ऐसा माना जाता है कि जब एक स्त्री एक बच्चे को जन्म देती है तो उसे इस तरह दर्द होता है जैसे शरीर की कई हड्डियां एक साथ टूट गई हों. उस दौरान महिला का एक दूसरा जन्म होता है और मौत की दहलीज पर जाकर वो एक जिंदगी को जन्म देती है इसलिए महिला को भगवान के बाद का दर्जा दिया गया है लेकिन इसकी शुरुआत तब से हो जाती है जब से उसके गर्भ में भ्रूण की शुरुआत होती है. लगभग सातवें हफ्ते यानी दो महीने के बाद बच्चा विकसित होने शुरु होता है अगर आपके साथ भी ये प्रक्रिया शुरु हो गई है तो मैं आपको 7 Week Pregnancy In Hindi के बारे में बताती हूं.
प्रेग्नेंसी के सातवें हफ्ते रखे अपना ख्याल
प्रेग्नेंसी के सातवें हफ्ते में आपकी गर्भवस्था का दूसरा महीना लग जाता है और इस समय आपको अपने शारीरिक रूप में कोई परिवर्तन नहीं आएगा क्योंकि इस दौरान आपका भ्रुण विकसित हो रहा होता है और अब कुछ समय बाद ही आप अपनी इस खुशी को दोस्तों और रिश्तेदारों मे भी शेयर कर सकती हैं.हालांकि आप अपनी खुशी को शेयर करने में उत्सुक शुरु से ही होंगी लेकिन भ्रुण का आकार जब तक छोटा होता है तब तक कुछ भी कहना सही नहीं होता है. इस दौरान आपको पौष्टिक आहार और विटामिन लेने की जरूरत होती है. अगले आने वाले समय में आपको अपने बच्चे की धड़कन सुनाई दे सकती है और इसके लिए 7 Week Pregnancy In Hindiआपको अपना खास ख्याल रखना चाहिए.
1. इस समय आपके बच्चे की आंखों और चेहरे का विकास होता है और इस दौरान आपको अपने आहार के हर चीज में खनिज, विटामिन और प्रोटीन को शामिल करना चाहिए.
2. इस समय आपको घर पर ही बने पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना सही होता है.
3. कैफीन मिले सभी खाद्य पदार्थों का सेवन कम मात्रा में करें और अगर हो सके तो प्रेग्नेंसी के दौरान कैफीन युक्त चीजें लेना बंद ही कर दें.
4. तरल पदार्थों का सेवन पर्याप्त मात्रा में करते रहें क्योंकि ऐसा करने से थकान और पानी की कमी नहीं हो पाती और इसके साथ ही अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकलते रहते हैं.
इस तरह होता है शिशु का विकास - shishu vikas kaise hota hai
गर्भावस्था के सातवें हफ्ते यानी दूसरे महीने में आपके भ्रूण की लंबाई 0.44 से 0.52 इंच हो जाती है. इस हफ्ते से बच्चे के बाल, स्तन, पुटिका के साथ पलक और जीभ का विकास हो जाता है. इस समय आप घुटने और पैरों की उंगलियों को आकार लेते हुए देख सकती हैं और आंतरिक अंगों का भी विकास होने लगता है. बच्चा अब एमनिओटिक थैली के माध्यम से संभवतया तैर सकता है, नाल की रस्सी का बढ़ना शुरु हो जाता है और अब तक बच्चे की तंत्रिकाओं और मांसपेशियों का विकास भी शरु हो जाता है. फेफड़े विकसित होने में तेजी आती है और बच्चे का विकास भी सही रहे इसलिए जरूरी है कि आप सही पौष्टिक खाना खाएं. इसमें विटामिन और अच्छी मात्रा वाले भोजन का सेवन करें. हफ्ते के अंत में आपको भ्रुण के साइज में बढ़ोत्तरी दिखाई देता है.
कुछ ऐसे आता है गर्भवती स्त्री के शरीर में परिवर्तन
कुछ महिलाओं को आप गौर से देखें तो पता चल सकता है कि वे गर्भवती हैं. अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो इस समय आपका वजन बढ़ता है और दूसरी तरफ इस समय आपका वजन भी कम होने लगता है. वजन घटने पर चिंता करने वाली कोई बात नहीं होती है क्योंकि शरीर का वजन बढ़ना या कम होना सिर्फ बच्चे के विकास के लिए आपके शरीर के समायोजन का एक मार्ग होता है. इस हफ्ते के बाद आपकी समस्या थोड़ी बढ़ सकती है. आपके स्तन नरम होने लगेंगे और उसका आकार भी बदल जाएगा. सिर दर्द, मूड में बदलाव, ज्यादा यूरिनेट करना,कब्ज और अपच जैसी समस्याएं शुरु हो सकती हैं. इस समय आपको अलग-अलग चीजों को खाने का मन करने लगेगा और इस इच्छा को पूरा करने के लिए ऐसी चीजें नहीं खाएं जो आपके बच्चे के लिए नुकसानदायक हो.
सातवें हफ्ते में महिलाओं को क्या करना चाहिए
1. डॉक्टर के साथ अपना अप्वाइंटमेंट तय करिए और यहां जाकर आप जान लें कि आपके बच्चे का विकास कैसा हो रहा है.
2. छह से नौ हफ्तों के बीच आपका डेटिंग और वायबिलिटी स्कैन होता है. पहली तिमाही के अल्ट्रासाउंड स्कैन के बारे में जान लेना चाहिए.
3. ज्यादा उल्टी होने की वजह से अगर आप कुछ खा पी नहीं पा रही हैं और इससे आपकी सेहत पर क्या असर हो सकता है इसे भी डॉक्टर्स से ही जानें.
4. फॉलिड एसिड को अपने आहार में शामलि करने के लिए इसके सबसे अच्छे स्त्रोत क्या हैं इसके बारे में जरूर जान लें.
5. प्रेग्नेंसी में आपके शिशु के लिए कौन से जरूरी पोषक होते हैं इसके बारे में कोई स्त्री विशेषज्ञ डॉक्टर से ही जाने.