Meaning of निकाल in Hindi
Meaning of निकाल in English
Articles Related to ‘निकाल’
- नाग पंचमी
- मै पानी बना नहीं सकता....... बचा सकता हूँ
- राम वही जो सिया मन भाये (भाग-9)
- तुलसी के राम
- घर में क़ैद नारी
- कर्कोटक का क्रोध (भाग-50)
- इंसान सबसे ज्यादा तब खुश होता है
- अंतिम सत्य (भाग-9)
- हँस के दिखाई जरा
- राम वही जो सिया मन भाये (भाग-41)
- धीरे-धीरे ही सही प्यार का एहसास मिल गया यारो
- ग़ज़ल
- एक चिट्ठी माँ के नाम
- क्या यही है समाज ?
- सपना ( पार्ट -2 )
- कानपुर वाले दुनिया से अलग क्यों होते हैं, ये साबित करने के लिए ये 13 वाकये ही काफ़ी हैं
- सफलता की कुंजी
- लड़के हैं वो तो •••••••
- नारीवाद
- बहना तेरे प्यार में-भाग 8
- भाग-15 उपन्यास " तांत्रिक लड़की और उसके बैल"का समापन।
- दिलासा
- जाको राखे साईंयां मार सके ना कोय : सियाचिन में 6 दिन बाद 25 फीट नीचे से जिंदा निकला जवान, मिलने पहुंचे मोदी
- सत्य की महत्ता
- हम तुमको दिल से निकाल चुके हैं
- तुम राम बनके दिल यूँ ही दुखाते रहोगे
- *लोग चढ़ा रहे भगवान को मांसाहारी(चाँदी वर्क ) लगी मिठाई*
- बुराई का न होना अच्छाई
- कारगिल युद्ध की कभी न भूलने वाली वो यादें
- खूनी शैतान
- अपनी अपनी सुरंगों में कैद
- जिजीविषा बनाए रखें
- भाग्य से अधिक नहीं मिलता
- बच्ची का संघर्ष
- संघर्ष की शक्ल....!!
- किन्नर माँ (कहानी)
- 'बहनजी' बोली लोहिया जिंदा होते तो मुलायम को पार्टी से ही निकाल देते
- हिंदी दिवस
- सत्य की शक्ति
- ब्रिसबेन मे हार के बाद धोनी ने गेंदबाजों पर निकाली भड़ास
- गन्तव्य -
- ❤️लव फॉर रेंट ( मेरी सुलोचना )👁️ भाग -6
- भारतीय व्यापारियों ने निकाल लिया GST से बचने का जुगाड़, एक जोड़ी जूते के मिल रहे हैं दो बिल
- 9 मार्च 2022
- #पता_नहीं
- सौरभ का पता,,,
- कितना बदल गया इंसान
- क्या वाकई भगवान हमें देख रहा है
- अब पछताये क्या होत, जब चिड़ियाँ चुग गयी खेत
- मेरे जीवन की दर्दनाक घटना
- हौसला
- खयाल
- आज के दोहे :
- काश दिमागों की हार्ड डिस्क फॉर्मेट हो सकती - दिनेश डॉक्टर
- #अब तक लूटता वोटर
- बस सिर्फ खेल
- "मैं समंदर हूँ "
- नेकियों के नवाब हैं
- क्या आप राष्ट्रगान का सम्मान करते है??
- बड़े लोग
- आपने देखा दारु पीकर महिला डॅाक्टर ने की उबेर ड्राईवर से मारपीट
- पत्र
- सल्लु मियाँ
- धोनी वो बाप है, जिसने बच्चे की साइकिल छोड़ दी है और गुमान से खड़ा है
- कितना बड़ा दिल है इसलिए युवती ने चीर दी ब्वॉयफ्रेंड की छाती
- जहानाबाद की इस लड़की की चीखें आप अपने अंदर से नहीं निकाल पाएंगे
- जमूरे! कब आएँगे अच्छे दिन?
- मुलाकात
- आज अपने गांव को जाना हुआ।
- ममता का कर्ज उसने चुका दिया ?
- हमारे सैनिकों को इस तरह फंसा उनसे इनफॉर्मेशन निकाल रहा है चीन
- जय जवान जय किसान
- ट्रेनों में इस्तेमाल प्रदूषित कम्बलों का सरकार ने निकाल लिया हल, हर बार मिलेगी साफ़
- समी-द मिरेकल ऑफ सोसाइटी
- एयरटेल का नया 3G/4G धमाका, 259 में 10 जीबी डाटा लेकिन..... ?
