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मातृ-दिवस (Mother’s Day)

13 मई 2018

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जैसे ही माँ को पुकारा जाता है हमारी आखो में एक अलग ही चमक देखने को मिलती है । माँ शब्द में असीम प्यार छुपा हुआ है । माँ को अनेक शब्द माँ, अम्मा, मम्मी, ममा, आई, माता, माई जैसे रूपों में पुकारा जाता है । माँ शब्द अपने आप में पूर्ण है जिसकी तुलना किसी से भी नही की जा सकती है ।

वो कहते है जब ईश्वर ने यह दुनिया बनाया तो उसकी सर्वश्रेष्ठ रचना माँ ही है, ईश्वर तो हर किसी के पास तो जा नही सकता है इसलिए उसने अपने से बढकर हम सभी के पास माँ को भेज दिया । माँ कभी भी अपनी संतान का बुरा नही चाहती है । माँ खुद भूखी सो सकती है लेकिन कभी भी अपने संतान को भूखा नही सोने देती है और जिस पर माँ की असीम कृपा हो जाए उसे दुनिया में सर्वश्रेष्ट स्थान मिल जाता है । कहने का तात्पर्य यही है कि, इस दुनिया में चाहे कितने भी ऋण और कर्ज हो, चुकाए जा सकते है लेकिन माँ के प्यार और ममता के मोल को कभी भी नही चुकाया जा सकता है; यहाँ तक एक माँ अपने पुत्र को इस संसार में पाने के लिए सारे दुखो को भूल जाती है एक सन्तान जो की माँ के कलेजे का टुकड़ा ही होता है जिसे चाहकर भी माँ अपने अपने संतान को कभी भी अपने से अलग होते हुए नही देखना चाहती है माँ चाहे कितने भी दुःख में न हो लेकिन एक माँ ही अपने संतान के हित की बात हर घडी सोचती रहती है इसलिए हमे भूलकर माँ के ममता और प्यार का मोल नही लगाना चाहिए अगर कुछ देना ही है तो हमे अपनी माँ के प्रति हमेशा प्रेम बनाये रखना चाहिए क्योंकि इस दुनिया में हमारी माँ जैसी कोई दूसरी चीज भी नही है । जब भी संतान के ऊपर कभी भी आत्म सम्मान की भावना की बात आती है तो कोई भी माँ अपने संतान को हमेशा प्रथम ही देखना चाहती है और अपने सारे दुखो को भूलते हुए माँ अपने अपने संतान के हितो को पूरा करने में लग जाती है इसलिए शास्त्रों में भी माँ को भगवान से बढ़कर माना गया है ।

हमारे देश भारत में माँ के लिए कोई विशेष तिथि निर्धारित नही है ऐसा इसलिए है की हमे सिर्फ साल के एक दिन माँ का सम्मान न करके साल के हर के हर दिन माँ का सम्मान करना सिखाया जाता है । इसके बावजूद आधुनिक समय में एक माँ को सम्मान और आदर देने के लिये हर वर्ष एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मातृ-दिवस को मनाया जाता है । ये आधुनिक समय का उत्सव है जिसकी उत्पत्ति उत्तरी अमेरिका में माताओं को सम्मान देने के लिए हुई थी । बच्चों से माँ के रिश्तों में प्रगाढ़ता बढ़ाने के साथ ही मातृत्व को सलाम करने के लिए इसे मनाया जाता है । समाज में माँ का प्रभाव बढ़ाने के लिए इसे मनाया जाता है । पूरे विश्व के विभिन्न देशों में अलग-अलग तारीखों पर हर वर्ष मातृ-दिवस को मनाया जाता है । भारत में, इसे हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को (मदर्स-डे) मनाया जाता है ।

वो कहते है न जब जब मै माँ के पैरो में जितना झुकता हूँ उतना ही मै दुनिया में ऊपर उठता चला जाता हूँ ।

अर्थात हमे आगे बढ़ना है तो सबसे पहले अपने माँ का आशीर्वाद हमारे पास होना चाहिए और जिस किसी के पास माँ का आशीर्वाद होंगा फिर उसे आगे बढ़ने और सफल होने से कोई भी रोक नही सकता है ।


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मातृ दिवस का इतिहास : प्राचीन काल में ग्रीक और रोमन के द्वारा पहली बार इसे मनाने की शुरुआत हुयी । हालाँकि, ‘ममता रविवारके रुप में यूके में भी इस उत्सव को देखा गया था । मातृ-दिवस का उत्सव सभी जगह आधुनिक हो चुका है । इसे बेहद आधुनिक तरीके से मनाया जाता है ना कि पुराने वर्षों के पुराने तरीकों की तरह । अलग-अलग तारीखों पर दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है जैसे यूके, चाईना, भारत, यूएस, मेक्सिको, डेनमार्क, इटली, फिनलैण्ड, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया, कैनेडा, जापान और बेल्जियम सहित लगभग 46 देशों में इसे मनाया जाता है । ये सभी के लिए एक बड़ा उत्सव है जब लोगों को अपनी माँ का सम्मान करने का मौका मिलता है । हमें इतिहास को धन्यवाद देना चाहिये जो मातृ-दिवस की उत्पत्ति का कारण था ।

पूर्व में, ग्रीक के प्राचीन लोग वार्षिक वसंत ऋतु त्योहारों के खास अवसरों पर अपनी देवी माता के लिए अत्यधिक समर्पित थे । ग्रीक पौराणिक कथाओं के अनुसार, रिहिह (अर्थात् बहुत सारी देवियों की माताओं के साथ ही क्रोनस की पत्नी) के सम्मान के लिए इस अवसर को वो मनाते थे ।

प्राचीन रोमन लोग हिलैरिया के नाम से एक वसंत ऋतु त्योंहार को भी मनाते थे जो सीबेल (अर्थात् एक देवी माता) के लिए समर्पित था । उसी समय, मंदिर में सीबेल देवी माँ के सामने भक्त चढ़ावा चढ़ाते थे । पूरा उत्सव तीन दिन के लिए आयोजित होता था जिसमें ढ़ेर सारी गतिविधियाँ जैसे कई प्रकार के खेल , परेड और चेहरा लगाकर स्वाँग रचना होता था ।

कुँवारी मैरी (ईशु की माँ) को सम्मान देने के लिए चौथे रविवार को ईसाईयों के द्वारा भी मातृ दिवस को मनाया जाता है । 1600 ईस्वी के लगभग इंग्लैण्ड में 'मातृ-दिवस' मनाने उत्सव का एक अलग इतिहास है । ईसाई कुँवारी मैरी की पूजा करते हैं, उन्हें कुछ फूल और उपहार चढ़ाते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं ।

वर्ष 1972 में जूलिया वार्ड हौवे (एक कवि, कार्यकर्ता और लेख क) के विचारों के द्वारा आधिकारिक कार्यक्रम के रुप में यूएस में मातृ दिवस को मनाने का फैसला किया गया था । जून के दूसरे रविवार को मातृ-शांति दिवस और 2 जून को मनाने के लिए एक शांति कार्यक्रम के रुप में उन्होंने मातृ दिवस की सलाह दी थी ।

अन्ना जारविस, यूएस में मातृ-दिवस (मातृ दिवस की माँ के रुप में प्रसिद्ध) के संस्थापक के रुप में जाने जाते हैं यद्यपि वो अविवाहित महिला थी और उनको बच्चे नहीं थे । अपनी माँ के प्यार और परवरिश से वो अत्यधिक प्रेरित थी और उनकी मृत्यु के बाद दुनिया की सभी माँ को सम्मान और उनके सच्चे प्यार के प्रतीक स्वरुप एक दिन माँ को समर्पित करने के लिए कहा । अपनी माँ को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए कई सारे क्रिया-कलापों को आयोजित करने के द्वारा बहुत ही उत्साह और खुशी के साथ लोग इस दिन को मनाते हैं ।

भारत में मातृ दिवस : भारत में इसे हर साल मई के दूसरे रविवार को (मदर्स-डे) देश के लगभग हर क्षेत्र में मनाया जाता है । पूरे भारत में आज के आधुनिक समय में इस उत्सव को मनाने का तरीका बहुत बदल चुका है । ये अब समाज के लिए बहुत बड़ा जागरुकता कार्यक्रम बन चुका है । सभी अपने तरीके से इस उत्सव में भाग लेते हैं और इसे मनाते हैं । विविधता से भरे इस देश में ये विदेशी उत्सव की मौजूदगी का इशारा है । ये एक वैश्विक त्योहार है जो कई देशों में मनाया जाता है ।

सभी के लिए मातृ-दिवस वर्ष का एक बहुत ही खास दिन होता है । जो लोग अपनी माँ को बहुत प्यार करते हैं और ख्याल रखते हैं वो इस खास दिन को कई तरह से मनाते हैं । ये साल एकमात्र दिन है जिसे दुनिया की सभी माँ को समर्पित किया जाता है । विभिन्न देशों में रहने वाले लोग इस उत्सव को अलग अलग तारीखों पर मनाते हैं साथ ही अपने देश के नियमों और कैलेंडर का अनुसरण इस प्यारे त्योंहार को मनाने के लिए करते हैं ।

