shabd-logo

सामाजिक

hindi articles, stories and books related to samajik


featured image

निष्ठुर सर्दी का मौसम। सुबह तड़के रमा घर की एक सुनसान अन्धेरी कोठरी में चिमनी के सहारे भारी दुःखी मन से चक्की पीस रही थी। बाहर ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा था। आसमान गरज-चमक दिखाकर ओले बरसा रहा था।

ईश्वर की है यह अद्भुत लीला
कहीं चमकती धूप है तो कहीं छाया ही छाया

क्यों बेटे की मां इस जग में 
हर पल सम्मानित होती है
 जिसने बेटी क

कहां गई कहां गई मेरी खुशियां कहां गई।
इधर ढूंढो उधर ढूंढो कहां ग

नन्हे नन्हे बच्चे
होती उनकी उम्मीदें नन्हीं।
छोटी-छोटी उम्मीद

जब से व्हाट्सएप की सुविधा है आई। सबने अपने अपने प्यारे प्यारे चैट रूम

यह जिंदगी है ऊपर वाले ईश्वर की दी हूई।
जाने कब उसका बुलावा आ जाए।

समय का पहिया चलता जाए यही है उसका काम रे।
जो इस निरंतरता पकड़ ले

समय चक्र हमेशा चलता ही रहता है निरंतर चलता रहता है 1 दिन के 24 घ

समय चक्र निरंतर चलता ही रहता है। उसका निरंतर चलते रहना हमारी जिं

जी हां मैंने चुड़ैल और चुड़ैल की टोपी तो मैंने नहीं देखी है।☺️
मग

झूलती मौत से क्या डरना है यारा।

मैं हूं एक आम आदमी की डायरी जो हमेशा लोगों से छिपा कर लिखी जाती है।

कविता ःरँगों भरी जिंदगी
★★★★★★★★★★★

नीले आसमान पर बादलों की

featured image

*सम्पूर्ण विश्व में प्राकृतिक छटा यदि कहीं देखने को मिलती है तो वह है हमारा गेश भारत | भारतीय मनीषियों ने सदैव प्रकृति की पूजा करके इसके संरक्षण पर ही बल दिया है | हमारा मानना रहा है कि धरती , जल , अग्नि , पवन एवं आकाश से मिलकर ही इस सृष्टि एवं मानव शरीर का निर्माण हुआ है | प्रकृति सदैव से हमारे लिए

सबसे पहले हम बात करेंगे बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा और संस्कार के बारे में। जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि बच्चे का पहला स्कूल उसका घर होता है । वो अपने बड़ों को देखता है और उन्हीं से सीखता है। जो भी परिवार के लोग उसे बताते हैं दुनिया के बारे में वह उसी को सच मानकर चलता है और उसी के आधार पर व्यवहार

featured image

*इस संसार में ईश्वर ने नर नारी को उत्पन्न करके सृष्टि को गतिशील किया | सनातन धर्म के अनुसार मानव जीवन को चार आश्रमों में विभक्त किया गया है जिसमें से मुख्य है "गृहस्थ आश्रम" | गृहस्थ आश्रम से ही सारे संसार का पालन पोषण होता है | शायद इसीलिए हमारे शास्त्रों में कहा गया है :- "धन्यो गृहस्थाश्रम:" | गृ

featured image

कितने सालों से देख रहे थे , अलसुबह भारी - भरकम बस्ते लादे- टाई- बेल्ट से लैस , चमड़े के भारी जूतों के साथ आकर्षक नीट -क्लीन ड्रेस में सजा -- विद्यालयों की तरफ भागता रुआंसा बचपन --- तो नम्बरों की दौड़ और प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिले की धुन में- आधे सोये- आधे जागते किशोर

featured image

*इस सृष्टि को चलायमान करने के लिए ब्रह्मा जी ने कई बार नर सृष्टि की परंतु वह तब तक नहीं गतिनान हुई जब तक नारी का सृजन नहीं किया ! नर नारी के जोड़े के सृजन के बाद ही यह सृष्टि विस्तारित हो पाई | मनुष्य के जीवन में पत्नी (नारी) का क्या महत्त्व है यह इसी बात से स्पष्ट हो जाता है कि जब ब्रह्मा जी बिना प

featured image

*होली का त्यौहार हमारे देश का प्रमुख त्यौहार है | विविधता में एकता का दिव्य संदेश होली के त्यौहार में छुपा हुआ है | जिस प्रकार कई रंग मिलकर एक नया रंग बनाते हैं उसी प्रकार लोग आपसी भेदभाव भुलाकर आपस में मिल जाते हैं | होली का त्यौहार मात्र हमारे देश भारत में ही नहीं आती संपूर्ण विश्व में पूर्ण हर्ष

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए