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भाग–31 उत्‍कर्ष का सच

3 नवम्बर 2023

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 काश्वी चली गई और निष्कर्ष अपने घर लौट आया… कई घंटे की यात्रा के बाद
काश्वी पहुंच गई… एयरपोर्ट पर पहुंचते ही सबसे पहले उसने निष्कर्ष को फोन
किया… निष्कर्ष ने उसे वहीं
रूकने को कहा… काश्वी कुछ पूछ पाती
उससे पहले ही निष्कर्ष ने फोन काट दिया 

दो मिनट बाद निष्कर्ष
ने काश्वी को फोन कर बाहर जाने को कहा… काश्वी
एयरपोर्ट से बाहर निकली तो वहां एक कार उसका इंतजार कर रही है… काश्वी देखकर मुस्कुराई और
निष्कर्ष को थैंक्स कहा…  पूरे रास्ते उसने जो
भी देखा वो निष्कर्ष को बताती रही 

यूनिवसिर्टी के
हॉस्टल में काश्वी को कमरा मिला है निष्कर्ष ने बताया कि उसके पापा भी वही कैंपस
में टीचर्स अपार्टमेंट में रहते हैं… कुछ
देर बाद अपने कमरे में पहुंची…  यही कलरफुल सा कमरा
उसका घर होगा अगले एक साल के लिये…  अपना सामान सेट करने
के बाद काश्वी ने उत्कर्ष को फोन किया 

उत्कर्ष खुश थे
काश्वी की आवाज सुनकर…  काश्वी का रूम नंबर
पूछ कर वो उससे मिलने आ गये…  अंजान जगह, अंजान देश में किसी अपने को
देखकर अच्छा लगता है और निष्कर्ष के करीब आने के बाद उत्कर्ष से भी काश्वी का एक
रिश्ता बन गया है 

“ सफर ठीक था ना काश्वी,,, उत्कर्ष ने पूछा 

हां पर बहुत लंबा था,,काश्वी ने कहा 

काश्वी अच्छा लगा
तुम्हें यहां देखकर, सही फैसला लिया तुमने,,, उत्कर्ष ने कहा 

आपकी वजह से ही
पोसिबल हो सका ये सब नहीं तो मैं कभी नहीं आ पाती यहां,,,
थैंक्स इतनी बड़ी हेल्प करने के लिये,, काश्वी ने कहा 

थैंक्स तो मुझे बोलना
चाहिए तुम्हारा,,,, तुम नहीं होती तो
शायद निष्कर्ष और मैं ऐसे ही रहते,,,मैं
जानता हूं तुम्हारी वजह से उसने मुझे फोन किया,,, थोड़ी
ही सही पर बात तो की,,, आज
भी फोन आया था उसका,,, तुम्हारा
ध्यान रखने को कह रहा था,,,इतने
साल बाद ये सब हो रहा है ऐसा लगता है एक बोझ उतर गया,,, उत्कर्ष
ने बहुत इमोशनल होकर कहा 

मैं कुछ पूछू आपसे,,, आप दोनों के बारे में,,अगर आपको बुरा न लगे तो,, काश्वी ने कहा 

हां कहो न,,, काश्वी,,, उत्कर्ष ने कहा 

निष्कर्ष कहता है कि
वो आपसे नाराज था क्योंकि आप वक्त पर नहीं पहुंचे जब मां हॉस्पिटल में थी,,, एक हफ्ते तक आप कहां थे उसे
पता ही नहीं,,, और वो इतना नाराज था
कि उसने कभी ये पूछा भी नहीं,,,मुझे
लगता है आप जरूर किसी काम में फंसे होंगे तभी नहीं आ पाये पर आपने उसे क्यों नहीं
बताया कभी,,, क्यों उसकी नाराजगी
दूर करने की कोशिश नहीं की,,, जितना
मैं आपको जान पायी हूं आपकी फोटोग्राफ के जरीये,, आपके
बारे में पढ़ने और निष्कर्ष से बात करके,, आप
अच्छे इंसान हो,, उन लोगों में से नहीं
हो जिन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता,,, फिर
क्यों इतना वक्त आप निष्कर्ष से दूर रहे,,,, काश्वी
ने कहा 

  

