- सुनो जी चंद्रमुखी का फोन आया है उसके बेटे की सगाई है और किसी फाइव स्टार में पार्टी हो रही है.
- वाह वा बढ़िया खबर है. पार्टी है तो जरूर चलेंगे चाहे पार्टी चंद्रमुखी की हो या सूर्यमुखी की! ये चंद्रमुखी वही है न जो तुम्हारे साथ बाराखम्बा रोड ब्रांच में काम करती थी?
- वही है पर तब तो हालत खराब थी. पियक्कड़ पति की वजह से परेशान रहती थी. आजकल का हाल तो पता नहीं. पार्टी दे रही है तो अच्छा ही होगा. पार्टी भी किसी फाइव स्टार में है तो हालात बदल गए होंगे तभी तो.
तब तक फोन की घंटी बज गई,
- हेल्लो पूनम क्या हाल है?
- अरे चंद्रमुखी का फोन आया था अभी. बेटे की सगाई कर रही है. और पता बेटा लन्दन से सगाई कराने आ रहा है फाइव स्टार में है. चलोगी ना?
- हाँ पूनम फोन तो मुझे भी आया था. मैं तो साब के साथ जाने की सोच रही हूँ. दूर भी है और देर भी हो जाएगी.
- हाँ हाँ मैं भी इनके साथ ही जाऊँगी. पीली साड़ी ठीक रहेगी ना?
- अच्छा तो मैं फिर नीली निकाल लेती हूँ. चल ठीक है. बाय.
फिर फोन बजा,
- हेल्लो शीला कैसी हो?
- अरे तू चंद्रमुखी की पार्टी में जा रही है? सुना है बड़ी शानदार पार्टी होने वाली है.
- हाँ हम तो जा रहे हैं. पूनम भी जा रही है. और शीला तुम्हारा क्या प्रोग्राम है?
- अब तू भी जा रही है और पूनम भी जा रही है तो हमें भी तो जाना ही पड़ेगा. ना गई तो अच्छा थोड़े ही लगेगा. चक्कर पता क्या है कि ये रात को गाड़ी नहीं चलाते तो हम दोनों तुम्हारे साथ चलें? मेट्रो से तुम्हारे घर आ जाएंगे.
- हाँ हाँ मोस्ट वेलकम.
- ठीक है फिर. पर रुक क्या पहन रही है तू? साड़ी या सूट? मैं सोच रही हूँ पिंक सूट पहन लूँ.
- हाँ पहन ले मैंने तो साड़ी पहननी है.
- चल बाय.
फिर फोन बजा,
- हेल्लो मीना क्या हाल है?
- अरे तुम सन्डे की पार्टी में जा रही हो? चंद्रमुखी का फोन आया था.
- हाँ जाने की सोच रहे हैं.
- बस मुझे ये बता दो की तुम्हारी गाड़ी में दो सीट हैं क्या मेरे लिए और लिफाफा कितने का है?
- सीट तो भई शीला ने बुक कर ली है और लिफाफा तो वहीँ जाकर बना लेंगे.
- चल ठीक है मैं किसी और को पकड़ती हूँ. कैसी साड़ी पहन रही है या मैं सोचती हूँ कि सूट ही पहन लूँ. चल बाय.
फिर फोन बजा स्वाति का, फिर मधु का, फिर सरोज का, फिर .....
होटल में पहुँच कर सबने चंद्रमुखी और उसके मिस्टर और उसके बेटे को मुबारक बाद दी. पुरुष दारु के काउंटर की तरफ बढ़ गए. महिलाएं चाट के काउंटर की तरफ. दस बजे खाना शुरू हो गया और ग्यारह बजे सबने लिफाफे दे दिए. घर से चले थे तो लिफ़ाफ़े हलके थे यहाँ आकर भारी हो गए. साढ़े ग्यारह बजे तक सबने प्रस्थान कर दिया. पुरुष वापसी में सारे रास्ते में ड्रिंक्स और बार की चर्चा करते रहे. बढ़िया स्टॉक लगाया हुआ था दारु का.
अगले दिन फोन आया पूनम का,
- मुझे तो उम्मीद नहीं थी इतनी बढ़िया पार्टी की सच. चंद्रमुखी का तो हाल ही बदल गया नईं? बढ़िया सी साड़ी, परफ्यूम और जेवर देखे कमाल के! बेटा बाहर से लेकर आया है स्पेशली. कमाल है पता नहीं हमारे सपूत क्या करेंगे? ये तो कह रहे थे की इतना खर्चा तो इसने दारु पर ही कर दिया.
फिर मीना का फोन आया,
- मजा आ गया भई पार्टी में. साब तो कह रहे थे ड्रिंक्स में मज़ा आ गया. उसका लड़का देखा? पहले तो ड्राईवरी करता था फिर ट्रक खरीद लिया अब चार चार ट्रक चल रहे हैं उसके यूरोप में. कैसी पर्सनालिटी निकल आई है लड़के की. मुझे पहले पता होता तो बिटिया की बात चला देती.
फिर स्वाति का फोन आया,
- इस चंद्रमुखी की तो काया पलट हो गई देखा तुमने? कैसा बदलाव आ गया? फाइव स्टार की पार्टी, लाइव म्यूजिक, ड्रिंक्स! इतना खर्चा कर दिया? हमारा पता नहीं क्या होगा? बच्चे तो बस पढ़ते ही नहीं. ना किसी खेल में मन लगता है इनका. पता नहीं क्या होगा?
फिर मधु का फोन आया, फिर सरोज का आया फिर शीला का ..... सबको अब शादी के निमंत्रण का इंतज़ार है.