Baby Care Tips In Hindi- मां बनना हर महिला के लिए एक सौभाग्य की बात होती है और शादी के बाद ही उनसे एक अपेक्षा की जाती है. महिला के मन में भी मां बनने का ख्याल शादी के बाद से ही उमड़ने लगता है, फिर वो समय आता है जिसका उन्हें इंतजार होता है और वे प्रेग्नेंसी के उन 9 महीनों से गुजरने लगती हैं. इन 9 महीनों में एक गर्भवती महिला को दर्द और तकलीफ बहुत ज्यादा झेलनी पड़ती है, लेकिन जब वो बच्चे को जन्म देती हैं तब उनकी सारी तकलीफ बच्चे को देखते ही खत्म हो जाती है. अब उनके सामने बच्चे की परवरिश की चुनौती आती है.
इस तरह करें बच्चों की देखभाल - Baby Care Tips
अपने बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना हर माता-पिता की जिम्मेदारी होती है और नवजात शिशु को संभालना बहुत बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है,जिसमें बहुत सी सावधानियां भी बरतनी होती हैं. ऐसे में आपका ये जानना जरूरी हो जाता है कि आप कैसे अपने नवजात शिशु की देखभा तरीके से कर सकते हैं.
बच्चे को संभालने का तरीका - नवजात से लेकर जब तक बच्चा 1 साल का नहीं हो जाता, तब तक बच्चे को बहुत तरीके से संभालना होता है. इसके लिए नवजात को गोद में उठाने से पहले हाथ को एंटी सेप्टिक सेनेटाइजर लिक्विड से अच्छे से धो लेना चाहिए जिससे बच्चे को कोई संक्रमण नहीं हो. बच्चों के प्रति साफ-सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए. बच्चों की हड्डियां कमजोर होती हैं और गर्दन में भी लचकपन होता है जो समय के साथ धीरे-धीरे ठीक होता है.
नवजात को नहीं दें कोई झटका - बच्चे के जन्म से लेकर उनके 1 साल के होने तक बच्चे को ना ज्यादा हिलाकर खिलाएं और ना ही उसे झकझोरें, क्योंकि ऐसा करने से बच्चे के दिमाग पर असर पड़ता है. कभी-कभी मस्तिष्क में रक्त संचार रुक जाता है जिससे बच्चा दिमागी रूप से अपंग भी हो सकता है. वहीं अगर बच्चे को नींद से जगाना है तो सबसे बेहतर तरीका होता है कि उसके पैर में धीरे चुटकी काटें.
स्तनपान करने का सही तरीका - मां का दूध ना सिर्फ नवजात के लिए सबसे बेहतरीन आहार होता है बल्कि प्रसव के बाद मां का दूध पीलेपन और गाढ़ा होता है जो बच्चे की इम्यूनिटी को बढ़ाता है. वहीं स्तनपान कराने के लिए शिशु और मां का सही पोजिशन में होना बहुत जरूरी होता है. मां दोनों बाजुओं में शिशु को उठाकर उसके पूरे शरीर को अपनी ओर कर लें और इसके बाद ही स्तनपान कराए. बच्चे को बहुत जोर से छाती से नहीं लगाएं क्योंकि ऐसे में बच्चे का दम घुटता है और स्तनपान कराते समय बच्चे की ना भी देख लें कहीं दबी तो नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि दूध पीते हुए बच्चा नाक से सांस लेता और छोड़ता है अगर नाक बंद हो जाएगी तो उसका सांस लेना मुश्किल हो जाता है.
बोतल से दूध पिलाने का सही तरीका - अगर आप शिशु को स्तनपान नहीं करा पा रही हैं तो बेबी फूड या पाउडर के दूध की बोतल से उसकी फीडिंग कराएं. इसमें भी आपको बहुत सी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं जैसे बोतल को गर्म पानी में धुलना, शिशु के पाउडर की मात्रा गर्म पानी में सही होनी चाहिए. शिशु को वो पिलाते हुए पानी ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए. हर तीन घंटे पर या भूख लगने पर शिशु को बोतल से फीडिंग कराएं, भूलकर भी बोलत में बचे दूध को फ्रीज में ना रखें और उसी दूध को कभी दोबारा नहीं पिलाएं.
खान-पान का रखें सही ख्याल - नवजात शिशु से लेकर जब तक बच्चे एक साल के नहीं हो जाते तब तक वे कुछ मांग कर नहीं खाते हैं, इसलिए ऐसे में उनका बेहतरीन ख्याल रखना जरूरी होता है. 6 महीने का होने पर बच्चे को कुछ ठोस चीज खिलाना शुरु कर देना चाहिए. इसमें पतली दाल, सेरोलेक, रोटी की ऊपरी परत, दूध और भी छोटी-मोटी चीजें बच्चे खाना शुरु कर देते हैं. एक रिसर्च में बताया गया है कि अगर मां खाने में करेला खाती है तो हो सकता है कि उसके बच्चे को स्तनपान कड़वा लगे. अगर आप स्तनपान करा रही हैं तो आपको कुछ भी उल्टा-सीधा नहीं खाना चाहिए.
किन परिस्थितियों में जाएं डॉक्टर के पास - अगर आपका बच्चा बहुत देर तक स्तनपान कर रहा है तो वो पूरे दिन में 6 से 8 बार डायपर गीला कर सकता है. इसकी वजह पेट में कोई गड़बड़ हो सकती है अगर बच्चा चार बार से ज्यादा डायपर गीला करता है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. इसके अलावा नवजात बच्चों को निमोनिया जैसी बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए.
इन बातों का भी रखें खास ख्याल- Some Other Tips for Care
1. नवजात शिशु से लेकर 1 साल के बच्चे को दिन में दो से तीन बार मालिश की जानी चाहिए. बच्चे के सिर पर जहां बहुत कमजोर दिखता है उसे कभी सूखा नहीं रहने दें, उसमें तेल से नरिश रखें.
2. बच्चे के मानसिक विकास के लिए मां को हमेशा सतर्क रहना चाहिए. ध्यान रहे कि बच्चे को ऐसी चीजें नहीं दिखाई या सिखाई जाएं जो उसके दिमाग में हमेशा के लिए असर छोड़ जाए.
3.एक रिसर्च में माना गया है कि बच्चे जितना सोते हैं उतनी अच्छी उनकी ग्रोथ होती है. बच्चों को हमेशा पर्याप्त नींद लेने दें क्योकि इससे बच्चा खुश और फ्रेश रहता है.
4. नवजात को नर्म और गर्म कपड़े में लपेटकर सीधा रखना चाहिए. इससे बच्चा बहुत सुरक्षित महसूस करता है. 0-2 महीने तक बच्चे को लपेटकर रखें, जिससे बच्चे को वातावरण के बदलाव का ज्यादा असल नहीं पड़ता है.
5. बच्चों को 6 महीने के पहले ना ज्यादा ठंडा और ना ज्यादा गर्म पानी से नहलाएं, इसके लिए गनगुना पानी बेहतर होता है.