समाज में एक विशाल क्रांति कम्प्यूटर और इंटरनेट जैसी उच्च तकनीक ले आयी है जो आमतौर पर हर जगह दिखाई देता है । आज के दिनों में, लोग अपने रिश्तों के बारे में बहुत जागरुक रहते हैं और इसे मनाने के द्वारा सम्मान और आदर देना चाहते हैं । भारत एक महान संस्कृति और परंपराओं का देश है जहाँ लोग अपनी माँ को पहली प्राथमिकता देते हैं । इसलिए, हमारे लिए यहाँ मातृ-दिवस का उत्सव बहुत मायने रखता है । ये वो दिन है जब हम अपनी माँ के प्यार, देखभाल, कड़ी मेहनत और प्रेरणादायक विचारों को महसूस करते हैं । हमारे जीवन में वो एक महान इंसान है जिसके बिना हम एक सरल जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं । वो एक ऐसी व्यक्ति हैं जो हमारे जीवन को अपने प्यार के साथ बहुत आसान बना देती है ।

इसलिए, मातृ-दिवस के उत्सव के द्वारा, हमें पूरे साल में केवल एक दिन मिलता है अपनी माँ के प्रति आभार जताने के लिए । उनके महत्व को समझने के द्वारा ये खुशी मनाने का दिन है और उन्हें सम्मान देने का है । एक माँ एक देवी की तरह होती है जो अपने बच्चों से कुछ भी वापस नहीं पाना चाहती है । वो अपने बच्चों को केवल जिम्मेदार और अच्छा इंसान बनाना चाहती हैं । हमारी माँ हमारे लिए प्रेरणादायक और पथप्रदर्शक शक्ति के रुप में है जो हमें हमेशा आगे बढ़ने में और किसी भी समस्या से उभरने में मदद देती है ।

माँ के महत्व और इस उत्सव के बारे में उन्हें जागरुक बनाने के लिए बच्चों के सामने इसे मनाने के लिए शिक्षकों के द्वारा स्कूल में मातृ दिवस पर एक बड़ा उत्सव आयोजित किया जाता है । इस उत्सव का हिस्सा बनने के लिए खासतौर से छोटे बच्चों की माताओं को आमंत्रित किया जाता है । इस दिन, हर बच्चा अपनी माँ के बारे में कविता , निबंध लेखन, भाषण करना, नृत्य, संगीत, बात-चीत आदि के द्वारा कुछ कहता है । कक्षा में अपने बच्चों के लिए कुछ कर दिखाने के लिए स्कूल के शिक्षकों के द्वारा माताओं को भी अपने बच्चों के लिए कुछ करने या कहने को कहा जाता है । आमतौर पर माँ अपने बच्चों के लिए नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देती हैं । उत्सव के अंत में कक्षा के सभी विद्यार्थियों के लिए माताएँ भी कुछ प्यारे पकवान बना कर लाती हैं और सभी को एक-बराबर बाँट देती हैं । बच्चे भी अपनी माँ के लिए हाथ से बने ग्रीटींग कार्ड और उपहार के रुप में दूसरी चीजें भेंट करते हैं । इस दिन को अलग तरीके से मनाने के लिए बच्चे रेस्टोरेंट, मॉल, पार्क आदि जगहों पर अपने माता-पिता के साथ मस्ती करने के लिए जाते हैं ।

ईसाई धर्म से जुड़े लोग इसे अपने तरीके से मनाते हैं । अपनी माँ के सम्मान के लिए चर्च में भगवान की इस दिन खास पूजा करते हैं । उन्हें ग्रीटिंग कार्ड और बिस्तर पर नाश्ता देने के द्वारा बच्चे अपनी माँ को आश्चर्यजनक उपहार देते हैं । इस दिन, बच्चे अपनी माँ को सुबह देर तक सोने देते हैं और उन्हें तंग नहीं करते साथ ही उनके लिए लजीज व्यंजन बनाकर खुश करते हैं । अपनी माँ को खुश करने के लिए कुछ बच्चे रेडीमेड उपहार, कपड़े, पर्स, सहायक सामग्री, जेवर आदि खरीदते हैं । रात में, सभी अपने परिवार के साथ घर या रेस्टोरेंट में अच्छे पकवानों का आनन्द उठाते हैं । परिवार के साथ खुशी मनाने और ढ़ेर सारी मस्ती करने के लिए बच्चों को इस दिन अच्छे से मनाने का पूरा मौका देने के लिए कुछ देशों में मातृ दिवस एक अवकाश होता है । ये सभी माँओं के लिए एक बहुत ही सुंदर दिन है, इस दिन उन्हें घर के सभी कामों और जिम्मेदारियों से मुक्त रखा जाता है ।

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वो तो बस इस दुनिया के रिवाजो कि बात है-वरना इस संसार में माँ के अलावा कोई भी सच्चा प्यार नहीं करता

आईये आपको माँ की ममता और माँ के दिखाए रास्ते की एक छोटी सी कहानी बताते है जो हमे माँ की ममता और आत्म सम्मानपूर्वक जीवन जीने का मार्ग दिखाता है --

शायद आपको याद हो की अभी कुछ महीनो पहले जापान में बहुत भयानक भूकम्प आया था । उसी समय दिल को छू लेने वाली एक सच्ची घटना भी हुई ।

भूकम्प से काफी ज्यादा नुक्सान हो गया था, काफी घर टूट गये थे, जिसकी वजह से बचाव कार्य करने वालो की टीम को वहा पर बुलाया गया ।

तभी एक बचाव कार्य की टीम का एक व्यक्ति एक टूटे हुए घर की छान-बिन करने पहुचा । छान-बिन ज्यादा गहराई से नहीं की गई परन्तु कुछ समय बाद वहा उनको एक महिला दिखी जो की बहुत ही अजीब अवस्था में वहा बैठी थी । अवस्था ऐसी थी जैसे लोग पूजा करने के लिए मंदिरों में बैठते हैं या फिर आप बोल सकते हैं नमाज़ पढने के लिए मस्जिद में ।

कड़ी मुश्कत के बाद एक बचाव कार्य की टीम का व्यक्ति उस महिला तक पहुचा और उसने उस औरत की ओर अपना हाथ बढाया ।

उस आदमी को लगा की शायद वो महिला जिंदा हो, परन्तु उसकी पीठ और सर पर काफी चोट लग चुकी थी और छू कर देखा गया तो उस महिला का शारीर बिलकुल ठंडा हो चूका था । बचाव दल को समझ आ गया की अब वो महिला जिंदा ना थी, ऐसा जानने के बाद वो उस घर को छोर दूसरे घरो की ओर छान-बिन करने चल पड़े ।

लेकिन फिर कुछ समय बाद उस टीम के हैड ने कहा कि, पता नहीं क्यों ? “मुझे वो घर अपनी तरफ खीच रहा है, कुछ तो है उस घर में जो मुझे बोल रहा है कि मै उस घर को इस तरह से छोड़ के ना जाऊ” ।

इसलिए फिर उस टीम के हैड ने अपनी टीम को आदेश दिया कि वो दुबारा से उस घर की अच्छी प्रकार से जाँच करे । बचाव दल के व्यक्ति फिर दुबारा से उस घर की ओर गये, इस बार अच्छे से जाँच हुई, उन्होंने उस महिला को उस अवस्था से निकालने की कोशिश की । जब वो उस महिला को वहा से निकाल रहे थे तब उन्होंने देखा की वहा बगल में एक टोकरी में 3 महीने का एक बच्चा मखमल के कपडे में लिपटा हुआ है, जो की उस महिला के शारीर से ढका हुआ था ।

बचाव दल के अलावा वहाँ और भी बहुत सारे लोग खड़े थे और उन सभी को एक बात समझ में आ गई कि उस महिला ने अपने बच्चे को बचाने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी

भूकम्प के समय जब उस औरत को एहसास हुआ की अब उनका घर गिरने वाला है और उनके पास इतना वक़्त नहीं है की वो अपने बच्चे को लेकर घर से बाहर जा सके, तो भूकम्प से अपने बच्चे को बचाने के लिए वो उस अवस्था में बैठ गई । ज़ल्द ही वहाँ डॉ॰ की एक टीम भी पहुँच गई, बच्चे की जाँच करने के बाद उन्हें पता चला की बच्चा अभी बेहोश और वो ज़ल्द ही ठीक हो जायेगा । तभी एक व्यक्ति ने उस मखमल के कम्बल को उस टोकरी में से हटाया, वहाँ उसको एक चिठ्ठी मिली जिसमे लिख था -

मेरे बच्चे,

अगर तुम बच गये,

तो बस इतना याद रखना,

कि तुम्हारी माँ तुमसे,

बहुत प्यार करती थी...

उस चिठ्ठी को पढने के बाद, वहा उपस्थित सभी लोगो की आँखे नम हो गई ।


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घुटनों से रेंगते-रेंगते,

कब पैरों पर खड़ा हुआ,

तेरी ममता की छाँव में,

जाने कब बड़ा हुआ..

काला टीका दूध मलाई

आज भी सब कुछ वैसा है,

मैं ही मैं हूँ हर जगह,

माँ प्यार ये तेरा कैसा है?

सीधा-साधा, भोला-भाला,

मैं ही सबसे अच्छा हूँ,

कितना भी हो जाऊ बड़ा,

माँ!मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ ।

कौन सी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती,

सब कुछ मिल जाता है लेकिन माँनहीं मिलती,

माँ-बाप ऐसे होते हैं दोस्तों जो ज़िन्दगी में फिर नहीं मिलते,

खुश रखा करो उनको फिर देखो जन्नत कहाँ नहीं मिलती...

