माँ से फिर पूछता नन्हा "क्या हुआ फिर उसके बाद?""निरुत्तर माता, कुछ पल को चुप होती,मुस्कुराकुर फिर, नन्हे को गोद में भर लेती,चूमती, सहलाती, बातों से बहलाती,माँ से फिर पूछता नन्हा "क्या हुआ फिर उसके बाद? माँ, विह्वल सी हो उठती जज्बातों से,माँ का मन, कहाँ ऊबता नन्हे की बातों से?हँसती, फिर गढ़ती इक नई
न वर्दी, न तिरंगा, यह तो खूनी कफ़न हैं ।वर्दी मे हसता खिलखिलाता मेरा सपूत दिखता हैं वह चेहरा मेरी आंखो मे चमकता हैं। उसकी बाजुओ मे लटकती बंदूक खिलौना लगती हैं। वह उस खिलौने से न खेल सका। वह उस पल को न समझ सका न खेल सका, अपनी पत्नी, माँ, बच्चों को छोड़ गया, रोने की किलकारी सब मे, लिपटे कफ़न तिरंगे मे
।। दूसरा तो दूसरा ही होता है।। संबंध तो वही है;जिसमें तोड़ने का विकल्प होता ही नहीं। रिश्ता तो वही है; जिसमें छोड़ने का विकल्प होता ही नहीं।।चलो बात करें, चलो कुछ बात करें;एकदम ही निजी रिश्ते की;एकदम ही अंतरंग रिश्ते की;एकदम ही पूरे पूरे व्यक्तिगत संबंध कीचलो बात करें, चलो कुछ बात करें।।( दूसरा से य
पहला शब्द पहला टीचर पहला स्कूल मेरी माँ . पहला संश पहला दोस्त पहला प्यार मेरी माँ सुपर माँ है मेरी माँ
मन का भंवर अकस्मात मीनू के जीवन में कैसी दुविधा आन पड़ी????जीवन में अजीव सा सन्नाटा छा गया.मीनू ने जेठ-जिठानी के कहने पर ही उनकी झोली में खुशिया डालने के लिए कदम उठाया था.लेकिन .....पहले से इस तरह का अंदेशा भी होता तो शायद .......चंद दिनों पूर्व जिन खावों में डूबी हुई थी,वो आज दिवास्वप्न सा ल
ये कविता एक माँ के प्रति श्रद्धांजलि है। इस कविता में एक माँ के आत्मा की यात्रा स्वर्गलोक से ईह्लोक पे गर्भ धारण , बच्ची , तरुणी , युवती , माँ , सास , दादी के रूप में क्रमिक विकास और फिर देहांत और देहोपरांत तक दिखाई गई है। अंत में कवि माँ क
बादल ने पूछा धरती से तुंम इतनी सहनशील कैसे रहती होमें बदली बरसा दूँ तो तुममिटटी की सुगंध बिखेर देती होझूम झूम कर बरसूं तो जल समेट लेती होबरसा दूँ ओले तो दर्द सहकर भी कुछ नही कहती होधरती मुस्काई, बोली तुंम भी पिता की तरहबच्चों के
काश चिड़िया चहचहाती, मेरे आँगन मेंज़िन्दगी फिर मुस्कुराती,मेरे आँगन में ब्याह दी बिटिया सयानी, रच गई घर-बार मेबेटे की वो ही कहानी, हैं बहू के प्यार मेझान्झने कब झन झनझनाती, मेरे आँगन में अख़बार के प़न्ने पलटते, दिन मे वो, सौं स
झांसी में एक महिला सिपाही के छह माह की बच्ची के साथ लगातार ड्यूटी करने का फल मिल गया। काम के प्रति उसके समर्पण को देखते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने इस महिला सिपाही को उसके घर आगरा के पास पोस्टिंग देना का आश्वासन दिया। अब सिपाही अर्चना को उसके गृह जनपद आगरा के करीब तैनाती मिलेग
जम्मू-कश्मीर में 9 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप और हत्या की खौफनाक घटना सामने आई है. सौतेली मां और सौतेला भाई सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. 23 अगस्त से ही लड़की गायब थी. उरी के रहने वाली लड़की के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज भी कराई थी. 2 सितंबर तो लड़की की डिकम्पोज्ड बॉडी बारामूला के पास
