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हिन्दू-मुस्लिम संघर्ष नहीं था अकबर-प्रताप का संग्राम

7 नवम्बर 2015

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भारतीय इतिहास में जो व्यक्ति अपनी बहादुरी और दृढ़ निश्चय के लिए मशहूर हुए हैं, उनमें राणा प्रताप का नाम विशेष आदर से लिया जाता है। इस वर्ष उनकी 475 वीं जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। मेवाड़ के गौरव राणा प्रताप का राजतिलक वर्ष 1572 में हुआ। उस समय भारत का सबसे शक्तिशाली राजा विख्यात मुगल सम्राट अकबर था। वर्ष 1576 में हल्दीघाटी की लड़ाई में राणा प्रताप की टक्कर मुगल सेना से हुई। उसके बाद राणा प्रताप को जगह-जगह पर जंगलों और पहाड़ों में घूमते हुए अपना संघर्ष जारी रखना पड़ा। कभी वे कुछ किले और क्षेत्र प्राप्त कर लेते थे तो कभी ये हाथ से निकल जाते थे। पर 1597 में अपनी मृत्यु तक उन्होंने यह संघर्ष निरंतर जारी रखा। अपनी मृत्यु से पहले वे अपने अनेक किले और क्षेत्र वापिस ले चुके थे।

अपने राजतिलक के बाद के 25 वर्षों में से वे हल्दीघाटी की लड़ाई तक के मात्र चार वर्ष ही अमन-चैन से गुजार सके थे। शेष 21 वर्ष तक उन्हें इस समय की एक अति शक्तिशाली विश्व स्तर की सेना के विरुद्ध बहुत कम साधनों से निरंतर जूझना पड़ा। इन 21 वर्षों के दौरान उन्होंने जिस कभी न विचलित होने वाले, कभी न झुकने वाले साहस का परिचय दिया, उससे वे सदा के लिए अमर हो गए।

यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत बहादुरी की ही नहीं थी। राणा प्रताप के ऐसे अनेक साथी थे जिन्होंने कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी उनका साथ नहीं छोड़ा। इन सब के सहयोग से ही इतना लंबा संघर्ष चल सका। इस बात के भी प्रमाण हैं कि उस समय मेवाड़ में महत्वपूर्ण निर्णय, आपसी विचार-विमर्श के बाद, एक-दूसरे की राय जानकर लिए जाते थे। इस कारण भी एकता बनाए रखने और आपसी साझेदारी से संघर्ष करने में सहायता मिली। इसका सबसे शानदार उदाहरण है, राणा प्रताप द्वारा भील सरदारों और भीलों का सहयोग प्राप्त करना। पहाड़ों और जंगलों को जितनी अच्छी तरह से यहां के भील जानते थे, उतनी अच्छी तरह और कोई नहीं जानता था। उनसे राणा प्रताप को संघर्ष में जो सहायता मिली वह और किसी से प्राप्त नहीं हो सकती थी। राणा प्रताप ने उनसे बहुत अच्छे संबंध स्थापित किए। इस सहयोग के प्रतीक के रूप में आगे चलकर मेवाड़ के राजचिह्न पर एक ओर एक राजपूत और दूसरी ओर एक भील की आकृति अंकित की जाने लगी।

इन तमाम पहलुओं को देखते हुए राणा प्रताप की बहादुरी और समझदारी की प्रशंसा तो जरूर होनी चाहिए, किन्तु कुछ लोग एक गलती यह करते हैं कि राणा प्रताप की प्रशंसा के साथ मुगल शासक अकबर की बहुत सी बुराई भी जोड़ देते हैं। उन्हें लगता है कि चूंकि प्रताप जीवन-भर अकबर की सेना से लड़े थे, अत: यदि प्रताप को नायक मानना है तो अकबर को खलनायक मानना पड़ेगा। यदि प्रताप को अच्छा मानना है तो अकबर को बुरा मानना पड़ेगा। इतना ही नहीं, कुछ लोग तो इससे भी बड़ी गलती करते हैं और प्रताप तथा अकबर की लड़ाई को हिन्दू-मुस्लिम लड़ाई के रूप में पेश कर देते हैं। ये सब बहुत ही संकीर्ण सोच की बातें हैं, अनुचित बातें हैं। इतिहास की सच्चाई इससे बहुत अलग है। बादशाह अकबर भी अपनी जगह पर एक महान शासक थे जिनकी अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हैं। राणा प्रताप की अच्छाईयां देखते हुए हमें अकबर की उपलब्धियों से भी मुंह नहीं मोडऩा चाहिए।

