⚘जब जब चमको तुम,
पूनम के चाँद जैसी
बनके आऊँ मैं पास तुम्हारे,
सुंदर एक चकोर।
चमको तुम जितना जितना,
इतराती इठलाती
दिवाना बन मैं भी घूमूँ , संग
तुम्हारे चहुँ ओर ,
सुहाने मौसम में आधी रात ,
हंसती मुस्काती,
मुझसे मिलने खिड़की से जब,
जब झाँको तुम,
मैं भी मुस्काऊं सपने देखूं खो
जाऊँ नींद में मीठी ,
गीत सुहाने मिलकर गाऊँ मैं भी,
देख तुम्हारी ओर ।
⚘स्वरचित रचना सय्यदा----✍
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