Symptoms of Periods In Hind- एक लड़की के 13-14 साल की उम्र में आते ही कई बदलाव आते हैं और उनमें से एक पीरियड्स भी होता है. अक्सर लड़कियों के साथ ऐसा होता है जब पहली बार उन्हें पीरियड्स आते हैं तब वे स्कूल में होती हैं और उन्हें पता भी नहीं होता है कि ये क्या है क्योंकि उनकी मां या किसी ने उन्हें इसके बारे में खुलकर नहीं बताया होता है. कुछ लड़कियां समझदार होती हैं समझ जाती हैं लेकिन कुछ ब्लड देखकर घबरा जाती हैं लेकिन एक बात है कि पीरियड्स आने से पहले कुछ संकेत देता है जिन्हें समझने की जरूरत होती है
पीरियड्स के लक्षण - Symptoms of Periods
महिलाओं के जीवनकाल में करीब 500 बार पीरियड्स आते हैं क्योंकि हर महिला एक दूसरे से अलग होती है इसलिए उनके मासिक धर्म की अवधि भी अलग-अलग ही होती है. किसी महिला को महीने में केवल 2 मासिक धर्म आता है, किसी के लिए ये 5 दिनों तक रहता है तो किसी के लिए इसकी समस्या 7 दिनों तक बनी रहती है. कुछ महिलाओं का ये भी मानना है कि हर महीने समान तारीख को ही पीरियड्स आने चाहिए, अगर इसमें कुछ देरी होती है तो वे घबरा जाती हैं और असल में इसमे चिंता करने वाली कोई बात नहीं होती है. मासिक धर्म 21 दिन से लेकर 35 दिनों में आ सकता है लेकिन इससे ज्यादा होना चिंता का विषय बन सकता है. पीरियड्स शुरु होने से पहले कुछ ऐसे संकेत देता है.
1. पीरियड्स शुरु होने से पहले ही हाथ-पैर में दर्द शुरु होने लगता है. ये दर्द इतना बढ़ जाता है जब महिलाओं का मन किसी काम में नहीं लगता है.
2. जो दर्द पूरे पीरियड्स के दौरान होता है उसकी शुरुआत एक-दो दिन पहले से होने लगती है.
3. पीरियड्स शुरु होने से पहले मन बहुत परेशान होने लगता है औ अच्छा-खासा मन चिड़चिड़ाने जैसा हो जाता है.
4. मासिक धर्म से पहले पेट में अजीब तरह की ऐंठन होने की वजह से ही खाने का मन नहीं करता है.या फिर कुछ महिलाओं को ज्यादा भूख लगने लगती है.
5. हर समय योनि में कुछ ना कुछ एहसास होता है जिससे महिलाओं का मन किसी काम में नहीं लगता.
6. मासिक धर्म शुरु होने से पहले नींद ठीक से नहीं आती है और उन दिनों में नींद कम ही आती है.
7. पीरियड्स शुरु होने से पहले महिलाओं में थकान का अनुभव होने लगता है और हल्के काम में भी वे थकावट महसूस करती हैं.
8. कुछ महिलाओं की त्वचा में भी बदलाव आने लगते हैं जिसमें से चेहरे पर दाना हो जाना आम लक्षण होता है.
प्रेग्नेंसी में नहीं होते हैं पीरियड्स -Periods not Happens in Pregnancy
जब महिलाएं प्रेग्नेंट होती है तब उसके अंडाशय में अंडोत्सर्ग होना बंद हो जाता है इसके कारण उसे मासिक धर्म नहीं होता है. आमतौर पर महिलाओं को भी पता होता है कि प्रेगेनेंसी के दौरान मासिक धर् नहीं हो सकता है,हालांकि ये सच भी है कि गर्भावस्था में महिलाओं को हल्की ब्लीडिंग तो होती है लेकिन ये मासिक धर्म का कारण बिल्कुल नहीं होता है.प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में होने वाली ब्लीडिंग को डेसिड्यूअल ब्लीडिं कहा जाता है.डेसिड्यूअल ब्लीडिंग इसलिए भी होते हैं क्योंकि गर्भावस्ता के शुरुआती कुछ महीनों में गर्भाशय की परत पतली होती है इसके कारण योनि में खून आता है और गर्भवती महिलाएं इन्हें पीरियड्स समझ लेती हैं जबकि ब्लीडिंग पीरियड्स के कारण नहीं होती है क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान मासिक धर्म बिल्कुल नहीं होता है.
पीरियड्स मिस होने पर होती है प्रेग्नेंसी
डॉक्टर्स के मुताबिक महिलाओं में पीरियड्स प्रेग्नेंसी के कारण ही होती और जब प्रेग्नेंसी हो जाती है तो उस दौरान पीरियड्स आ ही नहीं सकते. वैसे तो पीरियड्स मिस होने को ही प्रेग्नेंसी की निशानी मान ली जाती है लेकिन कभी-कभी कुछ और तरीकों से भी प्रेग्नेंसी का पता लगाया जा सकता है.
जी मिचलाना-अधिकतर महिलाओं को समस्या रहती है कि प्रेग्नेसी के 6 महीने शुरु होेती है लेकिन कुछ महिलाओं की शुरुआती यानी पीरियड मिस होने से पहले कुछ अजीब लगने लगता है क्योंकि ये सब हार्मोनल पर निर्भर करता है.
खाने-पीने की आदतें - शरीर में मौजूद एस्ट्रोजन लेवल को घटाने और बढ़ाने से महिलाओं के शरीर में कुछ बदलाव आते हैं. इससे आपको कुछ चीजों तो खाे से नफरत होने लगती है और कभी-कभी भूख ही नहीं लगती.
थकावट का एहसास - जैसे ही शरीर प्रेग्नेंसी की तरफ जाता है उसमें कुछ बदलाव आते हैं.इसमें थकान और कमजोरी शामिल होता है. ऐसा प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर को बढ़ने की वदह से हो जाता है.