आनंद सिंह, मनोज पारस व पवन पाण्डेय की विदाई से पहले मंत्रिपरिषद में 59 सदस्य थे। तब मंत्रिपरिषद में 10 मुस्लिम, 11 ठाकुर, 09 यादव, 07 दलित, 06 ब्राह्मण, 04 कुर्मी, 02 वैश्य, 01 भूमिहार, 01 जाट, 02 लोधी, 01 चौरसिया, 01 निषाद, 01 गूजर, 01 प्रजापति (कुम्हार), 01 पाल (गड़रिया), व 01 शाक्य (मौर्य/कुशवाहा) चेहरे थे। ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य को मिलाकर 20 अगड़े, 10 मुस्लिम, 07 दलित व 22 पिछड़े चेहरे हो गए थे। इन्हें हटाए जाने के बाद 56 सदस्य बचे थे। इनमें 10 मुसलमान, 9 यादव, 10 ठाकुर, 5 ब्राह्मण, 4 कुर्मी, 2 वैश्य, 2 लोध, 6 दलित, 6 अति पिछड़ी जातियों के थे। इसके अलावा एक-एक भूमिहार व जाट बिरादरी का प्रतिनिधित्व रह गया था। अब जिन 8 मंत्रियों को बर्खास्त किया गया है उनमें यादव, ब्राह्मण, भूमिहार, शाक्य, कुर्मी, दलित एक-एक और दो ठाकुर हैं। इनकी बर्खास्तगी व दो मंत्रियों के दिवंगत होने के बाद मंत्रिपरिषद से अब चार ठाकुर, दो ब्राह्मण, एक भूमिहार, दो एससी, तीन पिछड़े (इनमें एक यादव, एक कुर्मी व एक शाक्य) तथा एक वैश्य का प्रतिनिधित्व घट गया है।