चूंकि राणा प्रताप और अकबर दोनों ही भारतीय इतिहास के बहुत महत्वपूर्ण शासक रहे हैं, अत: इन दोनों के टकराव के बारे में जो अनेक भ्रान्तियां पैदा की गई हैं, यानि अनेक तरह की गलत समझ फैलाई गई हैं, उसे दूर करना जरूरी है।

पहली भ्रान्ति तो यह फैलाई जाती है कि यह हिन्दू और मुसलमान के बीच हुआ युद्ध था। लेकिन सच्चाई तो बहुत अलग है। हल्दीघाटी के युद्ध में राणा प्रताप की सेना के एक महत्वपूर्ण हिस्से का नेतृत्व हकीम खां सूर ने किया था। दूसरी ओर, अकबर की ओर से हल्दीघाटी की लड़ाई में अपनी पूरी सेना का नेतृत्व आमेर के राजपूत मानसिंह के हाथ में दिया गया था। अत: हल्दीघाटी का जो सबसे महत्वपूर्ण युद्ध था उसमें दोनों ओर से मिली-जुली सेना थी। दोनों ओर हिन्दू भी थे और मुस्लिम भी थे। फिर इसे कैसे हिन्दू-मुस्लिम की लड़ाई कहा जा सकता है?

महाराणा प्रताप पर एक निबंध में इतिहासकार के.वी. मुखिया लिखते हैं, ''हल्दीघाटी के युद्ध में हकीम खां सूर अपने साथियों के साथ प्रताप के पक्ष में लड़ा जिसका समाधि-स्थल आज भी हल्दीघाटी के पास बना हुआ है। जालौर के सूबेदार ताज खां से प्रताप के अच्छे संबंध थे। ललित कला के क्षेत्र में भी प्रताप के समय कई मुसलमान कलाकार हुए हैं जो इन कलाओं में अपनी अमर छाप छोड़ गए हैं।ÓÓ आगे वे लिखते हैं, ''मेवाड़ में सिन्धी-मुसलमानों को भी जागीर बख्शी गई थीं जो देश की स्वतंत्रता से पूर्व तक कायम थीं।ÓÓ

अत: यह स्पष्ट है कि चाहे शान्ति का समय हो या युद्ध का, राणा प्रताप कभी मुस्लिम विरोधी नहीं थे और उन्होंने अपने मुस्लिम मित्रों के साथ मिल-जुलकर काम किया। दूसरी ओर, यह बताना भी उतना ही आवश्यक है कि बादशाह अकबर हिन्दू विरोधी नहीं थे और उन्होंने युद्ध और शान्ति दोनों समय हिन्दू मित्रों के साथ गहरा सहयोग बना कर काम किया।  हल्दीघाटी के महत्वपूर्ण युद्ध में अकबर ने मानसिंह को अपना मुख्य सेनापति बनाया, इससे पता चलता है कि उन्हें अपने हिन्दू मित्रों पर कितना गहरा विश्वास था।

अकबर की सेना में जो बड़ा दर्जा सात हजारी मनसबदार का था वह मानसिंह को दिया गया था। मानसिंह को कभी काबुल तो कभी बंगाल और बिहार का सूबेदार भी नियुक्त किया गया। अन्य राजपूत राजाओं को भी लाहौर, आगरा, अजमेर, गुजरात जैसे अति महत्वपूर्ण प्रदेशों का सूबेदार बनाया गया। राजपूत राजाओं को अपने आंतरिक मामलों में काफी स्वतंत्रता देने के साथ-साथ अकबर ने उन्हें अन्य बड़ी-बड़ी जागीरें भी दीं।

अकबर ने हिन्दुओं पर लगने वाले जजिया कर को हटा दिया और तीर्थ कर भी समाप्त कर दिया। उसने संस्कृत की अनेक पुस्तकों का फारसी में अनुवाद करवाया। उसने अथर्ववेद, महाभारत, रामायण, गीता व पंचतंत्र का अनुवाद पूरा करवाया या उसकी शुरुआत की। अकबर के सबसे प्रिय लोगों में राजा टोडरमल और बीरबल (महेशदास नामक एक ब्राह्मण को यह उपाधि दी गई थी) जैसे हिन्दू थे।

वर्ष 1580-81 में अकबर के विरुद्ध एक विद्रोह मुस्लिम कट्टरपंथियों ने करवाया। इसको अकबर के पोषक भाई और काबुल के शासक मिर्जा हाकिम ने समर्थन दिया। बंगाल, बिहार तक यह विद्रोह फैल गया। इस स्थिति में अकबर ने बंगाल-बिहार में जो सेना भेजी उसका मुख्य सेनापति टोडरमल को बनाया। उसने मिर्जा हाकिम के विरुद्ध जो सेना भेजी उसका सेनापति मानसिंह को बनाया। मुस्लिम कट्टरपंथी विद्रोह को दबाने के लिए हिन्दू सेनापतियों को भेजने से पता चलता है कि अकबर का अपने हिन्दू मित्रों के साथ कितने गहरे विश्वास का रिश्ता था।

