सलमान खान और गोविंदा के बेहतरीन अभिनय से सजी फिल्म पार्टनर में आपने एक एक बात नोटिस की? फिल्म में गोविंदा बात-बात पर एक इनहेलर से सांस लेते हैं. वो एक अस्थमा इनहेलर था जो अक्सर दमा के मरीजों के पास पाया जाता है. अस्थमा का इलाज थोड़ा मुश्किल है लेकिन अगर आप गोविंदा की तरह बात-बात पर इस इनहेलर का इस्तेमाल नहीं करना चाहते है तो आपको इस आर्टिकल को पढ़ना चाहिए.
क्या होता है दमा ?
अस्थमा एक ऐसी स्थिति वाला रोग है जिसमें रोगी के एयरवेज संकीर्ण और सख्त हो जाते हैं. ऐसे रोगियों में ज्यादातर श्लेष्म उत्पादन भी होता है जिसकी वजह से सांस लेने में कठिनाई होने लगती है. इसके साथ ही सांस लेने में घरघराहट और खांसी भी अजीब तरह से आती है. भले ही दमा का उपचार करना आसान नहीं होता है लेकिन इसके दमा के लक्षण से आप इसे कंट्रोल में रखने की कोशिश कर सकते हैं. सांस लेने में तकलीफ होने को अस्थमा कहा जाता है किसी चीज से एलर्जी या प्रदूषण के कारण लोगों में यह बात बहुत आम होती है. वैसे तो इसका इलाज होम्योपैथिक और ऐलोपैथिक में इलाज है लेकिन अस्थमा ट्रीटमेंट आपको आयुर्वेद में ज्यादा बेहतर मिल सकता है.
अस्थमा के लक्षण
अस्थमा होन के पीछे कई तरह का कारण हो सकता है लेकिन इसके लक्षण को पहचाने बिना कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है. लक्षणों के आधार पर तो अस्थमा दो प्रकार के होते हैं एक बाहरी और दूसरा आंतरिक. इनमें से बाहरी अस्थमा के प्रति एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है जो कि पराग, जानवरों, धूल जैसी बाहरी एलर्जिक चीजों की वजह से हो जाता है. आंतरिक अस्थमा कुछ रासायनिक तत्वों को सांस लेने से जो अंदर जाता है उससे हो जाता है जैसे सिगरेट का धुंआ, पेंट वेपर्स. इसके अलावा इन लक्षणों से भी आप अस्थमा है या नहीं ये पता लगा सकते हैं.
1. बलगम वाली या सूखी खांसी होना
3. सांस का फूलना या सांस लेने में कोई कठिनाई होना
4. सांस लेते समय घबराहट होना
5. रात में या सुबह के समय सांस लेने में परेशानी होना
6. ठंडी हवा में सांस लेने में तकलीफ
7. व्यायाम करने में और हृदय में दर्द रहना
8. जोर-जोर से सांस लेना या थकान महसूस करना
9. हर समय उल्टी होने जैसा महसूस होना
अस्थमा का देसी उपचार
सीओपीडी (क्रोनिक-अवरोधक फुफ्फुसीय बीमारी) या श्वसन संक्रमण जैसी दूसरी संभावनाओं को रद्द करने के लिए कुछ टेस्ट करवाने उपयोगी होते हैं. डॉक्टर आपके जरूरी टेस्ट करवाकर ही आगे क्या करना है निष्कर्ष करते हैं. मगर अस्थमा ट्रीटमेंट के लिए अस्थमा का देसी इलाज या फिर इसके आयुर्वेदिक इलाज कराना ज्यादा बेहतर होता है.
1. मेथी के दानों को उबालकर इसमें शहद और अदरक मिलाकर इसका रस बना लें. इस रस को हर दिन नियमित रूप से पिएं अस्थमा की समस्या दूर हो जाएगी.
2. दो चम्मच आंवला पाउडर में एक चम्मच शहद मिलाकर हर सुबह खाली पेट खाएं. ऐसा रोज करने से अस्थमा में कंट्रोल होता है.
3. पालक और गाजर के रस को मिक्स करके इसे काला नमक मिलाकर पिएं. इससे सांसों में बुरे कण शामिल नहीं होते हैं और अस्थमा की समस्या भी दूर होती है.
4. पीपल के पत्तों को सुखा कर जला लें और इसे छानकर शहद मे मिलाकर दिन में 3 बार लें. ऐसा करने से अस्थमा की समस्या कुछ हद तक दूर हो जाती है.
5. बड़ी इलायची के साथ खजूर और अंगूर को पीस लें और शहद के नियमित रूप से खाएं. इससे पुरानी खांसी भी दूर हो जाती है और अस्थमा में सुधार आता है.
6. सोंठ, सेंधा नमक, जीरा, भुनी हुई हींग और तुलसी के पत्ते को समान मात्रा में पीसकर पानी में उबाल लीजिए. इसके बाद इसे दिन में कम से कम दो बार सेवन करें.
7. 2-2 ग्राम तेजपत्ता और पीपल के पत्ते को पीसकर मुरब्बे की चाशनी के साथ खाएं. इसे हर दिन खाने से अस्थमा की शिकायत कुछ समय बाद दूर हो जाती है.
8. सूखी हुई अंजीर के 4 दाने रात में भिगोकर रख दं. फिर सुबह इन दानों को पीसकर खाली पेट सेवन करें इससे अस्थमा के साथ ही कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है.
9. लहसुन के लगभग 10 कलियों को 30 मिली लीटर दूध में उबाल लें. इस मिश्रण को हर दिन पिएं इससे दमा की बीमारी ठीक हो जाती है.
10. एक गिलास पानी में नींबू का रस पीने से शरीर मे दमा के साथ ही शरीर से कई बीमारियां भी छूमंतर हो जाती हैं. इसके साथ ही इससे आपका वजन भी कम हो सकता है.
निष्कर्ष- दमा की बीमारी सांस से संबंधित होती है जिसे आप देसी उपायों से भी ठीक कर सकते हैं. मगर फिर भी अगर आराम नहीं मिल रहा है तो आपको हमारे एक्सपर्ट्स के साथ बात करनी चाहिए. वे आपको दमा यानी अस्थमा की बीमारी के अलावा भी कई तरह की बीमारियों से निजात दिला सकते हैं. हमारी एक्सपर्ट्स डॉक्टर्स से परामर्श लेने पर आपको निश्चितरूप से आपकी समस्या का हल मिलेगा.