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Sketches from Life: हम चले विपासना करने

20 अगस्त 2017

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पेंशन मिल जाने के बाद बैंक की रोज़मर्रा की व्यस्तता ख़त्म हो गई. अब नाश्ते का समय 8 बजे से खिसक कर 9 बजे पहुँच गया. अखबार जो कभी दस मिनट में निपट जाता था अब दो तीन घंटों तक खींचता चला जाता है. दफ्तर जाना नहीं तो क्या जूते चमकाने और क्या टाई लगानी. अब लोगों को जल्दी जल्दी दफ्तर जाने की तैयारी करते देख कर मुस्कराहट आ जाती थी - बच्चू और तेज़, और जल्दी कर, और भाग और कमा ले. कभी हम भी तेरी तरह दफ्तर की तरफ दौड़ते थे, बच्चों के स्कूल में रिजल्ट लेने जाते थे और श्रीमती को शौपिंग कराते थे. अब आराम करते हैं, घूमते रहते हैं और दोस्तों यारों से गप्पें मारते हैं. किसी का पुराना शेर है,

तुम काम करते हो मैं आराम करता हूँ,

तुम अपना काम करते हो मैं अपना काम करता हूँ !

गप्पों की महफ़िल में कभी कभी सीरियस धार्मिक मुद्दे भी आ जाते हैं. धर्म की बहस अगर शुरू हो जाए तो बहुत लम्बी और टेढ़ी मेढ़ी चलती है. नास्तिकवाद से लेकर कट्टरवाद, स्वर्ग से लेकर नर्क और योगासन से लेकर जिम तक याने सब कुछ ही शुरू हो जाता है. और मजे की बात है की ज्यादातर दोस्त यारों ने धार्मिक ग्रन्थ पूरी तरह पढ़े भी नहीं. और अगर पढ़े तो मनन नहीं किया. कुछ ज्ञान तो टीवी धारावाहिक को सच मान कर ही ले लिया. मेरे से पूछें तो मुझे पता नहीं भगवान है या नहीं. ग्रन्थ कभी पढ़े नहीं क्यूंकि भारी भरकम हैं और चलते फिरते नहीं पढ़े जा सकते. पूजा पाठ कभी किया नहीं कभी कभार दिवाली में या किसी हवन जागरण में हाथ जोड़ दिए और कुछ पैसे डाल दिए कथा समाप्त. कभी किसी को गुरु बनाने या समझने की कोशिश भी नहीं की. भगवान से कभी ना लगाव हुआ और ना ही डर लगा. ना नास्तिक ना आस्तिक अर्थात जैसा चल रहा है सब ठीक है. मन शांत है तो सब ठीक है.

ऐसी ही एक गप्प गोष्ठी में मैडिटेशन की बात चल पड़ी. किसी ने कहा ध्यान लगाने से बहुत शांति मिलती है, एक सज्जन ने बताया कि कुंडलिनी जाग जाएगी, दूसरे ने कहा ईश्वर के नज़दीक पहुँच जाएंगे वगैरा वगैरा. किसी दोस्त ने किसी बाबा का कार्यक्रम बताया और किसी ने दूसरे, तीसरे और चौथे बाबा का नाम बताया. ध्यान के बारे में थोड़ी सी ही जानकारी थी जो योगाभ्यास सीखने के समय बताई गई थी. 1995 में जब दिल्ली में भारतीय योग संस्थान से योग सीखा तो उसमें प्राणायाम भी सीखा. योगासन और प्राणायाम करने के बाद चौकड़ी मार कर बैठने के लिए कहा जाता था. फिर कमर गर्दन सीधी, आँखें कोमलता से बंद करके दोनों आँखों के बीच माथे पर आज्ञा चक्र पर ध्यान देने को कहा जाता था. वैसा ही करते भी थे. पर फिर नौकरी में इधर उधर ट्रांसफर होती रही तो योगासन और प्राणायाम तो जारी रहा पर ध्यान बंद हो गया.

घर आकर श्रीमती से जिक्र हुआ तो उन्हें एक सहेली की याद आई जो दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थी और जिसने दस दिन का विपासना मैडिटेशन कोर्स किया था. और प्रोफेसर ने दस दिन का कोर्स बहुत मुश्किल कोर्स बताया था. ये भी पता लगा कि तिहाड़ जेल में भी विपासना कराई जाती है. यहाँ ज़रा सा खटका लगा की शायद अपराधियों के लिए कोई मनोवैज्ञानिक कार्यक्रम चलाया जाता होगा? ऐसे शिविर में जाना ठीक रहेगा क्या ?

और जानकारी के लिए गूगल बाबा की सहायता ली तो हजारों पेज हाजिर हो गए. मालूम हुआ कि सत्य नारायण गोयनका जी के दस दस दिन के कोर्स दुनिया भर में जगह जगह होते हैं. भारत में भी 40 - 45 केंद्र हैं. हमने देहरादून चुना और दोनों ने एप्लाई कर दिया. शर्तें कठिन थी. दस दिन मौन रखना होगा. चलिए मान लिया. किसी से इशारे से या आँखों से भी बात नहीं करनी है याने आर्य मौन. इसका तो पालन कर लेंगे. श्रीमती दस दिन चुप रहेंगी ये तो वाकई देखने वाली बात है! पुरुष और महिलाएं अलग अलग रहेंगे. ये भी साधारण सी शर्त है जो मान्य है. शरीर ढका रहेगा और परफ्यूम नहीं लगाएंगे. कोई दिक्कत नहीं. सात बजे के बाद डिनर नहीं होगा. चलिए ये भी मान लिया. तो बस फिर रेडी? बाकी जो होगा वहीँ जाकर देखा जाएगा. जो विपासना में अनुभव हुए वो आपसे शेयर करते चलेंगे.

गौतम बुद्ध के समय पाली भाषा प्रचलित थी जिसमें पस्सना शब्द का अर्थ है देखना और विपस्सना का अर्थ है अच्छी तरह देखना याने reality check. यह विपासना एक ध्यान या मैडिटेशन की पद्धति है जिसे गौतम बुद्ध ने ढाई हज़ार साल पहले पुनः जीवित कर दिया था. संस्कृत में इन शब्दों का पर्याय है पश्यना और विपश्यना और अब आम तौर पर कहा जाता है विपासना. गौतम बुद्ध स्वयं कहते थे,
'इहि पस्सिको!' अर्थात
'आओ और ( स्वयं ) देखो!'

Sketches from Life: हम चले विपासना करने

पेंशन मिल जाने के बाद बैंक की रोज़मर्रा की व्यस्तता ख़त्म हो गई. अब नाश्ते का समय 8 बजे से खिसक कर 9 बजे पहुँच गया. अखबार जो कभी दस मिनट में निपट जाता था अब दो तीन घंटों तक खींचता चला जाता है. दफ्तर जाना नहीं तो क्या जूते चमकाने और क्या टाई लगानी. अब लोगों को जल्दी जल्दी दफ्तर जाने की तैयारी करते देख कर मुस्कराहट आ जाती थी - बच्चू और तेज़, और जल्दी कर, और भाग और कमा ले. कभी हम भी तेरी तरह दफ्तर की तरफ दौड़ते थे, बच्चों के स्कूल में रिजल्ट लेने जाते थे और श्रीमती को शौपिंग कराते थे. अब आराम करते हैं, घूमते रहते हैं और दोस्तों यारों से गप्पें मारते हैं. किसी का पुराना शेर है,

तुम काम करते हो मैं आराम करता हूँ,

तुम अपना काम करते हो मैं अपना काम करता हूँ !

गप्पों की महफ़िल में कभी कभी सीरियस धार्मिक मुद्दे भी आ जाते हैं. धर्म की बहस अगर शुरू हो जाए तो बहुत लम्बी और टेढ़ी मेढ़ी चलती है. नास्तिकवाद से लेकर कट्टरवाद, स्वर्ग से लेकर नर्क और योगासन से लेकर जिम तक याने सब कुछ ही शुरू हो जाता है. और मजे की बात है की ज्यादातर दोस्त यारों ने धार्मिक ग्रन्थ पूरी तरह पढ़े भी नहीं. और अगर पढ़े तो मनन नहीं किया. कुछ ज्ञान तो टीवी धारावाहिक को सच मान कर ही ले लिया. मेरे से पूछें तो मुझे पता नहीं भगवान है या नहीं. ग्रन्थ कभी पढ़े नहीं क्यूंकि भारी भरकम हैं और चलते फिरते नहीं पढ़े जा सकते. पूजा पाठ कभी किया नहीं कभी कभार दिवाली में या किसी हवन जागरण में हाथ जोड़ दिए और कुछ पैसे डाल दिए कथा समाप्त. कभी किसी को गुरु बनाने या समझने की कोशिश भी नहीं की. भगवान से कभी ना लगाव हुआ और ना ही डर लगा. ना नास्तिक ना आस्तिक अर्थात जैसा चल रहा है सब ठीक है. मन शांत है तो सब ठीक है.

ऐसी ही एक गप्प गोष्ठी में मैडिटेशन की बात चल पड़ी. किसी ने कहा ध्यान लगाने से बहुत शांति मिलती है, एक सज्जन ने बताया कि कुंडलिनी जाग जाएगी, दूसरे ने कहा ईश्वर के नज़दीक पहुँच जाएंगे वगैरा वगैरा. किसी दोस्त ने किसी बाबा का कार्यक्रम बताया और किसी ने दूसरे, तीसरे और चौथे बाबा का नाम बताया. ध्यान के बारे में थोड़ी सी ही जानकारी थी जो योगाभ्यास सीखने के समय बताई गई थी. 1995 में जब दिल्ली में भारतीय योग संस्थान से योग सीखा तो उसमें प्राणायाम भी सीखा. योगासन और प्राणायाम करने के बाद चौकड़ी मार कर बैठने के लिए कहा जाता था. फिर कमर गर्दन सीधी, आँखें कोमलता से बंद करके दोनों आँखों के बीच माथे पर आज्ञा चक्र पर ध्यान देने को कहा जाता था. वैसा ही करते भी थे. पर फिर नौकरी में इधर उधर ट्रांसफर होती रही तो योगासन और प्राणायाम तो जारी रहा पर ध्यान बंद हो गया.

घर आकर श्रीमती से जिक्र हुआ तो उन्हें एक सहेली की याद आई जो दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थी और जिसने दस दिन का विपासना मैडिटेशन कोर्स किया था. और प्रोफेसर ने दस दिन का कोर्स बहुत मुश्किल कोर्स बताया था. ये भी पता लगा कि तिहाड़ जेल में भी विपासना कराई जाती है. यहाँ ज़रा सा खटका लगा की शायद अपराधियों के लिए कोई मनोवैज्ञानिक कार्यक्रम चलाया जाता होगा? ऐसे शिविर में जाना ठीक रहेगा क्या ?

और जानकारी के लिए गूगल बाबा की सहायता ली तो हजारों पेज हाजिर हो गए. मालूम हुआ कि सत्य नारायण गोयनका जी के दस दस दिन के कोर्स दुनिया भर में जगह जगह होते हैं. भारत में भी 40 - 45 केंद्र हैं. हमने देहरादून चुना और दोनों ने एप्लाई कर दिया. शर्तें कठिन थी. दस दिन मौन रखना होगा. चलिए मान लिया. किसी से इशारे से या आँखों से भी बात नहीं करनी है याने आर्य मौन. इसका तो पालन कर लेंगे. श्रीमती दस दिन चुप रहेंगी ये तो वाकई देखने वाली बात है! पुरुष और महिलाएं अलग अलग रहेंगे. ये भी साधारण सी शर्त है जो मान्य है. शरीर ढका रहेगा और परफ्यूम नहीं लगाएंगे. कोई दिक्कत नहीं. सात बजे के बाद डिनर नहीं होगा. चलिए ये भी मान लिया. तो बस फिर रेडी? बाकी जो होगा वहीँ जाकर देखा जाएगा. जो विपासना में अनुभव हुए वो आपसे शेयर करते चलेंगे.

