🌹कल रात मेरे चांद ने मुझसे यह कहा
मैं दूर हूं बहुत मगर दिल के करीब हूं।
चाहता हूं मैं तुम्हें तुम भी याद करती हो
मुझको क्या।
🌹मैंने कहा चांद से बता तू क्यों उदास है
खोया खोया है क्यों क्या वजह ख़ास है
तू चांद है इस लिए तो दूर है सभी से
तू ख़ास हैं, हां तू ख़ास हैं।
🌹चांद भी भला कभी हुआ है पास में
सितारों का एक लश्कर रहता है साथ में
ख़्वाहिश है मेरी चमकता रहे सदा,
तू चमकता रहे सदा,
🌹तू चांद है मेरामैं तेरी चांदनी तेरी चांदनी
चांदनी भी चांद से ,कभी अलग है भला
अलग है भला,ख़ुश हो जाऊं देख मैं
तुझको साथ में। तुझको साथ में।
स्वरचित रचना सय्यदा----✒️
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