Ovulation Ke Lakshan In Hindi- ओवरी से अंडे के बाहर आने की प्रक्रिया को ओवुलेशन कहा जाता है और महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान यह प्रक्रिया हर महीने होती है. ओवुलेशन पीरियड को गर्भधाणक के लिहाज से सबसे अच्छा समझा जाता है और पीरियड शुरु होने क 12 से 16वें दिन यह प्रक्रिया होने लगती है. हाल ही में हुए एक सर्वे में करीब 80 प्रतिशत महिलाओं को पता ही नहीं है कि वे गर्भवती होती कब हैं. प्रजनन क्षमता को स्वाभाविक रूप से बढ़ाने की कोशिश करने से पहले ये बहुत जरूरी होता है कि आप ओवुलेशन के बारे में सबकुछ जान लें.
क्या होता है ओवुलेशन ?-What Is Ovulation ?
ओवुलेशन महिला की प्रजनन की एक बहुत जरूरी प्रक्रिया होती है जिसे अंडोत्सर्ग भी कहा जाता है. ओवुलेशन उस दौरान होता है जब कोई अंडा अंडाशय से मुक्त होता है और हर पीरियड्स में प्रजनन हार्मोन अंडाशय को उत्तेजित करने के लिए एक साथ काम करता है. कुछ अपरिपक्व अंडे जिन्हें ऊसाइट्स भी कहा जाता है और ये बढ़कर उनका जवाब देते हैं. हालांकि मासिक धर्म की शुरुआत में कई ऊसाइट्स विकसित होते लेकिन आमतौर पर केवल एक परिपक्व अंडा ही अंडाशय से मुक्त होता है. आपके हार्मोन से मिलने वाले सिग्नल के कारण ही यह अंडा जानता है कि इस यात्रा को शुरु करने का सही समय कब है. अमूमन आपके मासिक धर्म के लगभग 14वें दिन यह अंडा अंडाशय से मुक्त होता है और यह हार्मोन गर्भाशय को भी संकेत भेजकर उसे अपनी अंदरूनी परत मोटी करने वेला संभावित बच्चे के लिए तैयार रहने के लिए बताते हैं.
अंडाशय से मुक्त होने के बाद ये अंडा फैलोपियन ट्यूबों में 12 से 14 घंटों तक घूमता है और वहां से गुजरने वाले शुक्राणु में शामिल होने का इंतजार करने लगता है. फर्टिलिटी विंडो उस समय को कहते हैं जब किसी महिला के गर्भवती होने की सबसे ज्यादा संभावना होती है और एक शुक्राणु पांच दिनों तक महिला प्रजनन पथ में रहता है इसलिए अगर आप ओवुलेशन के दिन से चार दिन पहले सेक्स करती हैं तो आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं. लेकिन अगर अंडे को कोई शुक्राणु नहीं मिलता तो ये उर्वरित नहीं होता तो गर्भाशय अपनी परत को फिर पतला कर लेता है और मासिक अवधि फिर शुरु हो जाती है. अगर इसे आप तकनीक रूप से देखें तो एक मासिक अवधि ओवुलेशन के दो हफ्ते बाद रक्त और गर्भाशय के ऊतकों का आपकी योनि के माध्यम से बाहर निकलना होता है.
कितने समय तक रहता है ओवुलेशन ? - Ovulation Cycle Kitne din hota hai
दो बार ओवुलेशन होना भी संभव होता है लेकिन यह आमतौर पर मासिक चक्र के समय ही होता है. इस तरह से दो अलग-अलग ओवुलेशन से एक जैसे नहीं दिखने वाले जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं. ऐसा अक्सर 35 साल से ज्यादा उम्र वाली महिलाओं में होता है. यह एक कारण है कि ज्यादा आु वाले जोडो़ं के समूह में ज्यादा जुड़व बच्चे पैदा होते हैं. इसका दूसरा कारण ये है कि कई आईवीएफ क्लीनिक ज्यादा उम्र के जोडो़ के लिए दो भ्रुण को प्रतिस्थापित करते हैं जबकि 40 साल की उम्र की महिलाओं में आमतौर पर भ्रूण बदल जाता है. साल 2003 में हुए एक रिसर्च पर बताया गया कि कुछ महिलाओं में किसी बी मासिक धर्म चक्र में दो या तीन बार ओवुलेशन कर सकती हैं और इतना ही नहीं एक दूसरे शोधर्ता ने बताया कि 10 प्रतिशत लोगों ने असल में एक महीने में दो अंडे पैदा किेए. ओवुलेशन के दिन और इस दिन तर करीब 6 दिनों को ही फर्टिलिटी विंडो कहते हैं.