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(Ref. : https://www.shikhabhatt.info/mothers-day-speech-in-hindi.html, http://www.achhiadvice.com/2017/05/10/mother-day-special-speech-in-hindi/, http://www.hindikiduniya.com/events/mothers-day/, )

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पृथ्वी पर सैकड़ों या उससे भी ज्यादा धर्म प्रचलित हैं । हर धर्म की कुछ विशिष्टताएं होती है । प्रत्येक धर्म के धार्मिक त्यौहार मानव जीवन में नई तरो-ताजगी का संचार करते है और एक दूसरे के प्रति समानता, प्रेमभाव, भाईचारा एवं छोटी-मोटी भूलों को नजरंदाज करते हुए प्रेम-व्यव

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जल संरक्षण ???

30 जून 2017
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.... विडियो क्लिप की जुबानी ....

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हाथी वज़न कम करने की सलाह दे.... तब !!!

4 जुलाई 2017
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मनुष्य एक अजीब प्रकृति एवं चरित्र वाला प्राणी है । उसके खून में विद्यमान रक्त कणों और श्वेत कणों की तरह विरोधाभास उसकी रगों में सतत बहता ही रहता है । उसके द्वारा अधिकतर वहीं किया जाता है, जिसका उसके द्वारा अक्सर विरोध किया जाता रहा है । आपका जीवन में कई बार, ऐसे व्यक्

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आहिस्ता से पढना... ( एक वाक्य भी दिल में बैठ गया तो जीवन सुधरेगा )

7 जुलाई 2017
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मैं रूठा, तुम भी रूठ गए फिरमनाएगा कौन... ? आज दरार है, कल खाई होगी फिर भरेगा कौन... ? मैं चुप , तुम भी चुप इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन... ? छोटी बात को लगा लोगे दिल से , तो र

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ढिश्कयाऊँ.... ढिश्कयाऊँ.... !! (माप में रहना, हमारा साहब विदेश से आने के बाद, ‘हूँकारेंगे’ तो तुम्हारे ड्रेगन की हवा निकल जाएगी !!!)

8 जुलाई 2017
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बोलते शब्द

10 जुलाई 2017
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क्या आप जानते हैं ???

11 जुलाई 2017
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खुले दरवाजे पर दस्तक

15 जुलाई 2017
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मेरी पहचान... मेरा झंडा....

23 जुलाई 2017
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लोकतंत्र में अक्सर लोग इस भ्रम में रहते है कि, अपनी सरकार बेकार नहीं है और हाँ, इस बात को भली प्रकार से समझ भी लेना ... यहाँ पर बेकार का मतलब मलबे का ढेर (आलतू-फालतू सामान) नहीं बल्कि बेरोजगार लोगो से है या दूसरे अर्थ में कहें तो फालतू बैठे लोगो से है इसलिए इन लोगो को भ्रम होता है कि, बेचारी सरकार क

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प्रेरक व्यक्तित्त्व... ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम...

27 जुलाई 2017
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अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम अथवा ए॰पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम (15 अक्टूबर 1931 - 27 जुलाई 2015)जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति केनाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे । वे भारतके पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वै ज्ञान िक और

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.... कितने ईमानदार.…

5 अगस्त 2017
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ऑफिस में होने वालीधांधली, घूँस एवं दूसरे अनैतिक व्यवहार की स्थिति जानने के लिए नवम्बर 2016 से फरवरी2017 के बीच किए गए । एक शोधकर्ता संस्था- वैश्विक बाजार अनुसंधान एजेंसी (इपसॉस) द्वारा ‘एसिया-पेसेफिक फ़्रौड सर्वे-2017किया गया । इस सर्वे के दौरान विभिन्न बड़ी कम्पनियों में कार्यरत 1,698 कर्मचारियोंके

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बेटी और बेटी (बुआ)

8 अगस्त 2017
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°°°°°°°°°°°°°°°°°°कल फोन आया था,एक बजे ट्रेन से आ रही है..! किसी को स्टेशन भेजने की बात चल ऱही थी ।सच भी था... आजरिया ससुराल से दूसरी बार दामाद जी के साथ.. आ रही हैं; घर केमाहौल में उत्साह सा महसूस हो रहा हैं ।इसी बीच .....एक तेज आवाज आती हैं ~"इतना सब देने की क्या ज

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अच्छे दिन... (व्यंग कविता)

9 अगस्त 2017
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कवि श्री सम्पत 'सरल' जी की अच्छे दिन पर एक व्यंग रचना...

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हिप हॉप नृत्य

11 अगस्त 2017
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दिनांक11 अगस्त को हिप-हॉप नृत्य मुख्यतः हिप-हॉप संगीत पर किए जाने वाले सामाजिक नृत्य या कोरियोग्राफ कीगयी नृत्य शैली से संदर्भित है या फिर उसके लिए जो या फिर हिप-हॉप संस्कृति का भागहै । इनमें विभिन्न तरह की शैलियां विशेष रूप से ब्रेकि

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.... सभी भारतवासियों को 71वें स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाईयाँ ....

15 अगस्त 2017
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आजादी के 70 वर्ष

15 अगस्त 2017
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[ ...भूतकाल को कोसने के बदले भविष्य सुधारें... ]“बीत गई, वह बात गई ।" भूतकाल को कोसना और दोष देना बंद करके, उससे सबक लेकर भविष्य के निर्माण हेतु ध्य

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स्वच्छता शपथ

17 अगस्त 2017
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आप भी मेरे साथ “ स्वच्छता शपथ ” दोहराइए. ... महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था, उसमें सिर्फ राजनैतिक आजादी ही नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी । महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर माँ भारती

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विश्व फोटोग्राफी दिवस (19 अगस्त)

19 अगस्त 2017
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सद्भावना दिवस 2017

20 अगस्त 2017
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20 अगस्त, दिन रविवार को पूरे भारत में ‘ सद्भावना दिवस 2017’ (73वीँ वर्ष गाँठ) मनाया गया ।भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के वर्षगाँठ को याद करने के लिए सद्भावना (दूसरों के लिए अच्छे विचार रखना) या

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क्रिकेट इतिहास के “भारतीय दिग्गज”

22 अगस्त 2017
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"फेंगशुई" ( चीन का एक अदृश्य "हथियार" …एक कटु सत्य !!! )

25 अगस्त 2017
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क्या आप “जेम्स वोंग होवे (James Wong Howe)” के बारे में जानते है ?

28 अगस्त 2017
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‘जेम्स वोंग होवे’ एएससी(1899-1976) एक महान हॉलीवुड सिनेमेटोग्राफर थे । जेम्स वोंग होवे के118वें जन्मदिन को ‘गूगल’ ने एक डूडल के साथ मना कर चिन्हित किया है । वह एक चीनी अमेरिकी चलचित्रकारहैं जो नस्लीय प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद अपनी अभिनव तकनीक फिल्माने के लिए ख

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“राष्ट्रीय खेल दिवस” ( 29 अगस्त )

28 अगस्त 2017
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हमारे देश भारत में ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ 29 अगस्त को हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए उनकी जन्म-जयंती के अवसर पर मनाया जाता है । दुनिया भर में ' हॉकी के जादूगर ' के नाम

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“बिग-स्क्रीन” पर धर्म के नाम पाखण्ड

30 अगस्त 2017
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फिल्मेंसमाज का दर्पण होती है, अक्सर कहा जाता है । फिल्मों के माध्यम से समाज

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“शिक्षक दिवस”( 5 सितम्बर)

4 सितम्बर 2017
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"सबसे अच्छा शिक्षक वह है जो सार्वभौमिक उन्नति के लिएसुझाव देता हैऔर खुद को स

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डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णनजी के अनमोल विचार ( शिक्षक दिवस, 5 सितम्बर )

5 सितम्बर 2017
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' शिक्षक दिवस ' पर हम समस्त शिक्षकों का श्रद्धापूर्वक अभिन्नदन और वंदन करते हैं; जिनकी छाया में भारत का स्वर्णिम भविष्य निखर कर दुनिया में जगमगाये और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( जिनके जन्मदिन 5 सितम्बर के उपलक्ष्य में ‘शिक्षक दिवस’ मना

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"मदर टेरेसा"

7 सितम्बर 2017
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एक व्यक्ति बनकर जीना महत्त्वपूर्ण नहीं है अपितु एक व्यक्तित्त्व बनकर जीना अधिक महत्त्वपूर्ण है; क्योंकि व्यक्ति तो समाप्त हो जाता है लेकिन व्यक्तित्त्व सदैव जीवित रहता है ।

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अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (8 सितम्बर)

8 सितम्बर 2017
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आज अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस है । यूनेस्को ने पहली बार सात नवम्बर, 1965 को यह फैसला लिया था कि प्रत्येक वर्ष 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का आयोजन किया जायेग

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हिन्दी दिवस (14 सितम्बर)

13 सितम्बर 2017
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14 सितम्बर1949 को ही हिंदी को देवनागरीलिपि में भारत की कार्यकारी और ‘ राष्ट्रभाषा ’ का दर्जाअधिकारिक रूप से दिया गया था और तभी से देश में 14 सितम्बरका दिन ‘हिंदी दिवस’ के रूप में मनायाजाता है । 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत

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“ इंजीनियर्स-दिवस ” (15 सितम्बर)

15 सितम्बर 2017
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‘ भारत रत्न ’ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया जी का‘जन्म-दिवस’डॉ. विश्वेश्वरैया जी ने एक साधारण परिवार में जन्मलिया । उनके जन्म के समय हम लोग अंग्रेजों के गुलाम थे और उनके कठोर नियम एवं प्रताड़नासे उपेक्षित जीवन जीना पड़ता था । प्रत्येक भारतीय के लिए उस समय प्रगति के सारे द

