🌷दिल-ए-नादान तू
समझता ही नहीं,
🌷 क्या हासिल होगा ,
तुझे जाने से वहां ।
🌷बीती यादों के सिवा,
वहां कुछ भी तो नहीं,
🌷 सर्द रातों में बस ,
भूतों का साया है वहां
🌷वहां कोई नहीं रहता ,
किसे ढूंढेगा वहां,
🌷सय्यदा----✒️
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