इस तरह यह स्पष्ट है कि न तो राणा प्रताप मुस्लिम विरोधी थे और न बादशाह अकबर हिन्दू विरोधी थे। इन दोनों के बीच हुए युद्धों को भी हिन्दू-मुस्लिम युद्ध किसी तरह नहीं कहा जा सकता है।

दूसरी भ्रान्ति यह फैलाई जाती है कि अकबर साम्राज्यवादी था और राणा प्रताप का संघर्ष साम्राज्यवाद के विरुद्ध था। वास्तविक स्थिति यह है कि उस समय के राजनीतिक माहौल में विभिन्न राज्यों में आपस में निरंतर युद्ध होते रहते थे। अनुकूल मौका देखकर कोई भी अपेक्षाकृत मजबूत राज्य अपना विस्तार करने का प्रयास करता था। इसलिए केवल मुगल शासकों को साम्राज्यवादी बताना उनके साथ अन्याय होगा और इतिहास के साथ खिलवाड़ होगा।

राणा प्रताप के बाद उनके पुत्र अमर सिंह का राजतिलक हुआ। उधर अकबर की मृत्यु के बाद जहांगीर ने मुगल राज्य संभाला। वर्ष 1613 में जहांगीर ने शाहजादे खुर्रम (जो बाद में शाहजहां नाम से विख्यात हुआ) को मेवाड़ के पहाड़ी इलाकों पर हमले के लिए बड़ी सेना के साथ भेजा। इस आक्रमण ने मेवाड़ के लोगों के जीवन और उनकी आजीविका को खतरे में डाल दिया। आखिर लोग कितने हमले सह सकते थे। इस कारण कई सरदारों और मुख्य लोगों ने यह कहना आरंभ किया कि मुगलों से समझौता कर लेना चाहिए। सुलह-समझौते के प्रयास में अमर सिंह के बेटे करण सिंह को जहांगीर के दरबार में भेजा गया। यहां जहांगीर ने करण सिंह का बहुत सम्मानपूर्वक स्वागत किया। राजकुमार करण सिंह को 5000 की मनसबदारी दी गई। राणा के जीते गए प्रदेश भी वापिस दे दिए गए। इस तरह इस लंबे संघर्ष का अंत सुलह-समझौते में सम्मानपूर्ण तरीके से हुआ।

संक्षेप में कहें तो राणा प्रताप और बादशाह अकबर के संघर्ष में एक को भला व दूसरे को बुरा बताना उचित नहीं है। राणा प्रताप अपनी जगह पर महान थे तो बादशाह अकबर अपनी जगह पर महान थे। परिस्थितियां कुछ ऐसी बन पड़ी कि दोनों में टकराव हुआ। अकबर ने भारत के एक बड़े हिस्से में एक मजबूत राज्य बनाया। इस प्रयास में अकबर ने विभिन्न राजाओं को पहले दोस्ती से मनाने की कोशिश की। उनकी रजामंदी न होने पर युद्ध भी किया। कई योग्य व बहादुर राजा जैसे भारमल और उनके परिवार के सदस्य जैसे मानसिंह आरंभ से ही अकबर के साथ मिल गए जबकि कुछ ने युद्ध किया। इसमें किसी को भला-बुरा नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि सबने अपनी-अपनी समझ व अपनी-अपनी प्रजा के हितों की समझ के अनुसार काम किया। अलग-अलग रास्तों पर चलते हुए भी यदि अकबर ने अपने गुणों से इतिहास के पन्नों में स्थान हासिल किया राणा प्रताप ने भी अपने महान गुणों की अमिट छाप इतिहास के पन्नों पर छोड़ी।

राणा प्रताप की महानता से कोई इंकार नहीं कर सकता है। पर इसके लिए अकबर को बुरा कहना जरूरी नहीं है और न ही मानसिंह, भारमल जैसे अकबर के मित्रों को बुरा कहना जरूरी है। दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी समझ के मुताबिक सम्मानजनक जीवन जिया और इतिहास में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया। अन्त में यह जरूर कहना होगा कि राणा प्रताप में जैसा दृढ़ निश्चय और साहस था, उसकी मिसाल बहुत कम मिलती है।

7 नवम्बर 2015

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तो अब इतिहासकारों ने हालिया घटनाक्रमों पर गंभीर चिंता जताई

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चौथ माता के इस मंदिर में खास चीज बांधने से पूरी होती है मन्नत!