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क्या आप जानते है ?? (अंग्रेजी भाषा के ‘शब्दकोश’ के सर्जक सैमुएल जॉनसन)

18 सितम्बर 2017
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सैमुएल जॉनसन (Samuel Johnson) 18वीं शताब्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार , प्रसिद्ध लेख क'> अंग्रेजी लेखक और आलोचक थे । आज उनका308वां जन्मदिन है । उनकी सबसे प्रसिद्ध उपलब्धि “अंग्रेजी भाषा का शब्दकोश ” या “इंगलिशडिक्सनरी” बनाने की रही है, जिसकी मदद से लोगोंको अंग्रे

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आश्चर्यजनक तस्वीरें

20 सितम्बर 2017
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हमारेदेश में कई बार अजीब-अजीब किस्से देखने को मिलते है और तब महसूस होता है कि, हमारे अंदर नया कुछ करने का हौसला बुलंद है अथवाउन घटनाओं को देखने का बाद आश्चर्यचकित हो जाते है और अनायास ही मुँह से निकाल जाताहै ,,, अतुल्य भारत ,,, आश्चर्यजनक भारत...विविधता में एकता

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🌷 🌷 भीम संकल्प दिवस महोत्सव 🌷 🌷

23 सितम्बर 2017
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🌷 भीम संकल्प दिवस (23 सितम्बर 1917) 🌷बाबा साहेब अम्बेडकर जी ने बडौदा रेलवे स्टेशन के पास पार्क में एक पेड के नीचे बैठकर मन में एक संकल्प लिया :- "आज के बाद मै अपना सारा जीवन इस सामाजिक भेदभाव को मिटाने तथा अपने समाज को मानवीय अधिकार दिलाने में लगा दूंगा, और यद

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क्या आप “अशिमा चटर्जी” के बारे में जानते है ???

23 सितम्बर 2017
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अशिमाचटर्जी : आजभी देश में कई जगह ऐसी हैं जहाँ पर लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता है । अगरहम सन् 1920 और 1930कीबात करें तो उस समय लड़कियों क

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जाने भी दो यारों...

24 सितम्बर 2017
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भारतीय सिनेमा जगत के सुनहरी पर्दे पर 1983 में एक सुपर स्टार्स फिल्म आई थी “जानेभी दो यारों" । एनएफ़डीसी द्वारा निर्मित इस फिल्म को ‘कुन्दन शाह’ द्वारा निर्देशितकिया गया है, जिसमें उस जमाने में व्याप्त भ्रष्टाचार सम्बन्धी बात किया गया है । मीडिया, राजनीति , उच्चाधिकारि

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‘गूगल’ का 19वां जन्मदिन

27 सितम्बर 2017
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आजदुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन Google का 19वां जन्‍मदिन है । Google ने इस मौके पर एक सरप्राइजस्पिनर लॉन्‍च किया है जिसे उसके होमपेज पर डूडल को क्लिक करके एक्टिवेट किया जासकता है । इसे घुमाने पर यह आपको पुराने डूडल्‍स से रूबरू कराएगा । आजसे ठीक, 19 साल पहले (27 सित

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बुराई पर सच्चाई की जीत.... विजयादशमी पर्व

30 सितम्बर 2017
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रावण का पश्चाताप : हे प्रभु राम, आजके समय में भी स्त्री के अपहरण का दंड आपके भारतवर्ष में दस वर्षों से अधिक काकारावास नहीं है । मुझे अपने अपराध का कितना और कब तक दंड देते रहेंगे... आपकेभारतवासी !!! यह सत्य है कि मेरी बहन शूर्पणखा के अ

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“अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस”

2 अक्टूबर 2017
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अहिंसावो मुख्य तत्व है जिसने सम्पूर्ण मानवता को प्रेम और आत्मशुद्धी की सहायता से कठिन से कठिनसंकटों में सफलता पाने का संदेश दिया है।अहिंसाको हिंदू, बौद्ध,व कुछ अन्य धर्मों में मानवीय क्रियाओं का आधार माना गया है ।अहिंसा की शिक्षा तो भारतीय संस्कृति की पहचान है ।उपनिषद

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महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री “जन्म-जयंती”

2 अक्टूबर 2017
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आज (2 अक्‍टूबर) को राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी औरपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री की जयंती है । 2अक्‍टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्‍मे मोहनदासकरमचंद गांधी आगे चलकर भारतवासियों के लिए ‘बापू’ बन गए । वहीं ठीक 35 साल बाद, मुगलसराय में शास्‍त्री ने जन्‍म लि

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समता के मुँह पर तमाचा (ब्राह्मण रसोईया होने का ढोंग किया..., दर्ज हुई FIR)

5 अक्टूबर 2017
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जाति (caste) और उसमें भी क्रमिकऊँच-नीच के वर्ण !!! एक ईश्वर की संतान होने के बावजूद, भारतीय समाज में कुछ विशेषजाति के लोग तो विशेष काम ही कर सकते है अथवा कुछ विशेष कामों पर कुछ विशेष जातिका ही हक है अथवा कुछ काम विशेष विशेष जाति के द्वारा ही किए जाने चाहिए और दूसरेनही

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“मल्लिका-ए-गझल” उर्फ “बेगम अख्तर”

7 अक्टूबर 2017
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आज गूगल सर्च इंजिन के मुख-पृष्ठपर प्रसिद्ध गायिका ‘ बेगम अख्तर ’, जिनका आज 7 अक्टूबर को जन्म दिवस है, को “डूडल”के रुप मे प्रदर्शित करते हुए सम्मान प्रदर्शित किया गया है । आइए... इस अवसर पर उनकेबारे में कुछ जानकारी हासिल करते है ।

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मील का पत्थर.... ( फिल्मी कलाकार रघुवीर यादव )

8 अक्टूबर 2017
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इन दिनों हर जगह फिल्म ‘न्यूटन’की ही चर्चा है क्योंकि ये फिल्म इस साल भारत की तरफ से ऑस्कर में भेजी जा रही है। इस फिल्म में राजकुमारराव के साथ पंकज त्रिपाठी भी मुख्य भूमिका में है । राजकुमारराव और पंकज त्रिपाठी की ये ऑस्कर में भेजी जा रही पहली फिल्म है । इस फिल्म में

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सुहागिनों का त्यौहार “करवा चौ‍थ”

8 अक्टूबर 2017
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हिन्दूधर्म में व्रत -त्यौहारों की महिमा एवं महत्त्व अत्यधिक है । आज (8अक्टूबर) सुहागिनोंका त्यौहार करवा चौथ है । करवा चौथ का व्रत कार्तिक मासके कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है । अपने पति की लंबी आयु के लिएमहिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और अपने चंद्रम

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“ ढोंग और ढंग ”

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कक्षा मेंशिक्षक ने पूछा : "गांव और शहर में क्या अन्तर है ... ???"एक बालक नें बहुत सुन्दर उत्तर दिया: " इतना ही अन्तर है कि गांव में कुत्ते आवारा घूमते हैं और गौ माता पालीजाती है ... और शहर में कुत्ता पाला जाताहै और गौ माता आवारा घूमती

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“प्रकाश-पर्व” “दीपावली”

18 अक्टूबर 2017
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दीपावली दीपों का पर्व है… उजाले का पर्व है… बुराई परअच्छाई की जीत को मनाने का पर्व है… सच ही कहा गया है –“दीपों की अगणित अवली से, अन्धकारका हुआ नाश ।” बच्चोंने फुलझड़ियाँ छोडीं, चारों ओर हुआ प्रकाश ॥”हमारा देश भारत त्योहारों का देश है. यहाँ वर्ष भर कोई-न-कोई त्यौहारआ

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क्या आप जानते है ??? (“नैन सिंह रावत” जिन्होंने तिब्बत को अपने कदमों ने नापा )

21 अक्टूबर 2017
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आज दिनांक 21 अक्टूबर को आपने गूगल सर्च इंजिन के साथ जुड़ाचित्र देखा होगा, जिसमें एक ‘ सर्वेक्षर ’ को पहाड़ियों के बीच खड़ा हुआ दिखाया गया है । जी हाँ, आज एक सामान्य गाँव के आदमी की, कठिन परिश्रम वाली शौर्यग

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“प्रकाश दिवस” कार्तिक पूर्णिमा (गुरु नानक : प्रेम के पथ-प्रदर्शक)

4 नवम्बर 2017
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'न को हिन्दू, न को मुसलमान । हम केवल एक इंसान हैं ।' 'एक पिता एकस के हम बारिक' कार्तिक पूर्णिमा को संसार में एक महापुरुष काआविर्भाव हुआ । इस ज्योति पुरुष और सिख धर्म के प्रथम गुरु नानकदेवजी के नाम सेजाना गया । श्री गुरु नानक का मिशन मानवतावादी मिशन था । उनका चिंतन धर्म के सत्य, शाश्वत मूल्यों का म

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“वौठा मेला” (गुजरात का लोक पशु मेला)

5 नवम्बर 2017
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मेले और त्यौहार भारतीय लोक संस्कृतिकी अनूठी पहचान रही है । ग्रामीण अंचलों में तो मेलों का पौराणिक और आर्थिकमहत्त्व कुछ अधिक ही होता है । गुजरात राज्य में आयोजित सबसे बड़े ग्रामीण मेलों मेंसे “वौठा मेले” की एक अनूठी ही पहचान है । इस मेले के बारे में सबसे महत्वपूर्ण तथ्ययह है कि यह गुजरात में एकमात्र

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क्या आप जानते है ??? ( हिरोतुगू अकेइक, फेमस जापानी गणितज्ञ )

5 नवम्बर 2017
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हिरोतुगू अकेइक एक फेमस जापानी गणितज्ञ थे। इन्हे सांख्यिकी में अपने योगदान के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। इस ही कारण से गूगल ने अपना डूडल इन्हे समर्पित किया है । डूडल द्वारा गूगल ने इनके योगदान को पुरे वर्ल्ड तक पहुंचने का सफल प्

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क्या आप इनके बारे में जानते है !! “कत्थक क्वीन” सितारा देवी...