गौतम बुद्ध के समय पाली भाषा प्रचलित थी जिसमें पस्सना शब्द का अर्थ है देखना और विपस्सना का अर्थ है अच्छी तरह देखना याने reality check. यह विपासना एक ध्यान या मैडिटेशन की पद्धति है जिसे गौतम बुद्ध ने ढाई हज़ार साल पहले पुनः जीवित कर दिया था. संस्कृत में इन शब्दों का पर्याय है पश्यना और विपश्यना और अब आम तौर पर कहा जाता है विपासना. गौतम बुद्ध स्वयं कहते थे,
'इहि पस्सिको!' अर्थात
'आओ और ( स्वयं ) देखो!'

Sketches from Life: हम चले विपासना करने

हर्ष वर्धन जोग की अन्य किताबें

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विवाह

21 जुलाई 2016
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विवाह तो अपने यहाँ दो ही तरीके से हो सके हैं जी - या तो प्रेम विवाह कर लो या फिर 'अरेंज विवाह' करवा लो. पर ये लिख कर रख लो जी कि दोनों में से कोई भी तरीक़ा आसान ना है बड़े लफड़े हैं जी दोनों में. वैसे तो अपने देश में कहीं कहीं एक तीसरा तरीक़ा भी चलता है जी शादी करने का. वो ये कि मनपसंद छोरे-छारी को उ

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वो काटा

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अगस्त का महीना आते ही दुकानों में  रंगे बिरंगी पतंगें और साथ में माँझे में लिपटी चरखियाँ दिखाई देने लगती हैं......पतंग,मांझा,कटी पतंग,पतंग लूटना,चरखी, Sketches from Life: वो काटा

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जामुन

26 जुलाई 2016
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जामुन बरसाती मौसम का तोहफ़ा है. इसे काला जामुन, जम्बू, जम्बुल .....जामुन,जम्बुल,जम्बू,राजमन, Sketches from Life: जामुन

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प्रमोसन

26 जुलाई 2016
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रीजनल मैनेजर बनना आसान काम नहीं ना है भैय्या. बहुत तैयारी करना पड़ता है इंटरभ्यु के लिए .....promotion,प्रोमोशन,बॉस,रीजनल मैनेजर, Sketches from Life: प्रमोसन

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बारिश

27 जुलाई 2016
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कॉलेज की पढ़ाई के उपरान्त नई सरकारी नौकरी लग गई थी. दफ़्तर भी कनॉट प्लेस में था इसलिए दिन भर रौनक़ ही रौनक़. .....बारिश,मोटरसाइकिल,फटफटिया,इंडिया गेट,एप्पल जूस, Sketches from Life: बारिश

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गुप्तकाशी

28 जुलाई 2016
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गुप्तकाशी रूद्रप्रयाग ज़िले का एक हिस्सा है और लगभग 1320 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। हरिद्वार - रूद्र प्रयाग के रास्ते केदारनाथ जाने वाले यात्रियों का गुप्तकाशी एक पड़ाव है।गुप्तकाशी,रूद्रप्रयाग,गढ़वाल, हिमालय, Sketches from Life: गुप्तकाशी

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सब चलता है

28 जुलाई 2016
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कैसी कैसी ख़बरें मिलती हैं पढ़ने को. मसलन परसों ही इस खबर पर नज़र पड़ी की ग्यारह साल बाद कंज्यूमर कोर्ट ने फैसला सुनाया.कोर्ट केस,कोंज्युमर कोर्ट,बैंक,ब्रांच,मुकदमा, Sketches from Life: सब चलता है

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पहाड़ी गाँव

28 जुलाई 2016
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पिछले दिनों लैंसडाउन, जिला पौड़ी गढ़वाल के नजदीक गाँव जिबल्खाल में जाने का मौका मिला जो दिल्ली से लगभग 260 किमी दूर ..... एक फोटो-ब्लॉग Lainsdowne,लैन्सडौन,पहाड़,गांव, Sketches from Life: पहाड़ी गाँव

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शौक़ीन

28 जुलाई 2016
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अपने अपने शौक़ हैं साब, किसी को परफ़्यूम का, किसी को कपड़ों को, किसी को पीने का और किसी को गाने का .....होटल,रेस्तरां,पार्टी,कटलरी, Sketches from Life: शौक़ीन

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ज़ेबरे

29 जुलाई 2016
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सगाई पांच सितारा होटल में थी इसलिए तैयारी भी उसके मुकाबले की चल रही थीसगाई,बॉस,पार्टी, Sketches from Life: ज़ेबरे

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टेलकम पाउडर

29 जुलाई 2016
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स्कूटर पर बैठे नरूला साब गुनगुनाते हुए ख़रामा ख़रामा 30-35 की स्पीड पर बैंक की तरफ जा रहे थे......रीगल,टेलकम पाउडर,फिक्स डिपाजिट,बैंक,ब्रांच, Sketches from Life: टेलकम पाउडर

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कामागाटा मारू घटना

29 जुलाई 2016
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पिछले दिनों 18 मई 2016 को कनाडा के प्रधान मंत्री ने 1914 की कामागाटा मारू घटना के लिए अपनी सरकार की ओर से माफ़ी मांगीकोमागटा मारू,बाबा गुरदित्त सिंह,जहाज, वैनकूवर,कनाडा, Sketches from Life: कामागाटा मारू घटना

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कांवड़ यात्रा 2016

30 जुलाई 2016
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सावन के महीने के साथ ही तैयारी कांवड़ की. कांवड़ लेकर हरिद्वार जाना और गंगाजल लाना कभी पैदल हुआ करता था. .....कांवड़,यात्रा,शिव,हरिद्वार Sketches from Life: कांवड़ यात्रा 2016

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दांतों का डॉक्टर

31 जुलाई 2016
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हमारे रीजनल मैनेजर गोयल साब आजकल बड़े खुश नज़र आ रहे हैं. मुस्कराहट एक कान से दूसरे कान तक पहुँच रही है .....रीजनल मैनेजर,ब्रांच,मैनेजर,डेंटिस्ट,दांतों का डॉक्टर, Sketches from Life: दांतों का डॉक्टर

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गरम सूट

2 अगस्त 2016
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चीफ साब का प्रवचन चल रहा था और ब्रांच के चारों मैनेजर ध्यान से सुन रहे थे. या फिर ध्यान से सुनने का नाटक कर रहे थे कौन जाने? चीफ साब के साथ विचारों का आदान प्रदान बहुत ही कम होता है केवल आदान आदान ही होता है. वो बोलते हैं मैनेजर सुनते हैं. ऐसा सुना गया है कि चीफ साब भी वही बोलते हैं जो उनके जनरल मैन

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दाँत का दर्द 

3 अगस्त 2016
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Sketches from Life: दांत का दर्द ब्रांच में तीन कैशियर केबिन थे. महीने के शुरू में तीनों खजांची बिज़ी रहते थे और महीना ख़तम होते होते एक ही कैशियर रह जाता था. नौकरी वालों के जीवन के महीने यूँ ही गुज़रते हैं - पहली तारीखों में बहार आ जाती है और महीने के अंत में सूखा पड़ जाता है.ऐसे सूखे के दिनों में कई ब

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ऑडिटर आया

4 अगस्त 2016
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चीफ साब ने ब्रांच के सभी अफसरों और मैनेजरों को केबिन में बुला लिया और मुखातिब हुए, .....Sketches from Life: ऑडिटर आया चीफ साब ने ब्रांच के सभी अफसरों और मैनेजरों को केबिन में बुला लिया और मुखातिब हुए, - भई 31 मार्च गई और अब ऑडिटर आया समझो. ये लैटर आ गया है और मैंने फ़ोन पर बात भी कर ली है. दिल्ली से

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ये ना जाना

6 अगस्त 2016
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रीजनल ऑफिस के लिए रिसेप्शनिस्ट का इंटरव्यू चल रहा था. .....Sketches from Life: ये ना जाना रीजनल ऑफिस के लिए रिसेप्शनिस्ट का इंटरव्यू चल रहा था. हमारे झुमरी तल्लिय्या रीजन के सर्वे-सर्वा गोयल साब के अलावा एक मैनेजर hrd और एक चीफ मैनेजर भी इंटरव्यू बोर्ड में विराजमान थे. चौथी उम्मीदवार आई मिस प्रीति.

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गड्डी

6 अगस्त 2016
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Sketches from Life: गड्डी बैंक ों का राष्ट्रीयकरण होने के बाद बहुत तेज़ी से शाखाएँ खुलने लगीं और इसलिए नये स्टाफ़ की भरती भी शुरू हो गई थी. भरती के लिये एक बोर्ड बना दिया गया था जिसकी परीक्षा पास करके अलग अलग बैंकों में इंटरव्यू होता था और पास होने पर नौकरी मिल जाती थी. इसी प्रोसेस से पंजाब नैशनल

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गाँव की ओर

7 अगस्त 2016
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खादी के एक झोले में टूथब्रश डाला, कुछ कपड़े डाले आैर बस गाँव जाने की तैयारी हो गई......Sketches from Life: गाँव की ओर स्कूल की शिक्षा पूरी हो चुकी थी और कॉलेज जाने के बीच कुछ अन्तराल था. सो कुछ समय गाँव मे रहने का मन बना लिया. खादी के एक झोले में टूथब्रश डाला, कुछ कपड़े डाले आैर बस गाँव जाने की तैया

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हस्तिनापुर के जैन मंदिर

7 अगस्त 2016
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हस्तिनापुर एक छोटा सा शहर है जो मेरठ जिले में है और दिल्ली से लगभग 110 किमी की दूरी पर है .....Sketches from Life: हस्तिनापुर के जैन मंदिर हस्तिनापुर एक छोटा सा शहर है जो मेरठ जिले में है और दिल्ली से लगभग 110 किमी की दूरी पर है. मेरठ-मवाना रोड NH 119 पर स्थित हस्तिनापुर, मेरठ शहर से 35 किमी की दूर

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पहली तारीख है

10 अगस्त 2016
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Sketches from Life: पहली तारीख है महीने की पहली तारीख को सुबह मोबाइल में मैसेज आने की घंटी बजती है तो तबियत खुश हो जाती है - वाह पेंशन ! मैसेज पढ़ कर तसल्ली हो गयी, मन आश्वस्त हो गया और बिना चीनी की चाय भी मीठी लगने लगी. मुझे तो लगता है कि हर सीनियर नागरिक को पेंशन मिलनी चाहिए. खैर अब पेंशन की घंटी ब

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बिरयानी

11 अगस्त 2016
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Sketches from Life: बिरयानी केबिन में एक महिला आई,- नमस्ते सर. मेरी बहन का खाता यहीं है जी. पिछले महीने बहन गुजर गई जी. तो उसका पैसा दिलवा दो जी. काउंटर पे तो मना कर रहे जी. यूँ कह रहे हैं की मैनेजर साब ही पास करेंगे.पास बुक देखी तो आफरीन के खाते में 5.70 लाख थे. शायद कहीं नौकरी कर रही होगी क्यूं

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म्हारे साब

12 अगस्त 2016
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साब जी क्या पूच्छो जी. पक्की नौकरी करी पूरे 36 साल अर पांच साल करी कच्ची. इब तो पेंसन के मजे ले रे जी. नौकरी में हर तरह के दिन देख लिए साब जी उजले भी अर घनेरे भी. बड़े बड़े अफसरान देखे जी दबंग देखे, निकम्मे देखे अर भगवान आपका भला करे जी दो रीजनल मैनजर जो हैं सो देखीं जी लेडीज. मैं आज बता रा जी सबकी

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भजनी

14 अगस्त 2016
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पहाड़ ी घुमावदार रास्ता हो और हरे भरे जंगल में से गाड़ी हिचकोले खाती जा रही हो तो बड़ा आनंद आता है. दिल चाहता है की गाड़ी चलती रहे और ऊपर और ऊपर. पर अगर इसी रास्ते से जाकर ऑफिस में हाजिरी लगानी हो तो? फिर तो ना हरियाली दिखती है और ना ही रास्ता पसंद आता है. फिर तो कमर दुखती है, सिर चकराता है और रीजनल मै

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न्योता

18 अगस्त 2016
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दोपहर टीवी चलाया तो समाचार मे गुजरात पर दलितों पर हुए अत्याचार पर बहस चल रही थी. देखते देखते मन 70 के दशक मे चला गया. अपने गाँव जिबलखाल, जिला पौड़ी गढ़वाल में चाचाजी के घर की पूजा समारोह की याद आ गई.हमारा गाँव जिबलखाल, तहसील लैंसडाउन से थोड़ी दूरी पर है. दस बारह घरों का छो

