shabd-logo

झूठे इतिहासकारों और कन्वर्टों हैसियत है तो साबित करो:- ये कुतुब मिनार है।

29 मई 2023

6 बार देखा गया 6


article-image

मित्रों जो लोग आज भी कबिलाई संस्कृति से मुक्ति नहीं पा सके हैँ, वो लोग इन्द्रप्रस्थ (दिल्ली) के महरौली में खड़े विष्णु स्तम्भ को "कुतुब मिनार" होने का दावा करते हैँ और इसमे उनका साथ देते हैँ अनपढ़ और झूठे वामपंथी इतिहासकार।

मित्रों जो लोग आज भी कबिलाई संस्कृति से मुक्ति नहीं पा सके हैँ, वो लोग इन्द्रप्रस्थ (दिल्ली) के महरौली में खड़े विष्णु स्तम्भ को "कुतुब मिनार" होने का दावा करते हैँ और इसमे उनका साथ देते हैँ अनपढ़ और झूठे वामपंथी इतिहासकार।मित्रों जो लोग आज भी कबिलाई संस्कृति से मुक्ति नहीं पा सके हैँ, वो लोग इन्द्रप्रस्थ (दिल्ली) के महरौली में खड़े विष्णु स्तम्भ को "कुतुब मिनार" होने का दावा करते हैँ और इसमे उनका साथ देते हैँ अनपढ़ और झूठे वामपंथी इतिहासकार।

आइये इसका विश्लेषण करते हैँ।आइये इसका विश्लेषण करते हैँ।

आजकल NCERT के द्वारा पढ़वाई जा रही "OUR PASTS " नामक पुस्तकों में इस विष्णु स्तम्भ के विषय में लिखा है, " यह कुतुब मिनार है, इसे मोहम्मद गौरी के गुलाम सेनापति क़ुतुबुद्दीन एबक ने ११९३ ई में बनवाना शुरु किया और उसके गुलाम इल्तुत्मिश ने १२२४ ई के आस पास इसके निर्माण का कार्य पूर्ण किया।"आजकल NCERT के द्वारा पढ़वाई जा रही "OUR PASTS " नामक पुस्तकों में इस विष्णु स्तम्भ के विषय में लिखा है, " यह कुतुब मिनार है, इसे मोहम्मद गौरी के गुलाम सेनापति क़ुतुबुद्दीन एबक ने ११९३ ई में बनवाना शुरु किया और उसके गुलाम इल्तुत्मिश ने १२२४ ई के आस पास इसके निर्माण का कार्य पूर्ण किया।"

अब मित्रों कुछ जागृत हिन्दुओ ने जब "राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद" अर्थात Nationalised Council of Educational Research and Training (NCERT) से महती अधिकार अधिनियम (RTI Act 2005)  के अंतर्गत दिनांक ०३/१२/२०१२ को अर्जी प्रेषित कर पूछा कि: -अब मित्रों कुछ जागृत हिन्दुओ ने जब "राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद" अर्थात Nationalised Council of Educational Research and Training (NCERT) से महती अधिकार अधिनियम (RTI Act 2005)  के अंतर्गत दिनांक ०३/१२/२०१२ को अर्जी प्रेषित कर पूछा कि: -

१:- सत्यप्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान करे उस स्त्रोत या संदर्भ का जिससे आपको पता चला कि "यह कुतुब मीनार है" और इसे इसे मोहम्मद गौरी के गुलाम सेनापति ने ११९३ ई में बनवाना शुरु किया और उसके गुलाम इल्तुत्मिश ने १२२४ ई के आस पास इसके निर्माण का कार्य पूर्ण किया।"१:- सत्यप्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान करे उस स्त्रोत या संदर्भ का जिससे आपको पता चला कि "यह कुतुब मीनार है" और इसे इसे मोहम्मद गौरी के गुलाम सेनापति ने ११९३ ई में बनवाना शुरु किया और उसके गुलाम इल्तुत्मिश ने १२२४ ई के आस पास इसके निर्माण का कार्य पूर्ण किया।"

२:- सत्यप्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान करें किसी एक साक्ष्य या एपिग्राफी का जिससे आपको उपर्युक्त तथ्य का पता चला।२:- सत्यप्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान करें किसी एक साक्ष्य या एपिग्राफी का जिससे आपको उपर्युक्त तथ्य का पता चला।

मित्रों उस RTI अर्जी में दो और प्रश्न पूछे गये थे पर महत्वपूर्ण प्रश्न को हि हमने यंहा पर उल्लेखित किया है।मित्रों उस RTI अर्जी में दो और प्रश्न पूछे गये थे पर महत्वपूर्ण प्रश्न को हि हमने यंहा पर उल्लेखित किया है।

आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि NCERT के पास उपर्युक्त तथ्य को सबित करने के लिए ना कोई स्त्रोत है, ना कोई संदर्भ है, ना कोई साक्ष्य है और ना कोई एपिग्राफी हि है जिससे वे OUR PASTS नामक इतिहास की किताबों में छापी गये तथ्यों को सच साबित कर सके।आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि NCERT के पास उपर्युक्त तथ्य को सबित करने के लिए ना कोई स्त्रोत है, ना कोई संदर्भ है, ना कोई साक्ष्य है और ना कोई एपिग्राफी हि है जिससे वे OUR PASTS नामक इतिहास की किताबों में छापी गये तथ्यों को सच साबित कर सके।

जी हाँ उन्होंने दोनो प्रश्नों के उत्तर में कहा कि "No Such Certified copy is  available with the department. " यह उत्तर Dress &Public Information Officer Prof: Suraj Bala Yadav ने १ जनवरी २०१३ को दिया था।जी हाँ उन्होंने दोनो प्रश्नों के उत्तर में कहा कि "No Such Certified copy is  available with the department. " यह उत्तर Dress &Public Information Officer Prof: Suraj Bala Yadav ने १ जनवरी २०१३ को दिया था।

अब आप स्वयं सोचिये, जिसका ना तो कोई, ऐतिहासिक, ना कोई अर्कियोलाजिक, ना कोई वैज्ञानिक और ना कोई साक्ष्यिक आधार है, उस तथ्य को इतिहास की किताबों में घुसेड़ कर झूठे और धूर्त इतिहासकार हमारे बच्चों को पढ़ा रहे हैँ। ये तो रही NCERT के निकम्मेपन की बात।अब आप स्वयं सोचिये, जिसका ना तो कोई, ऐतिहासिक, ना कोई अर्कियोलाजिक, ना कोई वैज्ञानिक और ना कोई साक्ष्यिक आधार है, उस तथ्य को इतिहास की किताबों में घुसेड़ कर झूठे और धूर्त इतिहासकार हमारे बच्चों को पढ़ा रहे हैँ। ये तो रही NCERT के निकम्मेपन की बात।