- बातें रात की : वो झींगुरों की बातें -
- किसका भारत महान? (कहानी) #ज़हन
- सरकार हैरान : स्टार्टअप कंपनियां रोजगार देने के बजाय लोगों को नौकरी से निकाल रही हैं
- पत्रकार की जगह इस बार फरियादी महिला पर भड़कीं UP की सेल्फी क्वीन बी. चन्द्रकला
- EC के अनुरोध को RBI ने किया खारिज, उम्मीदवार हफ्ते में 24 हजार ही निकाल सकेंगे
- उम्मीद
- विप्रो ने निकाला 600 को, सवाल- क्या देश के 95% इंजीनियर जॉब के काबिल नहीं ?
- उत्तराखंड के कांग्रेसी CM हरीश रावत के सामने क्यों भड़के खली ! मुक्के से तोड़ी टेबल
- तेरी तस्वीर
- शादी से जुड़ी दुनिया की ये 11 परंपराएं पैरों तले जमीन खिसका देंगी
- जीने की चाहत
- झोली तो खाली ही रही
- मेरा देश महान जहा सो में अस्सी बेईमान
- शेरनी को 'चूमने' से पहले ही सुरक्षा कर्मियों ने युवक को रोका
- सोच
- संगठन में ही शक्ति है
- 22 अप्रैल 2022
- बहना तेरे प्यार में-भाग 57
- मत डर रे राही ,
- उस पार
- आपकी खातिर
- मेरा वजूद
- एक स्थान पर जीर्णधन नाम का बनिये का लड़का रहता था । धन की खोज में उसने परदेश जाने का विचार किया । उसके घर में विशेष सम्पत्ति तो थी नहीं, केवल एक मन भर भारी लोहे की तराजू थी । उसे एक महाजन के पास धरोहर रखकर वह विदेश चला गया । विदेश स वापिस आने के बाद उसने महाजन से अपनी धरोहर वापिस मांगी । महाजन ने कहा----"वह लोहे की तराजू तो चूहों ने खा ली ।"
बनिये का लड़का समझ गया कि वह उस तराजू को देना नहीं चाहता । किन्तु अब उपाय कोई नहीं था । कुछ देर सोचकर उसने कहा---"कोई चिन्ता नहीं । चुहों ने खा डाली तो चूहों का दोष है, तुम्हारा नहीं । तुम इसकी चिन्ता न करो ।"
थोड़ी देर बाद उसने महाजन से कहा----"मित्र ! मैं नदी पर स्नान के लिए जा रहा हूँ । तुम अपने पुत्र धनदेव को मेरे साथ भेज दो, वह भी नहा आयेगा ।"
महाजन बनिये की सज्जनता से बहुत प्रभावित था, इसलिए उसने तत्काल अपने पुत्र को उनके साथ नदी-स्नान के लिए भेज दिया ।
बनिये ने महाजन के पुत्र को वहाँ से कुछ दूर ले जाकर एक गुफा में बन्द कर दिया । गुफा के द्वार पर बड़ी सी शिला रख दी, जिससे वह बचकर भाग न पाये । उसे वहाँ बंद करके जब वह महाजन के घर आया तो महाजन ने पूछा---"मेरा लड़का भी तो तेरे साथ स्नान के लिए गया था, वह कहाँ है ?"
बनिये ने कहा ----"उसे चील उठा कर ले गई है ।"
महाजन ---"यह कैसे हो सकता है ? कभी चील भी इतने बड़े बच्चे को उठा कर ले जा सकती है ?"
बनिया---"भले आदमी ! यदि चील बच्चे को उठाकर नहीं ले जा सकती तो चूहे भी मन भर भारी तराजू को नहीं खा सकते । तुझे बच्चा चाहिए तो तराजू निकाल कर दे दे ।"
इसी तरह विवाद करते हुए दोनों राजमहल में पहुँचे । वहाँ न्यायाधिकारी के सामने महाजन ने अपनी दुःख-कथा सुनाते हुए कहा कि, "इस बनिये ने मेरा लड़का चुरा लिया है ।"
धर्माधिकारी ने बनिये से कहा ---"इसका लड़का इसे दे दो ।
बनिया बोल----"महाराज ! उसे तो चील उठा ले गई है ।"
धर्माधिकारी ----"क्या कभी चील भी बच्चे को उठा ले जा सकती है ?"
बनिया ----"प्रभु ! यदि मन भर भारी तराजू को चूहे खा सकते हैं तो चील भी बच्चे को उठाकर ले जा सकती है ।"
धर्माधिकारी के प्रश्न पर बनिये ने अपनी तराजू का सब वृत्तान्त कह सुनाया ।
सीख : जैसे को तैसा..
- लाखों में सिर्फ एक बुद्धिमान व्यक्ति ही निकाल सकता है बचने का रास्ता, जानिए आप की स्थिति
- मंज़िल
अक्षरों पर क्लिक करके अन्य शब्द देखें