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यहाँ और वहां

19 अगस्त 2016
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पिछले दिनों एक यूरोपियन महिला का हमारे घर आना हुआ. उन्होंने सुबह 11 बजे होटल का भुगतान कर दिया था और सामान समेट कर होटल मैनेजर के पास जमा कर दिया था. पर वापसी फ्लाइट के लिए एयरपोर्ट रात 11 बजे पहुंचना था. अब लगातार होटल लॉबी में अकेले बैठना भी मुश्किल काम था और टीवी देखना

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किट्टी

19 अगस्त 2016
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रीजनल मैनेजर गोयल साब की पत्नी की इच्छा थी कि झुमरी तल्लैया में एक किट्टी क्लब होना चाहिए.- कौन सा मुश्किल काम है साहब. बस समझिये कि किट्टी क्लब खुल गया. मेम्बर्स किसको बनाना चाहेंगी मैडम?गोयल साब तो हमारे बॉस हैं और उन के अंडर में चार अद

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ना मिली

20 अगस्त 2016
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कनाट प्लेस ऑफिस में हरेंदर की नौकरी लगे एक महीना हो गया था. अब उसे ऑफिस की चाल समझ आने लगी थी. ऊँची ऊँची बिल्डिंगें और उनमें ऊपर नीची जाती लिफ्ट भी ठीक लगने लगी थी. पहले पहल तो लिफ्ट में घुसने से कतराता था ख़ास तौर पर अकेला जाने पड़े तो ह

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नैनो, नीनो और नीना

22 अगस्त 2016
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नैनो का नाम लेते ही कार की याद आ जाती है. सबसे छोटी और सबसे सस्ती कार जो ना अब सस्ती रही और ना छोटी. आजकल बदलाव तो तेजी से आ रहा है चाहे जीवन का कोई भी क्षेत्र हो. पहले चलने वाले बड़े और भारी भरकम टीवी, मोबाइल फ़ोन और कंप्यूटर छोटे, हलके और

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बाइक बंद

22 अगस्त 2016
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कबीर नरूला का मन मोटर साइकिल देख कर बड़ा ललचाता था. उसे ख़याल आता की बाइक फटफट कर के दौड़ रही है और मैं कमीज़ के ऊपर के बटन खोल कर चला रहा हूँ और शर्ट के कॉलर हवा में फड़फड़ कर रहे हैं वाह! बाइक मिले तो बस ज़िन्दगी बन जाए. बड़े लड़कों की महफ़िल म

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Sketches from Life: ये तो राम जाने

22 अगस्त 2016
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बॉस तो बॉस होता है और हर एक का कोई बॉस होता है. और उस बॉस का भी कोई बॉस होता है और उस बॉस के ऊपर भी एक कमबखत होता है. खैर छोड़िये हमें तो अपने बॉस से मतलब है जो कि झुमरी तल्लिय्या के रीजनल मैनेजर है.आइये आप को मिलवा देते हैं गोयल साब स

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Sketches from Life: मन्नू महाराज

22 अगस्त 2016
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गाड़ी हरिद्वार स्टेशन पर रुकी तो मन्नू उतरा. सामान के नाम पे एक झोला था जिसमें दो जोड़ी कपड़े और टूथ ब्रश वगैरा था. जेब में टिकट तो था नहीं इसलिए प्लेटफार्म की तरफ ना उतर कर दूसरी ओर उतरा. गाड़ी के साथ साथ उलटी

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Sketches from Life: भूत

23 अगस्त 2016
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दिल्ली से अपने गांव जिबलखाल, जिला पौड़ी गढ़वाल आये कुछ दिन बीत चुके थे. अब तक गांव के भूगोल की भी जानकारी हो गई थी. मसलन मकान के दायीं ओर से नीचे जाने वाली तंग पगडण्डी पानी के स्रोत की तरफ जाती थी. बायीं ओर से खेतों की मुंडेर पर चल कर नीचे नद

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Sketches from Life: फूल खिले हैं

25 अगस्त 2016
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रंग बिरंगे फूल खिले देखकर मन भी खिल जाता है. चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. फूल है भी तो प्यार मोहब्बत की निशानी. इसलिए कवियों और शायरों की भी पसंद हैं. पूजा अर्चना के लिए भी फूल शुभ हैं. स्वागत के लिए चाहिए फूल माला, शादी के लिए चाहिए फूलों

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Sketches from Life: प्रेमी पेपर्स

25 अगस्त 2016
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जबसे ये पनामा पेपर्स की ख़बर आई है नींद खराब हो गई है. पहले पहल तो पनामा के नाम पर पनामा सिगरेट की याद आई पर फिर गौर से पूरी खबर पढ़ी तो देखा मामला धन दौलत का है और इसमें काला सफ़ेद रंग भी है. ये तो बहुत सतर्क रहने वाली बात है साहब. इसलिए अप

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Sketches from Life: बुलबुल

28 अगस्त 2016
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बिज्जू का इंटरव्यू अच्छा हो गया था और अब बस इंटर कॉलेज में नौकरी पक्की ही थी. घरवाले भी खुश और बिज्जू भी. घरवालों को अब लड़की ढूँढने की कसमसाहट होने लगी और उनका बस चलता तो बिज्जू की नौकरी जिस दिन लगती उसी दिन बिज्जू को घोड़ी पर भी चढ़ा दे

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Sketches from Life: रुपया आया रुपया गया

28 अगस्त 2016
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प्रमोशन होने के बाद पहली पोस्टिंग मिली नजफ़ गढ़ ब्रांच में. वहां जाकर इच्छा हुई कि नजफ़ गढ़ का गढ़ कहाँ है देखा जाए और इसका इतिहास क्या है पता लगाया जाय. पर ज्यादातर जानकारी ब्रांच के एक चपड़ासी नफे सिंह ने ही दे दी.उन्हीं दिनों शायद इस इलाके म

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ट्रेनिंग

31 अगस्त 2016
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सरकारी नौकरी का अपना ही मज़ा है. एक ही दफ़्तर में एक ही कुर्सी टेबल पर १० बजे से ५ बजे तक फ़ाइलें उलट पलट करते रहिये. बीच बीच में टी ब्रेक, लंच ब्रेक, गप्प ब्रेक, तफरी ब्रेक और बॉस-सेवा ब्रेक करते रहिये. बॉस की तबीयत बहली रहेगी तो उसी ऑफिस में कुर्सी बनी रहेगी. वैसे भी तब

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Sketches from Life: नीम हकीम

7 सितम्बर 2016
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कायदे से तो रंगरूटों से, अनाड़ियों से और नीम हकीम ों से बच के रहना चाहिए. अगर कोई नौसिखिया L लिख कर गाड़ी चला रहा हो तो तुरंत वो रास्ता छोड़ दीजिये. अगर कोई ट्रेनी होटल में आपकी सेवा कर रहा हो और आपने वेज आर्डर किया हो तो वो शायद नॉन-वेज ही

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Sketches from Life: बेटा बेटी

10 सितम्बर 2016
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मंदिर से निकल कर मिसेज़ मेहता ने मिसेज़ गुप्ता से बोली,- अच्छा जी चलती हूँ मैं. बहू के आने का टाइम हो गया है.- आपका ख्याल रखती है कि नहीं ? हमारी तो बिचारी सुबह सुबह निकल जाती है रात को आती है. अपना ही ख्याल नहीं रख पाती उल्टा हमें ही उसका ध्

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Sketches from Life: दूसरी पारी

12 सितम्बर 2016
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रिटायर हो चुके लोगों की तरफ से ना-रिटायर हुए लोगों के लिए एक शेर पेश है:तुम काम करते होमैं आराम करता हूँ,तुम अपना काम करते हो,मैं अपना काम करता हूँ!मतलब ये के बहुत काम कर लिया, बहुत ट्रांस्फरें झेल ली, कामचोर और चमचे देख लिए, अड़ियल और मरि

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Sketches from Life: सीनियर सिटीज़न की ख्वाहिश

13 सितम्बर 2016
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रिटायरमेंट पार्टी ख़त्म हुई. अब अपने हिसाब किताब निकालो - पेंशन कितनी मिलेगी या फण्ड कितना मिलेगा या जीवन बीमा के पैसे कितने मिलेंगे वगैरा. महीने का खर्च कितना होगा बाकी बैंक में जमा करा देंगे ब्याज मिलता रहेगा. ये तो खैर तनख्वाह लेने वालो

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Sketches from Life: मैसूर पैलेस

13 सितम्बर 2016
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मैसूर शहर बंगलौर से लगभग 150 किमी की दूरी पर है और समुद्र तल से इसकी उंचाई 770 मीटर है. शहर की आबादी दस लाख से कम है और मौसम गर्म और उमस भरा है. परन्तु अक्टूबर से मार्च तक सु

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Sketches from Life: तीन ताले

14 सितम्बर 2016
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हमारे दोस्त नरुला साब आजकल बड़े हलके फुल्के और खुश नज़र आते हैं. पिछले साल से बेटे के पास जाने का प्रोग्राम बन रहा है और अब तो टिकट भी आने वाला है. नरूला साब तैयारी में हैं की इस बार गया तो फिर वहीँ रहूँगा. फिलहाल जिस फ्लैट में वो रहते हैं उस

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Sketches from Life: होली वग़ैरा

16 सितम्बर 2016
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बताया नहीं अपना हाल चाल वग़ैरा,ख़फ़ा हो क्यूँ , ऑफ हो क्यूँ वग़ैरा,हम तो समझते थे कि समझते हैं तुमको,हो गए जाने कैसे हम नासमझ वग़ैरा !ज़रा मानो तो करा दें शॉपिंग वग़ैराडिज़ाइनर साड़ी या फिर मूवी वग़ैरा,टेंशन छोड़ो क्रेडिट कार्ड जेब में है,म

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Sketches from Life: बदलाव

17 सितम्बर 2016
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साइकिल थी तो धीरे धीरे मजे मजे में चलाते थे. गांव से शहर तक जाने में एक घंटा लग जाता था. अगर शहर की तरफ जाते जाते शहर से वापिस आता हुआ हरेंदर मिलता तो हम पैडल रोक लेते और बायां पैर सड़क पर टिका कर खड़े हो जाते थे. वो भी सड़क के दूसरी तरफ बाय

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Sketches from Life: जहर

22 सितम्बर 2016
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जबलपुर कैंट में हमें तीन कमरे का क्वार्टर मिला हुआ था. जैसा की आम तौर पर छावनी में होता है ऐसे चार क्वार्टरों की एक लम्बी सी बैरक थी. इस बैरक का लम्बा कॉमन बरांडा था जो बच्चों के खेल ने के काम आता था. बरांडे के आगे चार बगीचे थे जिनमें सब्ज

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Sketches from Life: खिसकते महाद्वीप

28 सितम्बर 2016
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- देवियो और सज्जनों हवाई अड्डा 72 मील आगे खिसक गया है इसलिए कृपया बढ़ा हुआ किराया जमा करा दें ताकि मैं जहाज़ नीचे उतार सकूँ !अब तक तो नाश्ते के लिए स्टील की प्लेट, कांच की प्लेट, पेपर प्लेट और चीनी मिट्टी की प्लेटें ही सुनी थी पर ये तो ज्याद

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Sketches from Life: शुक्रताल

28 सितम्बर 2016
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शुक्रताल एक प्राचीन तीर्थ स्थल है जिसे शुकतीर्थ, शुक्रतीर्थ, शुकदेव पुरी और शुकतार नाम से भी संबोधित किया जाता रहा है. यह स्थान मुज़फ्फर नगर, उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग

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Sketches from Life: सेवा और मेवा

1 अक्टूबर 2016
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ठेकेदार और ठेकेदारनी दोनों भोत ख़ुस थे. पिछले साल बड़े बेटे जगतू का ब्या हो गया था और इस साल छोटे वाले भगतू का भी काम निपट गया. ठेकेदार ने सोचा अब दोनों बेटे खुद ही छोटे मोटे ठेके लेने सुरू कर देंगे. कब तक दारू पी के म्हारे सिर पे नाचते रहे

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Sketches from Life: बाप बेटा