अब आइये थोड़ा इतिहास को भी खंगाल लेते हैँ। वामपंथी इतिहासकारों की तो कोई विश्वसनीयता नहीं है, ये झूठे, झूठे और केवल झूठे हैँ। पर बात है कन्वर्ट इस्लामिक समुदाय की तो मित्रों इस्लामिक इतिहासकारों में ये चार नाम सबसे अधिक प्रसिद्ध और विश्वसनीय माने जाते हैँ, जो निम्नवत हैँ:-अब आइये थोड़ा इतिहास को भी खंगाल लेते हैँ। वामपंथी इतिहासकारों की तो कोई विश्वसनीयता नहीं है, ये झूठे, झूठे और केवल झूठे हैँ। पर बात है कन्वर्ट इस्लामिक समुदाय की तो मित्रों इस्लामिक इतिहासकारों में ये चार नाम सबसे अधिक प्रसिद्ध और विश्वसनीय माने जाते हैँ, जो निम्नवत हैँ:-

१:- हसन निजामी

२:- इब्न नसीर

३:- मौलाना नुरुद्दीन मोहम्मद

४:- अलाउद्दीन जुवैनी

और मजे की बात ये है कि इनमे से किसी भी इस्लामिक इतिहासकार ने अपनी पुस्तक में "कुतुब मीनार" का जिक्र नहीं किया है।और मजे की बात ये है कि इनमे से किसी भी इस्लामिक इतिहासकार ने अपनी पुस्तक में "कुतुब मीनार" का जिक्र नहीं किया है।

इन सबमें सबसे अधिक विश्वसनीय इतिहासकार हसन निजामी को माना जाता है, ये इतिहासकार कुतुबुद्दीन एबक के दरबार का एक इतिहासकार था। इस इतिहासकार ने कुतुबुद्दीन एबक के जीवन को अपनी आँखों से देखा है और जिया है, पर इसने भी अपनी किताब "ताज उल मसीर" (जो कुतुबुद्दीन एबक के इतिहास को संजोती है!) में कंही भी कुतुब मीनार का जिक्र नहीं करता है, ऐसा क्यों, क्या इसका जवाब किसी भी वामपंथी   झूठे इतिहासकार के पास होगा, नहीं ना।इन सबमें सबसे अधिक विश्वसनीय इतिहासकार हसन निजामी को माना जाता है, ये इतिहासकार कुतुबुद्दीन एबक के दरबार का एक इतिहासकार था। इस इतिहासकार ने कुतुबुद्दीन एबक के जीवन को अपनी आँखों से देखा है और जिया है, पर इसने भी अपनी किताब "ताज उल मसीर" (जो कुतुबुद्दीन एबक के इतिहास को संजोती है!) में कंही भी कुतुब मीनार का जिक्र नहीं करता है, ऐसा क्यों, क्या इसका जवाब किसी भी वामपंथी   झूठे इतिहासकार के पास होगा, नहीं ना।

अब थोड़ा आगे बढ़ते हैँ तो  आपने "इब्ने बतुता" का नाम तो अवश्य सुना होगा । इसका पुरा नाम मुहम्मद बिन अब्दुल्ला इब्न बतुता था। यह एक महान अरबी यात्री और लेखक था।अब थोड़ा आगे बढ़ते हैँ तो  आपने "इब्ने बतुता" का नाम तो अवश्य सुना होगा । इसका पुरा नाम मुहम्मद बिन अब्दुल्ला इब्न बतुता था। यह एक महान अरबी यात्री और लेखक था।

भारत के उत्तर पश्चिम द्वार से प्रवेश करके वह सीधा दिल्ली पहुँचा, जहाँ तुगलक सुल्तान मुहम्मद ने उसका बड़ा आदर सत्कार किया और उसे राजधानी का काज़ी नियुक्त किया। इस पद पर पूरे सात बरस रहकर, जिसमें उसे सुल्तान को अत्यंत निकट से देखने का अवसर मिला, इब्न बत्तूता ने हर घटना को बड़े ध्यान से देखा सुना। १३४२ में मुहम्मद तुगलक ने उसे चीन के बादशाह के पास अपना राजदूत बनाकर भेजा।

ये इब्न बतुता इसको "फिरोज शाह की मीनार" कहता है।ये इब्न बतुता इसको "फिरोज शाह की मीनार" कहता है।

उजबेकिस्तान का लुटेरा और कुरूप मुगल (जिसके चेहरे की भयानकता एक जंगली सियार से भी अधिक थी) बाबर ने अपनी पुस्तक "बाबरनामा" में इसे "खिलजी की मीनार" कहकर सम्बोधित किया है।उजबेकिस्तान का लुटेरा और कुरूप मुगल (जिसके चेहरे की भयानकता एक जंगली सियार से भी अधिक थी) बाबर ने अपनी पुस्तक "बाबरनामा" में इसे "खिलजी की मीनार" कहकर सम्बोधित किया है।

इस प्रकार हमने देखा कि इतिहास स्वयं इस बात को झुठला देता है कि ये कोई कुतुबुद्दीन एबक और उसके गुलाम इल्तुत्मिश के द्वारा २७ वर्षो में तैयार की गयी "कुतुब मीनार" है।इस प्रकार हमने देखा कि इतिहास स्वयं इस बात को झुठला देता है कि ये कोई कुतुबुद्दीन एबक और उसके गुलाम इल्तुत्मिश के द्वारा २७ वर्षो में तैयार की गयी "कुतुब मीनार" है।

तर्कशीलता की कसौटी पर देखते हैँ:-तर्कशीलता की कसौटी पर देखते हैँ:-

हमारे कुछ तथाकथित इतिहासकार मानते हैँ कि जब मुहम्मद गोरी और उसके सेनापति कुतुबुद्दीन एबक ने पृथ्वीराज चौहान को युद्ध में पराजित कर दिया ११९२-९३ ई के आस पास तो उसके जश्न में मुहम्मद गोरी के भाई ने अफगानिस्तान में, "जाम की मीनार" का निर्माण करवाया और ये मीनार मात्र २ से ढाई वर्ष में  तैयार हो गयी।

