8 Month Pregnancy Baby Movement In Hindi- 9 महीने की प्रेग्नेंसी के बाद जब मां के हाथ में उसका बच्चा सही सलामत आता है तब उसका सारा दर्द और तकलीफ दूर हो जाती है. एक बच्चा मां की जान होता है क्योंकि वो गर्भ में उसे खून और पानी से सींचती है और फिर बहुत ज्यादा दर्द-तकलीफ के साथ उसे जन्म देती है. प्रेग्नेंसी के आंठवे महीने में बच्चे का पूर्णरूप से विकास हो चुका होता है और अब उसके जन्म होने का कभी भी समय शुरु हो जाता है. गर्भावस्था के आठवां महीने से ही घरवाले भी बच्चे की स्वागत की तैयारी में लग जाते हैं.
प्रेग्नेंसी के आठवें महीने के लक्षण - Symptoms of 8 Month Pregnancy
गर्भ में पल रहे बच्चे का पूर्ण पोषण 8 महीने में हो जाता है और बहुत से बच्चे तो 7 महीने में भी पैदा हो जाते हैं लेकिन हम बात 8वें महीने की कर रहे हैं तो आपको बता दें कि उस दौरान कौन-कौन से लक्षण होते हैं और मां को क्या अनुभव होता है.
पीठ दर्द - गर्भावस्था में पीठ दर्द की समस्या हर महिला को होती है और इस वजह से गर्भवती महिलाओं की सांस फूलने लगती है. मगर इस समस्या से आपको शिशु को लेकर घबराना नहीं चाहिए क्योंकि प्लेसेंटा के जरिए शिशु को गर्भ में पर्याप्त ऑक्सीजन मिल जाती है जिससे वे अच्छे से सांस ले सकता है.
स्तनों में रिसाव - गर्भावस्था के तीसरे महीने में स्तनों में गाढ़ा और पीले रंग का स्राव निकलने लगता है जिसे कोलोस्ट्रम कहते हैं और ये दिन में किसी भी समय बहने लगता है और कभी भी सामान्य हो जाता है. जैसे ही प्रसव की डेट नजदीक आती है यह रिसाव रंगहीन होने लगता है.
ब्रेक्सटन हिक्स - यह प्रक्रिया प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में आती है और आठवें महीने तक जारी रहता है. इसमें आपको गर्भाशय की मांसपेशियों में कसाव महसूस होने लगता है और ब्रेक्सटन हिक्स 30 सेकेंड से एक मिनट तक होता है.
बवासीर - बहुत सी महिलाओँ को आठवें महीने में कब्ज के कारण बवासीर भी हो जाती है. इसके अलावा बढ़ते हुए गर्भाशय के कारण नीचे की नसों में सूजन भी आती है जिससे बवासीर का खतरा बढ़ जाता है.
शरीर में आते हैं बदलाव - गर्भावस्था के आठवें महीेने में शिशु पूरी तरह से विकसित हो जाता है और बढ़ते हुए गर्भाशय से जब मूत्राशय पर दबाव पड़ता है तब प्रेग्नेंट महिला को बार-बार यूरिन करने का मन होता है. रात में बार-बार पेशाब महसूस हने के कारण नींद की भी समस्या होने लगती है. गर्भाशय बढ़ने के कारण पेट के निचले हिस्से में स्ट्रेच मार्क्स पड़ जाते हैं, तो वहीं कुछ महिलाओं की त्वचा की नसें भी उभरी नजर आती हैं.
आठवें महीने की गर्भावस्था में बच्चे का विकास
इस महीने तक आते-आते शिशु पूरी तरह से विकास हो जाता है और इतना ही नहीं अब शिशु बाहर की आवाजों पर किक मारना शुरु कर देता है. अब वो हिचकियां भी लेता है और यही वो समय होता है जब आप अपने बच्चे से बाहर से ही बातें करके उससे मधुर रिश्ता बना सकते हैं. इस तरह से होता है बच्चों का विकास -
1. शिशु की आंखे और पलकें पूरी तरह से बन जाती है और अब वो आंखे खोल भी सकता है.
2. शिशु के फेफड़े और ज्यादा विकसित हो जाते हैं.
3. आठवें महीने तक शिशु के सिर पर बाल भी आ जाते हैं.
4. शिशु के मस्तिष्क का तेजी से विकास इसी महीने शुरु होता है और इस दौरान न्यूरॉन्स तेजी से बढ़ता है.
5. अगर गर्भ में पल रहा लड़का है तो जननांग का बाहर भी ओर कुछ विकास शुरु हो जाता है और अगर लड़की है तो योनि का विकास इस महीने से विकसित होने लगता है.
6. इस महीने तक शिशु की लंबाई लगभग 14 हो जाती है और वजन करीब 1133 ग्राम हो जाता है.
आठवें महीने में इस तरह करें देखभाल- Care of 8 Months Pregnancy
गर्भावस्था का आखिरी समय बहुत नाजुक होता है इसलिए गर्भवती महिला की खास देखभाल करनी चाहिए. गर्भवती महिला की जीवनशैली कैसी और उसका खान-पान कैसा है इन सबका असर बच्चे पर पड़ने लगता है और इसलिए उनकी देखभाल करना बहुत जरूरी हो जाता है. जब बात आती है देखभाल की तो सबसे पहले उनके खान-पान का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है और बेहतर यही है कि गर्भवती महिला के लिए एक डाइट चार्ट बना लें और उसी के आधार पर उन्हें खाने-पीने के लिए कुछ भी दें.
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