4 अक्टूबर 2016
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सन्डे का दिन जल्दी उठने का दिन नहीं है जनाब. सभी जवान छोरे-छोरियां देर से उठते हैं. नौकरी वाले देर से उठते हैं और नौजवान माँ बाप देर से उठते हैं इसलिए छोटे बच्चे भी देर से उठते हैं. अखबार भी देर से आता है इसलिए रविवार को सुबह पार्क शांत और

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Sketches from Life: काले बाल

5 अक्टूबर 2016
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घर में सन्डे के दिन आम तौर पर शान्ति रहती है पर आज थोड़ी हलचल है. आज तीन बजे राजेश ने अपने साथ मम्मी पापा को लेकर मोती बाग जाना है लड़की देखने. राजेश की बड़ी दीदी अपने घर से सीधे वहीँ पहुँच जाएगी. जीजा के पास का

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Sketches from Life: नापसंद

15 अक्टूबर 2016
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मिठाई और नमकीन के प्लेटें टेबल पर सजा दी गईं थी. ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक्स और चाय का इन्तजाम रेडी था. बस अब इंतज़ार था लड़के वालों का. आज उनसे पहली मुलाकात थी. टेलीफोन पर बताया गया था की उनकी तरफ से लड़के समेत पांच लोग आने वाले थे. आएँगे तो पत

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Sketches from Life: पहला नम्बर

9 नवम्बर 2016
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दुबई के एक भारतीय व्यापार ी ने नई रोल्स-रोयस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर लेना था. जब कार नम्बर प्लेट "D 5" की बोली लगने लगी तो इन व्यापारी श्री बलविंदर साहनी ने 330 लाख दिरहम की बोली लगा कर नम्बर जीत लिया. डॉलर में कहें तो ये बोली 90 लाख डॉलर

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Sketches from Life: नौकरी

9 नवम्बर 2016
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पति की एक्सीडेंट में मृत्यु होने के बाद पत्नी शकुंतला को काफी दौड़ भाग करनी पड़ी पर बैंक में नौकरी मिल ही गई. पति खजांची थे और चूँकि शकुंतला दसवीं पास थी इसलिए उसे भी खजांची के पद पर रख लिया गया. थोड़ी बहुत ट्रेनिंग और स्टाफ की थोड़ी मदद से क

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Sketches from Life: ड्यूटी

16 नवम्बर 2016
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मैनेजर साब ग़ुस्से और बेचैनी में बार बार घड़ी देख रहे थे. 10.20 हो चुके थे और हरेंदर कैशियर का अतापता ही नहीं था. इधर कैश कांउटर पर भीड़ बढ़ती जा रही थी. मैनेजर साब भुनभुना रहे थे,- आज अगर आया तो इसकी छुट्टी कर दूंगा. सुसरा समझाने से समझता ही

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Sketches from Life: काँटा

20 नवम्बर 2016
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बैंक का बिज़नेस बढ़ने के कारण झुमरी तलैय्या के रीजनल मैनेजर गोयल साहब की काफी वाह वाही हुई. गोयल साब की नाक ऊंची हो गई और कालर खड़े हो गए. पर बड़े अधिकारियों ने कुछ और ही सोच रखा था. उन्होंने रीजन को बाँट कर दो ह

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Sketches from Life: करेंसी नोट

25 नवम्बर 2016
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जिधर देखो चर्चा है नोट की और नोटबंदी की, अखबार में, टीवी पर, सोशल मीडिया में, गली-मोहल्ले में और बाज़ार में. इस विषय पर तर्क, वितर्क, कुतर्क और चुटकले बाज़ी खूब चल रही है. फिलहाल तो अपन की जेब में एक अदद डेबिट कार्ड है और पेंशन बैंक के खाते म

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Sketches from Life: फटीचर

16 फरवरी 2017
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सन्डे तो आज अच्छा ही गुज़रना चाहिए, मन्नू उर्फ़ मनोहर नरूला ने सोचा. पूरा हफ्ता बैंक में जनता से मगजमारी के बाद एक दिन आराम का भी तो होना चाहिए. और आज तो शाम को शादी में भी जाना है कुछ दोस्त यार मिलेंगे कुछ गपशप होगी मज़ा आएगा. शादी ज्यादा दूर नहीं है पैदल भी जाया जा सकता है

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Sketches from Life: जनमपत्री

16 फरवरी 2017
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बैंक की घड़ी में पांच बज गए थे इसलिए मनोहर नरूला ने अपना बस्ता पैक कर लिया, दराज बंद की और अलमारी में चाबी घुमा कर जेब में डाल ली. टॉयलेट में जाकर हाथ मुंह धोया और बाल सेट कर के बस्ता उठाने चल दिया. फिर ख़याल आया की आज तो एक नई कन्या ने ज्वाइन किया था उससे तो मुलाकात ही नही

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Sketches from Life: निमंत्रण

28 जून 2017
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- सुनो जी चंद्रमुखी का फोन आया है उसके बेटे की सगाई है और किसी फाइव स्टार में पार्टी हो रही है.- वाह वा बढ़िया खबर है. पार्टी है तो जरूर चलेंगे चाहे पार्टी चंद्रमुखी की हो या सूर्यमुखी की! ये चंद्रमुखी वही है न जो तुम्हारे साथ बाराखम्बा रोड

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Sketches from Life: दूसरा लैपटॉप

29 जून 2017
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- बस इधर नाश्ता खतम हुआ उधर तुम्हारा लैपटॉप खुला. सुबह नौ बजे से लेकर रात नौ बजे तक इस लैपटॉप में क्या करते रहते हो? दाएं बाएँ भी देख लिया करो. वाईफाई के अलावा इस घर में वाइफ भी है.- अरे यार वो राजस्थान टूर की फोटो डाल रहा था. और तुम भी त

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Sketches from Life: छोटा गिलास

30 जून 2017
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चीफ साब ने फोन उठाया तो नरूला की आवाज़ आई,- सर गाड़ी भेज रहा हूँ आप रेडी हैं ना ?- हाँ हाँ भेजो चार बजे निकलूंगा.पौने चार बजे चीफ साब ने कुर्सी छोड़ दी. टॉयलेट में हाथ मुंह धोया, टाई सेट की, टकले सिर पर कंघी की और मोटे पेट पर फिर से बेल्ट ब

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Sketches from Life: लछमी ताई

1 जुलाई 2017
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बैंक की एक छोटी सी ब्रांच है जी म्हारे गाँव में और गाँव का नाम है जी घोपला. ना जी नाम घपला ना है घोपला है जी. भगवान भली करे गांव के नाम तो नूं ही होते हैं जैसे की घोपले से पांच चार मील आगे है जी कंकर खेड़ा और उसते भी आगे है जी कसेरू खेड़ा.ब

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Sketches from Life: ऑफिस की क्लियोपैट्रा

2 जुलाई 2017
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चीफ साब कुर्सी पर विराजमान हुए. पानी का गिलास उठा कर दो घूंट पिए और फिर ढक कर रख दिया. पेन, पेंसिल और एक राइटिंग पैड दराज में से निकल कर सामने टेबल पर रख लिया. एक जरूरी फाइल भी रख ली जिसकी आज चिट्ठी भेजनी थी. सर पर कंघी फेरी तो चार छे बचे

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Sketches from Life: रीगल

3 जुलाई 2017
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राजकपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर और संगम दिखाकर कनॉट प्लेस नई दिल्ली का रीगल थिएटर पिछले दिनों बंद हो गया.समय बड़ा बलवान है साहब और समय की मार रीगल सिनेमा भी नहीं झेल पाया. वैसे तो दिल्ली के दिल याने कनॉट प्लेस की शान था रीगल सिनेमा. सिनेमा क

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Sketches from Life: लोन मंजूर

4 जुलाई 2017
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बैंक दो दिन की छुट्टी के बाद खुला था इसलिए हॉल में काफी गहमा गहमी थी. पर हमारे चीफ साब इस हलचल के आदी थे और ठन्डे ठन्डे अपना काम निपटाते रहते थे. एक ज़माना गुज़र गया है हमारे चीफ साब को बैंक में. अब तो बस १८ महीने ही बचे थे रिटायर होने में.

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Sketches from Life: कुंवारा कपूर

9 जुलाई 2017
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सरकारी बैंक की काफी बड़ी शाखा है झुमरी तलैय्या में. कुछ नहीं तो 55 से भी ज्यादा लोग काम करते होंगे. इनमें एक तिहाई तो महिलाएँ ही होंगी. दो बजे तक तो ग्राहकों की चहल पहल रहती है फिर तीन बजे तक महिला मंडल सक्रिय हो जाता है और चार बजे के बा

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Sketches from Life: बाद में

21 जुलाई 2017
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पेंशन प्राप्त रघु साब और उनकी पत्नी चंद्रमुखी सुबह छे बजे पार्क में पहुँच जाते हैं. साब पैंसठ के हैं और सफेद कुर्ते पजामा पहनते है, मोटे चश्में में से घूर कर देखते हैं पर खुश दिल इंसान हैं. मेमसाब सफेद सलवार क़मीज़ पहनती हैं और अपनी चुन्नी

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Sketches from Life: मुश्किल सवाल

21 जुलाई 2017
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अस्पताल दाखिल हुए रामनाथ जी को दो दिन ही हुए थे. डॉक्टरों का कहना था की चिंता की कोई बात नहीं है पर रामनाथ जी का स्वर्गवास हो गया. सत्तर साल के थे. बड़े बुज़ुर्ग कह गए हैं की ऊपर यमराज के पास उमर से नहीं बल्कि साँसों की गिनती से हिसाब रखा

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Sketches from Life: उल्लू

25 जुलाई 2017
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बालकनी में पैर रखते ही नज़र पड़ी पड़ोसी की खिड़की पर. ऐसा लगा कि खिड़की में या तो कोई खिलौना रखा हुआ है या चिड़िया बैठी है और चिड़िया भी नहीं बल्कि उल्लू बैठा है. अचानक उड़ा तो पता लगा वाकई बैठा हुआ था. अगली सुबह फिर दिखा तो मोबाइल से फोटो ले ली. फ

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Sketches from Life: हवन करेंगे

4 अगस्त 2017
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- हेल्लो कौन?- नमस्ते भाईसाहब आप ठीक हैं? मैं कह रहा था सन्डे सुबह नौ बजे घर पर हवन करा रहे हैं भाभी जी को लेते आना.- कोई खुशखबरी?- नहीं भाईसाहब ये आपका चहेता भतीजा मानता ही नहीं वरना खुशखबरी में देर नहीं है. अच्छी नौकरी लगी हुई है, पन्द्

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Sketches from Life: साहब प्रमोट हुए

12 अगस्त 2017
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कटारिया साहब ने गाड़ी चालू की और डैशबोर्ड पर लगी शंकर भगवान की मूर्ति पर नन्हें नन्हें बल्ब जगमगाने लगे । तीन बार नमस्कार किया और तीन बार कानों पर हाथ लगाया फिर पहला गीयर लगा दिया । अब यहाँ से बैंक तक दस किमी लम्बे रास्ते पर जितने मंदिर, गु

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Sketches from Life: गौतम का गृह त्याग

16 अगस्त 2017
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गौतम बुद्ध का जन्म ईसापूर्व 563 में लुम्बिनि में हुआ था. उनका नाम सिद्धार्थ रखा गया था और चूँकि गोत्र गौतम था इसलिए सिद्धार्थ गौतम कहलाए. सिद्धार्थ कपिलवस्तु राज्य के राजकुमार थे जो शाक्य वंश का राज्य था और राजकुमार सिद्धार्थ गौतम के पिता श

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Sketches from Life: हम चले विपासना करने

20 अगस्त 2017
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पेंशन मिल जाने के बाद बैंक की रोज़मर्रा की व्यस्तता ख़त्म हो गई. अब नाश्ते का समय 8 बजे से खिसक कर 9 बजे पहुँच गया. अखबार जो कभी दस मिनट में निपट जाता था अब दो तीन घंटों तक खींचता चला जाता है. दफ्तर जाना नहीं तो क्या जूते चमकाने और क्या टा

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Sketches from Life: विपासना शिविर में दूसरा दिन

29 अगस्त 2017
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घंटी की आवाज़ से पता लगा की सुबह के चार बज गए हैं और अब उठ जाना ही ठीक है. अगर बिस्तर छोड़ कर लाइट नहीं जलाई तो दरवाज़े के बाहर घंटी बजाने वाला सेवादार घंटी बजाना बन्द नहीं करेगा. इसके बाद साढ़े चार बजे घंटी फिर बजेगी और कहेगी 'पधारो मैडिटेशन ह