इसी से प्रेरित होकर और उससे भी आगे निकलने की इच्छा से, दिल्ली के प्रथम मुस्लिम शासक क़ुतुबुद्दीन ऐबक, ने सन ११९३ में इस कुतुब मीनार के निर्माण का कार्य आरंभ करवाया, परंतु केवल इसका आधार ही बनवा पाया। उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसमें तीन मंजिलों को बढ़ाया और १२२० ई में इसके निर्माण का कार्य पुरा किया।इसी से प्रेरित होकर और उससे भी आगे निकलने की इच्छा से, दिल्ली के प्रथम मुस्लिम शासक क़ुतुबुद्दीन ऐबक, ने सन ११९३ में इस कुतुब मीनार के निर्माण का कार्य आरंभ करवाया, परंतु केवल इसका आधार ही बनवा पाया। उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसमें तीन मंजिलों को बढ़ाया और १२२० ई में इसके निर्माण का कार्य पुरा किया।

(कुतुबुद्दीन ऐबक पृथ्वीराज चौहान को हराने वाले मोहम्मद गोरी का पसंदीदा गुलाम और सेनापति था। गोरी ऐबक को दिल्ली और अजमेर का शासन सौंपकर वापस लौट गया था। १२०६ ई में गोरी की मौत के बाद ऐबक आजाद शासक बन गया और उसने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की।)(कुतुबुद्दीन ऐबक पृथ्वीराज चौहान को हराने वाले मोहम्मद गोरी का पसंदीदा गुलाम और सेनापति था। गोरी ऐबक को दिल्ली और अजमेर का शासन सौंपकर वापस लौट गया था। १२०६ ई में गोरी की मौत के बाद ऐबक आजाद शासक बन गया और उसने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की।)

अब ये बात भी गले नहीं उतरती, मित्रों, क्योंकि भारत किसी भी विदेशी लुटेरे के आने से पूर्व अभियांत्रिकी और वस्तुकला के क्षेत्र में सम्पूर्ण विश्व में सबसे अग्रणी था, अत: इस लुटेरे कुतुबुद्दीन एबक के लिए तो यह बाए हाथ का खेल था कि इस मीनार को वो ढाई वर्ष से भी कम समय में बनवा लेता परन्तु इस मीनार को खड़ा होने में २७ वर्ष लग गये, जो कि केवल बकवास के अलावा कुछ भी नहीं है। जाम की मीनार अफगानिस्तान जैसे कबिलाई और पिछड़े इलाके में बनाई गयी, जबकी कुतुब मीनार विश्व के सबसे अगड़े और विकसित देश भारत में बनाई गयी फिर भी २७ वर्ष लग गये। ये टोपीबाज इतिहासकार किसको टोपी पहनाना चाहते थे।अब ये बात भी गले नहीं उतरती, मित्रों, क्योंकि भारत किसी भी विदेशी लुटेरे के आने से पूर्व अभियांत्रिकी और वस्तुकला के क्षेत्र में सम्पूर्ण विश्व में सबसे अग्रणी था, अत: इस लुटेरे कुतुबुद्दीन एबक के लिए तो यह बाए हाथ का खेल था कि इस मीनार को वो ढाई वर्ष से भी कम समय में बनवा लेता परन्तु इस मीनार को खड़ा होने में २७ वर्ष लग गये, जो कि केवल बकवास के अलावा कुछ भी नहीं है। जाम की मीनार अफगानिस्तान जैसे कबिलाई और पिछड़े इलाके में बनाई गयी, जबकी कुतुब मीनार विश्व के सबसे अगड़े और विकसित देश भारत में बनाई गयी फिर भी २७ वर्ष लग गये। ये टोपीबाज इतिहासकार किसको टोपी पहनाना चाहते थे।

झूठ का पिटारा यही नहीं थम रहा है, ये टॉपिबाज आगे बताते हैँ कि वर्ष १३६८ में फीरोजशाह तुगलक ने पाँचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई और तो और कुछ तो इसका नाम मशहूर मुस्लिम सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर पड़ा है, ऐसा बताते हैँ।झूठ का पिटारा यही नहीं थम रहा है, ये टॉपिबाज आगे बताते हैँ कि वर्ष १३६८ में फीरोजशाह तुगलक ने पाँचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई और तो और कुछ तो इसका नाम मशहूर मुस्लिम सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर पड़ा है, ऐसा बताते हैँ।

असलियत:-असलियत:-

यह एक विष्णु स्तम्भ है। इसकी स्थापना चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने करवाया था। चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के दरबार कै विद्वानों और विशेषज्ञों से समृद्ध था। उसी में से एक थे वराहमिहिर जो एक उच्चकोटी के खगोलशास्त्री होने के साथ साथ महान वैज्ञानिक थे। यह विष्णु स्तम्भ और उसके आस पास का सम्पूर्ण क्षेत्र उनकी वेधशाला थी, जंहा वो नक्षत्रों, ग्रहो, उपग्रहो, सूर्य, चंद्र व तारामंडल का अध्ययन करते थे। इसी वराहमिहिर ने खगोल विज्ञान के ऊपर एक पुस्तक लिखी जिसे "वृहत संहिता" के नाम से जाना जाता है। ये महाराज चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के दरबार के नौ रत्नो में से एक थे।

यह विष्णु स्तम्भ ( क़ुतुब मीनार) भारत में दक्षिण दिल्ली शहर के महरौली भाग में स्थित, लाल बलुवा  ईंट से बना विश्व का सबसे ऊँचा स्तम्भ है। यह दिल्ली का एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। इसकी ऊँचाई ७३ मीटर (२३९.५ फीट) और व्यास १४.३ मीटर है, जो ऊपर जाकर शिखर पर २.७५ मीटर (९.०२ फीट) हो जाता है। इसमें ३७९ सीढियाँ हैं।यह विष्णु स्तम्भ ( क़ुतुब मीनार) भारत में दक्षिण दिल्ली शहर के महरौली भाग में स्थित, लाल बलुवा  ईंट से बना विश्व का सबसे ऊँचा स्तम्भ है। यह दिल्ली का एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। इसकी ऊँचाई ७३ मीटर (२३९.५ फीट) और व्यास १४.३ मीटर है, जो ऊपर जाकर शिखर पर २.७५ मीटर (९.०२ फीट) हो जाता है। इसमें ३७९ सीढियाँ हैं।

इस विष्णु स्तम्भ ( मीनार) के चारों ओर बने अहाते में भारतीय कला के कई उत्कृष्ट नमूने हैं,  यह परिसर युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकृत किया गया है। इस विष्णु स्तम्भ ( मीनार) के चारों ओर बने अहाते में भारतीय कला के कई उत्कृष्ट नमूने हैं,  यह परिसर युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकृत किया गया है।

