🌸बारूद का ढ़ेर है मेरी बीवी
गज़ल का शेर है मेरी बीवी ।
🌸रूठ जाए तो, आफत है मेरी बीवी
मना लूं तो क़यामत है मेरी बीवी ।
🌸मिल गई है, तो मुसिबत है मेरी बीवी
नहीं थी पास तो चाहत थी मेरी बीवी।
🌸आखिर चीज़ क्या है ? मेरी बीवी
तेरी बीवी मेरी बीवी इसकी बीवी।
🌸उसकी बीवी ऐहसासे जन्नत है यारों
जिनके भी साथ रहती है उनकी बीवी।
🌸 ये समझ लो कि बस मनका मीत है बीवी
सय्यदा------✒
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