काश्वी की बात सुनकर
उत्कर्ष कुछ देर कुछ नहीं बोले,,, फिर
कहा,,, काश्वी कभी कभी चीजें
इतनी बिगड़ जाती है कि उसे सही करने का कोई रास्ता नजर नहीं आता,,,जब ये हादसा हुआ मैं यही यूएस
में था,,, एक असाइनमेंट के लिये
हम एक पीक पर थे,,, पंदह दिन तक वहां
बिना नेटवर्क के रहना पड़ा,,, उन
दिनों मोबाइल का चलन नहीं था वहां किसी के पास फोन नहीं था कोई कांटेक्ट नहीं हो
सकता था,,, निष्कर्ष की मां को
ये बात पता थी लेकिन वो निष्कर्ष को बता नहीं पाई,,, एक
हफ्ते तक मुझे पता भी नहीं था कि ये सब हुआ और जब पता चला तो फेस्टिव सीजन की वजह
से फ्लाइट का टिकट नहीं मिल पाया,, कई
दिन की वेटिंग थी उन दिनों ज्यादा एयरलाइंस भी नहीं हुआ करती थी,,, तुम समझ सकती हो मुझ पर क्या
बीत रही होगी,,,मुझे कुछ समझ नहीं आ
रहा था हॉस्पिटल फोन करता था तो निष्कर्ष ने बात करने से मना कर दिया,,एक एक पल काटना मुश्किल हो
रहा था, बहुत कोशिश करने के
बाद कनेक्टिड फ्लाइट मिली,,, दो
दिन फ्लाइट से ट्रेवल किया फिर 12 घंटे कार से,,, तीन
दिन बाद किसी तरह पहुंचा,,, वो
दिन मेरी जिंदगी के सबसे बुरे दिन थे,,, कितना
कुछ खोया तब,,, अब जो जिंदगी बदली वो
कभी ठीक नहीं हो पाई,,,, मैं
निष्कर्ष का गुस्सा समझ रहा था और ये भी पता था कि अगर उस वक्त उससे कुछ कहता भी
तो भी वो उस पर यकीन नहीं करता,,, वो
अपनी मां से बहुत प्यार करता है उसके आगे उसे कोई नहीं दिखता शायद सही भी है मैं
कभी उसके साथ नहीं था,,, जब
उसे जरूरत थी,,, मुझे लगा यही मेरी
सजा है उसकी नफरत ही शायद मेरी गलतियों की सजा है इसलिये कभी कोशिश नहीं की,,,  

  

काश्वी सब सुन रही थी
और महसूस कर रही थी कि कैसे एक रिश्ता में खामोशी आ गई जबकि उस वक्त उन दोनों को
एक दूसरे की जरूरत थी 

काश्वी ने कहा,,, पर उस वक्त आप दोनों को साथ
होना चाहिए था आप दोनों की तकलीफ एक थी,,,आप
दोनों जिससे सबसे ज्यादा प्यार करते थे वो तकलीफ में थी और एक दूसरे को संभालने के
लिये साथ होना जरूरी था,,, 

  

मुझे खुशी है काश्वी,,, तुम ये बात समझती हो,, पर कभी कभी हालात हमारे बस
में नहीं होते उस वक्त दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था और शायद हम दोनों वो नहीं
कर पाये जो करना चाहिए था,,, उत्कर्ष
ने कहा 

  

काश्वी मुस्कुराई और
कहा,,, वैसे आप दोनों बिलकुल
एक जैसे हो,,, निष्कर्ष ने मुझे
अपने दिल की बात बताई लेकिन तब जब उसे मुझ पर पूरा भरोसा हो गया और आज आपने भी वही
किया,,, पर ये भरोसा आप दोनों
एक दूसरे पर नहीं जता पाये,,,पता
है निष्कर्ष कहता है कि ये भी मेरा असाइनमेंट है कि आप दोनों एक साथ खुश रहे,,, 

  

हां मैं भी उस दिन ये
समझ गया था जब तुमने आखिरी असाइनमेंट में मेरी और निष्कर्ष की फोटो लगाई थी,,,,पर काश्वी कुछ चीजें वक्त पर
छोड़ देनी चाहिए,, तुम भी अगर ये बात
उसे बताओगी तो उस पर अभी कोई असर नहीं होगा जब तक वो खुद से ये महसूस न करें,,, उत्कर्ष ने कहा  

