मन के भावो से तुम निकलती नहीं
इश्क की राहों मे तुम मिलती नहीं
कम से कम हाल हमारा पूछ लेती
ये सांसे भी तो तुम बिन चलती नहीं
दूर-दूर तक नजर तो जाती है
पर तुम्हारी परछाई भी हमें दिखती नहीं
29 जून 2024
मन के भावो से तुम निकलती नहीं
इश्क की राहों मे तुम मिलती नहीं
कम से कम हाल हमारा पूछ लेती
ये सांसे भी तो तुम बिन चलती नहीं
दूर-दूर तक नजर तो जाती है
पर तुम्हारी परछाई भी हमें दिखती नहीं
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मुझे कविता और कहानी लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है। मन में कुछ भावनाएं और विचार आते है, उन्हें लिख लेती हूं । उम्मीद करती हूं मेरा लिखा हुआ आप लोगो को पसंद आए। यदि अच्छा लगे तो कमेंट करके मेरा प्रोत्साहन बढ़ाइएगा।D