क्या बताऊं हाल-ए-दिल अपना,
किसे दिखाउ जख्मी दिल अपना।
रोंदने वाले बहुत मिले हैं,
कोई ना देता साथ अपना।
बातें बड़ी तो बहुतों ने की हैं,
पर समय पे छुड़ाया हाथ अपना।
19 जुलाई 2024
क्या बताऊं हाल-ए-दिल अपना,
किसे दिखाउ जख्मी दिल अपना।
रोंदने वाले बहुत मिले हैं,
कोई ना देता साथ अपना।
बातें बड़ी तो बहुतों ने की हैं,
पर समय पे छुड़ाया हाथ अपना।
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मुझे कविता और कहानी लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है। मन में कुछ भावनाएं और विचार आते है, उन्हें लिख लेती हूं । उम्मीद करती हूं मेरा लिखा हुआ आप लोगो को पसंद आए। यदि अच्छा लगे तो कमेंट करके मेरा प्रोत्साहन बढ़ाइएगा।D