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Sketches from Life: नास्तिकवाद

1 सितम्बर 2017
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बुद्ध का जन्म ईसापूर्व 563 में हुआ और महानिर्वाण ईसापूर्व 443 में. 29 की आयु में महल और परिवार त्याग कर वन की ओर प्रस्थान किया और 6 वर्ष तक सत्य की खोज में लगे रहे. उस समय वेद, पुराण और उपनिषद का प्रचलन था. साथ ही नास्तिकवाद भी प्रचलित

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Sketches from Life: विपासना शिविर का चौथा दिन

2 सितम्बर 2017
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विपासना शिविर की तीसरी शाम को गोयनका जी के एक घंटे के वीडियो प्रवचन में साधकों के मन में उठे सवालों की चर्चा की गई और समझाया गया. जैसा की रोज़ होता है उसी प्रवचन में अगले दिन की रूप रेखा भी बता दी गई. चौ

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Sketches from Life: विपासना शिविर का पांचवां दिन

8 सितम्बर 2017
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मैडिटेशन सीखने का पांचवां दिन आ गया. पद्मासन, या आलथी पालथी या चौकड़ी लगाकर, कमर गर्दन सीधी रखकर सांस पर ध्यान देना है और फिर अपनी काया पर हो रही संवेदनाओं को जानना है. सर से लेकर पैर तक और फिर पैर से लेकर सर तक. विभिन्न अंगों में विभिन्न तर

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Sketches from Life: बुद्ध के समकालीन धार्मिक विचार

9 सितम्बर 2017
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राजकुमार सिद्धार्थ गौतम अब से ढाई हजार साल पहले अपना परिवार और महल छोड़ कर जंगलों की ओर सत्य की खोज में निकल पड़े थे. उनकी उम्र उस वक़्त 29 वर्ष की थी. उस समय के ज्ञान ी साधुओं, सन्यासियों और विचारकों से मिले,

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Sketches from Life: विपासना शिविर का छठा और सातवाँ दिन

19 सितम्बर 2017
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विपासना मैडिटेशन के पांच दिन हो चुके थे और अब सुबह चार बजे उठने में कोई दिक्कत नहीं थी. अधिष्ठान में लगातार बिना हिले जुले बैठने में भी अभ्यस्त हो गए थे. वैसे भी तो ये बात कहते तो किससे कहते ? बोलती तो बंद थी पांच दिनों से ! देख लीजिये

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Sketches from Life: विपासना मैडिटेशन का आठवाँ और नौंवा दिन

9 अक्टूबर 2017
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मैडिटेशन के आठवें दिन आने तक आश्रम की दिनचर्या के अभ्यस्त हो गए थे. सुबह चार बजे की घंटी बजते ही बिस्तर छोड़ देना और साढ़े चार बजे की पहली मैडिटेशन क्लास से लेकर रात साढ़े नौ तक ध्यान लगाना और ठीक 10 बजे तक कुड़क जाना. ये कार्यक्रम अब पटरी पर आ

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Sketches from Life: लंच के बाद आना

21 फरवरी 2018
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साउथ अफ्रीका के साथ एक दिवसीय मैच चल रहा था. भारत को जीतने के लिए दो रन चाहिए थे पर अंपायर ने 45 मिनट का लंच ब्रेक कर दिया. लंच ब्रेक के बाद जब खिलाड़ी वापिस आए तब तक अधिकाँश दर्शक जा चुके थे. भारत ने दो रन बना कर मैच जीत लिया और किस्सा खत्म हो गया. इस किस्से पर वीरेंदर सह

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Sketches from Life: ओसियां माता मंदिर, राजस्थान

21 फरवरी 2018
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जोधपुर से लगभग साठ किमी दूर एक जगह है ओसियां. आजकल यह एक तहसील है और वैसे थार रेगिस्तान का बहुत ही पुराना व्यापारिक और धार्मिक केंद्र रहा है. यहाँ शैव, वैष्णव और जैन मंदिर एक साथ ही बने हैं. पहाड़ी पर बने सच्चियाय माता का प्राचीन मंदिर है. सच्चियाय माता का दूसरा नाम साची य

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Sketches from Life: नवग्रह वृक्ष

21 फरवरी 2018
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ग्रहों और वृक्षों में क्या नाता है ये ना तो मालूम था ना ही कभी जानने की कोशिश की. वृक्ष तो चाहे जैसे भी हों फायदे वाले ही होते हैं. ग्रह की जानकारी तो अखबारी भविष्य फल पढ़ पढ़ कर आ गई थी की नवग्रह होते हैं :1. सूर्य, 2. चन्द्र, 3. मंगल, 4. बु

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Sketches from Life: बुद्ध का मार्ग -1

18 मार्च 2018
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धम्म सिद्धार्थ गौतम का जन्म ईसापूर्व 563 में लुम्बिनि, नेपाल में हुआ था. कपिलवस्तु राज्य में शाक्य वंश का राज्य था इसलिए सिद्धार्थ गौतम शाक्यमुनि भी कहलाते हैं. सिद्धार्थ को बचपन में राजकुमारों जैसी शिक्षा और अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान दिया गया. राजकुमार की शादी 18 वर्ष की आय

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Sketches from Life: बुद्ध का मार्ग - 3

25 मार्च 2018
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पांच तरह के भार गौतम बुद्ध ने जीवन को दुःख भरा बताया और कहा की इसका मूल कारण तृष्णा है. ये तृष्णा याने आसक्ति या चाहत या craving जुड़ी है स्वयं से, स्वयं की काया से, स्वयं के विचारों से और स्वयं की भीतरी दुनिया से. स्वयं सुख भोगने की इच्छा, बारम्बार आनंद भोगने की इच्छा आसा

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Sketches from Life: बुद्ध का मार्ग - 2

25 मार्च 2018
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दुःख राजकुमार सिद्धार्थ गौतम 21 वर्ष की आयु में महलों का विलासिता पूर्ण जीवन छोड़ जंगल की और निकल गए. सात वर्षों तक उस समय के हर तरह के साधू संतों से मिले. उस समय की प्रचलित सभी 62 दार्शनिक विचार धाराओं का अध्ययन किया और उन विचारों पर अमल किया. पर फिर संतुष्ट नहीं हुए आगे

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Sketches from Life: बुद्ध का मार्ग - 4

29 मार्च 2018
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संवेदना गौतम बुद्ध ने कहा कि जैसे आकाश में तरह तरह की हवाएं लगातार चलती रहती हैं, कभी पुरवैय्या, कभी पछुआ, कभी उत्तर से, कभी दक्खिन से, कोई धूल वाली कोई बिना धूल की, कभी ठंडी तो कभी गरम, कहीं से मंद मंद और कहीं से तेज़, ठीक उसी प्रकार शरीर में भी तरह तरह की संवेदनाएं आती ज

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Sketches from Life: बुद्ध का मार्ग - 5

6 अप्रैल 2018
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कर्म और परिणाम बौद्ध दर्शन में एक मूल, मौलिक और महत्वपूर्ण सिद्धांत है कर्म और फल का सिद्धांत जिसे पाली भाषा में पटिच्चसमुप्पाद, संस्कृत में 'प्रतीत्य समुत्पाद' और इंग्लिश में dependent coarising कहा जाता है. हिंदी में इसे कार्य-कारण, कारण-परिणाम या फिर कर्म और विपाक(

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Sketches from Life: राफ्टिंग के झटके

13 अप्रैल 2018
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ऋषिकेश में हमारे ग्रुप ने डेरा डाला हुआ था और बात चल रही थी कि सुबह किस किस ने राफ्टिंग करनी है. सात नौजवान तैयार थे जिनकी उम्र 15 से 35 की थी और आठ सीनियर्स थे जिनका राफ्टिंग का मन नहीं था. बहरहाल राफ्ट तो बुक हो चुकी थी. सुबह सात बजे से 'बच्चों' की तैयारी शुरू हो गई. कि

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पटरी पर

25 अगस्त 2018
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लापरवाही केके के चेहरे से और हाव भाव से झलकती रहती थी. बाल अगर पंखे की हवा में तितर बितर हो गए तो हो गए केके ने कंघी नहीं करनी है. अगर किसी दिन एक जूते की लेस खुली रह गई तो रह गई कसनी नहीं है. कई बार बैंक में काम करते करते केके जूते उतार देता और फाइल लेकर हॉल के दूसरे कोन

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Sketches from Life: जीवन धारा

9 सितम्बर 2018
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गुड़िया का नाम श्वेता जरूर था पर रंग थोड़ा सांवला ही था. तीन साल की श्वेता सारे कमरों में उछलती कूदती रहती थी. उसकी दोस्ती महतो से ज्यादा थी जो उसे किचन से कुछ ना कुछ खाने के लिए देता या फिर रोती तो दूध की बोतल तैयार कर के दे देता था. शाम की दोस्ती दादी से थी जो उससे धीमी ध

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Sketches from Life: बाल की खाल

12 सितम्बर 2018
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आन्ध्र प्रदेश के शहर विजयवाड़ा के प्रसाद जब इंजिनियर बन गए तो उन्होंने नौकरी ढूंढनी शुरू कर दी. इराक़ की एक तेल कंपनी में नौकरी मिल गई. दो साल बाद छलांग मार कर 2016 में कज़ाख़स्तान की तेल कंपनी में नई नौकरी करने पहुँच गए. वहां प्रसाद को मिस शाखिस्ता मिली. दोनों में प्यार हो ग

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Sketches from Life: सूरज कुण्ड ग्वालियर

11 अप्रैल 2019
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ग्वालियर का किला शहर से सौ मीटर ऊँची पहाड़ी पर है जिस का नाम गोपाचल पहाड़ी है. गेरुए लाल रंग के बलुए पत्थरों से बना किला तीन वर्ग किमी में फैला हुआ है. दीवारों की लम्बाई दो मील है. किले की अंदरूनी चौड़ाई दो सौ मीटर से लेकर एक हज़ार मीटर तक है. किले के अंदर मंदिर, महल, पानी के

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Sketches from Life: हेयर कलर

11 अप्रैल 2019
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मैनेजर की प्रमोशन हुई तो पोस्टिंग मिली आसाम में. बोरिया बिस्तर लपेटा और पहुँच गए सिलचर. हरा भरा, प्रदुषण मुक्त और सुंदर प्रदेश लगा. छोटे छोटे शहरों में मकान मिलने में ज्यादा समय नहीं लगता. तुरंत ही अड्डा जमा लिया और बैंक का काम चालू करने में देर नहीं लगी. दिल्ली की बड़ी बड़

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Sketches from Life: गरम पानी

11 अप्रैल 2019
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चंद्रा साब नहा कर बाथरूम से गुनगुनाते हुए बाहर निकले. ना तो गाने के बोल और ना ही गाने की ट्यून समझ आ रही थी. जो भी हो चन्द्र सब के चेहरे पर संतोष की झलक थी. सुबह सुबह का सबसे भारी काम निपट गया. ये तो धन्यवाद देना होगा गीज़र को कि सुबह नहाना धोना आसानी से हो जाता है.बाहर आक

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Sketches from Life: जावरी मंदिर खजुराहो

24 अप्रैल 2019
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मध्य प्रदेश का छोटा सा शहर खजुराहो अपने मंदिरों के कारण विश्व प्रसिद्द है. ये सभी मंदिर विश्व धरोहर - World Heritage Site में आते हैं. भोपाल से खजुराहो की दूरी 380 किमी है और झाँसी से 175 किमी है. खजुराहो छतरपुर जिले का हिस्सा है. खजुराहो में एक एयरपोर्ट भी है. इसके अलावा

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Sketches from Life: जीवन धारा

25 अप्रैल 2019
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गुड़िया का नाम श्वेता जरूर था पर रंग थोड़ा सांवला ही था. तीन साल की श्वेता सारे कमरों में उछलती कूदती रहती थी. उसकी दोस्ती महतो से ज्यादा थी जो उसे किचन से कुछ ना कुछ खाने के लिए देता या फिर रोती तो दूध की बोतल तैयार कर के दे देता था. शाम की

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Sketches from Life: बड़ा भाई