  

आई होप वो दिन जल्दी
आये मैं आप दोनों को साथ देखना चाहती हूं,,, काश्वी
ने कहा 

  

उत्कर्ष ने काश्वी के
सर पर हाथ रखा और कहा,,, तुम
हो न वो दिन भी जल्दी आएगा,,, चलो
अब आराम करो,,, कल सुबह तुम्हारे
एडमिशन की फोरमेलिटी पूरी करनी है,,, ये
कहकर उत्कर्ष वहां से चले गये,,,,, 

   

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रचनाएँ
तलाश में हूं खुद की
5.0
अपनी तलाश की है कभी, कभी खुद को ढूंढने निकले हैं, फुर्सत के लम्हों में कभी खुद से बात की है, कभी जाना क्या चाहता है दिल, हालातों में गुम होने पर तन्हाई की रात में खुद से टकराएं हैं कभी, कभी चलते चलते यूं ही रुक कर पीछे मुड़कर देखा है, सोचा कहां छोड़ आये खुद को, किस मोड़ पर खुद को खो दिया, किस मोड़ पर खुद से फिर मिले, हां, पता है, ये सब सोचने का टाइम किसके पास है, टाइम हो न हो, सवाल तो है, सोच का दायरा छोटा हो, पर जवाब बड़ा है, यूं ही चलते चलते कोई बता जाता है, यूं ही चलते चलते कोई समझा जाता है, यूं ही चलते चलते कोई खुद को खुद से मिलवा जाता है, ये कहानी भी ऐसी ही है अपने आप को तलाशने की, एक सफर अपने आप तक पहुंचने का। काश्‍वी और उत्‍कर्ष एक दूसरे के करीब आये और तब दोनों को एहसास हुआ कि उनकी जिदंगी कितनी अधूरी थी एक तलाश जो हमेशा से उन्‍हें थी धीरे – धीरे पूरी होने को है…
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भाग–1 बिंदास काश्‍वी

2 अगस्त 2022
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कहानी शुरु होती है एक स्कूल के प्रिंसिपल रुम से जहां एक 10 साल की बच्ची को उसी के पेरेंटस के सामने प्रिंसिपल डांट रही है, “मिस्टर कुमार आपकी बेटी इतनी शरारती है, इसकी वजह से एक बच्चे का हाथ टूट गया, इ

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भाग–2 काश्‍वी का नया दोस्‍त

3 अगस्त 2022
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काश्वी के बड़े होने के सिलसिले में कई मोड़ आए, कभी वो खुद से सवाल करती, तो कभी कोई उससे, कब खुश होती, कब उदास उसे खुद भी नहीं पता चलता, दूसरी लड़कियों से कुछ अलग थी, उसके पापा उससे अक्सर पूछते थे कि उ

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भाग–3 जिदंगी की तलाश

5 अगस्त 2022
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काश्वी ने अपने पापा को काम्पिटीशन के बारे में बताया, वो इतनी खुश थी कि उसके पापा ने झट से हां कर दी, रात भर पूरा परिवार उसकी तस्वीरों में से 10 ऐसी तस्वीरें ढूंढता रहा जो उसके टेलेंट को सही - सही दिखा

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भाग–4 धुंधली होती खुशियां

6 अगस्त 2022
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 निष्‍कर्ष की बात ने काश्‍वी की सारी खुशी को धुंधला कर दिया। थोड़ी देर पहले तक वो खुद पर इतरा रही थी लेकिन अब उसे खुद पर ही शक होने लगा। धीरे – धीरे निराशा उसे घेरने लगी और वो चुपचाप एक कोने में जाकर

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भाग–5 जिंदगी की झलक

17 अगस्त 2022
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काश्‍वी के करियर का ये मोड़ उसके परिवार को नए उत्‍साह से भर गया। घर लौटते हुए सब इसी के बात करते रहे। पापा ने काश्वी से पूछा “एक महीने की वर्कशॉप, कब से जाना है?” “दो दिन बाद रजिस्ट्रेशन कराने जाना है

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भाग –6 पहाड़ों का सफर

18 अगस्त 2022
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तेरह घंटे का सफर शुरू तो बहुत जोश के साथ हुआ लेकिन दिन चढ़ते-चढ़ते सबका जोश ठंडा होने लगा। बस में बातों का सिलसिला अहिस्ता अहिस्ता थमने लगा। अब बस, बस के चलने की आवाज और हवा का शोर सुनाई दे रहा है। हम

