ये कहानी उस दौर की है जब दुनिया पूरी तरहा से तहस नहस हो गई थी। दुनिया मे प्रलय आने के लिए कोई भी दैवी शक्ति जिम्मेदार नहीं थी। ये तो हमारी ही भूख बहोत बढ गई थी, और चाहिए, और चाहिए की भ
बारिश हो रही थी बहोत तेज बारिश। वो बरसात की रात थी। शहर से बाहर दूर एक खेत मे सुनील राधा के साथ गया था। सुनील अपने गाव मे कॉलेज की छुट्टीया मनाने आया था। और फिर वो राधा से मिला। र
लडके को मेरे पास लाओ अम्बर को मलका के हुजूर पेश किया गया अम्बर इसी मलका नफरीति का बेटा था माँ शाही लिबास मेँ और बेटा फटे कपड़ो मेँ नंगे पैर लकड़ी की गुलेल हाथो मेँ लिए खड़ा हुआ था लेकिन खून आखिर खून ह
मौत का ताबूत पार्ट 1 दरयाई नील बहुत ही ख़ामोशी से वह रहा था आधी रात का बक्त था क़दीम मिसर के गहरे नीले आसमान पर सितारे सफ़ेद मोतियों की तरह चमक रहे थे दरयाई नील के पानी मेँ आसमान के सितारों का अक्स झ
मौत का ताबूत पार्ट 1 दरयाई नील बहुत ही ख़ामोशी से वह रहा था आधी रात का बक्त था क़दीम मिसर के गहरे नीले आसमान पर सितारे सफ़ेद मोतियों की तरह चमक रहे थे दरयाई नील के पानी मेँ आसमान के सितारों का अक्स झ
( मन का डर ) अंतिम क़िश्त सुजाता का भाई सुनील पागलों सी हरकत करने लगा चिल्ला चिल्ला कर कहने लगा कि मैं ही अपनी बहन का क़ातिल हूं । बहुत देर तक ऐसी ही पागलों सी हरकतें करने क
पिछले अध्यायों में हमने पढ़ा कि झारखंड के एमएलए की बेटी की शिखा की शादी की तैयारियाँ हो रही है और उसके कॉलेज के जमाने की सहेली मौलि शादी में आने वाली है। मौलि के आने की खबर से शिखा की खुशी का ठिकाना न