25 अप्रैल 2019
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पापा ने अपने और बच्चों के कपड़े निकाले, जूतों पर ब्रश मारा, बस्ते तैयार करवाए. उधर किचन से आवाज़ आई- नाश्ता ले जाओ.टोनी और बोनी ने अपने अपने परांठे गोल कर के हाथ में पकड़े और एक एक कप दूध के साथ गटक गए. फिर जूते कसे और भारी भारी बस्ते टांग लिए. अंदर से आवाज़ आई,- चाबी संभाल ल

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Sketches from Life: नकली मूर्ती

26 अप्रैल 2019
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शादी में जाने की तैयारी पूरी हो चुकी थी. और लो टैक्सी भी आ गई. सामान गाड़ी में डाल दिया और दोनों पिछली सीट पर बैठ गए. चंद्रू ड्राईवर से बोला,- चलो भई स्टार्ट!गाड़ी गीयर बदलते हुए हाईवे पर आ गई और देहरादून की चार घंटे की यात्रा शुरू हो गई. उसके साथ ही मन में विचारों की गाड़ी

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Sketches from Life: खजुराहो की कामुक मूर्तियाँ - 1

28 अप्रैल 2019
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मध्य प्रदेश का छोटा सा शहर खजुराहो अपने मंदिरों के कारण विश्व प्रसिद्द है. ये सभी मंदिर विश्व धरोहर - World Heritage Site में आते हैं. भोपाल से खजुराहो की दूरी 380 किमी है और झांसी से 175 किमी. खजुराहो हवाई जहाज, रेल या सड़क से पहुंचा जा सकता है. हर तरह के होटल और अन्य सुव

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Sketches from Life: फ़िल्टर कॉफ़ी

23 जून 2019
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जब भी बैंगलोर या दक्षिण भारत जाना होता है तो चाय बंद हो जाती है और उस की जगह कॉफ़ी ले लेती है. कुछ मौसम का या शायद कॉफ़ी की खुशबू का असर होता है जिसके कारण चाय के बजाए कॉफ़ी पीने का मन करता है. एक और कारण भी है साउथ में चाय के ढाबे कम हैं और 'कॉफ़ी हाउस' ज्यादा लोकप्रिय हैं.

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Sketches from Life: एक सुंदर जोड़ी

29 जून 2019
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चंद्रा और मिसेज़ चंद्रा की जोड़ी चंद्रा साब ने गौर से अपना चौखटा शीशे में देखा. ओफ्फो मूंछ सही तरीके से काली नहीं हुई. एक बार फिर काली स्याही का ब्रश लगाया तो तसल्ली हुई. अब ठीक है. सर पर गिनती के बाल बचे हुए थे जिन्हें चंद्रा साब पहले ही का

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Sketches from Life: गूगल के नक़्शे और लोकल गाइड्स

3 जुलाई 2019
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भारत बहुत बड़ा और विभिन्नता से भरा देश है. अगर जोशीमठ से गाड़ी लेकर जयपुर की ओर या फिर दिल्ली से बैंगलोर की ओर निकल पड़ें तो रास्ते में सीनरी तेज़ी से बदलती जाती है, पेड़-पौधे, खाना-पीना, पहनावा और भाषा सभी में बदलाव महसूस होता है. और ये सब देखन

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Sketches from Life: भीष्म साहनी को श्रद्धांजलि

12 जुलाई 2019
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भीष्म साहनी को श्रद्धांजलि भीष्म साहनी जी से संयोगवश मुलाकात जून 1977 में दिल्ली में हुई थी. रूसी ( उस वक़्त सोवियत ) सांस्कृतिक केंद्र में मैक्सिम गोर्की पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया था. उस गोष्ठी में मैंने गोर्की की एक कविता का रूसी भाषा

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Sketches from Life: राष्ट्रीयकृत बैंक की नौकरी की

26 जुलाई 2019
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बैंकों का राष्ट्रीयकरण 19 जुलाई 1969 को हुआ जो उस वक़्त की एक धमाकेदार खबर थी. बैंक धन्ना सेठों के थे और सेठ लोग राजनैतिक पार्टियों को चंदा देते थे. अब भी देते हैं. ऐसी स्थिति में सरमायेदारों से पंगा लेना आसान नहीं था. फिर भी तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी ने साहसी कद

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Sketches from Life: क्लीन चिट

30 नवम्बर 2019
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क्लीन चिट का मिलना हमारे यहाँ काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस क्लीन चिट का चलन राजनीति, पुलिस, मीडिया, खेलकूद याने सभी तरह के क्षेत्रों में हो रहा है. क्लीन चिट मिली और लड्डू बाँटने का समय आ गया. मसलन ताज़ा ख़बरों के अनुसार महाराष्ट्र में अजित पवार को क्लीन चिट मिली है. कह

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Sketches from Life: इतिहास के पन्ने - सिन्धु घाटी सभ्यता

30 नवम्बर 2019
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आदि मानव पत्थरों के हथियार इस्तेमाल करते थे. शिकार करते और जड़ी बूटियाँ और फल खाते थे और एक जगह ना टिक कर ये घूमते रहते थे. धीरे धीरे खेती और पशु पालन की जानकारी बढ़ने के साथ बस्तियां बसनी शुरू हो गईं जो ज्यादातर घाटियों में नदी किनारे थीं. छोटे छोटे ग्रुप या समूह या कबीले

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Sketches from Life: इतिहास के पन्ने - मध्य काल

30 नवम्बर 2019
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भारतीय इतिहास का मध्य काल 700 ईस्वी से 1857 ईस्वी तक माना जाता है. इस युग को भी प्रारंभिक और उत्तर मध्य काल में बांटा जा सकता है. ये विभाजन आम तौर पर सभी इतिहासकारों को मान्य है पर कुछ 900 ईस्वी से मध्य युग का आरम्भ मानते हैं. फिलहाल हमारे सामान्य ज्ञान के लिए विभाजन सही

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Sketches from Life: इतिहास के पन्ने - प्राचीन काल

30 नवम्बर 2019
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इतिहास अगर क्लास में सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ना हो तो भारी लगता है सन और तारीखें भूल जाती हैं. पर फुर्सत में पढ़ें तो किस्से कहानी जैसा मज़ा आता है. रिटायर होने के बाद आजकल फुर्सत है और भारतीय इतिहास के पन्ने पलटने में आनंद आ रहा है. भारतीय उपमहाद्वीप का इतिहास बहुत बड़ा है, फ

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Sketches from Life: बॉल पॉइंट पेन

8 दिसम्बर 2019
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बॉल पॉइंट पेन बैंक में प्रमोशन मिली तो उसके बाद दो साल के लिए किसी गाँव में जा कर नौकरी करनी जरूरी थी. चिट्ठी ले कर दिल्ली से पहुंचे मेरठ रीजनल ऑफिस. बॉस से मुलाकात हुई, - दिल्ली के नज़दीक ब्रांच दे रहा हूँ क्यूंकि दिल्ली वालों की नाक दिल्ली की तरफ ही रहती है. दिल्ली मत भ

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Sketches from Life: चप्पल

15 दिसम्बर 2019
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चप्पल हमारी कालोनी के तीन तरफ ऊँची दीवार है और दीवार के पीछे काफी बड़ा और घना जंगल है. इस दीवार की वजह से आप जंगल में नहीं जा सकते हैं, और न ही जंगलवासी इस तरफ आ सकते हैं. दीवार के कारण जंगल वासी समझते हैं कि वो सेफ हैं और कॉलोनी वाले समझते हैं कि वो सेफ हैं ! कभी कभी एकाध

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Sketches from Life: बुद्ध का मार्ग - 7

29 दिसम्बर 2019
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दस प्रश्न गौतम बुद्ध अपने उपदेशों के दौरान उठाए गए सवालों का जवाब भी देते थे. सवाल किसी के भी हों शिष्य के, साधू-संत के, व्यापारी के, यात्री के या फिर किसी राजा के. वे सभी को यथा योग्य उत्तर देते थे. फिर भी कुछ प्रश्न ऐसे थे जिनका बुद्ध ने

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Sketches from Life: आराम बड़ी चीज़ है

19 जनवरी 2020
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रिटायर होने के बाद गोयल साब बड़े रिलैक्स महसूस कर रहे हैं. साढ़े तीन बरस बड़े से बैंक की रीजनल मैनेजरी करी थी कोई मज़ाक नहीं था. अब जा के शान्ति मिली ज़रा सी. बीयर की चुस्की लेते हुए मुस्करा दिए. अब ना तो किसी की ट्रान्सफर की सिफारिश का लफड़ा, ना लोन देना है, ना हेड ऑफिस को जवा

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Sketches from Life: कर्फ्यू में दिनचर्या

21 मार्च 2020
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कर्फ्यू में दिनचर्या इस रविवार जनता कर्फ्यू लगा दिया गया है. जाहिर है अब बाहर जाना तो मुश्किल है. मुश्किल क्या नामुमकिन ही है. तो अब फिर यार दोस्तों की सन्डे की गप्प गोष्ठी तो ठप्प हो गई. अब सीनियर सिटिज़न घर में रहकर घरवाली से कितना बतिया लेंगे वो तो आप जानते ही हैं. चलि

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Sketches from Life: समय

9 अप्रैल 2020
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समय के बारे में सुनते रहते हैं कि समय बड़ा कीमती है. ये भी सुनते हैं कि समय पलट कर वापिस नहीं आता है. मतलब हम गुज़रे समय में वापिस नहीं जा सकते और आने वाले समय का भी पता नहीं भी केवल इन्तेज़ार ही कर सकते हैं. तो क्या केवल वर्तमान ही हमें समय उपलब्ध है ?प्राचीन समय से ही ऋषि,

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Sketches from Life: गिनती 108 की

12 अप्रैल 2020
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गिनती 108 की 108 का आंकड़ा बड़ा रोचक और रहस्यमयी आंकड़ा है. इसे गणित में और बहुत सी धार्मिक मान्यताओं में काफी इस्तेमाल किया जाता है. जपने वाली माला ही लीजिये जिसमें 108 मनके होते हैं. इस तरह की माला हिन्दू, जैन, तिब्बती बौद्ध और जापान के ज़ेन बौद्ध के बहुत से अनुयायी इस्तेमा

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Sketches from Life: बैंक की छुट्टी कब होती है

15 अप्रैल 2020
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बैंक की छुट्टी कब होती है भारत विविधताओं से भरा देश है और उसी तरह यहाँ बैंकों की विविधता भी कम नहीं है. केन्द्रीय बैंक - रिज़र्व बैंक और भारतीय स्टेट बैंक के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, ग्रामीण बैंक, प्राइवेट बैंक, लोकल एरिया बैंक, स्माल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक और स

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Sketches from Life: संतोषी का खाता

19 अप्रैल 2020
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गाँव में बैंक की ब्रांच चलाना आसान काम नहीं है वो भी जब ब्रांच हो झुमरी तल्लैय्या की. कई बार गाँव के कस्टमर को अपनी बात समझानी मुश्किल हो जाती है और कई बार गाँव वाले की बात समझनी मुश्किल हो जाती है. इसका कारण कुछ तो अशिक्षा है और कुछ दोनों तरफ के पूर्वाग्रह. बैंकिंग की जर

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Sketches from Life: चन्द्रो

22 अप्रैल 2020
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चन्द्रोलोअर बाज़ार एक संकरी सी सड़क पर था और उस सड़क के दोनों तरफ छोटी छोटी दुकानों की दो कतारें थी. सौ मीटर चलें तो दाहिनी ओर एक पक्का मकान था जिसमें आप का अपना बैंक था. आगे चलते चलें तो परचून की, जूतों की, मिर्च मसालों की वगैरा वगैरा दुकानें मिलती जाएँगी. ज्यादा एक्टिव बाज़

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Sketches from Life: माचिस

26 अप्रैल 2020
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चंद्रा साब ने ताला खोला और बेडरूम में आ गए. टॉवेल उठाया और इत्मीनान से नहा लिए. चिपचिपे मौसम से कुछ तो राहत मिली. दाल गरम की, एक प्याज काटा और प्लेट में चावल डाल कर डाइनिंग टेबल पर आ गए. एक व्हिस्की का पेग बना कर टेबल पर रख लिया. पर बंद घर में अलग सी महक आ रही थी तो उठकर

