घर घर की कहानी रचना एक परिवार के हर मनुष्य के किरदार ओर उनकी कमजोरियों को बताती है । “हर समाज और हर घर में समाज के बड़े बुजुर्ग लोगों के द्वारा जो भी कह दिया जाता था। वह पत्थर की लकीर बन जाती थी” उस स
एक दफा का जिक्र हैं । किसी दूर दराज के मूल्क में चिल जैसे काले बाल वाला एक बहुत ही खुबसुरत बादशाह रहता था । उस बादशाह के ईमानदारी और दौलत के वजह से उसे बहुत पसंद किया
काश्वी ने देखा तो उसका ईमेल खुला हुआ है वहीं मेल जो उत्कर्ष ने उसे किया… मेल में उत्कर्ष ने काश्वी को रिमांइड कराया कि उसे जल्द एडमिशन के बारे में फैसला करना है… काश्वी सब समझ गई… उसका डर अब उसके सामन
तुम्हारे बग़ैर मैं बहुत खचाखच रहता हूँ यह दुनिया सारी धक्कम-पेल सहित बेघर पाश की दहलीजें लाँघ कर आती-जाती है तुम्हारे बग़ैर मैं पूरे का पूरा तूफ़ान होता हूँ ज्वार-भाटा और भूकम्प होता हूँ तुम्हारे
क्यों न चाहूं तुझको तू खास जो इतना लगता है मैं गैरों से क्यों आस करूं जब तू अपना सा लगता है क्यों न मांगू तुझको रब से एक फरिश्ता सा तू लगता है मैं ओरों की क्यूँ चाह करूँ जब तू अपना सा
मेघो से बोले दिल, दिल कीचाहत है मुझको रंगो से भरदे, दिल की चाहत है उसको भी रंगो से भरदे, मुझसे आहत है...
भूल करो, लगते समझदार सेवंचित न रह जाना तुम प्यार सेगलियों में आना जरा संभाल केकदम हर एक रखना संभाल केमौसम खराब, चलना संभाल केहर घर दफ्तर खुले अखबार से...बुला लेना तुम, मुझे पुकार क
अरे हो भारती तेरी बहन मिनू कहा है उसको देख जाकर की तैयार हूई क्या आज उसकी हल्दी दुल्हे को हल्दी लग चुकी है तो वो अब दुल्हन की हल्दी लेकर निकल गये है सुन रही है ना भारती हां हां मां ये है हमारी
कितनी मुश्किलों से तू मेरी जिंदगी में आई है,खुदा की रहमत है तू, जो खुशबू बन मेरी जिंदगी में समाई है,भूल जाता हूं मैं कभी-कभी कि कितनी नायाब है तू,मिली बड़ी मुश्किल से है तू मुझे,किस्मत ने ली मेरी बड़ी
साँसों की सरगम में मीठा सा स्वाद आने लगा क्युँ..!! सुनो ना,, आज दिल सुनना चाहे फिर "आई लव यू"..!! तुमसे मिलन हुआ बेसक कुछ लम्हों का... मुझे दूर से ही एहसास हुआ तेरी छुअन का... तू मेरा नहीं फिर तु
कमाल है कमाल है मचा हुआ बवाल है हड़बड़ी मन में है क्यों उठा रहे सवाल है क्या हुआ है क्या पता हर कोई ये पूछता सबको दिल की मत बता कुछ राज अपने तो छुपा जो हुआ नहीं अभी क्यों आ रहा ख्याल है अपने म
निगाहों से उतरकर पूरी रूह में घूम लिया..!! तुमने इस कदर छुआ...की रूह को चूम लिया..!! अब क्या लबों से उन्हें प्यार भरा जाम दे.. हम सोचते रहे की..रिश्ते को क्या नाम दें.. इश्क की महफिल में तुमने हमें चु
अब तक आपने देखाप्राशांत की मॉम डाइनिंग टेबल पर सबको आने को कहा और साथ ही प्रतिक्षा से बोली की वो खुद जाकर प्रशांत को बुला लाये ।अब आगे
अब तक आपने देखाअनुभव के आने का इंतजार करने लगी , क्योंकि मानवी को इतने बड़े घर में अकेले डर लग रहा था । अब आगे मानवी अनुभव के घर आने का इंतजार करने लगी । वो कभी घड़ी के तरफ देख रही थी
यादों में तेरी ना जागा, ना सोया जाता है, हर तरफ, कायनात में तेरा चेहरा नजर आता है, प्यार में तेरे, कुछ मजबूर हुआ दिल मेरा इस कदर, तेरी एक झलक से ही, अब इसको करार आता है! चाहतों में तेरी, यह दिल मेरा ख
पापा के जाने के बाद काश्वी ने अपना फोन चेक किया, निष्कर्ष का मैसेज था, उसे भी नींद नहीं आ रही थी इसलिये मैसेज किया, काश्वी ने टाइम देखा तो रात के तीन बज रहे थे, उसने सोचा अब सुबह ही बात करेगी निष्कर्
अब तक आपने देखामिस्टर सिकरवार के तरफ मुडी और बोली 😊 — अच्छा तो अब चलिए ... कहीं देर ना हो जाए । अगर मैं वहां लेट पहुंची तो मुझे मेरी सहेली से बहुत कुछ सुनने को मिलेगा । अब आगे मि
अब तक आपने देखाइसे देखकर तो लग रहा है जैसे कि आप दो - तीन महीने के लिए जा रही हो वहां । अब आगे माधुरी जी हंसकर बोली - अरे बेटा ऐसी कोई बात नहीं है । मैं वहा
काश्वी मुस्कुराते हुए उत्कर्ष के ऑफिस से बाहर निकली, उसे खुशी है कि निष्कर्ष अपने पापा के बारे में जो सोच रहा है वो गलत है और एक न एक दिन दोनों फिर साथ होंगे, ये कैसे होगा ये काश्वी को नहीं पता पर एक