8 नवम्बर 2017
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, मशहूर कत्थक नृत्यांगना सितारा देवी को आज दिनांक 08.11.2017(बुधवार) को गूगल ने 'डूडल' बनाकर ‘कत्थक क्वीन’ सितारा देवी के 97वें जन्मदिवस परउनको सम्मान दिया है । कत्थक नृत्यांगना के रूप में जानी जाने वाली सितारा देवीकिसी परिचय की मोहताज नहीं है । उन्होंने सफलता का जो शिखर हासिल किया था, वहां तक पहुंच

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" नोटबंदी जयंती "

8 नवम्बर 2017
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....वो पुरानी यादें .... ??? Er Bairwa N R - वर्ष 2016 की विदाई ....

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“बाल-दिवस” ( Children’s Day, 14 नवम्बर )

14 नवम्बर 2017
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आजादीके बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जन्म-जंयती को“ बाल-दिवस ” के रूप में मनाया जाता है । इस दिन बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है । भारत के अलावाबाल दिवस दुनिया भर में अलग अलग तारीखों पर मनाया जात

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क्या आप जानते है ...??? ( दिखने में छोटा सा, लेकिन बहुत काम का है होल पंच )

14 नवम्बर 2017
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आपको याद होगा कि पहले कागजों याफाइलों को आपस में नत्थी (बांधने) करने के लिए सूआ से उनमें छेद किया जाता था फिरकिसी मोटे धागे से उन्हें नत्थी किया जाता था । भारत में फाइलिंग का यह बड़ा हीकठिन और असुरक्षित काम था । देखते ही देखते होल पंच (Hole punch) हमारी स्टेशनरीमें

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क्या आप जानते है ...??? ( भारत की पहली महिला वकील ‘कार्नेलिया सोराबजी’ )

15 नवम्बर 2017
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‘गूगल डूडल’ ये गूगल की एक सेवा हैजिसके द्वारा ये पूरी दुनिया को कुछ ऐसी चीज, लोगों, अविष्कारों के बारे में बताता है, जो उस दिन सेसम्बंधित और महत्वपूर्ण हो । आज 15 नवम्बर 2017 को गूगल ने अपने डूडल में कार्नेलिया सोराबजी को जगह दी है ।कार्नेलिया सोराबजी जी एक वकील थी

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19वीं सदी के एक प्रमुख आदिवासी जननायक “बिरसा मुंडा”

15 नवम्बर 2017
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झारखण्ड यानी'झार' या 'झाड़'जो स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और 'खण्ड' यानीटुकड़े से मिलकर बना है। अपने नाम के अनुरुप यह मूलतः एक वन प्रदेश है जो झारखण्ड आंदोलन के फलस्वरूप सृजित हुआ । प्रचुरमात्रा में खनिज की उपलबध्ता के कारण इसे भा

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क्या आप जानते है ...??? (सिनेमा जगत के मशहूर निर्माता, निर्देशक और अभिनेता वी. शांताराम)

18 नवम्बर 2017
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सिनेमाजगत के पितामह और 40 से भी ज्यादा फिल्मों का निर्देशन कर चुकेमशहूर निर्माता और अभिनेता वी शांताराम का आज 116वांजन्मदिवस है । गूगल ने आज अपना डूडल वी. शांताराम कोसमर्पित किया है। शांताराम का नाम फिल

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क्या आप जानते है ...??? ( रुख्माबाई राउत, भारत की पहली महिला डॉक्टर )

22 नवम्बर 2017
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गूगल ‘ डूडल ’ ये गूगल की एक सेवाहै जिसके द्वारा ये पूरी दुनिया को कुछ ऐसी चीज, लोगों,अविष्कारों के बारे में बताता है जो उस दिन से सम्बंधित हो औरमहत्वपूर्ण हो । अगर आज (22 न

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महिलाओं के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस – 25 नवम्बर (International Day for Elimination of Violence Against Women)

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आपको शायद याद हो, 25 नवम्बर को महिला ओं केविरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में मनाया जाता है ।यह दिन गैर-सरकारी संगठनों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और सरकार

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संविधान दिवस (26 नवम्बर)

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समस्त भारतीय परिवार को संविधान-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाइयाँ ....

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विश्व मानवाधिकार दिवस (10 दिसम्बर)

10 दिसम्बर 2017
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विश्व मानव अधिकार दिवस (10 दिसम्बर) भगवान ने इंसान को इंसान बनाते समय कोई फर्क नहीं रखा लेकिन इंसान ने खुद अपने लिए कई सीमाएं, बाधाएं और वर्ग बना लिए । नतीजन आज विश्व में इंसानियत के बीच एक बहुत बड़ी दरा

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( आपात स्थिति के समय ) "ICE" ( In Case of Emergency )

17 दिसम्बर 2017
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*आकस्मिकघटना संकेत **जरूर पढे और शेयर भी करे *घटनाक्रम संख्या - 1 : तीन दोस्तों का कार में एक्सीडेंट हो गया । एक अजनबी मौके पर पंहुचा । … वो सहायता करना चाहता था । लेकिन उसके पास फोन नहीं था ।कार में 6 स्मार्टफोनमिले लेकिन सभी पर स्क्रीनलॉक था और समय पर मदद और परिजन

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आप धीरे-धीरे मरने  लगते हैं..!!

21 दिसम्बर 2017
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नोबेल पुरस्कार विजेता स्पेनिश कवि पाब्लो नेरुदा की कविता “You Start Dying Slowly” का हिन्दीअनुवाद... 1) * आप धीरे-धीरे मरने लगते हैं,अगर आप :*- करते नहीं कोई यात्रा,- पढ़ते नहीं कोई किताब,- सुनते नहीं जीवन की ध्वनियाँ,- करते नहीं किसी की तारीफ़ । 2) * आप धीरे-धीरे मरने लगते हैं,जब आप :*- मार डाल

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“शहंशाह-ए-तरन्नुम” मोहम्मद रफ़ी साहब के जन्म-दिवस पर विशेष

24 दिसम्बर 2017
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24 दिसम्बर 2017 को मोहम्मदरफी जी के 93वें जन्मदिवस पर गूगल ने उन्हें सम्मानित करतेहुए उनकी याद में डूडल बनाकर उनके गीतों को और उनकी यादों को समर्पित किया |इस डूडल को मुम्बई के चित्रकार साजिद शेख द्वारा बनाया गया ।मोहम्मद रफ़ी (24 दिसम्बर 1924-31जुलाई 1980) जिन्हें दु

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मिर्ज़ा ग़ालिब

27 दिसम्बर 2017
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आज गूगल के सर्च-इंजिन पर महान शायर मिर्जा “ग़ालिब” को विशेष रूप से सम्मानित करने के लिए उनके 220वें जन्म-दिवस(27दिसम्बर) पर ‘डूडल’ बनाकर प्रदर्शितकिया है । मिर्ज़ा असद -उल्लाह बेग ख़ां उर्फ“ग़ालिब” (27 दि

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क्या आप जानते है... महान कन्नड़ कवि और लेखक 'कुवेम्पू'

29 दिसम्बर 2017
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महानहस्तियों को उनके जन्मदिन पर सम्मानित करने की कड़ी में आज दिनांक 29.12.2017 के दिनगूगल ने एक ऐसे शख्स का डूडल बनाया है, जिसने अपने फील्ड में अपनेहुनर का लोहा मनवाया है । जी हाँ, यह सम्मान कन्नड़ कवि और लेख क कुप्पाली वेंकटप्पा

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ग्लोबल फ़ेस्टिविटीज़ ( 18 दिसम्बर से 1 जनवरी )

31 दिसम्बर 2017
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हालांकि क्रिसमस से एक हफ्ते से पहले ही गूगल ‘डूडल’ त्योहारों के मूड में आ गया था । गूगल ने 18 दिसम्बर(सोमवार) को इंटरैक्टिव ‘डूडल’ की एकश्रृंखला के साथ “वैश्विक उत्सव” के मौसम की शुरुआत की घोषणा की गई ।ht

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नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ ...

