मैं वो ख़्वाब हूं,
जिसे चाह के भी ना भूल पाओगे।
दूरियां जितनी भी हो,
तुम मेरे पास दौड़े चले आओगे।
इन ख्वाबों को हकीकत बनाने के लिए,
सब कुछ आजमाओगे।
इस इश्क को पाने के लिए,
जी जान से लग जाओगे।
8 अगस्त 2024
मैं वो ख़्वाब हूं,
जिसे चाह के भी ना भूल पाओगे।
दूरियां जितनी भी हो,
तुम मेरे पास दौड़े चले आओगे।
इन ख्वाबों को हकीकत बनाने के लिए,
सब कुछ आजमाओगे।
इस इश्क को पाने के लिए,
जी जान से लग जाओगे।
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मुझे कविता और कहानी लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है। मन में कुछ भावनाएं और विचार आते है, उन्हें लिख लेती हूं । उम्मीद करती हूं मेरा लिखा हुआ आप लोगो को पसंद आए। यदि अच्छा लगे तो कमेंट करके मेरा प्रोत्साहन बढ़ाइएगा।D