ASI के पूर्व रीजनल डायरेक्टर श्री धर्मवीर शर्मा का भी दावा  है कि( कुतुब मीनार) विष्णु स्तम्भ को राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था। धर्मवीर शर्मा ने इससे पहले बताया था कि कुतुब मीनार एक सन टावर है जिसे 5वीं शताब्दी में गुप्त साम्राज्य के विक्रमादित्य ने बनवाया था। उन्होंने दावा किया कि इस संबंध में उनके पास बहुत सारे साक्ष्य हैं। ASI के पूर्व रीजनल डायरेक्टर श्री धर्मवीर शर्मा का भी दावा  है कि( कुतुब मीनार) विष्णु स्तम्भ को राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था। धर्मवीर शर्मा ने इससे पहले बताया था कि कुतुब मीनार एक सन टावर है जिसे 5वीं शताब्दी में गुप्त साम्राज्य के विक्रमादित्य ने बनवाया था। उन्होंने दावा किया कि इस संबंध में उनके पास बहुत सारे साक्ष्य हैं।

ASI के पूर्व रीजनल डायरेक्टर श्री धर्मवीर शर्मा का दावा है कि (कुतुब मीनार) विष्णु स्तम्भ में 25 इंच का झुकाव है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे सूर्य का अध्ययन करने के लिए बनाया गया था। २१ जून को जब सूर्य आकाश में जगह बदलता है तो भी कुतुब मीनार की उस जगह पर आधे घंटे तक छाया नहीं पड़ती। यह विज्ञान और आर्कियोलॉजिकल फैक्ट है। शर्मा ने कहा कि (कुतुब मीनार) विष्णु स्तम्भ एक स्वतंत्र इमारत है और इसका संबंध करीब की मस्जिद से नहीं है। दरअसल, इसके दरवाजे नॉर्थ फेसिंग हैं, ताकि इससे रात में ध्रुव तारा देखा जा सके।ASI के पूर्व रीजनल डायरेक्टर श्री धर्मवीर शर्मा का दावा है कि (कुतुब मीनार) विष्णु स्तम्भ में 25 इंच का झुकाव है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे सूर्य का अध्ययन करने के लिए बनाया गया था। २१ जून को जब सूर्य आकाश में जगह बदलता है तो भी कुतुब मीनार की उस जगह पर आधे घंटे तक छाया नहीं पड़ती। यह विज्ञान और आर्कियोलॉजिकल फैक्ट है। शर्मा ने कहा कि (कुतुब मीनार) विष्णु स्तम्भ एक स्वतंत्र इमारत है और इसका संबंध करीब की मस्जिद से नहीं है। दरअसल, इसके दरवाजे नॉर्थ फेसिंग हैं, ताकि इससे रात में ध्रुव तारा देखा जा सके।

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद के दौरान अयोध्या में खुदाई में शामिल रहे प्रसिद्ध आर्कियोलॉजिस्ट श्री केके मुहम्मद ने हाल ही में कहा था कि कुतुब मीनार के पास स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को बनाने के लिए २७ हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ गया था। श्री केके मुहम्मद के मुताबिक, ‘’मस्जिद के पूर्वी गेट पर लगे एक शिलालेख में भी इस बात का जिक्र है।’’राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद के दौरान अयोध्या में खुदाई में शामिल रहे प्रसिद्ध आर्कियोलॉजिस्ट श्री केके मुहम्मद ने हाल ही में कहा था कि कुतुब मीनार के पास स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को बनाने के लिए २७ हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ गया था। श्री केके मुहम्मद के मुताबिक, ‘’मस्जिद के पूर्वी गेट पर लगे एक शिलालेख में भी इस बात का जिक्र है।’’

और इसी (कुतुब मीनार) विष्णु स्तम्भ परिसर में स्थित लौह स्तंभ या लोहे के खंभे का इतिहास भी बहुत रोचक है। इस स्तंभ का निर्माण चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वितीय ने ३७५ से ४१५ ईस्वी के दौरान कराया था। इस स्तंभ की लंबाई २३.८ फीट है, जिनमें से ३.८ फीट जमीन के अंदर है। इसका वजन ६०० किलो से ज्यादा है। और अभियांत्रिकी का चमत्कार है कि आज तक इस लौह स्तम्भ पर जंग नहीं लगा।और इसी (कुतुब मीनार) विष्णु स्तम्भ परिसर में स्थित लौह स्तंभ या लोहे के खंभे का इतिहास भी बहुत रोचक है। इस स्तंभ का निर्माण चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वितीय ने ३७५ से ४१५ ईस्वी के दौरान कराया था। इस स्तंभ की लंबाई २३.८ फीट है, जिनमें से ३.८ फीट जमीन के अंदर है। इसका वजन ६०० किलो से ज्यादा है। और अभियांत्रिकी का चमत्कार है कि आज तक इस लौह स्तम्भ पर जंग नहीं लगा।

मित्रों विष्णु स्तम्भ जिसे बिना किसी आधार के और बगैर किसी साक्ष्य के वामपंथी इतिहासकारों ने कुतुब मीनार  बना दिया है, कि असली सच्चाई आपको श्री अभिषेक सिंह के द्वारा जाँच और अनवेशण और खोज के आधार पर ठोस प्रमाणो के साथ लिखी गयी पुस्तक "Genesis of Time unveiling the hidden history" में आपको मिल जाएगी।मित्रों विष्णु स्तम्भ जिसे बिना किसी आधार के और बगैर किसी साक्ष्य के वामपंथी इतिहासकारों ने कुतुब मीनार  बना दिया है, कि असली सच्चाई आपको श्री अभिषेक सिंह के द्वारा जाँच और अनवेशण और खोज के आधार पर ठोस प्रमाणो के साथ लिखी गयी पुस्तक "Genesis of Time unveiling the hidden history" में आपको मिल जाएगी।

इस पुस्तक को पढ़ने से आपको महरौली क्षेत्र के वैज्ञानिक महत्व, इस तथाकथित मीनार में बनी २७ खिड़कियां और उनका रहस्य, २१ जून को इस मीनार की छाया का ना बनना चन्द्रमा और सूर्य के गतिविधियों का अध्ययन इत्यादि क्यों, कैसे और किसके द्वारा का उत्तर मिल जायेगा आप संतुष्ट होकर मान लेंगे कि यह एक झूठी मिनार पर सच्चा स्तम्भ है।इस पुस्तक को पढ़ने से आपको महरौली क्षेत्र के वैज्ञानिक महत्व, इस तथाकथित मीनार में बनी २७ खिड़कियां और उनका रहस्य, २१ जून को इस मीनार की छाया का ना बनना चन्द्रमा और सूर्य के गतिविधियों का अध्ययन इत्यादि क्यों, कैसे और किसके द्वारा का उत्तर मिल जायेगा आप संतुष्ट होकर मान लेंगे कि यह एक झूठी मिनार पर सच्चा स्तम्भ है।