1 जनवरी 2018
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प्रंशंसा और अपमान

3 जनवरी 2018
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प्रंशसा चाहे कितनी भी करो…, किन्तु अपमानबहुत ही सोच-समझकर करना चहिये ;क्योंकि अपमानवो ऋण है, जो हर कोई अवसर मिलने पर ब्याज सहित चुकाता अवश्य है ।

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धर्म के नाम पर इतना गोरख धंधा क्यों ? …ओशो

5 जनवरी 2018
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आज के समय में ‘ओशो’ द्वारा धर्म के सम्बंध में काही गई बातें कितनी सटीक और विचारणीय है, एक बार गौर से पढिए... ...धर्मों के कारण ही,धर्मों का विवाद इतना है, धर्मों की एक दूसरे के साथ इतनी छीना-झपटीहै । धर्मों का एक दूसरे के प्रति विद

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डॉ. हर गोविंद खुराना, जन्मदिन विशेषांक (DNA की खोज में निभाई थी अहम भूमिका)

9 जनवरी 2018
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नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित भारतीय वै ज्ञान िक हर गोविंद खुराना का आज मंगलवार 9 जनवरी को 96वांजन्मदिन है । इस दिन गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है । डॉक्टर हर गोविंदखुराना को 1968 में फिजियोलॉजी में नोबल पुरस्कार सेसम्मानित किया गया था । इसके अलावा

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कमला दास (कमला सुरय्या), एक बेबाक लेखिका

1 फरवरी 2018
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"आसानहै एक मर्द की तलाश जो तुम्हें प्यार करे,बस, तुमईमानदार रहो कि एक औरत के रूप में तुम चाहती क्या हो ।उसे सब सौंपदो,वह सब जोतुम्हें औरत बनाती है ।बड़े बालोंकी ख़ुशबू,स्तनों केबीच की कस्तूरी,और तुम्हारीवो सब स्त्री भूख ।" कमला दास ने जब ये कविता लिखी थी तो उन्होंन

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प्रेरक सन्देश

3 फरवरी 2018
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उन संस्थाओं का पतन सुनिश्चितहो जाता है, जहाँ काम करने वालों की जगह कान भरने वालों की कद्र होने लगती है ।

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अपरिमेय राशि (π) “पाई-दिवस”, [14 मार्च]

14 मार्च 2018
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सर्चइंजन दिग्गज गूगल नेबुधवार को अपने होम पेज पर एक रंग-बिरंगा डूडल बनाया है । इस गूगल डूडल को “पाईडे” की 30वीं ऐनिवर्सरी कोसेलिब्रेट करने के लिए बनाया है । गूगल ने अपने डूडल में पेस्ट्री, बटर, सेब और संतरे के छिलकों का इस्तेमाल किया है ।

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‘शहनाई’ के जादूगर, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान

21 मार्च 2018
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‘शहनाई’ का जादू आज भी बरकरार है और समान्यतः हरशुभ अवसर पर उसको बजाया जाता है । 21 मार्च के दिन, उस्तादबिस्मिल्लाह खान को उनके 102वें जन्मदिन पर गूगल ने ‘डूडल’ बनाकर यादकिया गया ।सर्च इंजन गूगल ने डूडल

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आओ... जानकारी प्राप्त करे !!! ( जियोकेमीस्ट कत्सुस्को सरुहशी )

22 मार्च 2018
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सर्च-इंजिन गूगल हमेशा से ही नए-नए ‘डूडल’ बनाकर, नई-नई जानकारियाँ प्रदान करता रहता है । आजके गूगल ‘डूडल’ ने जियोकेमीस्टकत्सुस्को सरुहशी (Katsuko Saruhashi) के 98वें जन्मदिन को समर्पित किया है । वर्ष 1920 मेंटोक्यो में जन्मी, जापानी वै

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विश्व जल दिवस (22 मार्च)

22 मार्च 2018
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वर्ष 2018 के “विश्वजल दिवस” उत्सव के लिए विषय "जल के लिए प्रकृति के आधार पर समाधान"होगा ।‘जलसंकट आर्थिक विकास व स्थायित्व के लियेबड़ा खतरा है और जलवायु परिवर्तन समस्या को और बढ़ा रहा है ।’ (जिम योंग किम, अध्यक्ष-विश्व बैंक)“पानी पूरी प्

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चिपको आंदोलन

26 मार्च 2018
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वर्तमान समय में विकास के लिए आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चरबढ़ाने की महत्त्वता को कोई नकार नहीं सकता है । चाहे नई बिल्डिंग बनानी हो या मेट्रोका पुल, आज हर जगह विकास कार्य के लिए सबसे ज्यादा बलि का यदि कोई भोग बनाता है, तो वह है पेड़... । वैसे तो

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“महात्मा फुले” जयंती

11 अप्रैल 2018
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ज्योतिराव गोविंदराव फुले (जन्म-11अप्रैल 1827, मृत्यु-28नवम्बर 1890)19वींसदी के एक महान भारतीय विचारक,समाजसेवी, लेख क, दार्शनिकतथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे । इन्हें ' महात्मा फुले' एवं'ज्‍योतिबाफुले' केनाम से भी जाना जाता है । सितम्बर 1873 में इन्होने महाराष्ट्र

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कुंदन लाल सहगल ( बॉलिवुड का पहला सुपरस्टार )

11 अप्रैल 2018
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‘ गूगल ’ के होमपेज पर भारत में आज दिनांक 11.04.2018 (बुधवार) के दिन, फिर से गूगल ‘ डूडल ’ दिख रहा है । आज ‘गूगल’ ने अपने जाने-पहचाने और अनोखे अंदाज़ में देश के जाने-माने सिंगर और ऐक्टर कुंदन लाल सहगल को उनके 114वें जन्मदिन पर याद किया है । के एल सहगल के नाम से

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मौत का ज़हर है फिज़ाओं में, अब कहाँ जाके सांस ली जाए ...

15 अप्रैल 2018
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जम्मू-कश्मीरके कठुआ और उत्तर-प्रदेश के उन्नाव की वहसी घटनाएँ जब से प्रिंट/मीडिया और समाचार पत्रों में नित नए रूप में आ रही है तथा अनेक खुलासे हो रहे है, तबसे अधिकतर बुरे विचारों ने ही मन को घेर लिया है और सोचने के लिए विवश है कि, अपने साथ यदि ऐसा हो जाए तो क्या

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अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस (22 अप्रेल)

22 अप्रैल 2018
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‘ पृथ्वी दिवस '>अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस (22 अप्रेल)’ का जन्म एक एनवायरमेंटल टीच-इन (Teach-in) के रूप में हुआ था । इसका मुख्य कारण 1969 सांता बारबरा तेल रिसाव (1969 Santa Barbara oil spill) की रोंगटे खड़े कर देने वाली त्रासदी रही है । टीच-इन में जनहित के ज्वलंत

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!!! विचारणीय प्रश्न और मजदूर दिवस !!!

3 मई 2018
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...चर्चास्पद यौन उत्पीडनऔर बलात्कार मामले की पैरवी के लिए आसाराम के पक्ष में देश के 14 बड़े वकीलों कापैनल खड़ा था और उस बच्ची के पक्ष में सिर्फ़ एक सरकारी वक़ील और एक सरकारी जाँचअधिकारी । ....लेकिन एक सरकारी वक़ील नेसरकारी जाँच अधिकारी

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फ्रांस के फिल्ममेकर और जादूगर जॉर्ज मेलिस (Georges Méliès) का 360 डिग्री गूगल ‘डूडल’

3 मई 2018
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साल दर साल गूगल ने अपने डूडल के साथ कई तरह के प्रयोग करताआ रहा हैं । एनिमेशन, म्यूजिक, गेम्स जैसेफीचर डालकर डूडल को दर्शकों के लिए आए दिन किसी खास शख्स के लिए डूडल बनकर उन्

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भरतनाट्यम और कथकली नृत्यांगना (मृणालिनी साराभाई)

11 मई 2018
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'मुझे नहीं पता मैं कहाँ से अस्तित्व में आई ? मुझमें समझदारी कहाँ से आई, किसने मेरा रास्ता तैयार किया ? हर दिन एक नया दिन, किसी भी घंटे का कुछ पता नहीं.यही अज्ञात क्षण निश्चित दिनों में बदल जाते हैं । मैंने बाद में महसूस किया किमैं क्या थी । और पांच साल की उम्र में मे

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मातृ-दिवस (Mother’s Day)

13 मई 2018
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जैसेही माँ को पुकारा जाता है हमारी आखो में एक अलग ही चमक देखने को मिलती है । माँशब्द में असीम प्यार छुपा हुआ है । माँ को अनेक शब्द माँ, अम्मा,मम्मी, ममा, आई, माता, माई जैसे रूपों में पुकारा जाता है । माँ शब्दअपने आप में पूर्ण है

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एटलस के रचनाकार “अब्राहम ऑर्टेलियस”

20 मई 2018
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आज से लगभग 400 वर्ष पहले के वक्त की कल्पना कीजिए, तब किसी ने दुनिया का मुकम्मल नक्शा नहीं बनाया था । उस समय पृथ्वी की भोगोलिक स्थिति को समझा पाना कितना कठिन होता होगा ? ... और यह मुश्किल काम करने वाले थे अब्राहम ऑर्टेलियस । जी हाँ, आज के दिन सर्च इंजन ‘गूगल’ ने अपन

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‘आतंकवाद विरोधी दिवस’ ( Anti-Terrorism Day)

21 मई 2018
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आतंकवाद सम्‍पूर्ण विश्‍व की सबसे बडी समस्‍या है, इससे निपटने के लिए दुनिया के लगभग सभी देश प्रयासरत है और इसको जड से खत्‍म करने के लिए दिनों

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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (31मई)

31 मई 2018
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“हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया..” आपने यह गाना तो जरूर ही सुना होगा, लेकिन हकीकत यही है कि यूं धुआं उड़ाने से फिक्र नहीं, बल्कि आपकी जिंदगी के बेशकीमती लम्हें ही उड़ते चले जाते हैं । तम्बाकू धूम्रपान से होने वाले नुकसान से शायद

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“ अंतर्राष्ट्रीय दिवस ‘आक्रमक दुर्व्यवहार के शिकार, मासूम बच्चे ” (International Day of Innocent Children Victims of Aggression) 4 जून

