हे मित्रों जब महाकवि कबीरदास जी ने उक्त दोहे की रचना कि थी, तब निंदा करने वाले व्यक्ति भी कुछ मर्यादा के साथ गुण और अवगुण पर विचार कर निंदा या आलोचना करते थे। उस वक़्त के म्लेच्छ वर्ग को छोड़ दिया जाए तो आलोचना या निंदा करने वाले लोगों का भी एक आकर्षक व्यक्तित्व और चरित्र् होता था, परन्तु आज के दौर में आलोचना और निंदा करने के नाम पर अशोभनिय टिप्पणियां करना और अपमानजनक शब्दों का उपयोग करना अत्यंत आम सी बात हो गई है।
मुझे इतिहास कि एक घटना याद आती है जब एक कवि ने अपने राजा की आलोचना कविता के माध्यम से करते हुए कहा था(बिहारी शाहजहाँ के समकालीन थे और राजा जयसिंह के राजकवि थे। राजा जयसिंह अपने विवाह के बाद अपनी नव-वधू के प्रेम में राज्य की तरफ बिलकुल ध्यान नहीं दे रहे थे तब बिहारी ने उन्हें यह दोहा सुनाया था)
"नहिं पराग नहिं मधुर मधु नहिं विकास यहि काल
अली कली में ही बिन्ध्यो आगे कौन हवाल"
अर्थात – न हीं इस काल में फूल में पराग है, न तो मीठी मधु ही है। अगर अभी से भौंरा फूल की कली में ही खोया रहेगा तो आगे न जाने क्या होगा। दूसरे शब्दों में, 'हे राजन अभी तो रानी नई-नई हैं, अभी तो उनकी युवावस्था आनी बाकी है। अगर आप अभी से ही रानी में खोए रहेंगे, तो आगे क्या हाल होगा।
अर्थात अपना कर्तव्य पूरा करते हुए उन्होंने राजा को उनके कर्तव्य कि इतनी गहराई से एहसास करा दिया। परन्तु क्या आजकल के परिवेश में इस प्रकार की आलोचना कंही द्रष्टिगत होती है, नहीं ना।
आजकल तो आलोचना या निंदा को किसी व्यक्ति को अपमानित करने का शस्त्र बना दिया गया है। निंदा के नाम पर अनर्गल प्रलाप और मिथ्या प्रवन्चना के आलावा और कुछ नहीं किया जाता। हमारे शास्त्र आलोचक और निंदक को इश्क देते हुए कहते हैं कि:-
परवाच्येषु निपुणः सर्वो भवति सर्वदा ।
आत्म्य्वाच्यं न जानाति जानन्नपि च गुह्यते ॥ --
अर्थात दूसरों की कमियों की आलोचना करने में सभी लोग सदैव निपुण होते हैं, परन्तु स्वयं अपनी कमियों को या तो नहीं जानते और यदि जानते भी हों तो उन्हें छिपाते हैं।
आज का जो परिवेश है वो राग द्वेश ईर्ष्या काम क्रोध मद लोभ मोह और अहंकार इत्यादि से अच्छादित है, जो स्वस्थ आलोचना या निंदा को जन्म हि नहीं लेने देता। उदाहरण के लिए एक व्यक्ति विशेष कि आलोचना किस प्रकार कि जा रही है, आज के समय में तनिक ध्यान दीजिये:-
१:-कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे (वर्तमान मे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष) ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उस व्यक्ति विशेष की तुलना रावण से की। खरगे ने उस व्यक्ति विशेष पर निशाना साधते हुए कहा कि हर बार आपके चेहरे पर ही वोट क्यों दें? क्या आपके रावण की तरह सौ मुख हैं। दिनांक २८ नवंबर, २०२२.
२:-गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री ने प्रधानमंत्री के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में उन्हें औकात दिखा देंगे। दिनांक १२ नवम्बर २०२२!
३:- झारखंड के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहायन ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में मंच से पीएम मोदी की तुलना हिटलर से की। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री हिटलर के रास्ते पर चलेंगे तो वह हिटलर की मौत मरेंगे। दिनांक 12 जून 2022!