विख्यात इतिहासकार श्री सीताराम गोयल के अनुसार इस्लामिक आतंकवादियों ने करीब ४००००/- मंदिरो को तोड़ा।विख्यात इतिहासकार श्री सीताराम गोयल के अनुसार इस्लामिक आतंकवादियों ने करीब ४००००/- मंदिरो को तोड़ा।

यही सच है।

लेखन और संकलन:- नागेंद्र प्रताप सिंह (अधिवक्ता)

aryan_innag@yahoo.co.in

51
रचनाएँ
परिस्थितिकीय लेख
0.0
ये पुस्तक परिस्थितयो के द्वारा उत्पन्न स्थितियों पर विचारों की एक श्रृंखला है, जिसे पढ़ने के पश्चात आपका आकर्षण और भी सशक्त और दृढ हो जायेगा।
1

खिलाडियों का धरना :- अनुशाशनहीनता -श्रीमती पी टी उषा |

7 मई 2023
2
0
0

हे मित्रों पी. टी. उषा जी को कौन नहीं जानता। जब ये बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट जैसे   खिलाड़ी   अपने पैरों पर ठीक से खड़े होना भी नहीं जानती या जानते थे, तब ये पी. टी. उषा जी भारत की शान हु

2

क्या उस समय सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय नहीं थे?

7 मई 2023
1
2
0

जब स्व. श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जम्मू कश्मीर के एक जेल में रहस्यमी ढंग से मौत के घाट उतार दिया गया। जब स्व (पंडित) दिन दयाल उपाध्याय जी का मृत शरीर मुगलसराय में रेल की पटारियों पर गिरा हुआ मिलता

3

२०२४ के चुनाव से पूर्व मनीपुर को दंगो में झोंक दिया!

7 मई 2023
0
0
0

मित्रों जिस प्रकार मणिपुर में अचानक इतने बड़े पैमाने पर हिंसा और आगाजनी हुई, ये एक सुनियोजित षड्यंत्र की ओर इशारा करती है। अत्यंत हि अल्पावधी में "हिन्दु माइति" समुदाय को ST अर्थात Schedule Tribes  वर्

4

आदरणीय न्यायालयों ने भी "The Kerala Story" का सम्मान किया:-

8 मई 2023
2
1
0

मित्रों शांतिदूतो से पैसा मिलने पर पाकिस्तानी आतंकवादियों का भी केस लड़ने का हुनर रखने वाले सर्वोच्च न्यायालय के तथाकथित वकील ने अपने मस्तिष्क के पश्च भाग का सम्पूर्ण बल प्रयोग कर लिया अपनी समस्त ज्ञान

5

बेचारा और असहाय कम्युनिस्ट बाप- "The Kerala Story"

13 मई 2023
0
0
0

वो कम्युनिस्ट बाप बेतहाशा अपनी पत्नी के साथ दौड़ता हुआ, अपनी बेटी के कमरे की ओर दौड़ता है और जैसे हि कमरे का दरवाजा खोलता है, कमरे के पंखे से लटक रहे अपनी बेटी के बेजान हो चुके शरीर को झूलता देख अवाक और

6

एक सनातनी का एक वामपंथी से शास्त्रार्थ:-वराह अवतार और पृथ्वी को जल से बाहर निकालना।

13 मई 2023
0
0
0

मित्रों वामपंथियों और तर्कवादियों ने सदैव "सनातन धर्म" के सभ्यता, संस्कृति, भाषा, इतिहास, भूगोल और समाजिक व्यवस्था को अपने आलोचना का केंद्र बनाया है। ये हमारे जितने भी धार्मिक और ऐतिहासिक पुस्तके हैँ

7

हिन्दू जातिवाद :- संविधान बनाम मनुस्मृति |

13 मई 2023
1
0
1

 मित्रों विधर्मियों और कुपढो ने सर्वप्रथम सनातन धर्म के जिस पुस्तक पर अपनी ओछी दृष्टि डाली उसे हम मनुस्मृति के नाम से जानते हैं | मनुस्मृति सम्पूर्ण मनवा सभ्यता को सुसंकृत और सुशिक्षित बनाने के लिए रच

8

मोदी का पैसा आया क्या? एक वामपंथी से सनातनी का शास्त्रार्थ।

29 मई 2023
0
0
0

मित्रों आप तो जानते हैँ कि मेरे एक मित्र हैँ जो जन्म से ब्राह्मण पर कर्म से वामपंथी हैँ । ये सनातन धर्म, उसकी सभ्यता, उसकी संस्कृति और उसके समीपस्थ जो पार्टी है भाजपा उसको पानी पी पीकर कोसते हैँ। वामप

9

साम्यवाद अर्थात कम्युनिज्म का काला स्वरूप। प्रथम अंक:- कार्ल हेनरिक मार्क्स!

29 मई 2023
0
0
0

आइये इस कम्युनिज्म के काले, भयानक और अंधेरी दुनिया का तथ्यात्मक विश्लेषण करते हैँ। आरम्भ करते हैँ जर्मनी के उस छोटे से कस्बे से जंहा पर इस भयानक और समाजविरोधी सिद्धांत का जन्म हुआ था। आइये इस कम्

10

जो अपनी पत्नी की लाश को अपने हाथों में उठाकर आम आदमी की तरह रोता घूमता हो वो GOD कैसे हो सकता है?

29 मई 2023
1
1
0

मित्रों जब "The Kerala Story" में वो कन्वर्ट मुस्लिम लड़की पूछती है यह प्रश्न तो हिन्दु लड़कियों के पास इसका उत्तर नहीं होता है, क्योंकि वो अपने धर्म से कोसो दूर थी। मित्रों जब "The Kerala Story" म

11

जो व्यक्ति अपनी पत्नी कर रक्षा ना कर सका और जिसे अपनी पत्नि को प्राप्त करने के लिए वानरो की सहायता लेनी पड़ी, वो भगवान कैसे हो सकता है?

