हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन चुकी कुछ बातें हमें शायद ही कभी चौंकाती हैं या गलत लगती हैं। जैसे किसी दो पहिया वाहन पर सवार एक परिवार, जिसमें पुरुष ने तो हेलमेट पहन रखा है लेकिन महिला एवं बच्चे कभी हेलमेट पहने नहीं दिखते।
वर्ल्ड हेड इंज्यूरी अवेयरनेस डे (20) के मौके पर चिकित्सकों का कहना है कि सड़क दुर्घटनाओं में अक्सर महिलाओं को ही सर में ज्यादा चोटें आती हैं क्योंकि वे सुरक्षा मानक नहीं अपनातीं। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके प्रति बेहद गंभीरता बरते जाने की जरूरत है और जिसके कारण भारत दुनिया में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाओं वाला देश बन चुका है।
दिल्ली के अपोलो अस्पताल में न्यूरोसर्जन राजेंद्र प्रसाद ने आईएएनएस से कहा, "मैंने अभी-अभी एक महिला को अस्पताल से छुट्टी दी है, जिसे सड़क दुर्घटना में सर में चोट लगी थी और उसका ऑपरेशन करना पड़ा था। वह एक दोपहिया वाहन चला रही थी और हेलमेट नहीं पहन रखा था। ऐसी घटनाएं आज आम हो चली हैं और इसीलिए मुझे लगता है कि महिलाओं के लिए भी हेलमेट पहनना जरूरी कर देना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से बच्चों को भी हेलमेट पहनाना चाहिए।
प्रसाद ने आगे कहा, "कुछ देशों में बच्चों को दोपहिया वाहन चलाने की इजाजत नहीं है। कम्बोडिया तथा वियतनाम में बच्चों को भी हेलमेट पहनना जरूरी है। यही नियम भारत में भी लागू किए जाने की जरूरत है। बच्चों तथा महिलाओं में हेलमेट पहनने को अनिवार्य करके छोटी-बड़ी दुर्घटनाओं से बजा जा सकता है।"
चिकित्सकों का कहना है कि कई बार मरीज स्वीकार करते हैं कि उन्हें हेलमेट खरीदना अतिरिक्त खर्च लगता है।
सर्वसुविधायुक्त मैक्स अस्पताल की न्यूरोसर्जन आशा बख्शी कहती हैं, "मैं अपने मरीजों को हेलमेट पर होने वाले खर्च तथा सर के चोट के इलाज पर लगने वाले खर्च की तुलना करने के लिए कहती हूं।"
हेलमेट पहनने को लोग सुरक्षा मानक के तौर पर नहीं बल्कि न पहनने पर जुर्माना लगने वाले नियम के रूप में ही देखते हैं।
दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाली महिलाओं के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य करने का नियम पर काफी विवाद हैं। सिख महिलाएं धार्मिक कारणों से हेलमेट पहनने से इंकार करती है।
बख्शी ने बताया, "पिछले 10 महीनों में सिर्फ हमारे अस्पताल में सर की चोट के 400 मामले आ चुके हैं।"
'इंडियन हेड इंजरीज फाउंडेशन' के सदस्य प्रसाद ने बताया कि संस्थान हेलमेट निर्माताओं से उच्च गुणवत्ता वाले तथा सबकी पहुंच में आ सकने वाले अपेक्षाकृत सस्ते हेलमेट के उत्पादन पर विचार-विमर्श कर रहा है।
चिकित्सकों ने पुलिस तथा मीडिया कर्मियों को जीवन रक्षा से संबंधित प्रशिक्षण दिए जाने की बात की क्योंकि दुर्घटना स्थलों पर अमूमन यही लोग पहले पहुंचते हैं।