यही वो समस्या होती है जब सेक्स करने पर गर्भावस्था संभावित होती है और शुक्राणु सेक्स के बाद फैलोपियन ट्यूबों में कई दिनों तक इंतजार करता है और अंडे के मुक्त होने के बाद उसको उर्वरित करने के लिए तैयार रहता है.एक बार जब अंडा फैलोपियन ट्यूबों में आता है तो यह लगभग 24 घंटों तक यहां रहता है और इससे पहले अगर उसे उर्वरित नहीं किया जाता तो इस प्रकार फर्टिलिटी विंडो बंद हो जाती है.
क्या होते हैं ओवुलेशन होने के लक्षण - Ovulation ke lakshan
1. जिन महिलाओं का पीरियड रेगुलर होता है वे बहुत आसानी से ओवुलेशन की प्रक्रिया समझ जाती हैं क्योंकि उनमें ओवुलेशन का दिन निश्चित होता है.
2. अगर आपका मासिक चक्र पूर 28 दिनों में होता है तो 12वें या 16वें दिन इसके लक्षणों को आप पहचान सकती हैं. इसी दिन ओवुलेशन प्रक्रिया होने की संभावना ज्यादा होती है.
3. जिन महिलाओं में पीरियड रेगुलर नहीं होता है तो उमें यह क्रिया अनिश्चित होती है. मासिक चक्र डिस्टर्ब होने के साथ ओवुलेशन का समय भी बदल जाता है.
4. ओवुलेशन प्रक्रिया के दौरान सर्विकल म्यूकस में पर्वितन होने लगता है. योनि स्राव की मात्रा को गाढ़ापन और स्पष्टतौर पर अंतर दिखाने लगती है.
5. योनि स्राव दूसरे दिनों में चिपचिपा होता लेकिन ओवुलेशन के समय यह ज्यादा चिकनाईयुक्त और छूने पर तनाव पर्तीत होता है.
6. दूसरे दिनों की तुलना में शरीर का तापमान बढ़ता है और सुबह उठकर अपने शरीर का तापमान जांचिए अगर ये ज्यादा होता है तो ओवुलेशन की प्रक्रिया होनी शुरु हो गई ऐसे संकेत आते हैं.
7. इसके सामान्य दिनों मं भी थर्मामीटर के जरिए शरीर का तापमान देख लीजिए. ऐसे में अगर आपके सरीर का तापमान सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा होता है तो ये ओवुलेशन के संकेत होते हैं.
8. ओवुलेशन की प्रक्रिया के दौरान सेक्स करने की इच्छा ज्यादा बढ़ती है और इस दौरान फर्टाइल फेज होता है जिसके कारण यौन संबंध बनाने की इच्छा उच्च सीमा पर होती है.
इस तरह करें ओवुलेशन टेस्ट - Ovulation Test kaise kare
अगर किसी महिला का मासिक धर्म चक्र नियमित तौर पर चल रहा है लेकिन फिर भी वो महिला गर्भवती नहीं हो पा रही है तो ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि उसके शरीर में अंडाशय से ओवुलेशन नहीं हो रहा है. आप एक ओवुलेशन किट की मदद से यह देख सकती हैं कि आपका अंडाशय ओवुलेशन कर रहा है या नहीं. हालांकि ओवुलेय़न की सही जांच करने के लिए सबसे सटीक तरीका होता है कि आप डॉक्टर के पास जाकर अल्ट्रासाउंड या हार्मोनल रक्त परीक्षण है लेकिन आपके लिए इसका टेस्ट घर पर करने के कुछ ट्रिक मैं आपको बताती हूं -
बेसल बॉडी टेम्प्रेचर चार्टिंग - इसमें आपके शरीर के तापमान में परिवर्तन को रिकॉर्ड करने के लिए हर सुबह आपके पूरे मासिक चक्र के दौरान बेसल थर्मामीटर से शरीर का तापमान लिया जाता है. अगर आपके शरीर का तापमान आपकी आधार रेखा से तीन दिनों तक ज्यादा है तो इस बात की पुष्टि होती है कि आपको ओवुलेशन हुआ है.
ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट - अमूमन आपके घर के आस-पास किसी मेडिकल स्टोर पर ओवर-द-काउंटर में उपल्बध हो जाता है. ये आपके मूत्र मे एलएच की उपस्थिति का पता लगाते हैं और अगर परिणाम रेखा, कंट्रोल रेखा जैसी डार्क हो जाती है तो इसके कुछ दिनों बाद ओवुलेशन शुरु हो जाता है.
फर्टिलिटी मॉनिटर - ये भी ओटीसी के रूप में पाया जाता है, हालांकि ये एक अधिकांश विकप्ल है, ऑनलाइन इसकी कीमत 15000 के करीब है. आपकी फर्टिलिटी विंडो के 6 दिनों की पहचान करने में मदद के लिए ये फर्टिलिटी मॉनिटर दो प्रकार के हार्मोन एस्ट्रोजन और एलएच को ट्रैक करता है.