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भाग –7 बस एक नजर

21 अगस्त 2022
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पहाड़ों की शाम बहुत शांत होती है यहां सच में आप महसूस कर सकते हैं कि शाम हो गई है बड़े शहरों की तरह यहां ट्रेफिक का शोर नहीं होता जिसमें पंछियों की आवाज गुम हो जाती हैं। यहां शाम होते ही पंछी अपने घरो

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भाग –8 जिदंगी ढूंढने निकला जब भी…

22 अगस्त 2022
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काश्वी अब थोड़ी कंफर्टेबल हो गई, काश्वी ने उत्कर्ष से पूछा, “आपने मेरी फोटोग्राफ देखी हैं?” उत्कर्ष ने सिर हिला कर हां कहा और ये भी कहा कि काश्वी को पहला प्राइज देने का आखिरी फैसला उन्होंने ही लिया था

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भाग –9 पुराना कैमरा और नया दोस्‍त

23 अगस्त 2022
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“फोटोग्राफी एक प्रोफेशन से ज्यादा पेशन है, अगर चीजों को देखकर आपको उसमें कुछ खास नजर नहीं आता तो आप एक अच्छे फोटोग्राफर नहीं बन सकते, कैमरे की नजर से पहले अपनी नजर और नजरिये को समझना जरुरी है यहां क्ल

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भाग–10 तुम सवाल बहुत करती हो

24 अगस्त 2022
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रात के बाद फिर सुबह हुई, काश्वी और दूसरे फोटोग्राफर को आज बाहर भेजा जा रहा है जहां वो अपने फोटोग्राफी के हुनर को निखार सके, अपने अपने कैमरे के साथ सब निकलने के लिये लॉबी में इकट्ठा हो गये, काश्वी की न

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भाग–11 नीला आसमान और तुम

25 अगस्त 2022
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अपना पहला एसाइनमेंट देखने के लिये सभी एक्‍साइटेड हैं लेकिन वापस आने के बाद से काश्वी काफी बेचैन  है, वो काफी देर से हॉल के बाहर कोरिडोर के एक छोर से दूसरे छोर तक चक्कर लगा रही है,  निष्कर्ष काफी देर त

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भाग–12 क्‍या हम दोस्‍त हैं?

26 अगस्त 2022
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करीब दो घंटे तक सबकी तस्वीरों पर खूब चर्चा हुई गलतियों और खूबियों को बताने के बाद उत्कर्ष वहां से चले गये, निष्कर्ष अब भी चुप रहा उसने काश्वी से कोई बात नहीं की, दोनों वहां से कोरिडोर की तरफ निकले, क

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भाग–13 मेरा घर कहीं खो गया है !

28 अगस्त 2022
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निष्कर्ष को ऐसे देखकर काश्वी परेशान हो गई और उसने पूछ ही लिया “क्या हुआ? बात क्या है अचानक सीरीयस क्‍यों हो गये?”  “कुछ नहीं बस यूं ही” निष्कर्ष ने जवाब दिया  “नहीं.. कुछ तो है आप और आपके पापा के बी

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भाग–14 नाराज क्‍यूं हो तुम?

28 अगस्त 2022
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 “पापा तो जैसे अपने कैमरे को भूल ही गये थे, उनके लिये अपने परिवार के लिये पैसा कमाना ज्यादा जरूरी था पर मां को लग रहा था कि ऐसे वो अपने सपनों के साथ समझौता कर रहे हैं, जिस कैमरे की वजह से वो दोनों मिल

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भाग–15 काश्वी तुम यहां कैसे आई?

