''लोग रोज नसें काट लेते हैं, प्यार साबित करने के लिए लिकिन कोई सुई नहीं चुभने देता रक्तदान के लिए''....ये लाइन थी एक शायरी की ऐसे ही ना जाने कितनी शायरियां या चुटकुले सुने होंने आपने लहू और नसों के लिए लेकिन क्या लोग इसके सही मायने समझते हैं ? हमारे शरीर में जितनी भी नसें हैं उनका काम पूरी बॉडी को रक्त पहुंचाना होता है और इसलिए ही अक्सर शायरियों या गानों मे लहू (रक्त) के साथ नसों का भी जिक्र होता है। नसों से जुड़ी की बीमारियां भी हो सकती हैं लेकिन naso me sujan की समस्या ज्यादा पाई जाती है। इसके लिए लोग ना जाने कितनी दवाईयां खा लेते हैं और इसका एलोपैथिक उपचार भी करते हैं लेकिन यहां मैं आपको नसों में सूजन का एलोपैथिक उपचार बताने वाली हूं।
नसों में सूजन के लक्षण
नसों में सूजन के लक्षण शुरुआत में ही धीरे-धीरे विकसित होते हैं। खासकर अगर आपको डायबिटीज मेलिटस या दूसरे किसी स्वास्थ्य संबंधी बीमारी है तो नसों में सूजन पहले दिखने लगती है। naso me dard होने के साथ जब सूजन होने लगती है तब उसके कुछ ऐसे लक्षण सामने आते हैं-
1. अगर आपके शरीर की नसें कमजोर है किसी भी दवा का असर सीधे आपके नसों में सूजन ला सकता है।
2. नसों का रंग काले बैंगनी या नीले रंग में आ जाता है।
3. हाथ या पैरों में कुजली होने लगती है।
4. जहां नसें सूजने वाली होती हैं वहां जलन, थ्रोबिंग, मांसपेशी ऐंठन और निचले पैरों में सूजन हो जाती है।
5. लंबे समय तक पैर लटकाकर बैठे रहने से नसों में दर्द होने से सूजन भी आ जाती है।
6. नसों में सूजन आने पर मांसपेशियां कमजोर दिखने लगती है।
7. हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्न हो जाना।
8. नसों वाली जगहों पर कुछ धड़कन जैसा प्रतीत होना।
नसों में सूजन के कारण
नसों से संबंधित दिल्ली के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर से बात करने पर हमें पता चला कि नसों में सूजन के कारण क्या होते हैं। डॉक्टर के मुताबिक, नसों में सूजन कई वजहों से आती हैं लेकिन अक्सर ये हाथ या पैर में ज्यादा होती है। इस समस्या को वेरिकोस वेन कहते हैं जो पैर के निचले हिस्से में मुख्यरूप से हो जाती है। पैरों की नसों में वॉल्वे होते हैं जिनकी सहायता ग्रैविटेशन के बाद भी रक्त नीचे से ऊपर हृदय तक पहुंचता है लेकिन अगर ये वॉल्व खराब हो जाएं या पैरों में कोई समस्या आ जाती है तो ब्लड ऊपर नहीं चढ़ पाता और पैसों में जमने लगता है। जब शरीर में ब्लड जमेगा तो नसें कमजोरी के कारण फूलने लगती हैं। इसी कारण नसों में सूजन भी आ जाती है और ऐसा बॉडी के किसी भी पार्ट में हो सकता है। वैसे इन वजहों से भी आती है नसों में सूजन-
1. लगातार बैठकर काम करने से
2. लगातार खड़े रहने से
3. पैरों को मोड़कर काम करने से
4. नमक की मात्रा ज्यादा लेने पर
5. वॉल्व खराब होने पर
नसों में सूजन से बचाव
अगर आप नहीं चाहते कि आपकी नसों में खिंचाव, सूजन या दर्द जैसा एहसास हो तो आपको नसों की सूजन से बचाव करने चाहिए और उसके लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं-
1. अच्छा और असंतुलित भोजन
2. नियनित रूप से विटामिन बी के सप्लीमेंट्स लेना
7. तनाव से बचना
9. धूम्रपान करने वाले लोगों से दूर रहना
10. ज्यादा शराब पीना
नसों में सूजन का घरेलू उपाय
अगर आपको नसों में सूजन महसूस होता है तो उसे डॉक्टर्स को तुरंत दिखा लेना चाहिए लेकिन अगर हल्का दर्द और सूजन की शुरुआत है तो कुछ ऐसे बेहतरीन घरेलू उपायों और नुस्खों से ठीक हो सकते हैं-
1. दो से तीन कप सेंधा नमक को एक मुलायम कपड़े पर लपेट लें और एक बाल्टी गर्म पान में नमक की पोटली रख दं। सेंधा नमक की पोटली को उसमं रहने दे और इस पानी से नहाएं। इस उपाय को आप हर दिन कर सकते हैं।
2. एक गिलास गाय के दूध में दो चम्मच हल्दी पाउडर को मिलाकर हर रात खाने के बाद पिएं। हल्दी वाले दूध में बहुत से गुण होते हैं जो हर तरह की छोटी-मोटी बीमारियों को खत्म कर देते हैं।
3. अगर आपको शुगर है तो उसे नियंत्रित रखें वरना इससे भी पैरों की नसों में सूजन आ जाती है इससे बचने के लिए शुगर कंट्रोल करें।
4. मेडिटेशन, बायोफीडबैक और हिप्नोसिस लोगों को नसों के दर्द से आराम मिलता है। मेडिटेशन करने के लिए सही पेशेवर को चुना सही होता है। इसके अलावा आप इसकी शुरुआत करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं।
5. कुछ रिसर्चेस में बताया गया है कि वनस्पति तेल जैसे जेनेरियम तेल और लैवेंडर के तेल से नसों के दर्द और सूजन में राहत मिलती है।
6. नसों का दर्द रात में ज्यादा बढ़ता है और इसकी वजह से नींद भी नहीं आती है इसके लिए आपको दिन में कैफीन के सेवन को नियंत्रित करना चाहिए और 8 घंटे की प्रॉपर नींद लेनी चाहिए।
7. सरसों के तेल में लहसुन और अजवाइन को अच्छे से पका लें और रात के समय नसों में सूजन वाले हिस्से की मालिश करें वो भी 10-15 मिनट तक।
निष्कर्ष- शरीर है तो बीमारी होना लाज़मी है लेकिन कुछ बीमारियां हमारे कंट्रोल में होती हैं और इन्हें हम खुद ठीक सकते हैं। नसों में सूजन आना कहीं ना कहीं हमारी लापरवाही का हिस्सा होती है और इसे हम सुधार सकते हैं। अगर फिर भी आपको नसों से संबंधित कोई समस्या होती है तो आप हमारे एक्सपर्ट्स से बात कर सकते हैं।