🌹याद बहुत तुम आती हो
याद बहुत तुम आती हो।
🌹घंटी फून की बजती है जब
दौड़ उठाने आती हूँ मैं ,
🌹आवाज़ तुम्हारी न सुनकर
मायूस बहुत हो जाती हूँ तब,
🌹याद बहुत तुम आती हो
याद बहुत तुम आती हो।
🌹होले से आकार फिर तुम
कान में मेरे कहती हो,
मैं हूं तेरी सोन चिरैया क्यों
इतना करती है याद मुझे
🌹तू मेरे दिल में रहती है मां
मैं तेरे दिल में रहती हूं
🌹मैं तेरे दिल में............!
सय्यदा ख़ातून (मौलिक रचना )
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