28 अगस्त 2022
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 निष्‍कर्ष सीधा अपने कमरे में चला गया उसने किसी से कोई बात नहीं की, कुछ देर बाद काश्‍वी भी अपने कमरे में आ गई रात भर वो निष्‍कर्ष के मैसेज या फोन का इंतजार करती रही। रात गुजर गई और सुबह के 9 बजे तक भ

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भाग–16 बोलो दोगे मेरा साथ

9 सितम्बर 2022
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निष्कर्ष इधर–उधर सब तरफ काश्वी को ढूंढने लगा, उसने काश्‍वी को फोन भी किया लेकिन फोन लगा नहीं, वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्‍लाकर काश्‍वी को बुलाने लगा लेकिन काश्‍वी का कुछ पता नहीं लग रहा था, उसने थोड़ी दूर जा

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भाग–17 कुछ सामने है तो कुछ छुपा है

13 सितम्बर 2022
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रात को अकेले अपने कमरे में काश्वी ने उन किताबों में से एक को पढ़ना शुरू किया, उसे पढ़ते हुए काश्वी को निष्कर्ष की बात याद आने लगी, निष्‍कर्ष ने उसे ये किताबें इसलिये दी जिससे वो अकेला ना महसूस करें और

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भाग–18 दोस्‍ती में दीवार ?

29 अक्टूबर 2022
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निष्‍कर्ष को इस तरह अचानक देखकर उत्कर्ष को कोई फर्क नहीं पड़ा लेकिन काश्वी एक दम शॉक थी। निष्‍कर्ष का चेहरा देखकर उसे समझ आ गया कि वो क्या सोच रहा है, उत्‍कर्ष के साथ काश्‍वी को ऐसे देखकर निष्‍कर्ष को

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भाग–19 आखिरी असाइनमेंट

3 नवम्बर 2022
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जो बात हमें तकलीफ देती है उसे दिमाग से निकालना इतना आसान नहीं होता और उसे भूलकर किसी और चीज पर ध्‍यान लगाना काफी मुश्किल होता है, निष्कर्ष और उसके पापा का रिश्‍ता अब उस स्‍टेज पर पहुंच गया है जहां दोन

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भाग–20 मुझसे मिलोगे दिल्ली में?

4 नवम्बर 2022
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एक तरफ बर्फ से ढके पहाड़ इौर दूसरी तरफ रंग बिरंगा छोटा सा बाज़ार, निष्‍कर्ष और काश्‍वी अपनी थीम की तलाश करते आगे बढ़ने लगे। दुकानों के बाहर लटके रंग बिरंगी चीजें, ठंड का एहसास कराते गर्म कपड़ों से सजे

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भाग–21 कहानी अनकही

14 नवम्बर 2022
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निष्कर्ष ने काश्वी से पूछा एक बात बताओ, “तुम तो दिल्ली में रही हो हमेशा, फिर नेचर से कितनी करीबी कैसे हो गई? दिल्ली की लड़कियों को तो बड़े बड़े मॉल्स और फोरेन ट्रिप्स पर जाने का शौक होता है और तुम यहा

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भाग–22 एक खूबसूरत रिश्‍ता

30 जनवरी 2023
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सुबह जब निष्‍कर्ष उठा तो उसने अपने फोन पर कई मिस कॉल देखी, रात के ढाई बजे काश्‍वी क्‍यों फोन कर रही थी? ये सोचकर निष्‍कर्ष कुछ परेशान भी हुआ उसने तुंरत काश्‍वी को कॉल किया लेकिन फोन उठा नहीं, शायद अब

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भाग–23 सबसे बड़ी उलझन

30 जनवरी 2023
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कुछ देर तक सब शांत रहा, काश्वी की नजर पहले उत्कर्ष पर गई जो चुप हैं शायद किसी गहरी सोच में हैं, फिर उसने निष्कर्ष को देखा जो उसे ही देख रहा है, निष्कर्ष भी चुप है, कुछ सैकेंड बाद हॉल की शांति तालियों

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भाग–24 प्‍यार के पड़ाव

1 फरवरी 2023
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एक और पड़ाव पार कर लिया निष्कर्ष और काश्वी ने अपनी दोस्ती का, एक महीने के अंदर ही दोनों इतने गहरे दोस्त बन गये कि अब एक दूसरे की जिंदगी से अच्छी तरह परिचित हैं   रात तो गहरी हो रही है लेकिन काश्वी को

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भाग–25 वापसी

2 फरवरी 2023
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काश्वी मुस्कुराते हुए उत्कर्ष के ऑफिस से बाहर निकली, उसे खुशी है कि निष्कर्ष अपने पापा के बारे में जो सोच रहा है वो गलत है और एक न एक दिन दोनों फिर साथ होंगे, ये कैसे होगा ये काश्वी को नहीं पता पर एक

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भाग–26 “ये क्या है काश्वी?”

