वैसे मच्छर के काटने से बहुत सी बीमारियां हो जाती हैं लेकिन चिकनगुनिया एक ऐसा वायरल है जो मच्छरों के काटने से फैलता है.पहली बार इस बीमारी को साल 1952 में दक्षिणी तंजानिया में पाया गया था और फिर धीरे-धीरे ये बीमारी दुनियाभर में फैलती गई और अब 60 से ज्यादा देशों में इसका असर दिख चुका है. चिकनगुनिया किसी भी उम् के लोगों को हो सकती है और यह बीमारी 7-8 साल के बाद एक बार फिर से आती है. साल 2010 में दिल्ली में चिकनगुनिया फैला था और फिर कई बार ये बीमारी चर्चा में आई. Treatment of Chikungunya In Hindi के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए.#चमपगच
चिकनगुनिया के लक्षण
1. मच्छर के काटने के 3 से 7 दिन के अंदर बुखार आने लगता है. ठंड लगने के बाद बार-बार बुखार आ जाना इसका पहला लक्षण बताया जाता है.
2. जोड़ों में तेज दर्द के साथ बुखार भी आता है. हाथ-पैर में मूवमेंट करने में भी तकलीफ होती है और ये दर्द बहुत दिनों तक बना रहता है. कुछ लोगों में दर्द के साथ सूजन भी बनी रहती है.
3. शरीर में खुजली करने पर चकत्ते या रैशेज पड़ जाते हैं लेकिन कुछ लोगों में ऐसे लक्षण भी नजर आते हैं कि वे चकत्ते चेहरे, चेहरे और जांघ पर बिना खुजलाए ही पड़ जाते हैं.
4. तेज सिर दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, चक्कर आना, उल्ली महसूस होना या हर समय जी मिचलाना. अगर ये लक्षण नजर आ रहे हैं तो सबसे पहले आपको ब्लड टेस्ट करा लेना चाहिए.
5. नवजात बच्चे और 65 साल के बुजुर्ग के लिए ये बीमारी घातक हो सकती है. जिन लोगों को बीपी या डायबिटीज की शिकायत होती है उनके लिए चिकनगुनिया खतरनाक साबित होता है.
चिकनगुनिया से कैसे करें बचाव ?
चिकनगुनिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को केवल मच्छर के काटने से फैल जाता है इसलिए जहां तक हो सके मच्छर के काटने से बचें और अगर जिसे ये बीमारी हुई है उससे थोड़ा दूर ही रहें. घर में या आस-पास पानी भरा हो तो उसे साफ करवा दें. अगर ज्यादा मच्छर लगते हैं तो ऑलआउट और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. ऐसे कपड़े पहनकर रखें जिससे शरीर ढककर रखा जा सके और अगर आपके आस-पास किसी को ये बीमारी सुनाई देती है तो बच्चों को भी बाहर खेलने नहीं भेजें.
चिकनगुनिया का सही उपचार - Treatment of Chikungunya In Hindi
चिकनगुनिया एक वायरल वाली बीमारी है और इसे इंफेक्टेड Aedes मच्छरों के काटने से फैलता है.होम्योपैथ में eupatperf 200 नाम की दवा काम आती है लेकिन इसे लेने से पहले अपने फैमिली डॉक्टर से कंसर्न करा लें. आमतौर पर लोगों को लगता है कि चिकनगुनिया में अस्पताल जाना ही एक आखिरी रास्ता है लेकिन ऐसा नहीं होता डॉक्टर के संपर्क में रहना अच्छा है लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की गलती से आपकी बीमारी ठीक होने की बजाए बढ़ेगी. इसके कुछ उपचार नीचे लिखे है-
1. चिकनगुनिया की कोई स्पेसिफिक दवा तो नहीं होती इसलिए इसमें डॉक्टर से ही दवा लिखवाना सही रहता है. कुद इसका इलाज नहीं करें क्योंकि ये वायरस है आसानी से ठीक नहीं हो पाता.
2. चिकनगुनिया होने पर घर पर ही रहें और जितना हो सके आराम करें इस दौरान आराम बहुत जरूरी माना जाता है.
3. चिकनगुनिया में अक्सर लोगों को डी-हाइड्रेशनकी शिकायत होती है और ऐसे में ज्यादा लिक्विड चीजों का सेवन करें. लिक्विड डाइट लेना भी फायदेमंद होता है.
4. उन चीजों को ज्यादा से ज्यादा लें जिसमें विटामिन और प्रोटीन से भरपूर भोजन का सेवन करना चाहिए. विटामिन सी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है और इसमें बहुत सा स्पाइसी खाने से परहेज करना होता है.
5. चिकनगुनिया के दौरान मरीज बहुत कमजोर हो जाता है और नारियल पानी से उन्हें अंदर से ताजगी मिल सकती है.