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गुलाबी नगरी की बसावट के बाद यहां के महाराजाओं ने कई आस्था के केन्द्रों का निर्माण करवाया जो वर्षों बाद भी जन जन की आस्था के केन्द्र बने हुए हैं। ऐसा ही एक मंदिर है गोपालजी का रास्ता में चौथ माता का। मंदिर की स्थापना जयपुर की स्थापना के समय की ही बताई जाती है। मंदिर भले ही विशाल न हो लेकिन हजारों लोग

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सेना में भैंस बलि की परम्परा बंद हो- रक्षा मंत्रालय

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बुध का तुला राशी में गोचर राशि अनुसार जानें आपके जीवन में क्या होगा परिवर्तन

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जीवन की भागदौड़ दिन-प्रतिदिन बढ़ने से तनाव ने लाइफ स्टाइल में जगह ले ली है। आने वाला समय अच्छाई व बुराई अपने साथ लेकर आता है पर बेहतर जीवनशैली का चुनाव हमें स्वयं ही करना होता है। सोचिए अगर मंथ एंड में आपको यह मालूम हो कि आने वाले पखवाड़े में कौन सा दिन कैसा रहेगा या महत्वपूर्ण दिनों की शुभता-अशुभता क

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तो ठेके-पट्टे में दखलंदाजी व पंचायत चुनाव में पुत्रों की दबंगई ने कबीना मंत्री अवधेश प्रसाद को दिया झटका

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फैजाबाद। जिले से एकमात्र मंत्री एवं सपा के दिग्गज नेता अवधेश प्रसाद का विभाग छिनने से लोग दंग हैं। सपा के सियासी सफर में नेताजी के हमेशा करीबी रहे अवधेश प्रसाद को ऐसा झटका मिलेगा, किसी ने सोचा भी नहीं था। हालांकि पार्टी के रणनीतिकार व मंत्री के शुभचितक फिर उन्हें अहम पद से नवाजे जाने की आस लगाए बैठे

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बहुत हुई महंगाई की मार, मुर्गे से महंगी अरहर की दाल

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आम आदमी पार्टी ने विरोध स्वरूप लगाया स्टालफैजाबाद 3० अक्टूबर ।दाल की कीमतांे में व्यापक वृद्घि से आम आदमी की थाली से दाल गायब होने के विरोध में आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं नें सिविल लाइन तिराहे पर ''बहुत हुई महंगाई की मार, मुर्गे से महंगी अरहर की दाल विरोध स्वरूप स्टाल लगाया और अरहर की दाल और मुर्गे

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निष्पक्ष इतिहास लिखने की वकालत

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 डॉ० राम मनोहर लोहिया अवध विवविद्यालय के इतिहास, स्ॉस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के अन्तगर्त संचालित श्री राम शोध पीठ में शोध छात्रों के लिए प्रो० किरण कुमार थपलियाल पूर्व विभागाध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग, लखनऊ विवविद्यालय, लखनऊ एवं प्रो० अमर सिंह, पूर्व विभागाध्यक्ष, प्राचीन भारती

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क्या नेता जी की मौत के बारे में कोई पांचवा सच कभी सामने आएगा?

30 अक्टूबर 2015
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बोर्ड परीक्षा फिर नकल माफिया के हवाले करने की तैयारी

30 अक्टूबर 2015
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हिंदू हल्ला करने लगा है

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यह सवाल इसलिए है क्योंकि टि्वटर, फेसबुक, सोशल मीडिया पर हिंदू का बोलना ट्रेंड बनाने लगा है। हिंदू हल्ला करने लगा है। वह अमेरिका, ब्रिटेन सब जगह नरेंद्र मोदी को हीरो बना रहा है। वह सेकुलर लोगों का चेहरा काला करने लगा है। यह विचित्र और डरावना है। डरावना दूसरों के लिए नहीं बल्कि असंख्य हिंदुओं के लिए भ

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नास्त्रेदमस की 10 भविष्यवाणियां, जो सच साबित हुई

30 अक्टूबर 2015
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महान फ्रेंच भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस का जन्म 14 दिसंबर 1503 को फ्रांस के छोटे से गांव सेंट रेमी में हुआ था। उन्होंने अपनी मशहूर किताब 'द प्रोफेसीज' में 950 भविष्यवाणियों का उल्लेख किया है। उनकी अधिकतर भविष्यवाणियां उनके द्वारा लिखी कविताओं और कोड में छिपी होती थीं। उनकी लिखी कई भविष्यवाणियां बिलकुल स

