Precautions During Pregnancy In Hindi -प्रेग्नेंसी महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण भी होती है और दर्दनाक भी होती है. अगर आप किसी महिला से कह दें कि अगर इतनी प्रोबलम है तो प्रेग्नेंसी की स्थिति में मत जाओ तो वो आप पर भड़क सकती है क्योंकि इस दर्द को हर महिला सेहना ताहती है और जब उनके हाथ में बच्चा आता है तब वे अपना सारा दर्द भुलाकर उसे प्यार देती है. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं बहुत नाजुक दौर से गुजरती हैं और ऐसे में उन्हें बहुत ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत होती है.
प्रेग्नेंसी में रखें ख्याल - Care During Pregnancy
डॉक्टर्स के अनुसार, बहुत सी महिलाएं गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने यानी फर्स्ट ट्राइमेस्टर को बहुत हलके में लेती हैं , जबकि यह समय सबसे महत्वपूर्ण होता है. इसी दौरान गर्भ में भ्रूण का विकास होना शुरु होता है और उनके शरीर में कई शारीरिक और हार्मोनल बदलाव आने लगते हैं. ये महीने सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण होते हैं क्योंकि इस दौर में आए बदलाव बिल्कुल नये होते हैं.खाने के टेस्ट और स्किन में भी कई बदलाव आते हैं और बदलती सेहत को ठीक रखने के लिए आपको इन बातों से अपना ख्याल रखना चाहिए.
प्रेग्नेंसी की जरूरी बात - प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में ज्यादा भीड़भाड़, प्रदूषण या रेडिएशन वाली जगहों पर नहीं जाना चाहिए. माॉर्निंग सिकनेस से बचने के लिए नींबू-पानी या अदरक की चाय पीना सही रहता है. दिनभर मे चार से पांच बार तरल पदार्थ जैसे छाछ, नींबू, नारियल पानी, जूस या शेर पीना सही रहता है. इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी.
ऐसे बनाएं डाइट चार्ट - शुरुआती तीन महीनों में प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन से भरपूर चीजों को अपने खाने में शामिल करें. जिसमें दाल, पनीर, अंडा, नॉनवेज, सोयाबीन, दूध, दही, पालक, गुड़, अनार, पोहा, चना और मुरमुरे जैसी चीजें होती हैं. फल और हरी सब्जी पत्तेदार सब्जियां तो खूब खाएं और इसके साथ ही पानी की कमी बिल्कुल नहीं होने दें क्योंकि डिलीवरी के समय खून और पानी दोनों की जरूरत पड़ती है. 2 से 3 घंटों में कुछ ना कुछ खाते रहें और बच्चे के सही विकास के लिए आपको अपना वजन भी पहले तीन महीनों में आधा से लेकर 2 किलो तक बढ़ा लेना चाहिए.
आहार में शामिल करें ओमेगा- बच्चे के मष्तिष्क, तंत्रिका प्रणाली और आंखों के विकास के लिए अपने आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करना शुरु कर दीजिए. बच्चे के दिमाग के विकास के लिए ओमेागा-3 और ओेमेगा-6 बहुत जरूरी माना जाता है फिश लिवर ऑयल, ड्राइफ्रूट्स, हरी सब्जियां और सरसों के तेल में इसकी मात्रा अच्छे से होती है. आयरन और फोलिक एसि़ड की गोलियं खाना भी शुरु कर दें जिससे खून की कमी नहीं होगी.
प्रेग्नेंसी में इस तरह रखें सावधानियां - Precautions During Pregnancy
गर्भावस्था के पहले तीन महीने आपके बच्चे के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण महीने होते हैं. इसलिए आपको विशेष रूप से पहले तीन महीने में शराब, दवाईयों और उनके उपयोग से बचना चाहिए. इसके अलावा अगर आपने अपनी गर्भावस्था में का करने के बारे में सोचा है तो आपको कार्यस्थल के बारे में सोचने के लिए समय निकालना चाहिए लेकिन इस बीच आप ये ध्यान कर लें कि प्रेग्नेंसी में आपके साथ एक और जान जुड़ गई है इसलिए ऐसा कोई काम नहीं करें जिससे आपको और बच्चे को कोई समस्या हो.इसलिए इन तीन महीनों में प्रेग्नेंट महिलाओ इन सावधानियों को बरतनी चाहिए.