4 जून 2018
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....खिलने से पहले ही मुरझाता बचपन,येशोषित ये कुंठित ये अभिशप्त बचपन....आजके समाज मे बच्चों की स्थिति का अनुमान लगाने के लिए उपरोक्त दो लाइनें ही काफी है। हो सकता है कि बड़े या मध्यम वर्गीय परिवार में रहने वाले बच्चों की स्थिति आपकोसही लग

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‘विश्व पर्यावरण दिवस’ ( World Environment Day) 5 जून

5 जून 2018
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हर साल 5 जून को ’विश्व पर्यावरण दिवस’ ( World Environment Day) मनाया जाता है । यह दिन पर्यावरण के ज्वलंत मुद्दों के बारे में आम लोगों को जागरूक करने और इस दिशा में उचित कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का प्रमुख साधन है ।इतिहास

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भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार “गौहर जान”

26 जून 2018
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‘गूगल’ ने आज फिर डूडलबनाया है । भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार गौहर जान की 145वीं सालगिरह के मौके पर खास ‘गूगल’ डूडल बनाकर उन्हेंश्रद्धांजलि दी गई है । गौहर जान भारत की उन महान हस्तियों में से एक थीं, जिन्होंनेन सिर्फ भारतीय संगीत को नई बुलंदियों पर पहुंचाया, बल्कि

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‘ सांख्यिकी दिवस ’ (29 जून)

29 जून 2018
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भारत के महान सांख्यिकीविद और वैज्ञानिक प्रशांत चंद्र महालनोबिस की आज 125वीं जयंति (29 जून) के मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है । सांख्यिकी की फील्ड में अपने योगदान के चलते प्रशांत चंद्र महालनोबिस आज भी याद किए जाते है । महालनोबिस का जन्मदिवस 29 जून सांख्य

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“द ट्रेजडी क्वीन” मीना कुमारी

1 अगस्त 2018
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‘गूगल’ ने आज 01 अगस्त (मंगलवार) को अपने नवीनतम “गूगल-डूडल” के रूप में पौराणिक भारतीय फिल्म अभिनेत्री, गायिका और कवियित्री, छद्म नाम "नाज़" अर्थात मीना कुमारी, जिन्हें जिन्हें “द ट्रेजडी क्वीन” के नाम से भीजाना जाता है; को उनकी 85वीं जन्म-जयंती पर समर्पित किया है । 1 अ

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नमन

20 अगस्त 2018
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40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले श्री राजीव गांधी भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे और संभवतः दुनिया के उन युवा राजनेताओं में से एक हैं जिन्होंने सरकार का नेतृत्व किया है। उनकी माँ श्रीमती इंदिरा गांधी 1966 में जब पहली ब

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इस्मत चुगताई उर्फ ‘इस्मत आपा’

21 अगस्त 2018
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आजादी से पूर्व और विभाजन के दौर की सबसेप्रतिष्ठित लेखकों में से एक लेखिका इस्मत चुगताई को, आज 107वीं जयंती पर गूगलने ‘डूडल’ बनाकर अनौखे अंदाज में याद किया है । उनका जन्म 21 अगस्त 1915 को उत्तर प्रदेशके बदायूं में हुआ था और मृत्यु 24 अक्टूबर 1991 को मुंबई में हुई थी ।

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"चिन्तन"

27 अगस्त 2018
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एक बेटी इतनी बड़ी हो सकती है की वह आपकी गोद में ना समाये, पर वह इतनी बड़ी कभी नहीं होती की आपके दिल में ना समा सके । एक बेटी, अतीत की खुशनुमा यादें होती है, वर्तमान पलों का आनंद और भविष्य की आशा और उम्मीद होती है । “अज्ञात” एक बेटी को जन्

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क्रिकेट के जादूगर “सर डॉनल्ड जॉर्ज ब्रैडमैन”

27 अगस्त 2018
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‘गूगल’ने आज प्रसिद्ध क्रिकेटर सर डॉनल्ड जॉर्ज ब्रैडमैन के 110वें जन्मदिवस पर उन्हें ‘डूडल’ द्वारा सम्मानित किया है । ब्रैडमैन का जन्म 27 अगस्त, 1908 को ऑस्ट्रेलिया में हुआ था औरउनका नाम अब तक के महान बल्

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तुरंत आवश्यकता है !!!

1 सितम्बर 2018
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(1) एक इलेक्ट्रिशियन : जो ऐसे दो व्यक्तियों के बीचकनेक्शन कर सके, जिनकी आपस में बातचीत बन्द हो ।(2) एक ऑप्टिशियन : जो लोगों की दृष्टि के साथदृष्टिकोण में भी सुधार कर सके ।(3) एक चित्रकार : जो हर व्यक्ति के चेहरे परमुस्कान की रेखा खींच स

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क्या आप ओस्कर श्लेमर (जर्मन चित्रकार) के बारे में जानते है ?

4 सितम्बर 2018
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ओस्कर श्लेमर (4 सितम्बर 1888 -13 अप्रैल 1943), बोहौस स्कूल से जुड़े एक जर्मन चित्रकार, मूर्तिकार, डिजाइनर और कोरियोग्राफर थे । ऑस्कर का जन्म 4 सितम्बर 1888 में हुआ था । आज 'गूगल' इस मशहूर जर्मन चित्रकार, मूर्तिकार, डिजाइनर और कोरियोग्राफर ‘ओस्कर श्लेमर’ की 130वीं जयंत

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Teacher's Day- हर किसी के जीवन में ऐसे गुरु होने चाहिए

5 सितम्बर 2018
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“ एक अच्छा शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है, जो खुद जलकर दूसरों के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य करता है ।"शिक्षण सबसे महान व्यवसायों में से एक है और यह एक ऐसा कार्य है, जो न केवल बच्चे को विभिन्न विषयों और ज्ञानक्षेत्र के बारे में विस्तृत

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“बिना राष्ट्रभाषा के देश गूंगा"

14 सितम्बर 2018
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“बिना राष्ट्रभाषा के तो कोई भी देश गूंगा है । राष्ट्र की अस्मिता की पहचान ही राष्ट्रभाषा से होती है । बगैर इसके सम्पूर्ण देश और देशवासियों की उन्नति सम्भव नहीं है ।अंग्रेजी भाषा की बढ़ती मांग और हिन्दी का वजूद बनाए रखने के लिए हर साल देशभर में 14 सितम्बर को हिन्दी दिव

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अभियन्ता दिवस (15 सितम्बर) इंजीनियर्स-डे

15 सितम्बर 2018
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इंजीनियर वह व्यक्ति है, जोविज्ञान के मूलभूत ज्ञान का प्रयोग समाज एवं देश हित के लिए करता है । भारतरत्न सर मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरैया (एम. विश्वेश्वरैया) एकप्रख्यात इंजीनियर और राजनेता थे । उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण मेंमहत्वपूर्ण भू

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समय बड़ा “बलवान”

19 सितम्बर 2018
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इंसान की नजर में, इस दुनिया में व्यवहारिक रूप में, सबसे छोटी उम्र अवधि किसकी है ? आप कहेंगे अमीबा, वाइरस, की... ! जी नहीं, श्रीमानजी !! इस दुनिया में सबसे छोटी उम्र है सुख की । क्योंकि आनंद को मातम में बदलने में कुछ भी समय नहीं लगता है

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मानवता

20 सितम्बर 2018
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मानवता ही नैतिकता का आधार है । सभी नैतिक मूल्य सत्य अहिंसाप्रेम सेवा शांति करुणा इत्यादि गुणों का मूल “मानवता” ही है । ‘मानवता’ हीनैतिकता का आधार है, जैसे कोई निर्धन, असहाय, बीमार व्यक्ति भूखा है; वहां दया सेपूरित होकर कोई सेवा करता है, भूखे को भोजन कराता है; तो

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उत्सव..... रिश्ते..... मानवता.

23 सितम्बर 2018
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पापा के पाँव में चोट लगी थी.. कुछ दिनों से वे वैसे ही लंगडाकर चल रहे थे.. मैं भी छोटा था और तय समय पर, काफी कोशिशों के बाद भी, हमारे घर के *गणेश विसर्जन* के लिए किसी गाड़ी की व्यवस्था भी न हो सकी.. पापा ने अचानक ही पहली मंजिल पर रहने वाले जावेद भाई को आवाज लगा दी.. *

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“विश्व पर्यटन दिवस‌” (27 सितम्बर)

27 सितम्बर 2018
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आजकल के समय में हर व्यक्ति किसी नाकिसी परेशानी से घिरा हुआ है, पैसे और चकाचौंध के बीच ऐसा लगता है मानोखुशी तो कहीं गुम हो गई है । इन सबके बावजूद हर व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ समयऐसा जरूर निकालना चाहिए जिससे वो दूसरे देश या जगह का पर्यटन करे और खुशियों को फिर से गले

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“अरेसीबो संदेश”

16 नवम्बर 2018
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इंसान की हमेशा से ही कुछ नया जानने कीइच्छा रही है और अक्सर बहुत बार दुनिया से बाहर भी एलियन के होने की भी बातें काहीजाती है । हर कोई यह जानना चाहता है कि, बाहर कि दुनिया में भी लोगरहते है; जिनका हमें कुछ पता नहीं है । यदि पृथ्वी के बाहरजीवन है, तो उसकी खोज कैसे हो ? उ

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स्पेनिश पेंटर बार्तोंलोम एस्टेबान मुरिलो (जानकारी... जरा हटके. ..)