४:-महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस की नागपुर इकाई के पूर्व अध्यक्ष शेख हुसैन ने पीएम मोदी को गाली दी और अपशब्दों का प्रयोग किया। शेख हुसैन ने कहा कि जैसे कुत्ते की मौत होती है, वैसे ही नरेन्द्र मोदी की मौत होगी। जब हुसैन यह आपत्तिजनक बयान दे रहे थे, उस समय कांग्रेस के कुछ नेता ताली बजा रहे थे। दिनांक 13 जून, 2022 !
५:- महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष और विधायक नाना पटोले ने 16 जनवरी को भंडारा जिले में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मैं मोदी को मार सकता हूं और उसे गाली भी दे सकता हूं। दिनांक 04 फरवरी, 2022 !
६:-एमपी के पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना राक्षस से की है। उमंग सिंघार नें अपने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी के काशी दौरे का फोटो शेयर करते हुए लिखा कि सनातन धर्म के पुराणों में जितने भी विनाशकारी राक्षसों का वर्णन है, वे सभी भगवान शिव को ही प्रसन्न करने में लगे रहते थे। दिनांक १४ दिसम्बर २०२१!
७:-कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री पर विवादास्पद टिप्पणी की। उन्होंने उन्हें भारत के इतिहास का सबसे क्रूर प्रधानमंत्री बताया। दिनांक 22 दिसंबर, 2020!
८:-सुरजेवाला ने पीएम मोदी की तुलना बंदर से करते हुए कहा कि अबकी बार-बंदर के हाथ में उस्तरा सरकार। दिनांक १७ सितम्बर २०२०!
९:- कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्तागौरव वल्लभ ने एक टीवी डिबेट के दौरान भाषा की सार मर्यादाएं तोड़ दी। उन्होंने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तुलना कुख्यात अपराधी रंगा-बिल्ला से की। दिनांक 18 जुलाई, 2020 ।
१०:- 16 जनवरी, 2020 अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ये देश मोदी-अमित शाह के बाप का नहीं ।
११:- दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए आंदोलन कर रहे लोगों के समर्थन में पहुंचे विवादास्पद नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि ‘जो भी कुर्बानी देनी है उसके लिए मैं भी तैयार हूं अब देखो कि किसका हाथ मजबूत है हमारा या वो कातिल का’। दिनांक 14 जनवरी, 2022!
१२:- मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पीएम मोदी को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी, रिश्तेदार तो छोड़िए बाप और दादा भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं रहे। दिनांक 09 जनवरी, 2020 !
१४:- कांग्रेसी के दिवंगत नेता तरुण गोगोई ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को हिंदू जिन्ना करार दिया। दिनांक 07 जनवरी, 2020 !
१५:-कांग्रेस नेता और एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पीएम नरेन्द्र मोदी की तुलना जनरल डायर से की। दिनांक 18 दिसंबर, 2019 !
१६:- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को कुछ उद्योगपतियों का ‘भोंपू’ करार देते हुए कहा कि उनकी रणनीति एक जेबकतरे जैसी है जो चोरी से पहले लोगों का ध्यान बांट देता है। दिनांक 15 अक्टूबर, 2019 !
१७:-लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी की तुलना गंदी नाली से की। दिनांक 24 जून, 2019!
१८:- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘इनसे बड़ा कायर और कमजोर प्रधानमंत्री मैंने जिंदगी में नहीं देखा। दिनांक 09 मई, 2019!
१९:- कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने पीएम मोदी को लेकर अभद्र टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी औरंगजेब के आधुनिक अवतार हैं। दिनांक 07 मई, 2019!
२०:- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अंबाला से कांग्रेस की उम्मीदवार कुमारी शैलजा के समर्थन में आयोजित सभा में प्रधानमंत्री मोदी की तुलना दुर्योधन से कर दी। दिनांक 07 मई, 2019!