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जब ऐसे लोग आपको नमस्ते करें तो समझ लें ये है खतरे की घंटी

30 अक्टूबर 2015
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आम तौर पर हम जब भी किसी से मिलते हैं तो नमस्ते करते हैं या हाथ मिलाकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं। कुछ लोग ऐसे बताए गए हैं, जिनका नमस्कार करना हमारे लिए किसी खतरे की घंटी के समान है। जब भी ये लोग नमस्ते करते हैं, तो निकट भविष्य में किसी संकट के आने की प्रबल संभावना बन जाती हैं। गोस्वामी तुलसीदास द्

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मंत्रियो के खिलाफ मुख्यमंत्री के फैसले पर नेता जी की मुहर

30 अक्टूबर 2015
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सीएम अखिलेश यादव ने गुरुवार को अपने आठ मंत्रियों को बर्खास्त कर और नौ मंत्रियों से उनके विभाग छीन लिए। ऐसे में अब इन मंत्रियों ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के दरबार में हाजिरी लगाकर अपनी सफाई देने पहुंच गए, लेकिन यहां भी उनके लिए नेताजी का दरवाजा बंद मिला। दूसरी ओर, खाली हुई मंत्री पदों को भरने

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भाजपा ने मनाया सरदार पटेल की जयंती

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सरकार और छुट्टियों की राजनीत

31 अक्टूबर 2015
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कम महत्वपूर्ण नही है 30 अक्तूबर व दो नवम्बर की तिथि

31 अक्टूबर 2015
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आचार्य नरेन्द्र देव की जयंती पर विशेष

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रघुराम राजन बर्खास्त करें पीएम- स्वामी

31 अक्टूबर 2015
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देश में असहिष्णुता को लेकर तेज होती चर्चा के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आपसी सम्मान और सहिष्णुता के परिवेश में सुधार लाने का आह्वान करते हुए आज कहा कि राजनीतिक स्तर से चीजों को ठीक करने की अत्यधिक सक्रियता से प्रगति का मार्ग अवरुद्ध होता है। राजन ने कहा कि भारत की प्रगति के लिए सवाल उठ

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बिहार चुनाव के चौथे चरण में बीजेपी को हार का संकट..!

31 अक्टूबर 2015
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बिहार के राजनीतिक गलियारे में बह रही बयार भाजपाके प्रतिकूल दिखाई दे रही है। यह बात विभिन्न रिपोर्टों के जरिये सार्वजनिक हो चुकी है। राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि भाजपा ने बिहार को बिहार नहीं समझने की ऐतिहासिक भूल की ओर है।मसलन उत्तर बिहार के लिहाज से मुजफ्फरपुर सबसे महत्वपूर्ण शहर है। ऐसा इसलिए

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तेजनारायण के पुन: मंत्री बनने पर सपाईयों में हर्ष

31 अक्टूबर 2015
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अयोध्या। नगर विधायक तेजनारायण पाण्डेय को पुन: मंत्री बनाये जाने से सपाईयों में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी। अपने नेता के पुन: मंत्री पद की ताजपोशी से हर्षित सपाईयों ने एक दूसरे को मिठाईयां खिलाकर बधाई दी तथा श्री पवन पाण्डेय के उज्जवल भविष्य की कामना के साथ उम्मीद जतायी कि अब अयोध्या के विकास में तीव्रता आय

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राष्ट्रगान रुकवाने के मामले पर महामहिम की सफाई - नही सुन पाये थे राष्ट्रगान की धुन

31 अक्टूबर 2015
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 यूपी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाइक ने राष्ट्रगान को बीच में ही रोकवा दिया। यूपी में शपथ ग्रहण समारोह खत्म होने के बाद राष्ट्रगान शुरू हुआ इसी बीच राज्यपाल राम नाइक ने राष्ट्रगान को रोकने के लिए कहा। राज्यपाल के आदेश पर राष्ट्रगान को बीच में ही रोक दिया गया। राष्ट्रग

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5000 करोड़ की सम्पत्ति का मालिक है छोटा राजन!

31 अक्टूबर 2015
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अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की संपत्ति को लेकर मुम्बई पुलिस ने अनुमान लगाया है कि वह 4 हजार करोड़ से 5 हजार करोड़ की सम्पत्ति का मालिक हो सकता है। इस संपत्ति का करीब 50 प्रतिशत भारत, खासकर मुम्बई में मौजूद है जबकि बाकी आधा हिस्सा विदेशों में निवेश किया गया है।  पुलिस सूत्रों ने बताया कि छोटा राजन चीन क

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कमलेश देवी ने सच साबित किया करवाचौथ का व्रत

31 अक्टूबर 2015
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एक पत्नी ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखा करवाचौथ का व्रत उस समया सच साबित कर दिया जब उसने अपने पति की जान बचाने के लिए अपना एक किडनी दान में दे दी।  कमलेश देवी ने अपने पति की सलामती के लिए अपनी किडनी देने में जरा भी गुरेज नहीं किया। कमलेश देवी गुरुवार को ही पति को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कराकर लाई

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मंत्रिमंडल का विस्तार मुलायम का असर या चुनाव पर नजर

31 अक्टूबर 2015
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मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। अखिलेश मंत्रिमंडल में 5 कैबिनेट, 8 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 8 राज्यमंत्रियों सहित कुल 21 नए चेहरे शामिल किए गए। इस मंत्रिमंडल विस्तार में आखिर किसकी छाप है? सपा सुप्रीमों की, अखिलेश यादव या फिर चुनाव के मद्देनजर क्षेत्रीय-

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गरीबो की मदद ईश्वरीय पूजा की तरह करें - राजन

31 अक्टूबर 2015
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कुमारगंज। अमानीगंज ब्लाक के ग्राम सभा पूरेलाल खां के मजरा झाऊ में अचानक लगी आग से जब आठ निषाद परिवार बेघर हो गये तो समाजसेवी राजन पाण्डेय ने उन्हें आर्थिक मदद के साथ ही बस्त्र प्रदान कर यह एहसास कराया कि उनके रहते वह अकेले नही है। श्री पाण्डेय ने इस अवसर पर कहा कि हमें अपनी तरह ही इन गरीबो के दु:खो

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सोलह माह बाद पवन के घर लौटी खुशी

1 नवम्बर 2015
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फैजाबाद। सोलह महीने बाद एक बार फिर राज्यमंत्री बने अयोध्या नगर विधायक तेजनारायण पांडेय पवन तो शुक्रवार को करीब तीन बजे ही लखनऊ रवाना हो गये थे। शनिवार को पवन मंत्री पद की शपथ लेंगे, इसकी सूचना घर में रात दो बजे के करीब मिली। यह जानकारी खुद पवन ने पत्नी अत्ति पांडेय को दीं तो वह चहक उठीं। पवन को पुन:

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जनपद में एतिहासिक रही दुर्गापूजा व दशहरा में प्रशासनिक व्यवस्था

1 नवम्बर 2015
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केन्द्रीय समिति ने किया जिलाधिकारी के माध्यम से प्रशासन का सम्मानफैजाबाद, ०1 नवम्बर। 'आप सभी ने जिन कठिन परिस्थितियों में फैजाबाद जनपद में दशहरा व दुर्गापूजा का उत्सव जितने सुन्दर ढंग से सम्पन्न कराया है नि:सन्देह इस उत्कृष्ट कार्य के लिए आप सभी धन्यवाद व बधाई के पात्र है' उक्त उद्गार स्थानीय नाका म

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नव निर्वाचित बीडीसी सदस्य पत्रकार जितेन्द्र यादव को बधाई

2 नवम्बर 2015
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रुदौली क्षेत्र से क्षेत्र पंचायत सदस्य  प्रत्याशी पत्रकार युवा नेता जितेंद्र यादव नीरज  के विजयी होने पर  चक्रव्यूह इंडिया परिवार की ओर से हार्दिक बधाई। खबर है की अब जितेंद्र ब्लॉक प्रमुखी के प्रबल दावेदार होंगे । इस खबर से बिपक्षियो में खलबली मच गयी है । श्री यादव को जिले के सभी पत्रकारो ने जीत की

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मोबाइल एप से अपडेट होगी वैक्सीन की जानकारी

2 नवम्बर 2015
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फैजाबाद। यूनिवर्सल इम्यूनाइजोशन प्रोग्राम के तहत वैक्सीन की निरन्तर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये भारत सरकार,उत्तर प्रदेश सरकार एवं यूनाइटेड नेशन्स डेवलेपमेंट प्रोग्राम (यू०एन०डी०पी०) के तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग से राज्य में इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (ई०विन०) कार्यक्रम की शुरूआत की ज

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दिगम्बर अखाड़ा में हुतात्मा कारसेवको को दी गई श्रद्धांजलि

2 नवम्बर 2015
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अयोध्या। बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक राजेश पाण्डेय ने सोमवार को दिगम्बर अखाड़ा में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार भारत कि आजादी में क्रांतिकारीयों ने अपने प्राणों को भारत मां के चरणों में समर्पित कर दिया ठीक उसी प्रकार से भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर मंदिर के लिए गुलामी के प

