🌷पापा हमारे प्रहरी हैं देश
के जनाब
गर्व करते हैं उन पर यूं तो
हम बेहिसाब,
🌷पर दिल है की याद उनको
करता बहुत है,
उनके बगैर कुछ भी ,हमें
लगता नहीं भला,
🌷सरहद पर लड़े हैं वह, होकर
खूंनख्वार
लौट रहे हैं आज वो अपनी पूरी
शान से
🌷आरती को उनकी आज पूरा
गांव खड़ा है,
🌷जय हिन्द जय भारत ही यहां
बस गूंज रहा है।
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून
---------🌷---------