29 मई 2023
1
0
0

मित्रों ये प्रश्न "The Kerala Story" में  एक कन्वर्टेड मुस्लिम युवती ने जब हिन्दु लड़कियों से पूछी तो वो इसका उत्तर ना दे सकी, क्यों, क्योंकि वो अपने धर्म के ज्ञान से अत्यंत दूर थी। मित्रों ये प्र

12

झूठे इतिहासकारों और कन्वर्टों हैसियत है तो साबित करो:- ये कुतुब मिनार है।

29 मई 2023
0
0
0

मित्रों जो लोग आज भी कबिलाई संस्कृति से मुक्ति नहीं पा सके हैँ, वो लोग इन्द्रप्रस्थ (दिल्ली) के महरौली में खड़े विष्णु स्तम्भ को "कुतुब मिनार" होने का दावा करते हैँ और इसमे उनका साथ देते हैँ अनपढ़ औ

13

बेचारा और असहाय कम्युनिस्ट बाप- "The Kerala Story"

29 मई 2023
0
0
0

वो कम्युनिस्ट बाप बेतहाशा अपनी पत्नी के साथ दौड़ता हुआ, अपनी बेटी के कमरे की ओर दौड़ता है और जैसे हि कमरे का दरवाजा खोलता है, कमरे के पंखे से लटक रहे अपनी बेटी के बेजान हो चुके शरीर को झूलता देख अवाक

14

विज्ञान (नासा) शास्त्रों में लिखी बातों को सच साबित कर रहा है।

29 मई 2023
1
0
0

NASA  द्वारा प्राप्त किया गया चित्र, तनिक ध्यान से देखें।NASA  द्वारा प्राप्त किया गया चित्र, तनिक ध्यान से देखें। जी हाँ कई आसमानी किताबों में आपको निम्नलिखित बाते मिल जाएंगी जैसे:-जी हाँ कई आसम

15

अरे अदालते तो उस समय भी थी संविधान तो उस समय भी था।

29 मई 2023
0
0
0

मित्रों जब से अतिक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या होने पर  तथा उसके बेटे असद अहमद का पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर, इस देश के तथाकथित संविधानवादी (जिनका संविधान से कोई लेना देना नहीं) और अदालतवाद

16

हाँ तुम सावरकर कभी नहीं हो सकते क्योंकि:- "सावरकर बनने के लिए"

29 मई 2023
0
0
0

१:- भोगी नहीं योगी बनना पड़ेगा; १:- भोगी नहीं योगी बनना पड़ेगा;१:- भोगी नहीं योगी बनना पड़ेगा; २:+ राष्ट्रद्रोही नहीं राष्ट्रवादी बनना पड़ेगा; ३:- अंधकार नहीं प्रकाश फैलाना पड़ेगा; ४:-अधर्म के साथ नहीं

17

कैसा भगवान है तुम्हारा, जिसकी १६१०८ पत्नियां है, कैसे तुम इन्हें GOD कह सकते हो?

30 मई 2023
0
0
0

एक वामपंथी से सनातनी का शास्त्रार्थ:-एक वामपंथी से सनातनी का शास्त्रार्थ:- मित्रों जैसा की आपको पता है कि मेरे एक मित्र हैँ जो जन्म से ब्राह्मण पर कर्म और सोच से वामपंथी हैँ और वामपंथी होकर सनातन

18

आदरणीय न्यायालयों ने भी "The Kerla Story" का सम्मान किया:-

30 मई 2023
0
0
0

मित्रों शांतिदूतो से पैसा मिलने पर पाकिस्तानी आतंकवादियों का भी केस लड़ने का हुनर रखने वाले सर्वोच्च न्यायालय के तथाकथित वकील ने अपने मस्तिष्क के पश्च भाग का सम्पूर्ण बल प्रयोग कर लिया अपनी समस्त ज

19

अनपढ़ कौन:- प्रधानमंत्री या दिल्ली का मुख्यमंत्री।

30 मई 2023
1
0
0

मित्रों आपने यादी ध्यान दिया होगा तो अबकारी (शराब) मंत्री श्री मनीष सिसोदिया के तुरूंगवासित होते हि,( वर्ष २०१६ के पश्चात )श्री अरविन्द केजरीवाल ने एक बार फिर हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दाम

20

भगत सिंह कम्युनिस्ट नहीं थे।

30 मई 2023
0
0
0

वामपंथी के साथ एक सनातनी का शास्त्रार्थ। मित्रों जैसा कि आप जानते हैँ कि  हमारे एक, जन्म से ब्राह्मण पर कर्म से वामपंथी मित्र हैँ, जो सनातन धर्म की आलोचना करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते। आज उन्होंन

21

खुशबु सुंदर के पिता तो यौन शोषण कर सकते हैँ पर स्वाति मालीवाल के पिता कैसे?

30 मई 2023
0
0
0

पितृन्नमस्येदिवि ये च मूर्त्ताः स्वधाभुजः काम्यफलाभिसन्धौ ॥ प्रदानशक्ताः सकलेप्सितानां विमुक्तिदा येऽनभिसंहितेषु ॥ अर्थात :-मैं अपने पिता को नमन करता हूँ जो सभी देवताओं का प्रत्यक्ष रूप हैं,

22

हिन्दू जातिवाद :- संविधान बनाम मनुस्मृति |

30 मई 2023
0
0
0

मित्रों विधर्मियों और कुपढो ने सर्वप्रथम सनातन धर्म के जिस पुस्तक पर अपनी ओछी दृष्टि डाली उसे हम मनुस्मृति के नाम से जानते हैं | मनुस्मृति सम्पूर्ण मनवा सभ्यता को सुसंकृत और सुशिक्षित बनाने के लिए

23

क्या आपने कभी सुना है कि, प्यार और युद्ध में सबकुछ उचित है"!

30 मई 2023
1
0
0

मित्रों कलयुग में अनेक घटनाये ऐसी घटित होती हैं, जिनसे मानवता और संस्कृति शर्मशार हो उठती है। कुछ उदाहरण देख लें: - १:-क्षणिक आकर्षण के मोहपाश में बंधकर एक बेटी ने अपने पिता कि पगड़ी उछाल कर अपने प्रे

24

बापे पूत परापत घोड़ा बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा। अतिक अहमद और असद अहमद।

6 जून 2023
1
0
0

हर आदमी और जानवर में अपने बाप की मिज़ाजी ख़ुसूसीयात पाई जाती है, अपनी नसल का असर ज़रूर आता है, तुख़्म की तासीर फ़ित्री होती है। जी हाँ मित्रों  आज भारत के सबसे खूंखार आतंकी अतिक अहमद और उसके पुत्र असद

25

वलोडिमिर ऑलेक्ज़ेंड्रोविच ज़ेलेंस्की :- एक मसखरा जो अपने अहंकार के कारण यूक्रेन के लिए बना शॉप |

