अक्सर आपने टीवी या सिनेमाहॉल में महानायक अमिताभ बच्चन को दो बूंद जिंदगी की बोलते देखा होगा। वो विज्ञापन पोलियो का होता है जिस मुहीम से वे कई साल पहले जुड़े और आज भी पोलियो की रोकथाम के लिए पिलाए जाने वाले ड्रॉप के लिए आम लोगों को जागरुक करते हैं। पोलियो एक गंभीर बीमारी है जो एक बार शरीर में लग जाती है तो इंसान चलने-फिरने और बोलने मे में परेशानी होने लगती है। पहले तो polio ka ilaj नहीं था लेकिन अब इसका उपचार संभव है और इसका उपचार सही समय पर कराने से मरीज इससे मुक्ति भी पा सकता है।
क्या है पोलिया का उपचार
पोलियोमेलाइटिस या पोलियो एक संक्रामक बीमारी होती है जो वायरस वायरल के कारण हो जाती है। पोलियो वायरल हमारे तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है और इस बीमारी के विशेषज्ञों के अनुसार 5 साल से कम उम्र के बच्चे दूसरे समूहों की तुलना में इस वायरल से संपर्क करने की संभावना ज्यादा हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पोलियो से प्रभावित होने पर 200 में 1 व्यक्ति को स्थायी रूप से पैरालिसिस हुआ है। दुनिया में इन देशों को अब डब्ल्यूएचओ द्वारा पोलियो मुक्त के रूप में प्रमाणित किया गया है-
1. अमेरिका
2. यूरोप
3. पश्चिमी प्रशांत
4. दक्षिणपूर्व एशिया (इसमें भारत भी शामिल है)
कैसे होती है पोलियो की बीमारी ?
अगर किसी बच्चे को पोलियो का टीका नहीं लगता है तो उन्हें यात्रा करने के दौरान या फिर किसी पोलियो ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आने से ये घातक बीमारी घेर लेती है। जिन क्षेत्रों में हालिया पोलियो प्रकोप रहा है या पोलियओवायरल के लैब में सैंपल नमूने को संभालने के दौरान भी हो जाता है। अगर आपने टॉन्सिल हटवाया है और पोलियो से संक्रमि व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं तो आपको भी पोलियो की संक्रमित बीमारी घेर सकती है। पोलियो दो प्रकार की होती है-
नॉन पैरालिटिक पोलियो- यह तंत्र तंत्रिकाओं में पहुंचकर अपनी गतिविधियों से केवर गर्दन और पीठ में ऐंठन पैदा कर देती है लेकिन इसके कारण लकवाग्रस्त होने की संभावना नहीं होती।
पैरालीटिक पोलियो- लगभग 1 प्रतिशत पोलियो के मामलों में लकवाग्रस्त पोलियो विकसित होता है। पैरालिक्टिक पोलियो रीढ की ह़ड्डी, मस्तिष्क तंत्र या दोनों में लकवे का कारण बन सकता है।
1. ऐसे क्षेत्र में घूमना जहां पर पोलिया का प्रकोप हो।
2. पोलियो संक्रमित व्यक्ति की देखभाल करते समय उसके साथ रहना।
3. लेबोरेटरी में संक्रमित नमूने की जांच करने से।
4. आपके टॉन्सिल्स को सर्जरी द्वारा निकलवाना।
5. वायरस के संपर्क में आने के बाद ज्यादा तनाव होने पर।
पोलियो के लक्षण
पोलियो का कारण संक्रमित रूप से हमारे शरीर में प्रवेश करता है और इसकी वजह से हमारे शरीर के कुछ पार्ट धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं। फिर भी अगर किसी को Polio Ke Lakshan कुछ इस तरह दिखें तो तुरंत डॉक्टर के पास उपचार के लिए जाएं..
1. बुखार
2. गले में खराश
3. सिरदर्द और उल्टी
4. थकान, पीठदर्द और ऐंठन
5. दिमागी बुखार
6. बाहों या पैरों में दर्द होना
7. मांसपेशियों में कमजोरी आना
8. गर्दन पूर्णरूप से ना घूमना
9. हाथ-पैरों में ऐंठन होना
10. आवाज में बदलाव आना
पोलियो का इलाज
ऐसा बताया जाता है कि Polio Ka ilaj संभव नहीं है लेकिन इसके उपचार का उद्देश्य आराम देना, तेज रिकवरी और जटिलताओं को रोकना है। नीचे दिए गए कुछ उपचारों से आप पोलियो के मरीज का इलाज कर सकते हैं-
1. पोलियो की रिकवरी के लिए पूर्ण रूप से आराम करना बहुत जरूरी होता है।
2. पोलियो में होने वाले असहनीय दर्द से निजात पाने के लिए आपको चिकित्सिक कुछ दर्द निवारक होने की सलाह दे सकते हैं।
3. कुछ लोगों को सांस लेने में समस्या हो सकती है तो उनकी सांस लेने में सहायता के लिए पोर्टेबल वेंटिलेटर का उपयोग किया जाता है।
4. पोलियो में पौष्टिक आहार का सेवन करना बेहद जरूरी होता है।
5. पोलियो के रोग में मांसपेशियों में ऐठन की समस्या होती है जिसके लिए आपके चिकित्सिक आपकी मांसपेशियों को आराम देने के लिए एंटीस्पास्मोडिक दवाओं की सलाह दे सकते हैं।
6. पोलियो में मूत्र पथ संक्रमण होने का जोखिम बहुत होता है जिससे बचने के लिए आपके चिकित्सक आपको कुछ एंटीबायोटिक दवाएं लेने के लिए कह सकते हैं।
7. मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन को कम करने के लिए हीटिंग पैड या गर्म तौलिए का उपयोग किया जा सकता है।
8. पैर की मांसपेशियों की कमजोरी के लिए व्यायाम और फिजियोथेरेपी का इस्तेमाल भी किया जाता है।
निष्कर्ष- पोलियो एक गंभीर बीमारी होती है इसलिए इसके लक्षण दिखते ही आपको इसका उपचार शुरु कर देना चाहिए। पोलिया का आयुर्वेद में भी अच्छा और सफल इलाज ढूंढ लिया गया है। अगर आपको इससे संबंधित किसी परामर्श की जरूरत है तो आप हमारे एक्सपर्ट्स से बात कर सकते हैं।