एंटीबायोटिक की मात्रा कम कर दी गई थी। शक्ति के लिए खाने से रिकवरी करने की बात कही थी । प्रोटीन डाइट ज्यादा से ज्यादा करने का न्यूट्रिशन ने चार्ट सा बना कर दिया था।
चार्ट देखकर मुझे लगने लगा था इतना खाना तो किसी बॉडीबिल्डर भी नहीं खा पाएगा। खा पाएगा तो पचा नहीं पाएगा ।कैसे फिर भी डाक्टरों की सलाह को मानना या फिर उससे क्रियान्वयन करना बच्चों की मजबूरी थी। क्योंकि पापा को तंदुरुस्त और रिकवर करना था।
बच्चे चाहते थे कि अब के 15 दिन में घर की रवानगी होगी।
मैं भी यही सोच रहा था ।और मैं खुश था। कि चलो डॉक्टर के कहे मुताबिक हो गया तो अगले 15 दिन के बाद फ्लाइट की टिकट बुक हो जाएगी ।
वह किराए के फ्लैट में आ गया था। स्थिति में कोई सुधार नहीं था। पेशाब की नली लटकी हुई थी। मुंह के छाले अभी ठीक हुए ना थे। खाना ठीक से खाया नहीं जा रहा था ।कोई भी खाना चबा चबा कर खा नहीं पा रहा था।
बस किसी तरह निकल रहा था। मुझे कहा कि यह लेटा लेटा मेरी हालत खराब हो रही है। फिर मैं और विवेक मिलकर पटेल नगर से एक चीयर ले आए ।दूसरे दिन मुझे कहा कि खोया खाने को दिल कर रहा है ।लेकर आओ ।और पूरे पटेल नगर छान मारने के बाद कहीं जाकर खोया ले पाया ।
उस समय पॉकेट एफएम के लिए एक नावेल लिख रहा था। और उसी के चलते मैं रात देर तक लिखने बैठ जाता। दिन को वक्त हो ही नहीं पाता था ।उसके आने के बाद में हफ्ते में दो बार यहां आ कर चेहरा दिखा जाता था। हाल-चाल पूछ लेता। फिर उन्हीं के साथ रात को ठहर जाता था ।
करीब 10 दिन ठीक सा ही चला ।मैं सातवें दिन आया था ।दोपहर को सानू ने नॉनवेज बना रखा था। पूछी- काका मछली तो खाते हो ना?
म... मछली?
हां। मछली क्या आपको पसन्द नहीं, है क्या?
मगर बनाते वक्त तो कोई गंदा आया नहीं। बस अजीब सा सैंटा आ रहा था।
हमने मछली खाया था ।मरीज को भी मछली का सेवन पसंद था। वह बोल रहा था एक दिन मैं तुम्हें मछली बनाकर खिलाऊंगा।
ठीक है ,मैं बोला- जब डिगबोई पहुंचूंगा तो तुम्हारे हाथ का मछली जरूर खाऊंगा। शायद?
तुम चले चलो मैं अगले साल जनवरी मास में पहुंचूंगा दोनों मिलकर डिगबोई के पृष्ठभूमि में एक डॉक्यूमेंट्री बनाएंगे।
गोपाल मेरी बातों पर रस लेता हुआ बोला- सोनू के पास एक कैमरा है।
मैं शानू की ओर देखता हुआ बोला -सानू के पास अगर कैमरा है ,तो मुझे कैमरा ढो कर लाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। डॉक्यूमेंट में बैकग्राउंड साउंड डालेंगे सानू का।
भाभी बोली -आवाज तो अच्छी ;अंजलि का भी है।
मैं बोला- चलो ठीक है एक डॉक्यूमेंट्री लिखता हूं ।वही पूरी फैमिली मिलकर सूट करेंगे।
भाभी बोली -हीरोइन सोनू रहेगी!?
मैं बोला -इसमें हीरो हीरोइन नहीं होता। बैकग्राउंड साउंड की जरूरत होगी ।दृश्य दिखाया जाएगा ।
भाभी ठीक है- अंजलि या सानू कोई भी ठीक रहेगा ।
मैं फिर सोच कर बोला- मैं सोच रहा हूं! जो भी आवाज या बैकग्राउंड साउंड रहेगा, और कुछ लोकल असमिस ट्यून से मिलता-जुलता हो। हिंदी बोले तो लगे कि कोई असमिस बोल रहा है।
हम सभी बैठकर ऐसी ही मस्ती भरी बातें करते रहे बहुत अच्छा लगा।
वे विद्याएं हुए पल भुलाया नहीं भुलाते ।आंखों के आगे दृश्य बन तैरने लगता ।
मैं सोचने लगा गया था ।कि डॉक्यूमेंट्री के राइटिंग के लिए कई सालों से एक पिक्चर मेरे दिमाग में घूम जो रहा था। उसी को मूर्त रूप देना चाहता था ।यह मेरे दिली इच्छा थी। और मैं इसमें गोपाल को शामिल करना चाहता था।
यह वे पल थे जब वह अस्पताल से दूसरी बार फ्लैट पर आया था।
दूसरी बार की वापसी पहले से ज्यादा बुरा था। पहली बार की वापसी में बाजुओं में थाम कर वास रूम तक ले जाते बच्चे। फिर फारिग होता।
अबकी बार तो बिल्कुल कोमेड पर बिठाना पड़ता ।फिर पूछ पूछना पड़ता ।फिर खींच कर उठाना पड़ता ।शरीर जर्जर हुआ जा रहा था। मांसपेशियां सूखती गई थी। हड्डियों और चमड़े के बीच का मांस गायब था। चमड़ भी बिल्कुल पतली हो गयी थी। 5 फीट 4 इंच का शख्स कम से कम वजन 50 से 60 किलो के बीच होना चाहिए था। मगर उसका वजन बिल्कुल कम सा गया था 41 किलो रह गया था।
उसका फ्लैट पर आना एक रस्म सा था। घर आया कुछ शिक्षित खाने का सामान या फिर एनर्जी वाली फूट को उसके लिए ,उसके कहे से मंगवाते रहे ।मुंह के छाले कम न हुए थे। कुनकुना गरम खाना भी खाया जा नहीं रहा था। उससे मीठा ही मीठा खाया जा रहा था। नमक बस रसम के लिए प्रयोग में आता।
तीन दिन ठीक ऐसा ही चलता रहा था।
भाभी उबला खाना खिलाती रही ।सानू कोशिश करती कि पपा को किसी तरह ठीक किया जा सके ।घर परिवार में सभी की नजर गोपाल पर टिकी रहती ।हर गतिविधि पर नजर रहती।
गोपाल कई कोशिशों के बाद भी सो नहीं पाता। उसे लगता नींद ने जैसे उसके आंखों से कट्टी कर लिया हो। थोड़ी सी नींद फिर जाग जाता।
दर्द के लिए पेन किलर पर पेन किलर चल रहा था ।एंटीबायोटिक ,विटामिन और एनर्जी बूस्टिंग, एम्यूनबुस्टिंग के लिए दवा पेली जा रही थी।
सिलसिला वैसा ही था।
दिन में दो बार शुगर टेस्ट ।पेशाब का नाप तोल।
बीपी नापतोल ।फिर व्हाट्सएप से डॉक्टर को भेजना।
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