29 नवम्बर 2018
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आजगूगल ने स्पेनिश पेंटर बार्तोंलोम एस्टेबान मुरिलो (Bartolomé EstebanMurillo) का ‘गूगल-डूडल’बनाकर उन्हें विशेष रूप से याद किया है । ‘गूगल’ उनकी 400 वाँ जन्मदिन मना रहा है । ‘गूगल’ ने खास अंदाज में मुरिलोको याद किया है । ‘डूडल’ में मुरिलो कीप्रतिष्ठित पेंटिंग्स में से

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क्रोकोडाइल हंटर : गूगल ने डूडल बनाकर स्टीव इरविन को किया याद…

22 फरवरी 2019
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स्टीव इर्विन, इसनाम को सुनकर पहचानने में भले ही आपको कुछ वक्त लगे लेकिन तस्वीर देखते ही आपउन्हें पहचान गए होंगे ।क्रोकोडाइल हंटर के नाम से मशहूर इर्विन अब हमारे बीच नहीं लेकिन मगरमच्छों के साथउनकी उठा-पटक और उनके द्वारा दी जाने वाली रोचक जानकारी हम सभी के जहन में कहीं

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ओल्गा लैडिजेनस्काया : ( नफरत करने वालों के लिए है सबक...)

7 मार्च 2019
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नफरत का जवाब हमेशा नफरत नहीं हो सकताहै, वक्त-वक्त पर बहुत से लोगों ने इस बात को साबित किया है । आज हम आपकोएक महान रशियन गणितज्ञ की कहानी बता रहे हैं, जिनके पिताकी नफरत की वजह से हत्या कर दी गई और उनके परिवार को तमाम दुश्वारियां झेलनी पड़ी। ...बावजूद आज वह पूरी दुनिया

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस ( 8 मार्च)

8 मार्च 2019
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8 मार्च को आप भीअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की तैयारियों में लगे होंगे ।अब तक कुछ लोगों को मैसेज भी भेज दिया होगा और कुछ बहुत ख़ास लोगों को फ़ोन करकेबधाई भी दे दी होगी ।लेकिन क्या आप ये जानते हैं किअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है और ये मनाना कब शुरू हु

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चाँद की धरती पर इंसान का पहला कदम...

20 जुलाई 2019
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20जुलाई से ठीक 50 साल पहले नील आर्मस्ट्रांग,माइकल कालिंस और एडविन एल्ड्रिन, एक रोमांचकयात्रा पर गए । उस वक्त किसी ने सोचा भी नहीं था कि जिस काम के लिए वे दोनों चाँद परजा रहे थे, उसमें सफल होंगे भी या नहीं । लेकिन आंखों मेंढेरों सपने लिए

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देश की पहली महिला विधायक और सर्जन

30 जुलाई 2019
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डॉ.रेड्डी को लोग एक शिक्षक,समाज सुधारक, सर्जन और व्यवस्थापक के तौर परजानते और याद करते हैं । आज अर्थात 30 जुलाई को इनकी 133वीं जन्म-जयंतीहै । इन्होंने महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने पर काम किया था । साथ ही लिंग-भेदके लिए भी लड़ाई लड़ी ।

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भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक

12 अगस्त 2019
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विक्रम अंबालालसाराभाई भारत के प्रमुख वैज्ञानिक थे । इन्होंने 86 वैज्ञानिक शोध पत्र लिखे एवं 40संस्थान खोले । इनको विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में सन 1966 में भारतसरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था । डॉ. विक्रम साराभाई के नाम कोभारत के अंतरिक्ष कार्

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!!! श्राद्ध खाने नहीं आऊंगा, कौआ बनकर !!!

27 सितम्बर 2019
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(आँखो में आंसू ला दिये इस कहानी ने .......) "अरे ! भाई बुढापे का कोई ईलाज नहींहोता । अस्सी पार चुके हैं, अब बस सेवा कीजिये ।" डाक्टर पिताजी कोदेखते हुए बोला ।"डाक्टर साहब ! कोई तो तरीका होगा, साइंस नेबहुत तरक्की कर ली है ।""शंकर बाबू ! मैं अपनी तरफ से दुआ ही करसकता हू

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महिला मताधिकार की जनक : कामिनी रॉय (बांग्ला : য়ামিন রায়)

12 अक्टूबर 2019
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जी हां, कामिनी रॉय जिन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए अपना पूरा जीवन ही समर्पित कर दिया था । आज 12 अक्टूबर को उनकी 155वीं जयंती है । कामिनी पहली ऐसी महिला हैं जिन्होंने ब्रिटिश इंडिया में ऑनर्स में ग्रेजुएशन की थी । कामिनी एक एक्टिविष्ट, शिक्षाविद् होने के साथ ही एक

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रेल निजीकरण (एक व्यंग कथा)

15 अक्टूबर 2019
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रेलवे में निजीकरण होने के पर,रेलवेटिकट खिड़की पर ...ग्राहक यात्री : सर दिल्ली से लखनऊ का एक रिजर्व टिकटचाहिए । क्लर्क : ₹ 750/-ग्राहक : पर पहले तो 400/-था !!क्लर्क : सोमवार को 400/-है,मंगलबुध गुरु को 600/- शनिवार को 700/- तुम रविवार को जा रहे हो तो 750/-ग्राहक : ओह !

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राष्ट्रीय एकता दिवस (31 अक्टूबर)

31 अक्टूबर 2019
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..... इंसानियत ही सबसे पहले धर्म है, इसके बाद ही पन्ना खोलो गीता और कुरान का......"जय हिन्द"

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बाल-दिवस (14 नवम्बर )

14 नवम्बर 2019
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🙏 हार्दिक अभिवादन 🙏."माता वैरी पिता शत्रु, ये न बालो पाठति ।न शोभतेसभा मध्ये, हंस मध्ये वको यथा ।" ...बच्चों को जन्म देनाऔर उनका पालन पोषण करना ही नहीं बल्कि उन्हें अच्छी तालीम देना, सुसंस्कारितबनाना, उचित

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बाल दिवस : बच्चों, तुम्हें गंदे स्पर्श, पकड़ और अश्लील इशारों को समझना होगा...

14 नवम्बर 2019
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मेरे बच्चों,सचेत रहना... बस कल ही गुड़िया मुझसे यह सवाल पूछ रही थी, 'मम्मी यौन उत्पीड़न का मतलब क्या होता है?' मैने खुद को संयत करने की कोशिश की थी। मैं अपने चेहरे पर 'जोएल' (बेटा) की आंकती हुई नज़र को महसूस कर सकती थी। वह मेरे भीतर चलते द्

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संस्कृति का सच और अश्लीलता पर हल्ला

16 नवम्बर 2019
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(जो देश चांदतारों, मंगल पर पहुंच कर इठला रहे हैं,विज्ञान के नए-नए आविष्कार कर देश के लिए खुशियां समेट रहे हैं,उन की तुलना में हम कहां हैं ? पढ़ कर आप कीआंखें खुली की खुली रह जाएंगी ।)अधिकतरभारतीय जानते ही नहीं कि, संस्कृति है क्या ? जिसे वे अपनी संस्कृति बता रहेहैं, क

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संविधान दिवस (26 नवम्बर)

26 नवम्बर 2019
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: संविधान की प्रस्तावना : हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी , धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचा

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विचारणीय प्रश्न (*जागो और जगाओ *)

21 मार्च 2020
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अंतर्राष्ट्रीय योग-दिवस की हार्दिक शुभ-कामनाएँ एवं बधाइयाँ....

21 जून 2020
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जंगल में “कोरोना” (एक व्यंग कथा)

1 सितम्बर 2020
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जंगल के राजा ‘शेर’ का सभा कक्ष .... मंत्री (सियार) : महाराज शहरों में आतंकमचाने के उपरांत ‘कोरोना’ नामक वायरस ने जंगल में भी अपने तम्बू गाड़ दिये है ।राजा (शेर) : इसका क्या प्रमाण है आपकेपास मंत्रीजी ! यह कोरी अपवाह है. मुझे नहीं लगता कि जंगल का कोई प्राणी, उन पथरीले औ

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‘कौमी एकता’ उर्फ़ "राष्ट्रीय एकता"

30 जनवरी 2021
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एकतामें बड़ी शक्ति होती हैं । वह परिवार, समाज, देशबहुत ज्यादा तरक्की करता हैं जहाँ एकता होती हैं. एकता हमें एक दूसरे का मान-सम्मानकरना सिखाती हैं । एकता हमें बुराइयों के खिलाफ़ लड़ने की ताकत देती हैं । एकता हीमानव जाति की पहचान हैं ।‘कौमी एकता’ मुख्यतः राष्ट्रीय एकता की

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विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) World Environment Day

4 जून 2021
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पर्यावरण की सुरक्षा औरसंरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए पूरे विश्व में 5 जून को “विश्व पर्यावरणदिवस” के रूप में मनाया जाता है । इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्तराष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972में की थी । इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वार

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लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) काजी सज्जाद अली ज़हीर पद्मश्री से सम्मानित

11 नवम्बर 2021
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<p>पद्म पुरस्कार इस सप्ताह राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा लोगों को उनकी असाधारण और विशिष्ट सेवा के

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मातृ दिवस (Happy Mother's Day)

8 मई 2022
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माँ तेरे बचपन का कर्ज,  तेरे बुढ़ापे में मेरा फर्ज ..

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