“कुंडलिया”ममता माँ की पावनी छाया पिता दुलार। वंश बेल सम्यक प्रकृति चर्चित बालक प्यार॥ चर्चित बालक प्यार रार कब करते तरुवर। शिशु से है संसार स्नेह का सागर प्रियवर॥ कह गौतम कविराय हृदय की मोहक क्षमता। खेल रहा प्रिय गोद पिता मन विह्वल ममता॥ महातम मिश्र गौतम गोरखपुरी
Aaine Ke Sau Tukade Karke Hamne Dekhe Hain Lyrics of Maa : Aaine Ke Sau Tukade Karke Hamne Dekhe Hain is a beautiful hindi song from 1991 bollywood film Maa. This song is composed by Anu Malik. Kumar Sanu has sung this song. Its lyrics are written by Hasrat Jaipuri. माँ (Maa )आईने के सौ टुकडे करके ह
'मा' 1 99 1 की हिंदी फिल्म है जिसमें जीतेन्द्र, जया प्रदा, अरुणा ईरानी, शक्ति कपूर, केदार खान, बीरबल, सहिला चड्डा, गुलशन ग्रोवर, विजू खोटे, गुड्डी मारुति और सुषमा सेठ प्रमुख भूमिका निभाते हैं। हमारे पास और मा के एक गीत गीत हैं अनु मलिक ने अपना संगीत बना लिया है कुमार सानू ने इन गीतों को गाया है जब
इसी धरा , इसी जमीं पर जीवन मुझे हर बार मिलेहे जन्म भूमि ! माते धरतीहर जन्म में तेरा प्यार मिले।। कितनी प्यारी ये धरती हैंकितनी हैं इसकी सुन्दरताइसकी माटी की सौंधी महकतन मन को कर देती ताजाकितनी शक्ती हैं तुझमें माँहम सब के बोझ को है झेलेहे जन्म भूमि
हे ईश्वर मालिक हे दाता, हे जगत् नियंता दिन बन्धु!हे परमेश्वर प्रभु हे भगवन्, हे प्रतिपपालक हे दया सिन्धु!!सच्चिदानंद घट घट वासी, हे सुखराशि करुणावतार!हे विघ्न हर्न मंगल मूर्त, हे शक्ति रूप हे गुणागार!!सभ्यता यशश्वी हो जाए, मानवता का फैले प्रकाश!सब दिव्य दृष्टि के पोषक हो, कर दो कुदृष्टि का सर्व् नाश
आकाश की दूसरी शादी हो चुकी है, पहली शादी उसने 21 साल की उम्र में ही कर ली थी। घरवालों की मर्जी के खिलाफ लव मैरिज की थी। पहली पत्नी का नाम राधा था। 2 साल पहले ही राधा चल बसी। cancer हो गया था उसे, आकाश अपनी लाख नामुमकिन कोशिशों के बाद भी अपन
माँ से बड़ा कोई रिश्ता नहीं , माँ से प्यारा कोई शब्द ही नहीं माँ के चरणों में ही स्वर्ग है इससे बडा कोई सहारा नही
जैसेही माँ को पुकारा जाता है हमारी आखो में एक अलग ही चमक देखने को मिलती है । माँशब्द में असीम प्यार छुपा हुआ है । माँ को अनेक शब्द माँ, अम्मा,मम्मी, ममा, आई, माता, माई जैसे रूपों में पुकारा जाता है । माँ शब्दअपने आप में पूर्ण है
शाम हो गई तुम्हे खोजते माँ तुम कब आओगीजब आओगी घर तुम खाना तब ही तो मुझे खिलाओगी, रात भर न सो पाई करती रही तुम्हारा इंतजारसुबह होते ही बैठ द्वार निगाहें ढूंढ रही तुम्हे लगातार,पापा बोले बेटा आजा अब माँ न वापिस आएगी अब कभी भी वह तुम्हे खाना नहीं खिलाएगी,रूठ गई हम सब से मम्मी ऐसी क्या गलती थी हमारीछोड
जमाने में रहे पर जमाने को खबर न थी ढिंढोरे की तुम्हारी आदत न थीअच्छे कामों का लेखा तुम्हारा व्यर्थ ही रह गयाहमसे साथ तुम्हारा अनकहा सा कह गयाजीतना ही सिखाया हारने की मन में न लाने दीतो क्यों एक पल भी जीने की मन में न आने दीहिम्मत बांधी सबको और खुद ही खो दीदूर कर ली खुदा ने हमसे माँ कि गोदीदिल था तुम