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Sketches from Life: फ़िकर नॉट यात्रा

29 अप्रैल 2020
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घंटी बजी तो फोन उठाया. उधर से आवाज़ आई, - शेट्टी बोलता ए.- बोलो शेट्टी. - चार दिन का छुट्टी आ रा भाई. दिल्ली जाएगा?- नो नो.- बोमडीला तवांग जाएगा ? सब अरेंज करेगा मैं. - जाएगा.- मेरे को मालूम. जितना वूलेन है पैक करो. सुबह 6 बजे निकलेगा. शेट्टी विजया बैंक तेज़पुर( असम ) का मै

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Sketches from Life: मोटर साइकिल डायरी

3 मई 2020
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मोटर साइकिल डायरी मोटर साइकिल डायरी की बजाए पहले तो 'फटफटिया डायरी' शीर्षक देना चाहता था पर जचा नहीं इसलिए लिखा नहीं. दरअसल 'द मोटरसाइकिल डायरीज ' एक मशहूर किताब है जिस पर इसी नाम की 2004 में स्पेनिश फिल्म भी बन चुकी है. ये 'डायरीज ' लिखने वाले का नाम है एरनेस्तो ग्वेरा(

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Sketches from Life: हवा हवाई

6 मई 2020
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गोयल साब ने मुंडी घुमाकर केबिन के शीशे से बैंकिंग हाल में नज़र मारी. तीनों कैशियर बिज़ी थे. बाकी सीटों पर भी दो चार लोग खड़े थे. एक सम्मानित ग्राहक ऑफिसर से गुथमगुत्था हो रहा था पर अभी बीच बचाव का समय नहीं आया था. कुल मिला कर चहल पहल थी अर्थात ब्रांच नार्मल थी. इन्क्वायरी सी

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Sketches from Life: पहला गियर

10 मई 2020
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कहावत मशहूर है कि हज़ार मील लम्बा सफ़र हो पर शुरुआत तो एक कदम से ही होती है. ये बात एक चीनी दार्शनिक लाओ त्सू ने कही थी. आजकल तो यूँ कहना चाहिए की लम्बे सफ़र की शुरुआत पहले गियर से ही होती है. अब लाओ त्सू की तरह पैदल तो जाना मुमकिन नहीं है. हाँ आजकल बसें हैं आराम से बैठिये ड

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Sketches from Life: 1857 और मेरठ

10 मई 2020
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दस मई 1857, रविवार मेरठ के फिरंगियों का विश्राम का दिन था। इनमें ज़्यादातर अंग्रेज़ कुछ पुर्तगाली कुछ डच और कुछ अन्य यूरोपियन थे। कुछ सदर में शॉपिंग कर रहे थे, कुछ चर्च में थे और कुछ घरों में। अचानक शोर शराबे के साथ काली पलटन के कुछ सिपाहिय

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Sketches from Life: नाम में क्या रखा है

13 मई 2020
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शेक्सपियर अंकल कह गए हैं कि नाम में क्या रखा है! गुलाब को चाहे किसी भी नाम से पुकारो पर खुशबू तो वही आएगी. लेकिन गुलाबी फूल का नाम तो कुछ रखना ही पड़ेगा इसलिए गुलाब ही ठीक है अब क्या बदलना. वैसे तो गुलाब के खुबसूरत फूल पर इंसानों के नाम भी हैं जैसे - गुलाब चन्द, गुलाब सिंह

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Sketches from Life: झाड़ू झाड़न

17 मई 2020
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कोरोना के कीटाणु तूने कहाँ लाके मारा रे!उधर लॉकडाउन की घोषणा हुई इधर हमारी सोसाइटी का मेन गेट भी बंद हो गया. आप बाहर नहीं जाओगे और फलां-फलां अंदर नहीं आएगा. फलां-फलां की लिस्ट में से काम वाली को तो बिलकुल नहीं आने दी जाएगी. इस पर पैंसठ जन्मदिन पार कर चुकी श्रीमती को क्रोध

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Sketches from Life: बूट

20 मई 2020
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परिवार बड़ा था - हम सात भाई बहन, मम्मी, दादी और पिताजी. परिवार की आर्थिक साइकिल खींचने वाले अकेले पिताजी ही थे. बचपन में तो पता नहीं लगा की तनखा क्या होती है और 'पर कैपिटा' खर्च क्या होता है. उस समय के अनुसार ठीक ठाक ही रहा होगा. पर कभी कभी महसूस जरूर हो जाता था. मसलन सात

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Sketches from Life: भत्ता

24 मई 2020
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पति पत्नी दोनों जॉब करते हों तो अर्थ शास्त्र आसान हो जाता है. दोनों के खातों में पैसा दो पैसे जमा होते रहते हैं और जमा होते होते रुपए भी बन जाते हैं. पर इन सिक्कों की पिक्चर का दूसरा पक्ष भी है जिसमें बच्चे और मम्मी पापा भागते दौड़ते ही नज़र आते हैं. ऐसे में डबल इनकम ग्रुप

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Sketches from life: मीटिंग

31 मई 2020
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नौकरी जब तक नहीं लगी थी तब तक यूनियन के बारे में पता नहीं लगा था. सन 1972 में बैंक ज्वाइन किया तो साथ ही यूनियन का सदस्यता फॉर्म भी भर दिया. भर दिया या भरना पड़ा इन दो में से आपको जो ठीक लगे वो ही मान लें. जब यूनियन की आठ दस मीटिंग अटेंड कर ली तब समझ में आने लगा की ये भी क

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Sketches from life: रज्जो का ब्याह

7 जून 2020
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रजनी उर्फ़ रज्जो अपने माता पिता की पहली संतान थी. दोनों खुश थे पर बापू सोच रहा था अगली बार लड़का होना चाहिए. लड़की दो साल की होने वाली थी पर कोई बात या किसी शब्द का उच्चारण ही नहीं कर रही थी तो वो डॉक्टर से मिले. उन्हीं बताया गया की शहर के बड़े अस्पताल में दिखाना होगा. जीभ नि

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Sketches from life: परफ्यूम

10 जून 2020
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नरूला साब मैनेजर बने तो मिसेज़ नरूला का जनरल मैनेजर बनना स्वाभाविक ही था. भई मैनेजर की कुर्सी पर बिठाने में धक्का तो मिसेज़ नरूला ने भी लगाया था! शायद इसीलिए उन्हें ज्यादा बधाइयां मिल रही थीं. उन्हीं के दबाव में साब और मेमसाब दोनों बाज़ार गए. मेमसाब ने कुछ नई शर्ट पैन्ट दिलव

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Sketches from life: कान में

13 जून 2020
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छुट्टी आ रही है बच्चो एक हफ्ते की. दादी के घर जाना है क्या?- हाँ हाँ! ट्यूबवेल में नहाएंगे.- तो अपने अपने बस्ते तैयार कर लो. सन्डे सुबह छे बजे निकलेंगे. तुम दोनों वहीँ रुक जाना हम दोनों वापिस आ जाएँगे. फिर अगले सन्डे मैं तुम दोनों को वापिस ले आऊंगा. ठीक है?- पर खटारा बस

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Sketches from life: परांठे पर टैक्स

16 जून 2020
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परांठे पर टैक्स? वो भी 18%? ये तो सरासर अन्याय हो गया. सुबह नाश्ते में परांठा ना हो तो सारा दिन ऐसा महसूस होता है कि नाश्ता ही नहीं किया. कई बार तो परांठे का नाश्ता करने मूरथल भी हो आये. मूरथल ढाबों की तो शान है परांठा. पर जब अखबार पढ़ी तो पता लगा की खबर सही है. 'तैयार' या

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Sketches from life: घर में योग 2020

21 जून 2020
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है. हर साल इस 'त्यौहार' की कोई ना कोई थीम रख दी जाती है और इस बार अर्थात 2020 की थीम है 'घर में योग'. कोरोना के साइड इफ़ेक्ट कहाँ नहीं पहुंचे!पिछले बरसों में क्रम यूँ था:योग दिवस 2015 की थीम थी - सामंजस्य और शांति,योग दिवस 2016

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Sketches from life: गुड़

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बैंक का पब्लिक डीलिंग का समय समाप्त हो गया था और गेट बंद हो चुका था. इसलिए बैंकिंग हाल में हलचल घट गई थी. ऐसे में कपूर साब इधर उधर नज़र घुमा रहे थे. - कपूर साब किसे ढूंढ रहे हैं जी?- बच्चे अज स्वेर तों किसी कुड़ी नाल गल नई कित्ती, कह कर कपूर साब मिसेज़ सहगल के पास जाकर बतिया

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Sketches from life: शूटिंग

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खैर समय गुजरा मन्नू जी चीफ मैनेजर बन गए और उन्हें मुम्बई भेज दिया गया. एक साल रह गया था रिटायर होने में और ऐसे में तो दिल्ली ही रखना चाहिए था पर मुम्बई भेज दिया. कमबख्त एच आर डी का दिमाग उलटा ही चलता है. खैर हो सकता है इसी बहाने करीना से मुलाकात हो जाए! मनोहर नरूला जी

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Sketches from life: खबरदार

11 जुलाई 2020
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- सुनो नाश्ता लगा दिया.- आया. - अचार लोगे ?- नहीं.- कल की खबर सुनी?- क्या?- वो जो कोने वाला मकान है दो मंजिला?- हाँ गोयल पेट्रोल पंप वाले का?- वही वही. कल बड़ा तमाशा हुआ. कल शाम को एक औरत गाड़ी चला कर एक बच्चे के साथ आई. गोयल के मकान के सामने गाड़ी खड़ी करके अंदर चली गई. जा क

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Sketches from life: सलीका

19 जुलाई 2020
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जनरल मैनेजर गोयल साब रिटायर होने वाले हैं. आप नहीं जानते, कमाल है! मैं उनका परिचय करा देता हूँ. उम्र तो आप जान ही गए होंगे साठ के हो गए हैं. चश्में का लेंस थोड़ा मोटा हो गया है. बाल उड़ गए हैं बस पिछली साइड में एक छोटी सी झालर बची हुई है. इस झालर को काला करते रहते हैं. पॉके

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Sketches from life: शरबती

25 जुलाई 2020
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बैंक से बाहर निकलते ही तंग सी सड़क आ जाती है. बाएँ चलें तो सड़क के दोनों तरफ मकान दुकानें हैं. यहाँ अगर दो कारें आमने सामने आ जाएं तो आसानी से क्रॉस नहीं कर पाती है. अगर दाहिनी ओर चलें तो खुली जगह आ जाती है. सड़क से मकान पचास पचास फुट दूर हैं और सड़क के दोनों तरफ काफी खाली जग

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Sketches from life: बगीचा

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बैंक से रिटायर हुए गोयल सा को तीन महीने हो गए था. वजन पहले ही ज्यादा था अब मशीन में चेक करते हैं तो पता लग रहा है की और बढ़ रहा है. बकौल पत्नी के 'सारा दिन खाते रहते हो और बिस्तर पर पड़े टीवी देखते रहते हो तो वजन कैसे घटेगा?' इस तरह के शब्द चुभते थे इसलिए बड़ी हिम्मत करके सा

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Sketches from life: घंटी

8 अगस्त 2020
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जनरल मैनेजर गोयल साब बैंक से रिटायर हो चुके थे. इस ख़ुशी में पार्टियां दे भी दी और पार्टियां ले भी लीं. अब किसी तरह की नौकरी करने का कतई मन नहीं था. दोनों बच्चे अमरीका चले गए और अब क्या कमाना. पेंशन के मज़े ले रहे हैं. सुबह अखबार के पन्ने उलट पुलट कर रहे थे तभी घंटी बजी. कॉ

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Sketches from life: प्राचीन विदेशी यात्री 1/3

23 अगस्त 2020
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भारतीय इतिहास को क्रोनोलॉजी याने कालक्रम के अनुसार मोटे तौर पर चार भागों में बांटा गया है - प्राचीन काल, मध्य काल, आधुनिक काल और 1947 के बाद स्वतंत्र भारत का इतिहास. प्राचीन इतिहास लगभग सात हज़ार ईसापूर्व से सात सौ ईसवी तक माना जाता है. इतने पुराने समय के हालात जानने के लि

