Increase Hemoglobin During Pregnancy in Hindi- मां बनना हर महिला का सौभाग्य होता है और इसकी इच्छा उन्हें हमेशा से रहती है कि शादी के बाद उनका एक सुखी परिवार हो. शादी के बाद ही परिवार वालों को खुशखबरी की खबर का इंतजार होने लगता है और जब ये खुशी घर आती है तो हर किसी को बच्चे का इंतजार होने लगता है. मगर इन सब में बहुत से लोग प्रेग्नेंट महिला का ध्यान रखना भूल जाते हैं जो इस खुशी का आधार होता है. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपना खास ख्याल रखना चाहिए और उन्हें किसी चीज की कोई कमी नहीं हो इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए. प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के अंदर खून और पानी दोनों की जरूरत होती है और इस दौरान उन्हें हीमोग्लोबिन को ठीक रखने की जरूरत होती है.
प्रेंग्नेंसी में हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए ?
सबसे पहले यह जानना जरूरी होता है कि एनीमिया क्या होता है ? इसे आम भाषा में खून की कमी कहते हैं. शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबन का स्तर गिरने लगता है और तब एनीमिया की शिकायत होने लगती है. गर्भावस्था में शरीर को ज्यादा मात्रा में आयरन की जरूरत होती है इसलिए यह समस्या होना आम है. खासकर दूसरी तिमाही में, इस समय शिशु के विकास के लिए आपके शरीर को ज्यादा रक्त की जरूरत होती है. गर्भावस्था में 11 ग्राम से ज्यादा हीमोग्लोबिन सामान्य माना जाता है. आरबीसी (रेड बल्ड सेल) अस्थि मज्जा (बोन मेरो) से बनते हैं और इनकी कमी से शरीर में खून की कमी होने लगती है. शरीर में रेड ब्लड सेल की आपूर्ति के लिए आयरन, विटामिन-बी 12 और फोलिक एसिड की जरूरत होती है जिसमें से किसी भी कमी होने से एनीमिया की शिकायत होती है.
प्रेग्नेंसी में एनीमिया होने के लक्षण - Symptoms of Anemia During Pregnancy
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान एनीमिया ज्यादा नहीं हो ता आपको कुछ लक्षण नहीं नजर आएंगे. ऐसे में आपको थकान होने लगती है, क्योंकि आयरन की कमी से थकान होना एक आम समस्या है, लेकिन अगर एनीमिया की समस्या बढ़ने लगती है ..
1. सिर चकराना.
3. सिरदर्द होना.
4. चेहरे और हाथ-पैरों का रंग पीला पड़ जाना.
5. खराब एकाग्रता और चिड़चिड़ापन.
7. हाथ-पैर ठंडे पड़ते रहना.
8. आंखें अंदर की ओर धस जाना.
9. मुंह के कोनों में दरार पड़ना.
10. नाखून पीले पड़ना.
प्रेग्नेंसी में दूर करें हीमोग्लोबिन की कमी- Increase Hemoglobin During Pregnancy
किसी भी महिला के लिए गर्भावस्था का वो समय होता है जब वे शारीरिक और मानसिक रूप से बदलती हैं. ऐसी स्थिति में ज्यदातर महिलाओं को खून की कमी की शिकायत होने लगती है, हालांकि अगर महिलाएं गर्भ धारण करने के समय से ही या फिर उससे पहले ही अपनी सेहत के प्रति जागरुक रही है तो उसे इस समय समस्या नहीं होती लेकिन अगर किसी महिला ने कोई ना कोई सेहत से जुड़ी लापरवाही की तो समझ लीजिए कि उसे प्रेग्नेंसी के दौरान हीमोग्लोबिन की कमी हो ही जाती है. आप कुछ घरेलू उपायों से प्रेग्नेंसी के दौरान खून की कमी को दूर कर सकते हैं.
चुकंदर- चुकंदर एक ऐसी चीज है जो खून बढ़ाने के लिए रामबाण उपाय माना जाता है. प्रेग्नेंसी के दौरान आपको हर दिन एक या दो चुकंदर जरूर खाना चाहिए. जिसका उपयोग आप सलाद या सब्जी के रूप में कर सकते हैं. चुकंदर का जूस भी एनीमिया को खत्म करने में सहायक होता है.
खजूर- गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से अपने आहार में खजूर को जरूर शामिल करना चाहिए. खजूर के सेवन से आयरन की कमी दूर हो जाती है और इसके साथ ही सूखे मेवों से भी शरीर को ताकत मिल जाती है.
फल- गर्भवती महिलाओं को हर दिन एक फल जरूर खाना चाहिए. इसमें अंगूर, संतरा, अनार या फिर सेब शामिल होना चाहिए. फलों से ना सिर्फ खून की कमी दूर होती है बल्कि इससे कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं और गर्भवती महिलाओं को फल खाने का फायदा भी निश्चित तौर पर जरूर होता है.
ड्राईफ्रूट्स- गर्भवती महिलाओं को काजू, बादाम, पिस्ता, किशमिश और गरी जैसी चीजों का सेवन दूध के साथ करना चाहिए. प्रेग्नेंसी में महिलाओं को किशमिश का सेवन जरूर करना चाहिए इससे हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है और कमजोरी भी दूर होती है.
गाजर- जिस तरह चुकंदर फायदेमंद होता है बिल्कुल उसी तरह गाजर भी गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है. हर दिन गाजर और आधा गिलास चुकंदर का रस मिलाकर पीएं. इसका सेवन करने से महिलाओं में खून की कमी भी दूर हो जाती है.
हरी सब्जियां- प्रेग्नेंसी के दौरान हरी सब्जियां जरूर खानी चाहिए. जिसमें पालक, बथुआ और लौकी बहुत फायदा करती है. इन सब्जियों के खाने से आपके गर्भ में पल रहा बच्चे का पोषण अच्छे से होता है.