8 फरवरी 2023
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 पापा के जाने के बाद काश्वी ने अपना फोन चेक किया, निष्कर्ष का मैसेज था, उसे भी नींद नहीं आ रही थी इसलिये मैसेज किया, काश्वी ने टाइम देखा तो रात के तीन बज रहे थे, उसने सोचा अब सुबह ही बात करेगी निष्कर्

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भाग–27 दूर कैसे रह पाएंगे?

10 अप्रैल 2023
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काश्वी ने देखा तो उसका ईमेल खुला हुआ है वहीं मेल जो उत्कर्ष ने उसे किया… मेल में उत्कर्ष ने काश्वी को रिमांइड कराया कि उसे जल्द एडमिशन के बारे में फैसला करना है… काश्वी सब समझ गई… उसका डर अब उसके सामन

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भाग–28 यादगार सफर

26 जुलाई 2023
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निष्कर्ष के कहने पर काश्वी ने उत्कर्ष को रिप्लाई किया और एडमिशन के लिये हां कर दिया… कुछ घंटे बाद ही रिप्लाई आया जिसमें कंफरमेशन के साथ काश्वी को 15 दिन में ज्वाइन करने को कहा गया रिप्लाई आते ही काश्

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भाग–29 सच से सामना

12 सितम्बर 2023
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फ्लाइट में पूरा समय निष्कर्ष ने काश्वी से उदयपुर की बात की… उसने बताया कि वो जब भी उदयपुर आता था तो उसकी मां उसे अपने बचपन की कहानियां सुनाती थी… “रेगिस्तान के बीच पहाड़ों और झीलों से घिरा एक छोटा सा

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भाग–30 हर वक्त साथ रहूंगा

21 सितम्बर 2023
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निष्कर्ष कुछ उदास है… काश्वी ने ठीक कहा था उसे नींद नहीं आ रही है… बहुत बैचेनी है… जब कुछ समझ नहीं आया तो निष्कर्ष ने अपने पापा को फोन किया…   कुछ देर घंटी बजने के बाद उत्कर्ष ने फोन उठाया वो कुछ घबर

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भाग–31 उत्‍कर्ष का सच

3 नवम्बर 2023
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 काश्वी चली गई और निष्कर्ष अपने घर लौट आया… कई घंटे की यात्रा के बाद काश्वी पहुंच गई… एयरपोर्ट पर पहुंचते ही सबसे पहले उसने निष्कर्ष को फोन किया… निष्कर्ष ने उसे वहीं रूकने को कहा… काश्वी कुछ पूछ प

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भाग–32 नया चैप्‍टर

3 नवम्बर 2023
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 सुबह हुई और काश्वी की जिंदगी का नया चैप्टर शुरू हुआ,,, नया देश,, नया कॉलेज और नये लोग पर एक डोर थी जो उसे घबराने या डरने नहीं दे रही थी पहली बार वो नये माहौल में भी इतनी कांफिडेंट थी,,,, वो डोर

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भाग–33 मुझे तुम्हारे पास होना चाहिए था

3 नवम्बर 2023
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 हम हमेशा सोचते है कि हमसे ज्यादा दुख और तकलीफ किसी को नहीं,,,दूसरा हमेशा खुद से खुश ही लगता है,,,किसी की तकलीफ का एहसास तभी होता है जब आप उसी तकलीफ को महसूस करते है,,और उस वक्त जो इसे समझ जाये वो

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भाग–34 सामना करो अपने डर का

3 नवम्बर 2023
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 निष्कर्ष को देखकर काश्वी काफी खुश थी डॉक्टर्स भी हैरान थे उसकी इंप्रूवमेंट देखकर,,, अगले ही दिन काश्वी को आईसीयू से वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया,,,,कोई ऐसा पास हो जिससे जिंदगी की हर सांस जुड़ी हो त

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भाग–35 तलाश आज पूरी हुई

3 नवम्बर 2023
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 जब सवालों की भीड़ लग जाये तो जवाब तलाशने पड़ते हैं और जवाब कहां मिलेगा ये सबसे बड़ा सवाल होता है,,,निष्कर्ष के सामने भी अब ये हालात थे काश्वी के सवालों के जवाब उसके पास नहीं थे और जो सवाल उसके मन म

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