काश्वी चली गई और निष्कर्ष अपने घर लौट आया… कई घंटे की यात्रा के बाद
काश्वी पहुंच गई… एयरपोर्ट पर पहुंचते ही सबसे पहले उसने निष्कर्ष को फोन
किया… निष्कर्ष ने उसे वहीं
रूकने को कहा… काश्वी कुछ पूछ पाती
उससे पहले ही निष्कर्ष ने फोन काट दिया
दो मिनट बाद निष्कर्ष
ने काश्वी को फोन कर बाहर जाने को कहा… काश्वी
एयरपोर्ट से बाहर निकली तो वहां एक कार उसका इंतजार कर रही है… काश्वी देखकर मुस्कुराई और
निष्कर्ष को थैंक्स कहा… पूरे रास्ते उसने जो
भी देखा वो निष्कर्ष को बताती रही
यूनिवसिर्टी के
हॉस्टल में काश्वी को कमरा मिला है निष्कर्ष ने बताया कि उसके पापा भी वही कैंपस
में टीचर्स अपार्टमेंट में रहते हैं… कुछ
देर बाद अपने कमरे में पहुंची… यही कलरफुल सा कमरा
उसका घर होगा अगले एक साल के लिये… अपना सामान सेट करने
के बाद काश्वी ने उत्कर्ष को फोन किया
उत्कर्ष खुश थे
काश्वी की आवाज सुनकर… काश्वी का रूम नंबर
पूछ कर वो उससे मिलने आ गये… अंजान जगह, अंजान देश में किसी अपने को
देखकर अच्छा लगता है और निष्कर्ष के करीब आने के बाद उत्कर्ष से भी काश्वी का एक
रिश्ता बन गया है
“ सफर ठीक था ना काश्वी,,, उत्कर्ष ने पूछा
हां पर बहुत लंबा था,,काश्वी ने कहा
काश्वी अच्छा लगा
तुम्हें यहां देखकर, सही फैसला लिया तुमने,,, उत्कर्ष ने कहा
आपकी वजह से ही
पोसिबल हो सका ये सब नहीं तो मैं कभी नहीं आ पाती यहां,,,
थैंक्स इतनी बड़ी हेल्प करने के लिये,, काश्वी ने कहा
थैंक्स तो मुझे बोलना
चाहिए तुम्हारा,,,, तुम नहीं होती तो
शायद निष्कर्ष और मैं ऐसे ही रहते,,,मैं
जानता हूं तुम्हारी वजह से उसने मुझे फोन किया,,, थोड़ी
ही सही पर बात तो की,,, आज
भी फोन आया था उसका,,, तुम्हारा
ध्यान रखने को कह रहा था,,,इतने
साल बाद ये सब हो रहा है ऐसा लगता है एक बोझ उतर गया,,, उत्कर्ष
ने बहुत इमोशनल होकर कहा
मैं कुछ पूछू आपसे,,, आप दोनों के बारे में,,अगर आपको बुरा न लगे तो,, काश्वी ने कहा
हां कहो न,,, काश्वी,,, उत्कर्ष ने कहा
निष्कर्ष कहता है कि
वो आपसे नाराज था क्योंकि आप वक्त पर नहीं पहुंचे जब मां हॉस्पिटल में थी,,, एक हफ्ते तक आप कहां थे उसे
पता ही नहीं,,, और वो इतना नाराज था
कि उसने कभी ये पूछा भी नहीं,,,मुझे
लगता है आप जरूर किसी काम में फंसे होंगे तभी नहीं आ पाये पर आपने उसे क्यों नहीं
बताया कभी,,, क्यों उसकी नाराजगी
दूर करने की कोशिश नहीं की,,, जितना
मैं आपको जान पायी हूं आपकी फोटोग्राफ के जरीये,, आपके
बारे में पढ़ने और निष्कर्ष से बात करके,, आप
अच्छे इंसान हो,, उन लोगों में से नहीं
हो जिन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता,,, फिर
क्यों इतना वक्त आप निष्कर्ष से दूर रहे,,,, काश्वी
ने कहा
काश्वी की बात सुनकर
उत्कर्ष कुछ देर कुछ नहीं बोले,,, फिर
कहा,,, काश्वी कभी कभी चीजें
इतनी बिगड़ जाती है कि उसे सही करने का कोई रास्ता नजर नहीं आता,,,जब ये हादसा हुआ मैं यही यूएस
में था,,, एक असाइनमेंट के लिये