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भाजपा ने विजयी जिला पंचायत सदस्यों का कार्यालय पर किया जोरदार स्वागत

2 नवम्बर 2015
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फैजाबाद ०2 नवम्बर। भाजपा ने पार्टी कार्यालय पर जिला पंचायत चुनाव में पांच विजयी प्रत्याशियों का जिला अध्यक्ष राम कृष्ण तिवारी की अगुवाई में माल्यार्पण कर जोरदार स्वागत किया गया। पार्टी प्रवक्ता दिवाकर सिंह ने बताया कि सोहावल प्रथम पुष्पा सिंह, अमानीगंज प्रथम से यमुना देवी, मिल्कीपुर चतुर्थ आरती प्रि

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हनुमत जयंती की तैयारियां जोरो पर ,होंगे विविध आयोजन

2 नवम्बर 2015
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अयोध्या। कार्तिक कृष्णपक्ष चतुर्दशी 1० नवंबर को हनुमत जयंती मनाई जाएगी। बजरंगबली की प्रधानतम पीठ प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी को जयंती को लेकर सजाने के साथ ही विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हनुमत निवास, हनुमानबाग, हनुमत सदन के साथ अन्य मठ-मंदिरों में जयंती पर्व पर विविध अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा

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कार्तिक मेले की तैयारियों में जुटा जिला प्रशासन

2 नवम्बर 2015
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चौदह कोसी परिक्रमा में 24, पंचकोसी मे 2० और मेले में 4० स्टेटिक मजिस्ट्रेट होगें तैनातफैजाबाद। कार्तिक पूर्णिमा मेले के सुरक्षा की पुख्ता योजना तैयार है। प्रशासनिक स्तर पर मेले की सुरक्षा व्यवस्था का खाका तैयार कर लिया गया है। मेले के दौरान होने वाले सभी कार्यो को समय से पूरा करने का निर्देश भी कार्

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विकलांग की सिसकियों पर भी नही पिघला समाजवाद के पुरोधाओ का दिल

3 नवम्बर 2015
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प्रदेश में पॉलीटिकल पार्टियां हमेशा से यह कहती आई हैं कि वह गरीबों के लिए ही काम करती हैं। वह उनकी सबसे बड़ी पैरोकार हैं, लेकिन हकीकत के पर्दे पर यह बातें दूर के ढोल सुहावने जैसी ही दिखती हैं। कुछ ऐसा ही नजारा दिखा सपा कार्यालय में, जहां एक विकलांग सपा सुप्रीमो से गुहार लगाने पहुंचा कि अगर उसके पैर

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हिन्दू-मुस्लिम संघर्ष नहीं था अकबर-प्रताप का संग्राम

7 नवम्बर 2015
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भारतीय इतिहास में जो व्यक्ति अपनी बहादुरी और दृढ़ निश्चय के लिए मशहूर हुए हैं, उनमें राणा प्रताप का नाम विशेष आदर से लिया जाता है। इस वर्ष उनकी 475 वीं जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। मेवाड़ के गौरव राणा प्रताप का राजतिलक वर्ष 1572 में हुआ। उस समय भारत का सबसे शक्तिशाली राजा विख्यात मुगल सम्राट अकबर

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गुम होता गांव

7 नवम्बर 2015
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वे  शभूषा, सामूहिकता और सादगी गांवों की पहचान रही है जो कम से कम होती चली जा रही है। ग्रामीण पहचान रही पहनावे से स्त्री हो या पुरुष दोनों दूर से ही पहचाने जाते थे। अंगरकी, धोती और सिर पर पहनी जाने वाली पगड़ी वृद्ध पीढ़ी के साथ ही चली जा रही है। पेंट-बुशर्ट, लहंगा, लेहंगी आम हो चली है। कोई भी उत्सव म

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इंटरनेट: एक नजरिया यह भी

7 नवम्बर 2015
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ढोलक बनाने व कचरा बीनने वाले समुदाय के लिए इंटरनेट लाभदायी हो सकता है या यह उन पर अतिरिक्त आर्थिक भार डालेगा? इसके अलावा इंटरनेट पर बढ़ती अश्लीलता क्या इन युवाओं को और अधिक उग्र व नशे का आदी नहीं बनाएगी? जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं होगी तो क्या उनकी स्थिति और खराब नहीं होगी? परंतु कहा जाता है क

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महज मनोरंजन नहीं : अब 'खेल' बनाते हैं नवाब!

