- बस इधर नाश्ता खतम हुआ उधर तुम्हारा लैपटॉप खुला. सुबह नौ बजे से लेकर रात नौ बजे तक इस लैपटॉप में क्या करते रहते हो? दाएं बाएँ भी देख लिया करो. वाईफाई के अलावा इस घर में वाइफ भी है.
- अरे यार वो राजस्थान टूर की फोटो डाल रहा था. और तुम भी तो अखबार ही तो पढ़ रही हो. मैं भी तो ख़बरें ही पढ़ रहा हूँ इस लैपटॉप पर. अखबार की जरूरत ही नहीं.
- पर सुबह सुबह लैपटॉप ...
- अरे यार सुबह सुबह वाईफाई की स्पीड तेज़ होती है और वाइफ की कम ... हेहेहे !
- घटिया जोक हेहेहे . पर मेरी फोटो अच्छी वाली डालना - एक तो जीन वाली और दूसरी सलवार कमीज़ वाली, एक वो पलाज़ो वाली जिसमें छाता पकड़ा हुआ है. एक ही ड्रेस वाली ना डाल देना. चंद्रमुखी ने पूरे टूर की फोटो एक ही ड्रेस में डाली हुई थी. रिपीट ड्रेस में फोटो मजेदार नहीं लग रही थी.
- ओके ओके वही कर रिया हूँ. पोस्टिंग से पहले खुद देख भी लेना.
शनिवार को श्रीमती चंद्रमुखी अपने श्री के साथ पधारीं और बातों बातों में कहने लगी,
- ये तो न जी सारा दिन कंप्यूटर ही चलाते रहते हैं. अब तो मैंने भी सीखना शुरू कर दिया है. हम क्यूँ पीछे रहें हैं न?
- चंद्रमुखी ये तो ना बिस्तर से उठते ही लैपटॉप खोल लेते हैं.
- आप भी सीख लो ना. हमें तो सबको मिलकर ना सीख लेना चाहिए इनकी मोनोपोली तोड़ देनी चाहिए! मैं तो गाने और फ़िल्मी ख़बरें उसी में ही देख लेती हूँ.
पूरा दबाव बन गया सर जी. पेंशन खाते में डाका पड़ गया और बियर खाते के पैसे भी लुट गए. शनिवार को एक नया लैपटॉप उर्फ़ लैप्पी नंबर 2 आ गया. सेटिंग कर दी गई और ट्रेनिंग भी हो गयी. अब सुबह नाश्ता करने के बाद दोनों लैप्पी खुल जाते हैं. लैप्पी नंबर 1 में ब्लॉगर और गूगल समाचार पहले खुलते हैं और लैप्पी नंबर 2 में फेसबुक और यू ट्यूब खुल जाती है.
अचानक आवाज़ आई,
- अरे इसमें तो चार्ज ख़तम होने वाला है? आप इसे भी तो चार्ज करके रखा करो?
- जी सरकार जरूर जरूर.
- ये क्या है ये तो चल ही नहीं रहा है?
- भई इन्टरनेट नहीं आ रहा है.
- कैसे पता?
- ये देखो इस निशान से पता लगता है कि इन्टरनेट नहीं आ रहा.
- पर तुम्हारा कैसे चल रहा है मेरा नहीं?
- अब इन्टरनेट आ गया है ना जी.
- और तुम ये तरह तरह की स्माइली डालते रहते हो मेरे लैप्पी में तो हैं ही नहीं?
- ये लो ये लो मैं हूँ ना!
- ये देखो फेसबुक में चंद्रमुखी की कितनी सुंदर फोटो है. साड़ी भी सुंदर है ऐसी मैंने भी लेनी है.
- ओके ओके!
- लो ये गीता दत्त का गाना सुनो. आज भी ये गाने कितने अच्छे लगते हैं. लो अब ये भजन भी सुनो. वाह कैसा सुरीला भजन है!
- तुम कान में ये मशीन लगा कर सुन लो या फिर वॉल्यूम कम कर लो. मैं कुछ लिख रहा हूँ.
- ओहो भजन कान से सुनते रहो बस. कभी कभी भजन भी सुन लेने चाहिए. अच्छा छोड़ो ये देखो चिकेन की नई रेसेपी काजू-टोमेटो-बटर चिकेन. और ये देखो एक और नई रेसिपी काजू-पनीर-टोमेटो दम-आलू ! क्या बात है दोनों ही डिश बिल्कुल नई हैं. देखने में ही बहुत बढ़िया लग रही हैं तो खाने में तो और टेस्टी होंगी.
- ओके ओके!
- जाओ 250 ग्राम काजू ले आओ और चिकेन. आज यही काजू-टोमेटो-बटर चिकेन बनेगा.
- ओके शाम को ले आता हूँ.
- नहीं नहीं. अभी ले आओ तैयारी भी तो करनी पड़ेगी. उठो उठो.
- यार बड़ी गर्मी है बाहर. पारा 40 डिग्री पार हो चूका है.
- तो क्या हुआ?
- अच्छा ठीक है. जाता हूँ जाता हूँ. पारा चाहे किसी का भी हो ज्यादा ऊपर नहीं जाना चाहिए.
- यार नागेश की दूकान में काजू नहीं है. कह रहा है कि साब इस गर्मी में काजू कौन खाता है?
- अरे तुम गाड़ी लेकर मॉल चले जाओ. क्या देर लगती है. और जाने से पहले लैप्पी को किचन में फिक्स कर जाओ.
अब लैप्पी नंबर 2 किचन में चलेगा जहां मिक्सी, फ्रिज, माइक्रो चलते हैं और जहां गैस जलती है. वहीं लैप्पी पर यूट्यूब चलेगा, उसमें रेसेपी चलेगी और उसे देख देख कर काजू-टोमेटो-बटर चिकेन बनेगा.
अब अगर ये काजू-टोमेटो-बटर चिकेन सही नहीं बना तो सुसरे को लैप्पी नंबर 2 की यूट्यूब पर ही उंडेल दूंगा.