तू मुझे चैन से, सोने ना दे।
ख़्वाब ही ख़्वाब मैं, देखू कैसे।
तू मुझे चैन से, रोने ना दे।
दर्द ही दर्द में, घुटू जैसे।
तू मुझे प्रेम की पीड़ा से, उभरने ना दे।
मेरी हथेली की लकीरें भी, मेरा साथ ना दे।
10 अगस्त 2024
तू मुझे चैन से, सोने ना दे।
ख़्वाब ही ख़्वाब मैं, देखू कैसे।
तू मुझे चैन से, रोने ना दे।
दर्द ही दर्द में, घुटू जैसे।
तू मुझे प्रेम की पीड़ा से, उभरने ना दे।
मेरी हथेली की लकीरें भी, मेरा साथ ना दे।
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मुझे कविता और कहानी लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है। मन में कुछ भावनाएं और विचार आते है, उन्हें लिख लेती हूं । उम्मीद करती हूं मेरा लिखा हुआ आप लोगो को पसंद आए। यदि अच्छा लगे तो कमेंट करके मेरा प्रोत्साहन बढ़ाइएगा।D