अगर आपको बॉलीवुड के लेजेंड जोडी़ दिलीप कुमार और सायरा बानो की कहानी के बारे में पता है तो आपको ये भी पता होगा कि ये शादीशुदा दंपत्ति एक बच्चे के लिए बहुत तरसा है। इन्होंने प्यार किया, शादी भी की लेकिन एक हादसे ने इनकी पूरी जिंदगी बदल दी और एक संतान के लिए ये शादीशुदा जोड़ा बहुत तरसा है। वैसे तो शादी के बाद हर कोई एक बच्चे की चाह रखता है लेकिन अगर किसी कारणवश उन्हें ये सुख नहीं मिलता तो ये उनके लिए बहुत कष्टकारी बात होती है। समय रहते आपको जांच करानी चाहिए क्योंकि bachedani me sujan के कारण कई मामलों में महिलाओं को बांझपन भी सहना पड़ता है।
बच्चेदानी में सूजन के कराण
मौसम में बदलाव और गलत खान-पान के कारण कई बार महिलाओं को बच्चेदानी में सूजन जैसी समस्या आ जाती है। इसके कारण महिलाओं को असहनीय पेट दर्द, बुखार, सिरदर्द और कमर दर्द का सहना पड़ता है। समय रहते अगर इसका इलाज नहीं कराया गया तो गंभीर बीमारी भी बन सकती है जिसमें tumor जैसी समस्या भी हो सकती है और इसकी वजह से महिलाओं में बांझपन की शिकायत हो जाती है। गर्भाशय में सूजन का मुख्य कारण कुछ ये भी हो सकते हैं-
1. बदलता मौसम
2. ज्यादा दवाईयों का सेवन
3. ज्यादा व्यायाम करने पर
4. भूख से ज्यादा खान लेने पर
5. तंग कपड़े पहनने पर
6. प्रसव के दौरान सावधानी नहीं बरतने पर
बच्चेदानी में सूजन के लक्षण
आमतौर पर बच्चेदानी में सूजन के लक्षण बाहर से पता नहीं चलते हैं लेकिन कई स्थितियों में गर्भाशय का सूजन इतना बढ़ जाता है कि पेट का आकार बढ़ जाता है। ज्यादातर महिलाओं में यह समस्या होने पर कई तरह के लक्षण पता चल जाते हैं-
1. पेट की परेशानियों में कमजोरी
2. पेट दर्द, गैस और कब्ज होना
3. पीठ में दर्द और बुखार
6. यौन संबंध के दौरान ज्यादा दर्द होना
7. माहमारी के दौरान भी ज्यादा दर्द होना
9. लूज मोशन और उल्टी होना
10. ज्यादा भूख लगने के कारण
बच्चेदानी में सूजन के आयुर्वेदिक उपाय
महिलाओं में 30 साल की उम्र पार करने के बाद कुछ बच्चेदानी संबंधित बीमारी होने की संभावना होती है और इन बीमारियों में से एक है फाइब्राइड जिसे आम भाषा में bachedani ki gaanth कहते हैं। फाइब्रॉइड बीमारी के कई कारण होते हैं लेकिन किसी महिला को ये बीमारी हो जाए तो उन्हें शारीरिक समस्याएं घेर लेती हैं। बच्चदानी में सूजन के उपाय तो एलोपैथिक और होम्योपैथिक में भी है लेकिन आयुर्वेद ने इसपर खूब तरक्की की है-
1. नीम के पत्तों के साथ सोंठ को पानी में उबाल लें और उसे गाढ़ा कर दें। इसे हर दिन प्राइवेट पार्ट में लगाने से बच्चेदानी की सूजन चली जाती है। इसके अलावा नहाते समय भी नीम के पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2. हल्दी, भुना हुआ सुहागा को फ्रेश मकोय के ताजे रस में मिलाएं और कॉटन की मदद से इसे लोनी में लगाकर रख दें, इससे सूजन चली जाती है।
3. अरंडी के पत्तों को पानी में उबालकर छान लें और कॉटन में इसे भिगोकर मुंह में रख दें। 3 से 4 दिन ऐसा कनरे से पेट में मौजूद सभी कीटाणु मर जाते हैं।
4. रात को 1 चम्मच बादाम पाउडर को 3 चम्मच शर्बत बनफ्ला और खांड पानी में भिगो दें और फिर सुबह उठकर इस पानी का सेवन करने से गर्भाशय में गर्मी पैदा होती है और सूजन जड़ से खत्म हो जाती है।
5. बच्चेदानी में सूजन की समस्या दूर करने के लिए आपको हर दिन ताजे फलों का जूस जैसे संतरा, गाजर, चुकंदर, टमाटर और सेब का जूस बनाकर एक गिलास पिएं।
6. अच्छी डाइट लगभग हर बीमारी को दूर कर देता है। हरी पत्तेदार और फ्रेश सब्जियां व फलों का सेवन बच्चेदानी के सूजन को खत्म कर देता है।
निष्कर्ष - एक महिला अपने आपको पूरा तभी मानती है जब वो एक बच्चे को जन्म देती है लेकिन बहुत सी महिलाएं इस सुख से वंचित हैं। महिलाएं में बांझपन बहुत से कारणों स हो जाता है लेकिन फिर भी आज के आधुनिक युग में हर चीज का इलाज संभव है और बच्चेदानी के सूजन में भी आयुर्वेद ने सफलतापूर्वक काम किया है। अगर आपको पीरियड्स या महिलाओं से जुड़ी किसी भी समस्या है तो हमारे एक्सपर्ट्स से राय लें, हमारे यहां डॉक्टर्स की टीम आपकी हर संभव मदद करेगी।