दहेज देंगे इस क़सम को हमें खाना होगा आज नहीं तो कल समाज को दहेज मुक्त बनाना होगा प्यारे साथियों हम सभी जानते हैं दहेज एक लानत है कोढ़ है अभिशाप है..... हजा़र कानून बना लें.....

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घरेलू हिंसा और महिलाएं

9 अगस्त 2022
5
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7

ब्याह के किसी की लख़्ते जिगर को वह कमीना इस क़दर पीट रहा है। 🙇 बूढ़े हैं मां-बाप सह न पायेंगे सोचकर मासूम ने सब्र किया है 🙇रुकते नहीं आंसू देख  ये नजा़रा क्यों दुनिया को चाहिए दहेज का पिटारा 🙇कुचल

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मखाना पाग

19 अगस्त 2022
1
2
1

मखाना पाग जन्माष्टमी के अवसर पर,,,आज मेरी रसोई में बन रहा है मखाना पाग,,,, यह बहुत आसानी से बन जाता है तो आइए बनाते हैं मखाना पाग,,,‌ आवश्यक सामग्री दो कप मखाने। चौथाई कप भी चीनी । 1 कप दूध

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युवा भारत

25 अगस्त 2022
3
3
3

इमारत वही टिकती है जिसकी नींव पक्की है युवा नेतृत्व के हाथ में ही देश की तरक्की है 😊कुछ समय पहले ही मैंने यह पंक्तियां पढ़ी थीं,,,, और मेरा मानना भी यही है हमारे देश की उन्नति प्रगति खुशी और खुशहाल

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