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Sketches from life: पिल्ला

23 अगस्त 2020
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बैंक की नौकरी क्या लगी मनोहर नरूला ने अपना गाँव मोर माजरा छोड़ ही दिया. कहाँ गाँव और कहाँ कनॉट प्लेस! बढ़िया बढ़िया रेस्तरां, सजे हुए शोरूम, बार और सिनेमा के इर्द गिर्द मेला वाह क्या बात है कनॉट प्लेस की. मनोहर उर्फ़ मन्नू का दिल करता था चौबीस घंटे ब्रांच के आसपास घूमता ही र

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Sketches from life: प्राचीन विदेशी यात्री 2

26 अगस्त 2020
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चीनी यात्री प्राचीन काल में भारतीय उपमहाद्वीप में ज्ञान, विज्ञान, व्यापार, धर्म और अध्यात्म का बहुत विकास हुआ. इस विकास की ख़बरें मौखिक रूप में व्यापारियों के माध्यम से फारस, ग्रीस, रोम तक पहुँच जाती थी. इसकी वजह से व्यापारी, पर्यटक, बौद्ध भिक्खु, और बहुत से हमलावर भी आते

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Sketches from life: नकली फूल

29 अगस्त 2020
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बैंक में नौकरी लग गई तो अब और क्या चाहिए? एक तो जो जूते घिस गए थे उन्हें बदलना चाहिए? लेकिन मम्मी की नज़र में इक श्रीमति चाहिए. ना ना ना मनोहर उर्फ़ मन्नू के विचार में नौकरी के बाद और श्रीमती से पहले एक दुपहिया होना चाहिए जिस पर बैठ कर लम्बी लम्बी सड़कों पर फर्राटे लगाने चाह

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Sketches from life: साब की कार

5 सितम्बर 2020
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प्रमोशन के साथ ही साथ ही गोयल साब की ट्रान्सफर भी हो गई. अब वो बैंक की झुमरी तलैय्या में सारी ब्रांचों के जनरल मैनेजर बन गए. धूमधाम से स्वागत होने के बाद कुर्सी सम्भाल ली. अगले दिन हेड ऑफिस से फ़ोन आया, - सार सुब्रामणियम सार! बहुत अच्चा पोस्टिंग मिला है सार. - थैंक्यू .- ए

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प्राचीन विदेशी यात्री

13 सितम्बर 2020
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अल बेरुनी प्राचीन काल में भारतीय उपमहाद्वीप में ज्ञान, विज्ञान, व्यापार, धर्म और अध्यात्म का बहुत विकास हुआ. इस विकास की ख़बरें मौखिक रूप में व्यापारियों के माध्यम से फारस, ग्रीस, रोम तक पहुँच जाती थी. इसकी वजह से व्यापारी, पर्यटक, बौद्ध भिक्खु तो आते ही थे बहुत से हमलावर

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Sketches from life: प्राचीन विदेशी यात्री 4

19 सितम्बर 2020
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इब्न बतूता प्राचीन काल में भारतीय उपमहाद्वीप में ज्ञान, विज्ञान, व्यापार, धर्म और अध्यात्म का बहुत विकास हुआ. इस विकास की ख़बरें मौखिक रूप में व्यापारियों के माध्यम से फारस,ग्रीस, रोम, चीन तक पहुँच जाती थी. इसकी वजह से व्यापारी, पर्यटक, बौद्ध भिक्खु तो आते ही थे बहुत से ह

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Sketches from life: पेंशनर और बीमा

23 सितम्बर 2020
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भारत में उन पेंशनर की संख्या कितनी है जो अपने पूर्व एम्प्लायर से पेंशन लेते हैं? कुल मिला के कितने लोग नौकरी के बाद पेंशन ले रहे हैं? ये आंकड़े इन्टरनेट में खोजने की कोशिश की पर पता नहीं लग पाया. यूरोपियन यूनियन की एक साईट में 2005 से 2050 तक के आंकड़े और भविष्य के ग्राफ वग

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Sketches from life: मीठी बोली

26 सितम्बर 2020
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जनरल मैनेजर( रिटायर्ड ) गोयल साब ने शाम की तैयारी शुरू कर दी. नहा धो के चकाचक कुरता पायजामा पहन लिया. सिर पर जुल्फों के नाम पर गिनती के चार बाल बचे थे, उन पर प्यार से कंघी फेरी क्यूंकि बेशकीमती जो हैं. डाइनिंग टेबल पर दो बियर के गिलास, एक प्लेट में चखना और फ्रिज में से चि

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Sketches from life: ज़ोहरा सहगल को श्रद्धांजलि

29 सितम्बर 2020
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जीवन, हँसी और एनर्जी से भरपूर अभिनेत्री ज़ोहरा सहगल अब नहीं रहीं ।वे 102 साल की थीं । ज़ोहरा सहगल का शरारत और मुस्कराहट भरा चेहरा देख कर मन अब भी खिल जाता है । 2007 में ज़ोहरा सहगल ने 'चीनी कम' में अमिताभ बच्चन की माँ का रोल किया । ज़ोहरा सहगल के सौंवे जन्मदिन पर अमिताभ ब

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Sketches from life: खाली प्याला

3 अक्टूबर 2020
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बैंक में नौकरी लगे मनोहर को अभी ज्यादा दिन नहीं हुए थे. इम्तिहान देकर नौकरी लगी तो अपना गाँव कसेरू खेड़ा छोड़ कर कनॉट प्लेस पहुँच गए. कहाँ हरे भरे खेत और गाय भैंस का दूध और कहाँ ये कंक्रीट जंगल और चाय और कॉफ़ी. पर फिर भी कनॉट प्लेस की इमारतें, बड़े बड़े सुंदर शोरूम, रेस्तरां व

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Sketches from life: केबिन में क्रांति

7 अक्टूबर 2020
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बड़े बड़े बैंकों में छोटी छोटी बातें होती रहती हैं. अब देखिये झुमरी तलैय्या की सबसे बड़ी ब्रांच के सबसे बड़े केबिन में सबसे बड़े साब गोयल जी बिराजमन थे. बड़ी सी टेबल पूरी तरह से ग्लास से ढकी हुई थी. एक तरफ कुछ फाइलें थी, अखबार थी, पेन स्टैंड था और फोन था. सामने तीन कुर्सियां थी

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Sketches from life: देर कर दी

10 अक्टूबर 2020
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पंजाबी बोलना सीखना चाहिए या फिर बंगाली बोलना? या फिर दोनों? पर मुश्किल तो ये हो रही है की सिखाए कौन. मनोहर जी आजकल बैंक में काम कर रहे हैं और रहने वाले हैं गाँव कसेरू खेड़े के. अब खेड़े में ये दोनों भाषाएँ बोलने बताने वाला कोई है नहीं. तो मनोहर जी उर्फ़ हमारे मन्नू भैया का क

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Sketches from life: देवियों और सज्जनों

18 अक्टूबर 2020
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अखबार में कुछ दिनों पहले खबर छपी थी कि जापान एयरलाइन्स भविष्य में अपने हवाई जहाज़ में इस तरह से घोषणा नहीं करेंगे - गुड मोर्निंग लेडीज़ & जेंटलमेन. अब जापानी एयर होस्टेस दूसरी तरह से घोषणा करेगी - 'गुड मोर्निंग एवरीवन' या फिर 'गुड मोर्निंग पैस्सेंजर्स'. ब्रिटेन में भी 'हेलो

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Sketches from life: लेखा जोखा

25 अक्टूबर 2020
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बैंक में ऑडिट बहुत होता है. जितनी ज्यादा बिज़नेस होगा उतनी बड़ी ब्रांच होगी और उतने ही ज्यादा ऑडिटर आएँगे. एक तो घरेलू या इंटरनल ऑडिटर होते हैं ये साल में एक बार आते हैं. एक और इंटरनल ऑडिटर भी हैं जिन्हें कनकरंट ऑडिटर कहते हैं. ये बड़ी ब्रांच में बारहों महीने बैठे रहते हैं औ

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Sketches from life: लॉकर में बंद

28 अक्टूबर 2020
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बैंकों में आजकल लोन के अलावा सोने के सिक्के, इन्शोरेन्स, मेडिक्लैम, म्यूच्यूअल फण्ड भी मिलने लगे हैं. पहले ये सब झमेला नहीं था. अब इसे झमेला ना कह कर 'फाइनेंशियल लिटरेसी' कहा जाने लगा है. याने पैसे कहाँ लगाने हैं और ब्याज ज्यादा कहाँ मिलेगा ये बताया जाता है. चालीस बरस बै

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Sketches from life: चलो स्कूल चलें

15 फरवरी 2021
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रिटायरमेंट के बाद क्या करें? भारत दर्शन करें और क्या! चलो फिर एक मोटरसाइकिल ले लेते हैं. एक रॉयल एनफील्ड 500 क्लासिक खरीद ली. बड़े शौक से फटफटिया हाईवे पर दौड़ानी शुरू कर दी. दिल्ली से जयपुर, पुष्कर, हरिद्वार, लैंसडाउन की सैर की. पर कुछ ट्रैफिक ने परेशान किया, कुछ धूल मिट्ट

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Sketches from life: लेट मत बैठो

27 फरवरी 2021
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बड़े बैंक की बड़ी ब्रांच में कुछ ना कुछ होता रहता है. बड़ी ब्रांच की लोकेशन बहुत अच्छी थी, मेन रोड पर. ब्रांच के बाएँ हाथ पर एक पेट्रोल पंप था और दूसरी तरफ पोस्ट ऑफिस. इसलिए चहल रहती थी और बसें भी आसानी से मिल जाती थी. आने जाने की सुविधा थी. बिल्डिंग के पहले माले पर याने ब्

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Sketches from life: झाड़ू का दूसरा साल

14 जून 2021
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लॉकडाउन जब पहली बार पिछले साल लगा था तो झाड़ू उठाना पड़ गया था. वो इसलिए की सोसाइटी ने मेन गेट बंद कर दिया, ना कोई आ सकता और ना ही कोई जा सकता था. गेट बंद हो गया तो काम वाली कैसे आती? और अगर काम वाली नहीं आती तो सफाई कैसे होती? पर हमारी 65 बरस की बुढ़िया गर्ल फ्रेंड को जोश आ

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Sketches from life: ससुर जी की पेंशन

14 जून 2021
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प्रमोशन हुई तो पहाड़ की एक ब्रांच में पोस्टिंग हो गई. पैकिंग की, बस पकड़ी और कोटद्वार पहुँच गए. वहां से जीप में सामान डाला और दुगड्डा पहुंचे. यहाँ से पैदल यात्रा शुरू हुई पहले दाएं, फिर बाएं, फिर ऊपर और फिर नीचे! तीन किमी का पथरीला रास्ता तीस किमी लगने लगा. सांसों में अनुलो

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Sketches from life: सीमा

14 जून 2021
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दुनिया का नक्शा उठा कर देखें तो सीमा रेखाओं की बहुतायत है. दुनिया देशों में बंटी हुई है और हर देश की अपनी सीमा रेखा है. उसके बाद हर देश आगे प्रदेशों में बंटा हुआ है और प्रदेशों की अपनी अपनी सीमा रेखाएं हैं. उदाहरण के लिए भारत देश 28 प्रदेशों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों में

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Sketches from life: देह दान

14 जून 2021
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पौराणिक कथाओं में एक कथा है महर्षि दधीचि की. संक्षेप में ये कथा इस प्रकार है: एक बार वृत्रा नामक असुर ने इंद्रलोक पर कब्ज़ा जमा लिया. इंद्र समेत सभी देवता इन्द्रलोक से निष्काषित कर दिए गए. इन्द्रलोक वापिस लेने के देवताओं के सारे प्रयास विफल हो गए. अब देवता ब्रह्मा के पास ग

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Sketches from life: लाइसेंस

14 जून 2021
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गोयल साब ने अपना पुराना ब्रीफकेस खोला. खज़ाना इसी में दबा हुआ था. बैंक की फिक्स डिपाजिट, कुछ शेयर्स, बीमे के कागज़, आधार कार्ड वगैरह सब इसी में थे. बड़ी पुरानी ब्रीफकेस है ये किसी ज़माने में इसमें अपनी गर्ल फ्रेंड की फोटो भी रखते थे पर साब अब वो ज़माने नहीं रहे. अब तो हुलिया ब

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