7 नवम्बर 2015
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खेलों में आगे आने का यदि कोई अचूक मंत्र है तो वह है ''कैच देम यंगÓÓ जिसका मतलब है छोटी उम्र में ही खेलों में रुचि रखने वाले, स्वस्थ, मजबूत शरीर च इच्छाशक्ति वाले बच्चों को चुनना । स्कूल स्तर से ही उन्हें अच्छे से अच्छा प्रशिक्षण देना, उन्हें सुविधाएं मुहैया कराना, उन्हें अच्छा कैरियर विकल्प व सुरक्ष

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रिश्वत

7 नवम्बर 2015
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 पं. प्रतापनारायण मिश्रक्या कोई ऐसा भी विचारशील पुरुष होगा जो रिश्वत को बुरा न समझे? एक ने तो सैकड़ों कष्ट उठा के, मर-खप के धन उपार्जन किया है दूसरा उसे सहज में लिए लेता है, यह महा अनर्थ नहीं तो और क्या है? हमारी समझ में तो जैसे चोरी करना, डाका डालना और जुआ खेलना है वैसा ही एक यह भी है। कदाचित कोई क

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वेदों में क्या है!

7 नवम्बर 2015
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वेद देव स्तुति से भरे हैं। देवता माने जो देता है। सुर जो सुरा का सेवन करते हैं असुर जो नहीं करते। वेदों में सर्वाधिक प्रार्थना इंद्र की हुई है। पर इसका मतलब यह नहीं कि इंद्र सबसे महत्वपूर्ण देवता हैं। इंद्र के बाद सबसे ज्यादा मंत्र अग्नि पर है। ऋग वेद का आरंभ अग्नि पर लिखी ऋचा से होता है। यह सम्मान

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महिलाएं और बच्चे भी पहनें हेलमेट

7 नवम्बर 2015
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हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन चुकी कुछ बातें हमें शायद ही कभी चौंकाती हैं या गलत लगती हैं। जैसे किसी दो पहिया वाहन पर सवार एक परिवार, जिसमें पुरुष ने तो हेलमेट पहन रखा है लेकिन महिला एवं बच्चे कभी हेलमेट पहने नहीं दिखते। वर्ल्ड हेड इंज्यूरी अवेयरनेस डे (20) के मौके पर चिकित्सकों का कहना है कि

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बिखरने न दें परिवार

7 नवम्बर 2015
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परिवारों का टूटना आज की एक वलंत समस्या है, जिसका हल ढूंढा जाना जरूरी है। दरअसल आज एकल परिवारों में ढेरों सुख-सुविधाओं के बीच पलने वाले बच्चों में सहयोग और समर्पण आदि मूलभूत गुणों का अकसर अभाव होता है। हमें चाहिए कि हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें और उन्हें सामाजिक बनाएं तभी परिवारों का टूटना रुक

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पत्नी की कमाई पर हक जताते पति

7 नवम्बर 2015
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अभी तक माना जाता था कि कम पढ़े-लिखे, शराबी, जुआरी या अय्याश किस्म के गरीब पति ही अपनी पत्नी की कमाई को हड़प लेते हैं और यदि वह नहीं देती है तो मार ठोकर उससे छीन लेते हैं। लोगों के घरों में झाड़ू-पोछा और बर्तन साफ करने वाली बाइयों के साथ तो यह हमेशा होता है कि उनके शराबी पति की नजर सदैव पत्नी की आमदनी प

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गृह लक्ष्मी पर हावी होती लक्ष्मी

7 नवम्बर 2015
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प्राचीन काल में दहेज को स्त्रीधन की संज्ञा दी जाती थी। वह स्त्री का अपना धन हुआ करता था। गांव के गांव पूरा साम्राय तक दहेज में दे दिया जाता था लेकिन कन्या को इसके लिए प्रताड़ित नहीं किया जाता था। यहां तक कि कोई राजा युध्द में पराजित हो जाता था तो वह अपनी पुत्री का विवाह विजेता राजा से करके अपने साम्र

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समाज तन्दुरुस्त और बोध दुरुस्त होना चाहिए

9 नवम्बर 2015
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समाज तन्दुरुस्त और बोध दुरुस्त होना चाहिएआये दिन मीडिया के विभिन्न माध्यमों में नए नए मुद्दों पर चर्चा होती रहती है फिर कुछ दिनों तक उसी की लहर चलती है और उसके शांत होने तक एक नई लहर बन जाती है ... जनमानस में इन लहरों का क्या होता है असर ?....कैसे इसका प्रयोग करते होंगे राजनीती के खिलाड़ी ....  जनमान

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