हम एक पीक पर थे,,, पंदह दिन तक वहां
बिना नेटवर्क के रहना पड़ा,,, उन
दिनों मोबाइल का चलन नहीं था वहां किसी के पास फोन नहीं था कोई कांटेक्ट नहीं हो
सकता था,,, निष्कर्ष की मां को
ये बात पता थी लेकिन वो निष्कर्ष को बता नहीं पाई,,, एक
हफ्ते तक मुझे पता भी नहीं था कि ये सब हुआ और जब पता चला तो फेस्टिव सीजन की वजह
से फ्लाइट का टिकट नहीं मिल पाया,, कई
दिन की वेटिंग थी उन दिनों ज्यादा एयरलाइंस भी नहीं हुआ करती थी,,, तुम समझ सकती हो मुझ पर क्या
बीत रही होगी,,,मुझे कुछ समझ नहीं आ
रहा था हॉस्पिटल फोन करता था तो निष्कर्ष ने बात करने से मना कर दिया,,एक एक पल काटना मुश्किल हो
रहा था, बहुत कोशिश करने के
बाद कनेक्टिड फ्लाइट मिली,,, दो
दिन फ्लाइट से ट्रेवल किया फिर 12 घंटे कार से,,, तीन
दिन बाद किसी तरह पहुंचा,,, वो
दिन मेरी जिंदगी के सबसे बुरे दिन थे,,, कितना
कुछ खोया तब,,, अब जो जिंदगी बदली वो
कभी ठीक नहीं हो पाई,,,, मैं
निष्कर्ष का गुस्सा समझ रहा था और ये भी पता था कि अगर उस वक्त उससे कुछ कहता भी
तो भी वो उस पर यकीन नहीं करता,,, वो
अपनी मां से बहुत प्यार करता है उसके आगे उसे कोई नहीं दिखता शायद सही भी है मैं
कभी उसके साथ नहीं था,,, जब
उसे जरूरत थी,,, मुझे लगा यही मेरी
सजा है उसकी नफरत ही शायद मेरी गलतियों की सजा है इसलिये कभी कोशिश नहीं की,,,
काश्वी सब सुन रही थी
और महसूस कर रही थी कि कैसे एक रिश्ता में खामोशी आ गई जबकि उस वक्त उन दोनों को
एक दूसरे की जरूरत थी
काश्वी ने कहा,,, पर उस वक्त आप दोनों को साथ
होना चाहिए था आप दोनों की तकलीफ एक थी,,,आप
दोनों जिससे सबसे ज्यादा प्यार करते थे वो तकलीफ में थी और एक दूसरे को संभालने के
लिये साथ होना जरूरी था,,,
मुझे खुशी है काश्वी,,, तुम ये बात समझती हो,, पर कभी कभी हालात हमारे बस
में नहीं होते उस वक्त दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था और शायद हम दोनों वो नहीं
कर पाये जो करना चाहिए था,,, उत्कर्ष
ने कहा
काश्वी मुस्कुराई और
कहा,,, वैसे आप दोनों बिलकुल
एक जैसे हो,,, निष्कर्ष ने मुझे
अपने दिल की बात बताई लेकिन तब जब उसे मुझ पर पूरा भरोसा हो गया और आज आपने भी वही
किया,,, पर ये भरोसा आप दोनों
एक दूसरे पर नहीं जता पाये,,,पता
है निष्कर्ष कहता है कि ये भी मेरा असाइनमेंट है कि आप दोनों एक साथ खुश रहे,,,
हां मैं भी उस दिन ये
समझ गया था जब तुमने आखिरी असाइनमेंट में मेरी और निष्कर्ष की फोटो लगाई थी,,,,पर काश्वी कुछ चीजें वक्त पर
छोड़ देनी चाहिए,, तुम भी अगर ये बात
उसे बताओगी तो उस पर अभी कोई असर नहीं होगा जब तक वो खुद से ये महसूस न करें,,, उत्कर्ष ने कहा
आई होप वो दिन जल्दी
आये मैं आप दोनों को साथ देखना चाहती हूं,,, काश्वी
ने कहा
उत्कर्ष ने काश्वी के
सर पर हाथ रखा और कहा,,, तुम
हो न वो दिन भी जल्दी आएगा,,, चलो
अब आराम करो,,, कल सुबह तुम्हारे
एडमिशन की फोरमेलिटी पूरी करनी है,,, ये
कहकर उत्कर्ष वहां से चले गये,,,,,