अक्सर चेहरे के तिल को खूबसूरती से जोड़कर बताया जाता है लेकिन अगर ये बड़े होते चले गए तो मस्सा बन जाते हैं और फिर ये चेहरे की खूबसूरती में ग्रहण लगा देते हैं. जब तिल चेहरे में ज्यादा हो जाते हैं तो लड़कियां उन्हें चेहरे से हटाने के लिए कई तरह के जतन करती हैं और इसकी वजह से कभी-कभी वे कुछ ऐसी चीजों का इस्तेमाल कर लेती हैं जिनका साइड इफैक्ट्स उनके ऊपक हो जाता है. सही जानकारी नहीं होने की वजह से वे अपना चेहरा भी खराब कर लेती हैं. इसलिए इस बारे में जानकर ही chehre ke til ka ilaj करना चाहिए क्योंकि ये कोई आसान काम नहीं होता है.
क्या है चेहरे पर तिल होने के कारण ?
कुछ तिल और मस्से ऐसे होते हैं जो अपने आप कुछ दिनों में गायब हो जाते हैं और कुछ तिल कभी नहीं जाते और अगर आप उन्हे हटाना चाहते हैं तो आपको इसका इलाज करना पड़ता है. त्वचा पर मस्से और तिल पैप्पीलोमा वायरस के कारण बन जाते हैं. पहले मस्से की परेशानियां ज्यादा उम्र के लोगों में ज्यादा होती है मगर कम उम्र में भी मस्सों या नये तिलों के निकलने का समस्या होने लगती है. वैसे तिल होने के कुछ ऐसे कारण होते हैं. तिल त्वचा में काले या भूरे रंग के होते हैं. तिल कभी सिंगल तो कभी समूह के साथ भी हो सकते हैं. ज्यादातर लोगों के बचपन में ही तिल हो जाता है तो कुछ व्यक्ति के जीवन के पहले 25 साल की उम्र के दौरान तिल होते हैं. वयस्कता के दौरान 10-40 तिल होने की संभावना होती है.जैसे ही साल बीतता चला जाता है तिल आमतौर पर जगह बदल देते हैं, कभी उभरकर निकलते हैं तो कभी रंग बदल देते हैं. कभी तिल में बाल भी निकलते हैं तो कभी उसमें चिकनापन नजर आता है. कुछ तिल एक जगह ही जन्म से होते हैं तो कुछ अपने आप गायब हो जाते हैं. तिल आपके शरीर पर कहीं भी निकल सकते हैं जैसे सिर, बालों की जड़ों में, नाखूनों के नीचे या चेहरे में, मगर सबसे ज्यादा परेशानी चेहरे में होने पर होती है.
1. कुछ तिल जन्म से ही होते हैं तो कुछ बाद युवावस्था से लेकर बुढ़ापे तक भी हो सकता है.
2. मोटापा, शुगर और प्रेग्नेंसी के दौरान भी तिल या मस्से निकल सकते हैं.
3. स्टेरॉयड का ज्यादा प्रयोग करना भी तिल होने के कारण बनते हैं.
4. तिल होने का कोई निश्चित स्थान नहीं होता है मगर जब ये उभरा होता है तो ये परेशान करने लगता है.
5. तिल शरीर के किसी भी पार्ट्स में हो सकता है. इसमें ये किसी भी एंगल में निकल सकता है.
तिल का इलाज
ज्यादातर लोग तिल हानिकारक नहीं होते हैं और उन्हें उपचार की कोई जरूरत नहीं होती है लेकिन कुछ तिल या मस्सा बहुत हानिकारक होता है और उन्हें सर्जरी से हटाया जा सकता है. अगर तिल का मेलेनोमा होने का संदेह है और तिल परेशानी पैदा कर रहा है तो इसे हटाना ही बेहतर होता है. तिल को इन तरीकों से हटाया जा सकता है-
शेव एक्सीजन- इस प्रक्रिया में तिल के आसपास की जगह को सुन्न कर दिया जाता है और एक छोटे ब्लेड से चिल को चारो ओर से काट दिया जाता है. आमतौर पर छोटे तिल के लिए ये तकनीक इस्तेमाल की जाती है, जिसमें टांके नहीं लगाने पड़ते हैं और कुछ दवाईयों या क्रीम से ये दाग भी चला जाता है लेकिन इस चीज को डॉक्टर के परामर्श से ही करें.
एक्सीजन्ल सर्जरी- इस प्रक्रिया में तिल के आसपास की स्वस्थ त्वचा को एक चाकू या पंच उपकरण का उपयोग करके काट दिया जाता है इसमें टांके लगवाने की जरूरत होती है. अगर मेलेनोमा का बहुत प्रारंभिक अवस्था में ये उपचार होता है जब तिल पतला होता है. त्वचा की सतह से नीचे नहीं बढ़ता और अगर कैंसर रक्तप्रवाह या लसीका तंत्र में प्रवेश कर चुका होता है और शरीर के दूसरे हिस्सों में ट्यूमर गठन करता है तो ऐसे लोगों को उपचार की तुरंत जरूरत होती है.
तिल हटाने के घरेलू उपाय
वैसे तो मार्केट में तिल हटाने के लिए कई दवाईयां और ट्यूब उपलब्ध होते हैं लेकिन इसके लिए सबसे पहले घरेलू उपाय ही करना चाहिए. घरेलू उपायों का खास साइड इफैक्ट्स नहीं होता है. तिल हटाने के लिए डॉक्टर के पास जाने से पहले आपको एक बार घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर लेना चाहिए.
1. रूई का फोहा बनाकर उसे सिरके में भिगोकर हल्के हाथों से मस्से पर लगाएं. फिर 10 स 15 मिनट बाद गुनगुने पानी से त्वचा को धुल लें. कुछ दिन लगातार इस नुस्खे को करने से मस्सा या उभरा हुआ तिल अपने आप झड़ जाता है.
2. तिल या मस्सा हटाने के लिए आप घोड़े के पूंछ के बाल से मस्से पर रगड़ें. ऐसा कुछ दिन करते रहिए और मस्सा या तिल अपने आप निकल जाएगा.
3. चेहरे का तिल हटाने के लिए अगरबत्ती जलाकर उसके जले हुए भाग को धीरे से तिल या मस्से पर लगाएं और फिर तुरंत हटा लें. इसेस कुछ दिन में तिल या मस्सा हट जाएगा और इस उपाय को करते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए.
4. गुलाब जल सूरज की धूप में कुछ देर रखे और हल्का गर्म होने पर उसे रुई से चेहरे पर लगाएं. गुलाब जल के प्रयोग से त्वचा के रोमछिद्रों में जमा चिकनाई निकलती हैं.
5. मस्सों से छुटकारा पाने के लिए लहसुन की एक कली लें और इसे छीलकर ऊपर काट लें. अब इस कली को मस्से या तिल पर रगड़ें. कुछ दिन लगातार ऐसा करने से तेहरे का तिल अपने आप खत्म हो जाएगा.