. जब महाभारत का युद्ध प्रारम्भ हो रहा था, इधर से पांड़वो की सेना तैयार थी उधर से कौरवों की स
प्रत्येक क्रिया के प्रति प्रतिक्रिया होती है। यह न्यूटन का नियम भी है। यह नियम प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर भी लागू होता है। प्रत्येक एक्शन के प्रति रिएक्शन। अस्तित्व को जो तुम दोगे वही तुम पर वापस
क्या गजब खेल देखो दिखाया भगवान ने,भुल गए था इंसान राम न,अहम अहंकार अधर्मी के चरु से,भुल बैठ राम नाम न। देखो प्रकृति गजब खेल दि
मोहब्बत का कोई रंग नही फिर भी वो रंगीन है,प्यार का कोई चेहरा नही फिर भी वो हसीन हैं !
सुन्दर झरने झर झर करते,कल कल करती है नदियां,पहाड़ों कि चोटी शोभा बढ़ती,फुल कि महकती है बगिया,कितनी सुन्दर है शान प्रकृति की,मनुष्य को है वरदान प्रकृति का। &nbs
जिसको जीवन कहते वो जीवन नही हम लोग ये कहते है कि हम जीवन जी रहे है। क्या यह सही है? क्या सचमुच में हम जीवन जी रहे हैं? मनुष्य जन्म लेता है बचपन आता फिर जवानी आती है फिर बुढापा। ये तो क्रमश: घटि
माइन्ड (मन) मन को समझना बहुत जरूरी है क्योंकि कहा गया है मन के हारे हार है मन के जीते जीत।मन एक ऐसा शख़्स है जो अपनी जाल से हमे उलझाकर खुद मालिक बन बैठता है। मन अपनी चाल कब चलता है पता नही चलता।
ये गलती कभी ना ब्लॉगर करें।(Bloggers ever make this mistake) और हमें हमेशा अपने माता-पिता की सेवा करनी चाहिए आर्टिकल लिखना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है और ना ही ऑनलाइन माध्यम से पैसा कमाना कोई बहुत
एक देश की नींव रखी जाती है, उस देश में रहने वाले लोगों के द्वारा एक और सबसे महत्वपूर्ण वर्ग है जो युवाओं के द्वारा युवा ही देश की रीड की हड्डी के समान होते हैं ।अगर यह कमजोर होते हैं ,तो वह देश
जब हम एक जगह रहते है तो बोर हो जाते है ।ऐसे में हमे घुमने जाना चाहिए मित्रो रिश्तेदारो को साथ लेकर किसी प्राकृतिक स्थान पर भ्रमण करना चाहिए ।तीन चार दिनो के भ्रमण से मन प्रसन्न हो उठता है । कही
हम सभी मनुष्य है और इस पृथ्वी पर निवासरत है ।हमारे अलावा करोड़ो जीव जंतु का भी वास है । इसमे सर्वाधिक बुद्धिमान मानव ही है । बुद्धि के विकास के साथ हमने विज्ञान की मदद से रहन सहन,दुख,असुरक्षा पर विजय
अभी पिछले 7 सालो में संचार के साधनो में बेतहाशा वृद्धि हुई है । टीवी रेडियो के बाद मोबाइल ने तो क्रांति ला दी है । व्हाट्सप , यूट्यूब ,फ़ेस बुक व टेलीग्राम ऐप्प आदि के जरिये लोग अपना विचार व्यक्
प्राकृतिक संसाधन क्या है? वह संसाधन जो प्रकृति ने दिया है जिसे मानव ने नही बनाया प्राकृतिक संसाधन कहलाता है । पृथ्वी के अन्दर कोयला पेट्रोलियम खनिज सम्पदा सीमित मात्रा में उपलब्ध है ।पृथ्वी के
"नीरज तुम भी जानते हो और मैं भी ..!""क्या…यही ना हम एक नहीं हो सकते..!""हां..पर सोचो ना..!हम अलग ही कहां है..?"ये प्यार में अपनापन हमेशा जोड़े रखेगा हमें..!""कहना आसान है नेहा ..जीवन कैसे गुजरेगा..?""
लोगो के रिलेशनशिप से ये पता चलता है,कि वो किस तरह के इंसान है । किसी ने ये कहा था —रिश्ते टूटने के वजह ...बड़े झगड़े नहीं होते हैं ।बल्कि ...छोटी - छोटी गलतफहमियां होती हैं , जिनका पता भी नह
तुम कलयुग की 'राधा' हो, तुम पूज्य न हो पाओगी, कितना भी आलौकिक और नैतिक प्रेम हो तुम्हारा, तुम दैहिक पैमाने पर नाप दी जाओगी, तुम मित्र ढूँढोगी...वे प्रेमी बनना चाहेंगे... तुम आत्मा सौंप द
ये बात सच है कि सोशल मीडिया के कारण लोगो तक जानकारी आसानी से पहुच रही है ।दुनिया के हर कोने की खबर अब सोशल मीडिया ने सरल कर दी है । यूट्यूब,व्हाट्स्प,टेलीग्राम,फ़ेसबुक की मदद से दूर बैठे रिश्तेदा