6 जून 2023
0
0
0

जी हाँ मित्रों यदि राजा देश और देश की प्रजा से अधिक स्वयं के अहंकार को महत्व देता है तो वह  देश पाकिस्तान या फिर यूक्रेन जैसी भयानक परिस्थितियों का शिकार हो जाता है | यूक्रेन में २०१९ से पूर्व एक संजी

26

स्वास्थ्य, शराब, शिक्षा और सिसोदिया।

6 जून 2023
0
0
0

मित्रों आज हम इस लेख में कट्टर ईमानदार और क्रांतिकारी शिक्षा मंत्री आदरणीय श्री मनीष सिसोदिया जी के विषय में चर्चा और परिचर्चा करेंगे। मित्रों शिक्षा के विषय में हमारे शास्त्र कहते हैँ:- विद्य

27

एक सनातनी का एक वामपंथी तर्कवादी के साथ शास्त्रार्थ भाग-१० " चार्ल्स डार्विन और दशावतार"।

6 जून 2023
0
0
0

हे मित्रों जैसा की आप जानते हैं की हमारे  एक जन्म से ब्राह्मण और कर्म से वामपंथी मित्र हैं और उनकी सबसे बड़ी विशेषता ये है कि वो सनातन धर्म के धुर विरोधी हैं और सनातन धर्म को निचा दिखने का कोई अवसर

28

एक नेता जिसने किया कुछ भी नहीं पर पाया सब कुछ!

6 जून 2023
0
0
0

हे मित्रों आप सोच रहे होंगे कि मैं ये क्या कह रहा रहूँ या किस नेता के बारे में बात कर रहा हूँ? आइये ये लेख जैसे जैसे आगे बढ़ता जाएगा आपको अपने आप उस नेता का चेहरा दिखलाई देना शुरू कर देगा। जी हाँ

29

एक सनातनी का वामपंथी से शस्त्रार्थ्-६ प्रसंग:- गुरु द्रोण - एकलव्य और गुरु दक्षिणा।

6 जून 2023
1
0
0

हे मित्रों कैसे हैं आप लोग, आप तो जानते हैं कि हमारे एक मित्र हैं जो जनम से ब्राह्मण पर कर्म से वामपंथी हैं। आज एक बार पुन: मेरे आवास पर आ बिराजे और वामपन्थ के एक और झूठ को हथियार बना मुझसे शास्रा

30

मनुस्मृति को बदनाम और अपमानित क्यों किया?

6 जून 2023
0
0
0

हे मित्रों, कार्ल मार्क्स के उलूल जुलूल और आधारहीन सिद्धांतो के अँधेरी और भयावह दुनिया में फांसकर कई व्यक्तियों ने ना केवल अपना सम्पूर्ण जीवन नष्ट कर दिया अपितु करोड़ो लोगों कि हत्या भी उन्होंने कर

31

हमारा देश "धर्म निरपेक्ष" है या "पंथ निरपेक्ष"। एक सनातनी का एक वामपंथी से शास्त्रार्थ भाग्-५

6 जून 2023
0
0
0

हे मित्रों, नमस्कार जैसा कि आप जानते हैं कि सनातन धर्म का विरोध करने वाले तथा जन्म से ब्राह्मण पर कर्म से वामपंथी हमारे एक मित्र हैं,  और अक्सर हमारे जैसे सनातनी के साथ वो शास्त्रार्थ के लिए आते रहत

32

वामपन्थियों का जीता जगता झूठ:- "लाल कोट शाहजंहा नामक किसी मुग़ल ने बनवाया। हा हा हा"

6 जून 2023
0
0
0

हे मित्रों वामपंथी और मुसलिम इतिहासकारो ने अपने झूठ बोलने और लिखने कि कला का अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत किया और झूठ को बार बार लिखकर बोलकर उसे सच साबित करने का प्रयास किया। पर मित्रों या जितने तथाकथि

33

Bhar OS भारत का अपना ओपरेटिंग सिस्टम।

6 जून 2023
0
0
0

हे मित्रों आत्मनिर्भर भारत कि दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए हमारे देश ने अपना एक ओपरेटिंग सिस्टम विकसित कर लिया है, जो अतिशीघ्र Android और IOS को टक्कर देने और बाजार में उनके एकाधिकार को

34

अंग्रेजी वैज्ञानिक सर आईजैक न्यूटन के संदर्भ में एक सनातनी और वामपंथी के मध्य शास्त्रार्थ भाग-९

6 जून 2023
0
0
0

मित्रों जैसा कि आप जानते हि हैं कि हमारे एक मित्र हैं जो जनम से ब्राह्मण है पर कर्म से वामपंथी है। अब वामपंथी लोगों का कर्म कैसा होता है, ये बताने की अवश्यक्ता नहीं है। मित्रों वामपंथी मित्र हमारे

35

दहेज प्रथा। वामपंथी और सनातन धर्मी में शास्त्रार्थ भाग्-६

6 जून 2023
0
0
0

मित्रों मेरा और मेरे वामपंथी मित्र (जो जनम से ब्राह्मण और कर्म से पूरे वामपंथी हैं) के मध्य शास्त्रार्थ तो चलता हि रहता है।  मेरे वामपंथी मित्र बुराइयाँ ढूंढ ढूंढ कर लाते हैं पर जब उसका उदगम उन्हीं

36

सतीप्रथा सनातन धर्मी और वामपन्थी में शास्त्रार्थ भाग्-५

6 जून 2023
0
0
0

मित्रों एक बार पुन: जन्म से ब्राह्मण और कर्म से वामपंथ अनुगामी मेरे मित्र मार्ग में मुझे देखते ही मेरे साथ हो लिए  कुशलक्षेम का आदान प्रदान करने के पश्चात तुरंत अपने मुख्य उद्देश्य " सनातन धर्म की अ

37

निंदक नियरे राखिये आंगन कुटी छवाये। बिन साबुन पानी बिना, निर्मल करत सुभाय।।"

6 जून 2023
1
1
0

हे मित्रों जब महाकवि कबीरदास जी ने उक्त दोहे की रचना कि थी, तब निंदा करने वाले व्यक्ति भी कुछ मर्यादा के साथ गुण और अवगुण पर विचार कर निंदा या आलोचना करते थे। उस वक़्त के म्लेच्छ वर्ग को छोड़ दिया जाए

38

मनुस्मृति में नारी का स्थान! सनातन धर्मी का एक वामपंथी से शास्त्रार्थ भाग्-४

6 जून 2023
0
0
0

मित्रों जैसा कि आप अब तक हमारे वामपंथी मित्र को जान चुके होंगे, जो कि जन्म से तो ब्राह्मण है, परन्तु कर्म से  वामपंथी हैं ।उन्हें एक बार पुन: सनातन धर्म में बुराई दिखाने कि महत्वकान्छा और उनकी प्रवृ

