वजह क्या थी किसी को मालूम नहीं है
रात भर रोया आसमान गवाही देती है
सुबह घांस पे बिखरी शबनम
🌻
स्वरचित रचना सय्यदा----✍️
-----------🌻🌼🌻-------
2 दिसम्बर 2021
वजह क्या थी किसी को मालूम नहीं है
रात भर रोया आसमान गवाही देती है
सुबह घांस पे बिखरी शबनम
🌻
स्वरचित रचना सय्यदा----✍️
-----------🌻🌼🌻-------
134 फ़ॉलोअर्स
हृदय अंकुरित भावों का शब्द रूप है काव्य, लेखक होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य.........जी हां मुझे गर्व का अनुभव होता है जब मैं कोशिश करती हूं एक लेखक और कवि बनने की.... मेरे प्रयास की झलक आपको मेरे धारावाहिक लेख और कविताओं में देखने को मिलेगी,,,, मेरे द्वारा लिखी रेसिपी में एक गृहिणी और मेरे आर्टिकल में आप एक अध्यापिका के रूप में मुझे समझ पाएंगे। आप लोगों का प्रोत्साहन मेरे लेखन को निखारने में मदद करेगा और निरंतर प्रयास करते रहने के लिए आपकी समीक्षाएं मुझे प्रोत्साहित करती रहेंगी । 🌹🌹🌹 D
19 दिसम्बर 2021
बहुत बेहतरीन लाजवाब 👏👏
3 दिसम्बर 2021
वाह वाह सुन्दर।
2 दिसम्बर 2021
बेहतरीन रचना
2 दिसम्बर 2021
Lovely 💕 di bahutttttttt khoob 👏
2 दिसम्बर 2021