1. कई बार महिलाएं डॉक्टर की सलाह लिए बिना ही कुछ दवाईयां खाने लगती हैं लेकिन ये दवा गर्भनाल के माध्यम से बच्चे के खून में प्रवेश कर सकती है इसलिए पहले तीन महीनों में डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा नहीं लं.
2.पहले तीन महीने में कच्चे मांस, कच्चे अंडे और पनीर के सेवन से परहेज करना सही रहता है क्योंकि इनमें मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया आपके शिशु की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
3. बड़े शहरों में प्रदूषण की समस्या होना गंभीर होता है और हवा में फैले हानिकारक कणों के चलते गर्भपात होने की शंका बन जाती है इसलिए धूल वाली जगहों पर जाने से आपको बचना चाहिए.
4. महिलाओं को पहले तीन महीने में शराब और सिगरेट से बचना चाहिए. शराब गर्भनाल के माध्यम से बच्चे के खून में पहुंच जाता है जो उसके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा बन सकता है इसलिए इन चीजों से आप दूर ही रहिए.
5. प्रेग्नेंसी के दौरान आपको अच्छा म्यूजिक सुनना, अच्छी किताबें पढ़ना,अपने में बिजी रहना, थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करना अच्छा रहता है.
6. गर्भावस्था के दौरान आपको डाइटिंग नहीं करनी ताहिए क्योंकि इससे शरीर में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन और कई तरह के खनिजों और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है.
7. पहले तीन महीने में हॉट टब या सॉन बाथ का उपयोग बिल्कुल भी नहीं करें क्योंकि इससे आपके शरीर का तापमान अचानक बढ़ जाता है और इससे आपके शरीर में पानी की कमी हो सकती है.
8. प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ अलग खाने का मन करता है लेकिन ऐसी चाहत में आप ऐसी चीजें नहीं खाएं जिससे आपके बच्चे पर बुरा असर पड़े.
9. आमतौर पर आप जितना खाती हैं उससे ज्यादा ही खाएं. अमूमन एक शिशु को 300 कैलोरी की जरूरत होती है इसलिए कम से कम इतनी कैलोरीज और लें और ये भी ध्यान रखें कि कहीं आप जरूरत से ज्यादा तो नहीं खा रहीं.
10. अगर जरा सी भी प्यास का एहसास होता है तो उसे बिल्कुल भी अवॉइड नहीं करें क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान आपको बहुत ध्यान रखना होगा कि पानी पीते रहें.
प्रेग्नेंसी में करवाते रहें जरूरी टेस्ट - Important Tests During Pregnancy
जैसे ही आपको प्रेग्नेंसी कंफर्म हो जाए इसमें सबसे पहले किसी अच्छी गाइनी डॉक्टर के पास जाकर सलाह लें और एक रजिस्ट्रेशन करवाएं. सेहत और मेडिकल हिस्ट्री के मुताबिक डॉक्टर आपको कुछ जरूरी टेस्ट की सलाह देंगी जिसे आपको जरूर फॉलो करना चाहिए.
1. हिमोग्लोबिन, कैल्शियम, ब्लड शुगर, यूरीन और एचआईवी टेस्ट कराना चाहिए ये तीन टेस्ट हर महीने कराते रहना चाहिए.
2. अगर किसी तरह की कोई समस्या आती है तो आमतौर पर बच्चे की ग्रोथ का पता लगाने के लिए डॉक्टर्स तीन बार अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहती है. अल्ट्रासाउंड टेस्ट के दूसरे महीने में बच्चे की धड़कन जानने के लिए, चौथे महीने में बच्चे का विकास जानने के लिए और आखिरी महीने में बच्चे की स्थिति देखने के लिए अल्ट्रासाउंड होता है.
3. प्रेग्नेंसी के दौरान मिर्गी, हाइपोथायराइड और थैलसीमिया के लिए जांच होती है. अगर पैरेंट्स मेंसे किसी में थैलसीमिया पाया जाता है तो बच्चे के भी इस तरह से पीड़ित होने की शंका होती है. अगर जांच में बच्चा इफेक्टेड पाया जाता है तो डॉक्टर अबॉर्शन की सलाह देते हैं.
4. शुरु के तीन महीने में मंथली चेकअप बहुत होता है. कोई परेशानी होने पर 15 दिनों की भी जांच की जाती है और बच्चे के 28 हफ्ते पर दो हफ्ते में एक बार जांच जरूर की जाती है.