39

सनातन धर्म और विज्ञान। एक सनातन धर्मी का वामपन्थि के मध्य शास्त्रार्थ -८(क)

6 जून 2023
0
0
0

हे मित्रों मेरे मित्र के विष्य में तो आप जानते हि होंगे, जी हाँ वहीं मित्र जो जनम से ब्राह्मण पर कर्म से वामपंथी और धुर सनातन विरोधी हैं। वो सदैव कि भांति एक बार पुन: मेरे घर आ धमके और शास्त्रार्थ

40

सनातन धर्म और विज्ञान एक सनातनी और वामपंथी के मध्य शस्त्रार्थ्- ८(ख)

6 जून 2023
0
0
0

मित्रों पिछले अंक में आपने देखा था कि जन्म से ब्राह्मण पर कर्म से वामपंथी हमारे मित्र ने सनातन धर्मीयो को अनपढ़, अंधविश्वासी, कर्मकांडी और विज्ञान से परे बताते हुए जबरदस्त आलोचना कि थी। उन्होंने सनात

41

सनातन धर्म और विज्ञान सनातन धर्मी और वामपन्थ के मध्य शास्त्रार्थ भाग-८(ग)

6 जून 2023
0
0
0

हे मित्रों, जब हमारे जन्म से ब्राह्मण और कर्म से वामपंथी मित्र तुलसी के पौधे और नीम के वृक्ष में सनातन धर्मीयों के आस्था का मजाक उड़ाने में जब असफल हो गए तो एक दिन फिर हमारे घर पर उपस्थित हुए और इस ब

42

सत्य की जीत:- श्री एकनाथ शिंदे।

6 जून 2023
0
0
0

जी हाँ मित्रों, दिनांक १९जुन १९६६ को जब स्व. बाळासाहेब ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना का गठन हुआ, तो इसके पीछे केवल २ उद्देश्य थे, जिसमें से एक था भूमिपूत्रों का विकास और दूसरा था हिंदुत्व की अवधारणा।

43

सनातनी और वामपंथी के मध्य मनुस्मृति को लेकर शास्त्रार्थ। भाग्-१

6 जून 2023
0
0
0

मित्रों मैं एक सनातनी हूँ कल अंग्रेजी वर्ष २०२२ का अंतिम दिन था और अचानक मार्क्स को अपना पिता, लेनिन को अपना मार्गदर्शक और माओ को अपना सगा मानकर उनका गुणगान करने वाला एक वामपंथी मित्र मुझसे टकरा गये।

44

हिंदू नूतनवर्ष:- वामपंथी और सनातन धर्मी के मध्य शास्त्रार्थ भाग-२

6 जून 2023
0
0
0

मित्रों मैं सनातन धर्मी हूँ और मेरे एक मित्र हैं जो केवल जन्म  से सनातनी हैं और कर्म से वामपंथी हैं,  अंग्रेजी मान्यता के अनुसार नए वर्ष के आगमन पर मुझसे पुन:  शास्त्रार्थ की अभिलाषा से आ टपके और आते

45

श्रीरामचरितमानस: - सनातन धर्मी और वामपंथी के मध्य शास्त्रार्थ भाग्-३

6 जून 2023
0
0
0

मित्रों  मेरे मित्र जो जन्म  से तो सनातनी  हैं परन्तु कर्म से महा वामपंथी, आज अपने चेहरे पर कुटिल मुस्कान लेकर आए और अपने सिकुड़ चुके छाती को फुलाने का असफल प्रयास करते हुए मुझे ललकारा कि अब बोलो बड़ा स

46

पीसा कि मीनार विश्व धरोहर पर रत्नेश्वर मंदिर का कोई स्थान नहीं।

7 जून 2023
0
0
0

मित्रों हमारे शास्त्रों ने हमें शिक्षित करते हुए बताया है कि:- न विश्वसेदविश्वस्ते विश्वस्ते नातिविश्वसेत्। विश्वासाद् भयमभ्येति नापरीक्ष्य च विश्वसेत्।। अर्थात जो विश्वसनीय नहीं है, उस पर कभी

47

परम बलिदानी बच्चे :- कोटी कोटी नमन।

7 जून 2023
0
0
0

🌹🌸🌻🌼🙏 शुभप्रभात 🙏🌹🌸🌻🌼 दो बच्चे निर्भीकता से उस स्थान पर अपने तेज और शौर्य का प्रकाश फैलाये खड़े थे।उनको चारों ओर से म्लेच्छ प्रजाति के भयानक और डरवाने लोगों ने घेर रखा था। वे सैकड़ो कि संख्या

48

हाँ तुम सावरकर कभी नहीं हो सकते क्योंकि:- "सावरकर बनने के लिए"

7 जून 2023
0
0
0

१:- भोगी नहीं योगी बनना पड़ेगा; २:+ राष्ट्रद्रोही नहीं राष्ट्रवादी बनना पड़ेगा; ३:- अंधकार नहीं प्रकाश फैलाना पड़ेगा; ४:-अधर्म के साथ नहीं धर्म के साथ खड़ा रहना पड़ेगा; ५:+ असत्य या झूठ नहीं सत्य क

49

भारत और विश्व कि अर्थव्यवस्था।

7 जून 2023
0
0
0

हे मित्रों, ईश्वर की असीम अनुकम्पा है हम भारतीयों के ऊपर कि हमने सही समय पर सही निर्णय लिया और किसी के बहकावे में ना आकर हम अपने निर्णय पर अडिग रहे। आइये हम एक विश्लेषण करते हैं कि, हमारा निर्णय

50

जार्ज सोरोस, कांग्रेस और इनके पालतू भारत विद्रोही।

7 जून 2023
0
0
0

मित्रों शीर्षक से हि आपको लेख के तथ्यों के विषय में आभाष हो गया होगा, आइये देखते हैँ की किस प्रकार जार्ज सोरोस और कांग्रेस तथा उनके पालतू भारत विद्रोही, भारत की बढ़ रही वैश्विक साख और विश्वसनीयता क

51

कौन सा पठान?

8 जून 2023
0
0
0

मित्रों हमारे बॉलीवुड को घटिया, अश्लील और् अतिहिन्सक बनाकर उसे हम सनातन धर्मीयों की दृष्टि से पूर्णतया गिरा देने वालो में से एक शाहरुख़ खान, एक "पठान" नामक चलचित्र लेकर आ रहा है, सुना है ये चलचित्र प

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए