गुलाब के नाम पर हिन्दुस्तान में एक शहर भी है - गुलाबी नगरी. ये तो आप जान गए होंगे कि इशारा राजस्थान की राजधानी की ओर है. एक और शब्द 'गंज' है जो पुराने शहरों में काफी सुनने को मिलता है. रूड़की में एक पुराना बाज़ार है बी टी गंज. बी और टी का मतलब बहुत से लोगों से पूछा केवल एक सज्जन से जवाब मिला ब्रिटिश ट्रेडर्स गंज. पता नहीं ये तीर है या तुक्का. कानपुर में देखा एक हूलागंज. हूलागंज के हूला का मतलब नहीं पता चला. शायद ऊ-ला-ला से बन गया हो हूला. वहां एक कलेक्टर गंज भी है शायद कलेक्टर साब के ऑफिस के आसपास होगा इसलिए नाम पड़ गया कलेक्टर गंज. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास एक गंज है पहाड़गंज. पहाड़ तो कहीं नज़र नहीं आता पर खैर पहाड़गंज के बोर्ड नज़र आ जाएंगे.
मेरठ में भी एक गंज है सोतीगंज. शायद कोई सुन्दरी सोती होगी वहां पर? लेकिन इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं मिली. पुख्ता से मिलता जुलता नाम मेरठ के एक गाँव में जरूर देखा है 'पुट्ठा'. ये अच्छा सा खुशहाल गाँव पुट्ठा आपको मेरठ बाईपास पर मिलेगा जो राजमार्ग 58 याने दिल्ली - देहरादून रोड पर है.
और अगर आप देहरादून से पोंटा साहब जा रहे हों तो रास्ते में एक बोर्ड नज़र आएगा जिस पर गाँव का नाम लिखा हुआ है 'पुट्ठी'. जब हम गाड़ी से निकले तो श्रीमती ने बताया,
- देखो पीछे बोर्ड लगा था और गाँव का नाम लिखा था पुट्ठी. मेरठ में पुट्ठा गाँव था और यहाँ पुट्ठी!
तुरंत ब्रेक मारी, रिवर्स लगाया और फोटो लेनी ही पड़ी.
इस पर याने पुट्ठा और पुट्ठी पर काफी देर विचार विमर्श हुआ. लगभग दो सौ किमी का अंतर है दोनों गाँव में पर नाम जोड़ीदार जैसे हैं. क्या कारण रहा होगा? पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे.
आपको जानकारी हो तो जरा प्रकाश डालें.
गाँव पुट्ठा, मेरठ बाईपास NH 58 पर |