२१:- कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने 16 मार्च को टीवी बहस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को लेकर विवादित बयान दिया। पवन खेड़ा ने पीएम मोदी की तुलना आतंकी मसूद अजहर, ओसामा बिन लादेन, दाऊद इब्राहिम और आईएसआई से कर दी थी। दिनांक 16 मार्च, 2019 !
२२:- गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने भी प्रधानमंत्री मोदी को अपशब्द कहे हैं। जिग्नेश मेवाणी ने ट्वीट कर कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी एक नालायक बेटे हैं, क्योंकि नोटबंदी को जस्टिफाई करने के लिए उन्होंने अपनी 90 साल की माता जी को लाइन में खड़ा कर दिया। दिनांक 25 नवंबर, 2018 !
२४:-राज बब्बर ने इंदौर की एक चुनावी सभा में सारी हदों को पार करते हुए कहा कि आज डॉलर के सामने रुपया इतना गिर गया है कि पीएम मोदी की मां की उम्र के करीब पहुंचने लगा है। दिनांक 22 नवंबर, 2018!
२५:-पटना में एक रैली को संबोधित करते हुए जिग्नेश मेवानी ने 9 मिनट का भाषण दिया, जिसमें उन्होंने 6 बार पीएम मोदी को ‘नमक हराम’ कहकर संबोधित किया। दिनांक २५ नवम्बर २०१८!
२६:-राहुल गांधी ने 20 सितंबर को राजस्थान के डूंगरपुर में कहा कि, ‘नरेंद्र मोदी जी ने कहा था मैं देश का प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता हूं, मैं देश का चौकीदार बनना चाहता हूं… लेकिन आज देश के दिल में, राजस्थान की जनता के दिल में एक नई आवाज उठ रही है… गली-गली में शोर है, हिंदुस्तान का चौकीदार चोर है।’ यह गाली और अपशब्द वह 2019 के पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान देते रहे। दिनांक २० सितम्बर २०१८!
२७:- पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री मोदी पर बयान देते हुए कहा कि 'मुझको लगता है कि ये आदमी बहुत नीच किस्म का है, इसमें कोई सभ्यता नहीं है। दिनांक 07 दिसंबर 2017!
२८:- कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी ने पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना दुनिया के तानाशाह शासकों गद्दाफी, मुसोलिनी और हिटलर से कर दी। दिनांक 16 नवंबर, 2016 !
२९:-कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करते हुए उन्हें जवानों के खून का दलाल तक कह डाला। किसान यात्रा के दौरान दिल्ली पहुंचने पर इन शब्दों का इस्तेमाल किया। दिनांक 6 अक्टूबर, 2016!
३०:-सहारानपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान मसूद ने एक चुनावी रैली के दौरान नरेंद्र मोदी को टुकड़े-टुकड़े करने की बात कही। दिनांक 28 मार्च, 2014!
३१:-2007 के चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहा था।
३२:-कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी को सांप, बिच्छू और गंदा आदमी कहा था। दिनांक 3 मार्च, 2013 !
३३:-कांग्रेस प्रवक्ता और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मार्च 2012 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की लना दाऊद इब्राहिम से की।
३४:-कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने नरेंद्र मोदी को न्यूमोनिया की तरह का वायरस कहा और उसे नमोनिटिस का नाम दिया। दिनांक 7 जून, 2013!
३५:- तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की बंदर के साथ तुलना की। दिनांक 8 जून, 2013!
३६:-कांग्रेस नेता और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने नरेंद्र मोदी को पागल कुत्ता कहा। दिनांक 14 जुलाई, 2013!
मित्रों ये तो मात्र कुछ उदाहरण हैं, जिन्हें संकलित कर इस लेख में प्रस्तुत किया गया है। आप तनिक स्वय विचार किजिये जिस व्यक्ति विशेष के लिए उक्त टिप्पणियां की गई हैं, वो व्यक्ति आज दुनिया का सबसे लोकप्रिय नेता, भारत का दो बार से बन रहा प्रधानमंत्री, गुजरात का तीन बार रह चुका मुख्यमंत्री और दुनिया के सात देशों के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित व्यक्तित्व है।
अब प्रश्न ये है कि क्या उपरोक्त टिप्पणियां किसी भी सार्थक आलोचना या निंदा का हिस्सा बन सकती हैं, क्या एक सभ्य समाज में इस प्रकार कि निंदा या आलोचना स्वीकार कि जा सकती है। भारत देश कि आम जनता ने तो साबित कर दिया है कि ये असभ्य आलोचना या निंदा स्वीकार नहीं कि जाएगी और इसीलिए वो आदरणीय नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी को अपने सबसे विश्वाशपात्र नेता के रूप में स्वीकार कर चुकी है।
हमारे शास्त्र भी अनुपयुक्त आलोचना की मनाही करते हैं।
"सत्यं मृदु प्रियं वाक्यं धीरो हितकरं वदेत्।
आत्मोत्कर्षं तथा निन्दां परेषां परिवर्जयेत्।।"
वेदास्त्यागश्च यज्ञाश्च नियमाश्च तपांसि च ।
न विप्रदुष्टभावस्य सिद्धिं गच्छन्ति कहिंचित्।।
अर्थात धैर्यवान मनुष्य को चाहिए कि वह सत्य, मृदु, प्रिय, हितैषी और अपने ढंग से बोले। अजनबियों की आलोचना को छोड़ देना चाहिए। दूषित हृदय वाले व्यक्ति का वेदाध्ययन , त्याग , यज्ञादि का अनुष्ठान , यम - नियमों का पालन , अभ्यास ये कभी सिद्धि प्राप्त नहीं करते हैं ।
और कबीरदास जी ने तो स्पष्ट तौर पर यह संदेश दिया है कि
" बुरा जो देखन मैं चला बूरा ना मिलिया कोय
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा ना कोय।"
"नापृष्टः कस्यचिद् ब्रू यान्न चान्यायेन पृच्छतः ।
जानन्नपि हि मेधावी जडवल्लोक आचरेत्।।"
अर्थात - बुद्धिमान मनुष्य को यह उचित है कि वह श्रद्धापूवक प्रश्न न करने वाले को अथवा अन्याय के साथ पूछने वाले को उत्तर न दे । वह जानकार होते हुए भी जड़ या मूर्ख की भाँति आचरण करें! और शायद हमारे प्रधानमंत्री जी स्वय कि असभ्य निंदा करने वालों को पलट के उत्तर देना तो दूर कि बात है, कर पर टिप्पणी भी नहीं करते हैं।
आज कि परिस्थितियां ऐसी हैं कि, भाजपा शासित राज्यों को छोड़ दिया जाए तो, लगभग हर राज में एक नेता है जो अपने आपको प्रधानमंत्री के रूप में पेश करने कि तैयारी में लगा हुआ है जैसे:-
बिहार से श्री नितीश कुमार, पाश्चिम बंगाल से सुश्री ममता बनर्जी, तेलंगाना से चन्द्रशेखर राव, महाराष्ट्र से शरद पवांर, दिल्ली से अरवीन्द केजरीवाल और छ्त्तीसगढ और राजस्थान से कांग्रेस के युवराज राहुल गाँधी इत्यादि। अब नितीश को चन्द्रशेखर राव पसन्द नहीं, शरद पवांर को नितीश पसंद नहीं, अरविन्द केजरीवाल को ये तीनो पसन्द नहीं और राहुल गाँधी को ये सब पसंद नहीं और इन सबको ममता बनर्जी पसंद नहीं और सब एक दूसरे से अपने लिए समर्थन जूटा रहे हैं।
इधर एक व्यक्ति अपने सम्पूर्ण समर्पण और राष्ट्रभक्ति से भारत और भारतीयों कि अनवरत सेवा किये जा रहा है और जनता उसे किसी भी स्थिति में स्वय से दूर करने के लिए तैयार नहीं है।
जय हिंद भारत माता की जय।
लेखन और संकलन: - नागेंद्र प्रताप सिंह (अधिवक्ता)
aryan_innag@yahoo.co.in